<p><strong>UP News:</strong> उत्तर प्रदेश से एक और रेल हादसे की खबर सामने आई है. मथुरा में मालगाड़ी के डिब्बे पटरी से उतर गए हैं. घटना बुधवार की बताई जा रही है, जहां मालगाड़ी के लगभग 22 डिब्बे पटरी से उतर गए हैं. इस घटना के बाद रेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है. रेलवे के आलाधिकारी घटना स्थल पर पहुंच गए हैं. पूरी घटना वृंदावन स्टेशन की बताई जा रही है.</p>
<p>ये भी पढे़ं: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/agra-police-arrested-grandmother-and-brother-case-of-kidnapping-and-murder-of-innocent-child-ann-2786406″><strong>Agra Crime: आगरा में रिश्ते की दादी ने किया मासूम का अपहरण, 15 लाख मांगी फिरौती, पुलिस ने किया गिरफ्तार</strong></a></p>
<p> </p> <p><strong>UP News:</strong> उत्तर प्रदेश से एक और रेल हादसे की खबर सामने आई है. मथुरा में मालगाड़ी के डिब्बे पटरी से उतर गए हैं. घटना बुधवार की बताई जा रही है, जहां मालगाड़ी के लगभग 22 डिब्बे पटरी से उतर गए हैं. इस घटना के बाद रेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है. रेलवे के आलाधिकारी घटना स्थल पर पहुंच गए हैं. पूरी घटना वृंदावन स्टेशन की बताई जा रही है.</p>
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<p> </p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Agra Crime: आगरा में रिश्ते की दादी ने किया मासूम का अपहरण, 15 लाख मांगी फिरौती, पुलिस ने किया गिरफ्तार
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Bihar News: मंदिर, मठों और ट्रस्ट को लेकर नीतीश सरकार का क्या है आदेश? नितिन नबीन ने बताई पूरी डिटेल्स
Bihar News: मंदिर, मठों और ट्रस्ट को लेकर नीतीश सरकार का क्या है आदेश? नितिन नबीन ने बताई पूरी डिटेल्स <p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar News:</strong> बिहार के कानून मंत्री नितिन नबीन ने एबीपी न्यूज के संवाददाता से फोन पर गुरुवार को बात की. सभी जिलाधिकारियों को पहले ही पत्र लिखकर विधि विभाग की ओर से निर्देश दिया गया है कि सभी अपंजीकृत मंदिरों, मठों और ट्रस्ट का पंजीकरण किया जाए. चिट्ठी में यह भी निर्देश दिया गया है कि पंजीकृत मंदिरों, मठों से संबंधित अचल संपत्तियों का विवरण बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड (BSBRT) को उपलब्ध कराया जाए ताकि इसे उसकी वेबसाइट पर अपलोड किया जा सके. बीएसबीआरटी मेरे विधि विभाग के अंतर्गत आता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’राज्य सरकार का पुराना फैसला है यह'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>नितिन नबीन ने कहा कि राज्य सरकार का यह पुराना फैसला है. कोई नया आदेश जारी नहीं हुआ है. दो दिन पहले रिव्यू मीटिंग में मैं इस बात को दोहराया हूं चिट्ठी में जो आदेश दिया गया है उसका पालन हो.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बिहार सरकार ने दिए थे ये आदेश</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जानकारी के अनुसार अब तक 18 जिलों ने ही बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड को रजिस्ट्रेशन और संपत्ति का डाटा भेजा है. बिहार हिंदू धार्मिक ट्रस्ट अधिनियम 1950 के अनुसार बिहार में मंदिर मठों ट्रस्ट को बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अंतर्गत रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है. बिहार सरकार का उद्देश्य यह है कि रजिस्टर्ड मंदिरों मठों एवं ट्रस्ट कि संपत्तियों की जानकारी सार्वजनिक रहे ताकि गलत तरीके से इसको खरीद बिक्री करने वालों पर कार्रवाई की जा सके. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढे़ं: <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/jdu-mlc-ghulam-gaus-has-different-opinion-from-cm-nitish-kumar-on-waqf-amendment-bill-2024-ann-2756719″>Waqf Amendment Bill: वक्फ बोर्ड बिल पर जेडीयू में शुरू हुआ कलह, गुलाम गौस के बयान से सियासत गरमाई</a></strong></p>
