Kishore Kunal Death: पूर्व IPS आचार्य किशोर कुणाल का निधन, बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के रहे हैं पूर्व अध्यक्ष

Kishore Kunal Death: पूर्व IPS आचार्य किशोर कुणाल का निधन, बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के रहे हैं पूर्व अध्यक्ष

<p style=”text-align: justify;”><strong>Kishore Kunal Death:</strong> पूर्व आईपीएस अधिकारी व बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष किशोर कुणाल का आज (29 दिसंबर) निधन हो गया है. आज सुबह उन्हें कार्डियेक अरेस्ट हुआ था, जिसके बाद महावीर वात्सल्य अस्पताल लाया गया था. जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. किशोर कुणाल जेडीयू नेता अशोक चौधरी के समधी और समस्तीपुर सांसद शांभवी चौधरी के ससुर थे. किशोर कुणाल अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के संस्थापकों में से एक थे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रिटायरमेंट के बाद समाज सेवा से जुड़ें थे किशोर कुणाल</strong><br />आईपीएस अधिकारी के पद से रिटायर होने के बाद आचार्य किशोर कुणाल सामाजिक कार्यों से जुड़ गए थे. फिलहाल वे बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष व पटना के महावीर मंदिर व्यास के सचिव भी थे. इसके अलावा किशोर कुणाल पटना के ज्ञान निकेतन स्कूल के संस्थापक भी थे. वीपी सिंह की सरकार के समय उन्हें केंद्र सरकार विश्व हिंदू परिषद और बाबरी मस्जिद कमेटी के बीच मध्यस्थता के लिए विशेष अधिकारी के तौर पर भी नियुक्त किया था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किशोर कुणाल कौन थे?&nbsp;</strong><br />10 अगस्त 1950 को किशोर कुणाल का जन्म हुआ था. मुजफ्फरपुर के बरुराज गांव से उन्होंने स्कूली शिक्षा ग्रहण की थी. उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से इतिहास और संस्कृत में ग्रेजुएशन किया था. 1972 में किशोर कुणाल गुजरात कैडर से आईपीएस अधिकारी बने. इसके बाद वे आनंद के पुलिस अधीक्षक बने. 1978 में किशोर कुणाल को अहमदाबाद में पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया. 1983 में प्रमोशन मिलने के बाद उन्हें पटना में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात किया गया. 1990 से 1994 तक किशोर कुणाल ने गृह मंत्रालय में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी पद पर काम किया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>किशोर कुणाल एक आईपीएस अधिकारी के रूप में भी धार्मिल कार्यों में शामिल होते थे. साल 2000 में आईपीएस अधिकारी के पद से रिटायर होने के बाद उन्हें केएसडी संस्कृत विश्वविद्यालय दरंभगा का कुलपति नियुक्ति किया गया. 2004 तक वे कुलपति के पद पर रहे. इसके बाद बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के प्रशासक बने.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”&lsquo;महात्मा गांधी जहां पहुंचे, वहीं पहुंचा देंगे&rsquo;, ईश्वर-अल्लाह भजन गाने वाली सिंगर देवी को मिली धमकी” href=”https://www.abplive.com/states/bihar/singer-devi-received-threats-for-singing-raghupati-raghav-raja-ram-ishwar-allah-bhajan-2851966″ target=”_blank” rel=”noopener”>&lsquo;महात्मा गांधी जहां पहुंचे, वहीं पहुंचा देंगे&rsquo;, ईश्वर-अल्लाह भजन गाने वाली सिंगर देवी को मिली धमकी</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Kishore Kunal Death:</strong> पूर्व आईपीएस अधिकारी व बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष किशोर कुणाल का आज (29 दिसंबर) निधन हो गया है. आज सुबह उन्हें कार्डियेक अरेस्ट हुआ था, जिसके बाद महावीर वात्सल्य अस्पताल लाया गया था. जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. किशोर कुणाल जेडीयू नेता अशोक चौधरी के समधी और समस्तीपुर सांसद शांभवी चौधरी के ससुर थे. किशोर कुणाल अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के संस्थापकों में से एक थे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रिटायरमेंट के बाद समाज सेवा से जुड़ें थे किशोर कुणाल</strong><br />आईपीएस अधिकारी के पद से रिटायर होने के बाद आचार्य किशोर कुणाल सामाजिक कार्यों से जुड़ गए थे. फिलहाल वे बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष व पटना के महावीर मंदिर व्यास के सचिव भी थे. इसके अलावा किशोर कुणाल पटना के ज्ञान निकेतन स्कूल के संस्थापक भी थे. वीपी सिंह की सरकार के समय उन्हें केंद्र सरकार विश्व हिंदू परिषद और बाबरी मस्जिद कमेटी के बीच मध्यस्थता के लिए विशेष अधिकारी के तौर पर भी नियुक्त किया था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किशोर कुणाल कौन थे?&nbsp;</strong><br />10 अगस्त 1950 को किशोर कुणाल का जन्म हुआ था. मुजफ्फरपुर के बरुराज गांव से उन्होंने स्कूली शिक्षा ग्रहण की थी. उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से इतिहास और संस्कृत में ग्रेजुएशन किया था. 1972 में किशोर कुणाल गुजरात कैडर से आईपीएस अधिकारी बने. इसके बाद वे आनंद के पुलिस अधीक्षक बने. 1978 में किशोर कुणाल को अहमदाबाद में पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया. 1983 में प्रमोशन मिलने के बाद उन्हें पटना में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात किया गया. 1990 से 1994 तक किशोर कुणाल ने गृह मंत्रालय में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी पद पर काम किया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>किशोर कुणाल एक आईपीएस अधिकारी के रूप में भी धार्मिल कार्यों में शामिल होते थे. साल 2000 में आईपीएस अधिकारी के पद से रिटायर होने के बाद उन्हें केएसडी संस्कृत विश्वविद्यालय दरंभगा का कुलपति नियुक्ति किया गया. 2004 तक वे कुलपति के पद पर रहे. इसके बाद बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के प्रशासक बने.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”&lsquo;महात्मा गांधी जहां पहुंचे, वहीं पहुंचा देंगे&rsquo;, ईश्वर-अल्लाह भजन गाने वाली सिंगर देवी को मिली धमकी” href=”https://www.abplive.com/states/bihar/singer-devi-received-threats-for-singing-raghupati-raghav-raja-ram-ishwar-allah-bhajan-2851966″ target=”_blank” rel=”noopener”>&lsquo;महात्मा गांधी जहां पहुंचे, वहीं पहुंचा देंगे&rsquo;, ईश्वर-अल्लाह भजन गाने वाली सिंगर देवी को मिली धमकी</a></strong></p>  बिहार दिल्ली चुनाव से पहले BJP, कांग्रेस और BSP को झटका, इन नेताओं ने समर्थकों के साथ AAP का थामा दामन