‘बेटा कहता था मेरा टेलेंट टीचर बनने लायक नहीं। जिंदगी सिर्फ IAS की होती है। मुझे नहीं मालूम था, जिसे हम उसका जुनून समझते थे। वही उसकी मौत का कारण बन जाएगा।’ यह कहते हुए पिता दीवार पर हाथ मारते हैं। यह दर्द घाटमपुर के उस पिता का है, जिनके बेटे ने बिहार में अध्यापक पद के जॉइनिंग लेटर को हाथ में लेकर सुसाइड कर लिया। दैनिक भास्कर ने परिवार से मिलकर उनकी परेशानी को समझा। पिता मुलायम सिंह कहते हैं- सोचा था कि दीपक मेरी बुढ़ापे की लाठी बनेगा। हम वो लाठी टूट गई। हमारा कौन करेगा। यही सोचते हुए कलेजा फटता है। हमने पूछा कि सरकारी नौकरी तो मिल ही गई थी। फिर क्यों जिंदगी खत्म कर ली। पिता कहते हैं–दीपक का सपना था कि IAS बने। उसको IAS से कम की नौकरी मंजूर नहीं थी। वह कानपुर के दामोदरनगर में एक कोचिंग सेंटर में तैयारी कर रहा था। इसका रिजल्ट भी मिला। वह बिहार में अध्यापक पर पर सिलेक्ट हो गया। हमने उसको समझाया कि नौकरी जॉइन कर लो। फिर सिविल सेवा की तैयारी भी करते रहना। मगर वो खुद को असफल महसूस कर रहा था। डिप्रेशन इतना कैसे हावी हुआ, ये नहीं समझ आया। वह रोते हुए कहते हैं– अगर बेटा हमें बता देता, हम कभी नौकरी जॉइन करने के लिए नहीं कहते। पोस्टमॉर्टम होने के दीपक का शेखपुर नौरंगा गांव में अंतिम संस्कार किया गया। पिता कहते हैं– मेरा बेटा शुरू से पढ़ने में होशियार था। इंटर के बाद ही उसने पुलिस भर्ती में कांस्टेबल के लिए सिलेक्ट हो गया था। नेवी का एग्जाम भी निकाला। दोनों के जॉइनिंग लेटर आए। मगर उसने ठुकरा दिया। तीसरी नौकरी बिहार में अध्यापक के पद पर मिली। उसको सोमवार को जॉइन करना था। परिवार में इसी को लेकर बातचीत हुई। मगर उसने उससे पहले फंदे पर सुसाइड कर लिया। ….. ये भी पढ़ें :
अंडरगारमेंट में छिपाए मोबाइल से बैंक का पेपर लीक कराया: लड़की ने वॉट्सऐप पर आंसर मंगवाए, आगरा में असिस्टेंट मैनेजर का था एग्जाम आगरा में असिस्टेंट मैनेजर (ग्रेड-A) के ऑनलाइन एग्जाम का पेपर महिला अभ्यर्थी ने लीक कर दिया। वह अपने अंडरगारमेंट में मोबाइल छिपाकर एग्जाम सेंटर के अंदर पहुंची। कक्ष निरीक्षक से छिपाकर उसने 2 बार क्वेश्चन पेपर की फोटो खींचीं। फिर अपनी फ्रेंड को भेज दीं। वहां से जो भी जवाब मिले, उन्हें ऑनलाइन सब्मिट करने लगी। इस दौरान कक्ष निरीक्षक को अभ्यर्थी के मूवमेंट पर शक हुआ। उन्होंने जब पूछा, तो अभ्यर्थी ने पहले नकल के आरोप नकार दिए। इसके बाद महिला अभ्यर्थी को दूसरे कमरे में ले जाकर तलाशी ली गई। इसमें उसके अंडरगारमेंट में छिपा हुआ एक मोबाइल मिला। इसके बाद आगरा के सिकंदरा थाने में FIR दर्ज कराई गई। पढ़िए पूरी खबर… ‘बेटा कहता था मेरा टेलेंट टीचर बनने लायक नहीं। जिंदगी सिर्फ IAS की होती है। मुझे नहीं मालूम था, जिसे हम उसका जुनून समझते थे। वही उसकी मौत का कारण बन जाएगा।’ यह कहते हुए पिता दीवार पर हाथ मारते हैं। यह दर्द घाटमपुर के उस पिता का है, जिनके बेटे ने बिहार में अध्यापक पद के जॉइनिंग लेटर को हाथ में लेकर सुसाइड कर लिया। दैनिक भास्कर ने परिवार से मिलकर उनकी परेशानी को समझा। पिता मुलायम सिंह कहते हैं- सोचा था कि दीपक मेरी बुढ़ापे की लाठी बनेगा। हम वो लाठी टूट गई। हमारा कौन करेगा। यही सोचते हुए कलेजा फटता है। हमने पूछा कि सरकारी नौकरी तो मिल ही गई थी। फिर क्यों जिंदगी खत्म कर ली। पिता कहते हैं–दीपक का सपना था कि IAS बने। उसको IAS से कम की नौकरी मंजूर नहीं थी। वह कानपुर के दामोदरनगर में एक कोचिंग सेंटर में तैयारी कर रहा था। इसका रिजल्ट भी मिला। वह बिहार में अध्यापक पर पर सिलेक्ट हो गया। हमने उसको समझाया कि नौकरी जॉइन कर लो। फिर सिविल सेवा की तैयारी भी करते रहना। मगर वो खुद को असफल महसूस कर रहा था। डिप्रेशन इतना कैसे हावी हुआ, ये नहीं समझ आया। वह रोते हुए कहते हैं– अगर बेटा हमें बता देता, हम कभी नौकरी जॉइन करने के लिए नहीं कहते। पोस्टमॉर्टम होने के दीपक का शेखपुर नौरंगा गांव में अंतिम संस्कार किया गया। पिता कहते हैं– मेरा बेटा शुरू से पढ़ने में होशियार था। इंटर के बाद ही उसने पुलिस भर्ती में कांस्टेबल के लिए सिलेक्ट हो गया था। नेवी का एग्जाम भी निकाला। दोनों के जॉइनिंग लेटर आए। मगर उसने ठुकरा दिया। तीसरी नौकरी बिहार में अध्यापक के पद पर मिली। उसको सोमवार को जॉइन करना था। परिवार में इसी को लेकर बातचीत हुई। मगर उसने उससे पहले फंदे पर सुसाइड कर लिया। ….. ये भी पढ़ें :
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