हरियाणा में सरकार बचाने के लिए विधायकों को ऑफर:समर्थन देने पर भाजपा देगी विधानसभा का टिकट, जेजेपी और कांग्रेस विधायक संपर्क में
हरियाणा में सरकार बचाने के लिए विधायकों को ऑफर:समर्थन देने पर भाजपा देगी विधानसभा का टिकट, जेजेपी और कांग्रेस विधायक संपर्क में हरियाणा में निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद अल्पमत में आई भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बचाने को विधायकों को टिकट का वादा किया है। अभी हलोपा के निर्दलीय विधायक गोपाल कांडा, फरीदाबाद की पृथला से निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत, जजपा से नरवाना के विधायक राम निवास सुरजाखेड़ा और बरवाला के विधायक जोगी राम सिहाग भाजपा सरकार का खुलकर समर्थन कर रहे हैं। ऐसे में सूत्र बताते हैं कि चारों को भाजपा ने विधानसभा में टिकट देने का वादा किया है। जोगीराम सिहाग बरवाला, गोपाल कांडा सिरसा, नयन पाल रावत पृथला और रामनिवास सुरजाखेड़ा नरवाना से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। इन चारों ही विधायकों ने लोकसभा चुनाव में खुलकर भाजपा का समर्थन किया था। ऐसे में इन चारों ही विधानसभा में भाजपा के नेताओं को झटका लग सकता है जो विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। जजपा और कांग्रेस के MLA बदल सकते हैं पाला जजपा के कुछ विधायक लोकसभा चुनाव में ही पाला बदल चुके हैं। जेजेपी के टोहाना विधायक देवेंद्र सिंह बबली ने सिरसा लोकसभा सीट पर कुमारी शैलजा का समर्थन किया था। जेजेपी के गुहला विधायक ईश्वर सिंह के बेटे ने कांग्रेस का दामन थाम लिया और पार्टी के शाहबाद विधायक राम करण काला के दो बेटे भी संसदीय चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस में शामिल हो गए। इससे पता चलता है कि जेजेपी में उथल-पुथल मची हुई है। इसी तरह कांग्रेस के कुछ और विधायक भी भाजपा के संपर्क में है। भाजपा की तरफ से विधानसभा में टिकट पक्का होने का ऑफर दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री के बयान और किरण की एंट्री से इशारा हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बयान दिया है कि हरियाणा सरकार को कोई खतरा नहीं है। खतरा है तो कांग्रेस को है। कांग्रेस खुद अल्पमत यानि उनके खुद के विधायक उनके साथ नहीं है। कांग्रेस के नेता व विधायक भाजपा के संपर्क में है। मुख्यमंत्री के बयान से साफ है कि जजपा और कांग्रेस के विधायक आने वाले समय में भाजपा का दामन थाम सकते हैं। हाल ही में कांग्रेस की तोशाम से विधायक किरण चौधरी ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा है। किरण को विधानसभा में भाजपा का टिकट देने का वादा किया गया है। वहीं श्रुति चौधरी पर भी सरकार मेहरबान हो सकती है। किरण चौधरी के जरिये कांग्रेस खेमे को संदेश देने की कोशिश की गई है कि अगर कोई विधायक भाजपा ज्वाइन करता है तो उसे विधानसभा में पक्का टिकट दिया जाएगा। हरियाणा विधानसभा में सीटों का गणित वहीं हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं। 3 फिलहाल खाली हैं। 87 में से बहुमत का आंकड़ा 44 है। भाजपा के पास इस वक्त 43 विधायक हैं। भाजपा के पास 41 विधायक हैं और हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) के एकमात्र विधायक गोपाल कांडा और एक निर्दलीय नयन पाल रावत के समर्थन के साथ, उनके विधायकों की संख्या 43 है। वहीं विपक्ष के पास पहले 44 विधायक थे लेकिन किरण चौधरी के भाजपा में आने से उनके पास भी अब 43 विधायक ही बचे हैं। 90 नहीं, अब सदन में 87 विधायक हरियाणा विधानसभा में विधायकों की संख्या 90 है। लेकिन, 25 मई को बादशाहपुर विधायक राकेश दौलताबाद के निधन, बिजली मंत्री और हिसार लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार रणजीत सिंह के इस्तीफे और अंबाला लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के बाद मुलाना विधायक वरुण चौधरी के इस्तीफे के बाद सदन में अब 87 विधायक हैं। भाजपा के 40 विधायकों में से 39 को ही वोटिंग का अधिकार 3 निर्दलीय विधायकों के कांग्रेस के समर्थन में ऐलान के बाद हरियाणा विधानसभा में भाजपा के 40 विधायक बचे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अपनी विधायकी से इस्तीफा दे चुके हैं। हरियाणा में राजनीतिक विश्लेषक और कानूनविद हेमंत का कहना है कि विधानसभा में भाजपा के पास संवैधानिक रूप से प्राथमिक तौर पर 39 ही विधायक हैं। उन्होंने बताया कि नायब सैनी सरकार के पक्ष में (अगर विश्वास प्रस्ताव हो) और विरोध में (अगर अविश्वास प्रस्ताव हो) तो 40 में से 39 MLA ही वोट कर सकेंगे।
लखनऊ की पतंगों का क्रेज दुबई से ऑस्ट्रेलिया तक:मोदी-योगी की तस्वीर, अंग्रेजों से लड़ाई में काम आई पतंगबाजी; प्रेमी-प्रेमिका पतंगों से भेजते थे लव मैसेज
लखनऊ की पतंगों का क्रेज दुबई से ऑस्ट्रेलिया तक:मोदी-योगी की तस्वीर, अंग्रेजों से लड़ाई में काम आई पतंगबाजी; प्रेमी-प्रेमिका पतंगों से भेजते थे लव मैसेज लखनऊ की पतंग दुबई और ऑस्ट्रेलिया तक जाती है। यहां की पतंगबाजी पूरे देश में चर्चित है। इसका इतिहास 250 साल पुराना है। अंग्रेजों से लड़ाई के समय पतंगों का इस्तेमाल किया गया था। इसके अलावा पतंगों के माध्यम से प्रेमी-प्रेमिका अपने लव मैसेज भेजा करते थे। 1775 में नवाब आसिफ-उद-दौला के दौर से लखनऊ में पतंगबाजी परवान चढ़ी। लखनऊ में दीपावली का दूसरा दिन ‘जमघट’ के नाम से मनाया जाता है। सुबह होते ही लोग छत पर चढ़ जाते हैं। गाने बजते हैं और शोर-शराबे के बीच जमकर पतंगबाजी होती है। चारों तरफ से ‘वो काटा, ढील दे, गद्दा मार’ की आवाजें गूंजती हैं। सुबह से लेकर शाम तक आसमान में चारों तरफ काली, नीली, सफेद, लाल और नेताओं की तस्वीर लगी हुई पतंगें नजर आती हैं। पूरे शहर में पतंगबाजी होती है। मोदी-योगी की तस्वीरों की डिमांड ज्यादा
इस साल लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जी-20 के साथ कि तस्वीर, सीएम योगी, भगवान श्रीराम की तस्वीर वाली पतंग की सबसे ज्यादा डिमांड है। भगवान श्रीराम की तस्वीर वाली पतंग ले जाकर लोग श्रद्धा से अपने घर में सजाकर रख रहे हैं। ठाकुरगंज क्षेत्र में 40 सालों से पतंग बेचने वाले गुड्डू पतंगबाज ने इस बार अपनी पतंग का थीम पर्यावरण बचाओ रखा है। पर्यावरण बचाओ संदेश के साथ बनाई गई पतंग 2 दिन में 50000 से अधिक बिकी है। जंग के दांव-पेच पतंगबाजी में पाए जाते हैं
लखनऊ के नवाब मसूद अब्दुल्ला ने बताया कि अवध के नवाबों के दौर में पतंगबाजी परवान चढ़ी। पतंगबाजी सिर्फ शौक नहीं बल्कि एक्सरसाइज है। लोगों की मदद करने का माध्यम है। यह वही पतंग है, जिसके जरिए प्रेमी और प्रेमिका एक-दूसरे तक अपना संदेश भी भेजते थे। पतंगबाजी में कुछ ऐसे दांव-पेच होते हैं, जो पहले जंग में हुआ करते थे। दिलों को जोड़ती है पतंग
नवाब मसूद अब्दुल्ला ने बताया कि पतंग दिलों को जोड़ने के लिए और महबूबा तक अपना संदेश पहुंचाने के लिए भी इस्तेमाल किया गया। युवक पतंग के ऊपर अपना संदेश लिखकर उड़ा देता और जिससे मोहब्बत करता उसके घर पर गिरा देता। उसके संदेश को पढ़ने के बाद युवती उसी पतंग पर अपना जवाब लिख देती। इस तरह से पतंग लोगों की मोहब्बत से जुड़ी। पतंग से अंग्रेजों का किया था विरोध
1928 में लखनऊ के कैसरबाग बारादरी में अंग्रेजों की बड़ी मीटिंग हो रही थी। उस समय के जो क्रांतिकारी थे, उन्होंने सफेद पतंग पर काले रंग से ‘साइमन गो बैक’ का नारा लिखकर मीटिंग में पतंग उड़ाकर छोड़ दिया। साइमन समेत तमाम अंग्रेज बेहद आक्रोशित हुए और उन्होंने ठान लिया कि पतंग पर पाबंदी लगा देंगे, मगर उन्हें सफलता नहीं मिली। नवाबों की पतंग में जड़ा होता था सोना-चांदी
नवाबों के समय पतंग लूटने के लिए लोगों में होड़ मच जाती थी। जिसकी वजह यह थी, नवाब जो पतंग उड़ाते थे, उस पतंग के निचले हिस्से (फुनना ) में सोना-चांदी लगा होता था। यह पतंग कटकर जिसके हिस्से में जाती थी, वह कई दिनों तक सोना और चांदी बेचकर अपना परिवार चलाता था। 1775 से 1797 नवाब आसिफ-उद- दौला झुल-झुल पतंग उड़ाते थे, इसमें सोना-चांदी लगा होता था। 1842 से 1847 नवाब अमजद अली शाह गुड्डी पतंग उड़ाते थे, जो काफी हल्के कागज से तैयार की जाती थी। साल 1847 से 1856 तक नवाब वाजिद अली शाह ने की पतंग अब के जैसी ही होती थी। जमघट में उमड़ती है भीड़
पुराने लखनऊ के मशहूर पतंग व्यापारी गुड्डू ने बताया कि 40 सालों से उनका यह व्यापार है। जमघट लखनऊ की पतंगबाजी का पर्व है। इसे सभी धर्म के लोग मनाते हैं। इस साल उन्होंने जो पतंग बनवाया है उस पर ‘Save Tree, Save Life’ लिखा हुआ है। इससे पर्यावरण को बचाने का संदेश दिया जा रहा है। पतंग लेने वाले और तमाम शहर वालों से यह अनुरोध किया गया है, कि वह एक पेड़ जरूर लगाएं। उसकी सेवा करके सुरक्षित रखें, ताकि दिल्ली जैसा प्रदूषित वातावरण लखनऊ न हो। बरेली का मांझा है सबसे प्रसिद्ध
‘Save Tree, Save Life’ संदेश के साथ पतंग के माध्यम से पर्यावरण को बचाने की मुहिम चलाई गई। पतंग के साथ मांझा और चरखी भी बहुत महत्वपूर्ण होती है। इसके बिना पतंगबाजी संभव नहीं है। पतंग उड़ाने के लिए मांझा और सद्दी का इस्तेमाल किया जाता है। मांझा बरेली का प्रसिद्ध है। इसको बनाने के लिए चावल का पेस्ट और बहुत महीन पिसा हुआ कांच इस्तेमाल किया जाता है। मांझे को बनाने के बाद उसे रंग देने के लिए केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। पतंग उड़ाने के लिए सद्दी का इस्तेमाल भी होता है, जो सफेद धागे से बनाया जाता है। लखनऊ की पतंग ऑस्ट्रेलिया तक जाती है
हुसैनगंज क्षेत्र में पतंग का व्यापार करने वाले मोहम्मद सलमान ने बताया कि 35 साल पुरानी दुकान है। अपने दादा से पतंग बनाना और उड़ाना सीखा। उत्तर प्रदेश में कहीं भी पतंग प्रतियोगिता होती है, तो पर्यटन विभाग की ओर से इन्हें हिस्सा लेने के लिए पतंगबाजी में भेजा जाता है। अब पतंग में यह परिवर्तन आया है। साइज में छोटी हो गई है और इसको उड़ाने के लिए जिस धागे का इस्तेमाल होता है। लखनऊ में बनने वाली पतंग पूरे भारत की सबसे बेहतरीन पतंग मानी जाती है। लखनऊ से भारत के विभिन्न शहरों में पतंग जाती है। सलमान की बनाई हुई पतंग सऊदी अरब, दुबई और ऑस्ट्रेलिया तक जाती है। यह भी पढ़ें लखनऊ की कल की 10 बड़ी खबरें:जेल में हत्यारोपी की मौत, पुराने मंदिर का शिवलिंग तोड़ा; 72 घंटे में 71 जगह लगी आग आज अखबार नहीं आएगा, लेकिन आपके पास पहुंचने वाली खबरों की रफ्तार नहीं थमेगी। दैनिक भास्कर ऐप पर आपके जिले और उत्तर प्रदेश की हर जरूरी खबर मिलेगी। जेल में बंद हत्या के आरोपी की मौत, 77 साल पुराने मंदिर की शिवलिंग तोड़ा। शहर में 71 जगह लगी आग, सपा का पोस्टर- ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ पढ़िए लखनऊ की 10 बड़ी खबरें…