<p style=”text-align: justify;”><strong>LG VK Saxena On Delhi Govt:</strong> दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने नगर निगम की वित्तीय स्थिति को लेकर दिल्ली सरकार पर सवाल उठाए हैं. साथ ही 5 करोड़ से ज़्यादा का वित्तीय अधिकार निगम कमिश्नर को सौंपा. उपराज्यपाल दफ़्तर ने जानकारी देते हुए कहा कि एमसीडी में एक स्थायी समिति की गैर-मौजूदगी और कई महीनों तक शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज की ज़िद के कारण शहर में निगम ठोस कचरे के समाधान के लिए अब तक कुछ नहीं कर पाया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसमें कहा गया है कि मौजूदा समस्या को कम करने में मदद करने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) ने 5 करोड़ से अधिक की वित्तीय शक्तियां एमसीडी कमिश्नर को दी है. उपराज्यपाल दफ़्तर ने दिल्ली सरकार और मंत्री सौरभ भारद्वाज पर आरोप लगाते हुए कहा कि 10 जुलाई, 2024 को एमसीडी ने DMC अधिनियम, 1957 की धारा 202 के प्रावधानों के अनुसार एमसीडी को वित्तीय शक्तियां सौंपने के लिए उपराज्यपाल ने पहल की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>LG का दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज पर आरोप</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>LG दफ्तर की ओर से आरोप लगाते हुए कहा गया, ”शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने असामान्य रूप से और बिना किसी स्पष्टीकरण के फाइल को अपने स्तर पर लंबित रखा, इस प्रक्रिया के चलते वित्तीय स्वीकृति के अभाव में नगरपालिका से जुड़ी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं. क्योंकि निगम में कोई स्थायी समिति भी नहीं थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उपराज्यपाल दफ़्तर ने कहा कि निगम की विकट परिस्थितियों के मद्देनजर, नगरपालिका ठोस कचरे के संग्रह, परिवहन और सड़क की सफाई के लिए 1137.98 करोड़ की राशि, नरेला, बवाना में 604.26 करोड़ की लागत से वेस्ट टू एनर्जी सुविधा देने के लिए, सिंघोला में पुराने कचरे के जैव-खनन के लिए 46.17 करोड़ रुपये साथ ही दिल्ली के तीन बड़े कूड़े के ढेर के लिये बात करें तो, ओखला के लिये 156.5 करोड़, गाज़ीपुर के लिये 223.50 करोड़ और भलस्वा के लिये 223.50 करोड़ को उपराज्यपाल ने मंज़ूरी दी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उपराज्यपाल की ओर से मंगलवार (15 अक्टूबर) को इन वित्तीय शक्तियों को एमसीडी कमिश्नर को सौंपकर मंजूरी दे दी गई. इस आशय का प्रस्ताव एमसीडी द्वारा 5 सितंबर 2024 को फिर से दिल्ली सरकार को भेजा गया था और मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद आज एलजी को भेजा गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>LG के आरोपों पर क्या बोले मंत्री सौरभ भारद्वाज?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उपराज्यपाल दफ़्तर के इन आरोपों पर दिल्ली सरकार में शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज का भी बयान सामने आया. सौरभ भारद्वाज ने कहा, ”एलजी दफ्तर को झूठ और धोखे का दुर्भावनापूर्ण प्रचार बंद करना चाहिए. उनके पास पास फाइल 6 सितंबर 2024 को आई और उसी दिन मंजूरी दे दी गई.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>सौरभ भारद्वाज ने सवाल पूछते हुए कहा, ”उपराज्यपाल बताएं कि मंत्री की मंजूरी के बाद भी यह फाइल आगे क्यों नहीं बढ़ी? क्या उपराज्यपाल इस फाइल में देरी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे?” उन्होंने आगे कहा कि LG की निष्क्रियता साबित करेगी कि उनके मौखिक निर्देश पर फाइल में देरी हुई. उपराज्यपाल को LG जैसे उच्च संवैधानिक पद का अपमान नहीं करना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: </strong><strong><a title=”दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर देवेंद्र यादव का सवाल, गोपाल राय क्यों नहीं बताते इसकी असली की वजह?” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/devender-yadav-question-why-not-gopal-rai-tell-real-reason-behind-delhi-air-pollution-2803754″ target=”_self”>दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर देवेंद्र यादव का सवाल, गोपाल राय क्यों नहीं बताते इसकी असली की वजह?</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>LG VK Saxena On Delhi Govt:</strong> दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने नगर निगम की वित्तीय स्थिति को लेकर दिल्ली सरकार पर सवाल उठाए हैं. साथ ही 5 करोड़ से ज़्यादा का वित्तीय अधिकार निगम कमिश्नर को सौंपा. उपराज्यपाल दफ़्तर ने जानकारी देते हुए कहा कि एमसीडी में एक स्थायी समिति की गैर-मौजूदगी और कई महीनों तक शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज की ज़िद के कारण शहर में निगम ठोस कचरे के समाधान के लिए अब तक कुछ नहीं कर पाया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसमें कहा गया है कि मौजूदा समस्या को कम करने में मदद करने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) ने 5 करोड़ से अधिक की वित्तीय शक्तियां एमसीडी कमिश्नर को दी है. उपराज्यपाल दफ़्तर ने दिल्ली सरकार और मंत्री सौरभ भारद्वाज पर आरोप लगाते हुए कहा कि 10 जुलाई, 2024 को एमसीडी ने DMC अधिनियम, 1957 की धारा 202 के प्रावधानों के अनुसार एमसीडी को वित्तीय शक्तियां सौंपने के लिए उपराज्यपाल ने पहल की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>LG का दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज पर आरोप</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>LG दफ्तर की ओर से आरोप लगाते हुए कहा गया, ”शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने असामान्य रूप से और बिना किसी स्पष्टीकरण के फाइल को अपने स्तर पर लंबित रखा, इस प्रक्रिया के चलते वित्तीय स्वीकृति के अभाव में नगरपालिका से जुड़ी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं. क्योंकि निगम में कोई स्थायी समिति भी नहीं थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उपराज्यपाल दफ़्तर ने कहा कि निगम की विकट परिस्थितियों के मद्देनजर, नगरपालिका ठोस कचरे के संग्रह, परिवहन और सड़क की सफाई के लिए 1137.98 करोड़ की राशि, नरेला, बवाना में 604.26 करोड़ की लागत से वेस्ट टू एनर्जी सुविधा देने के लिए, सिंघोला में पुराने कचरे के जैव-खनन के लिए 46.17 करोड़ रुपये साथ ही दिल्ली के तीन बड़े कूड़े के ढेर के लिये बात करें तो, ओखला के लिये 156.5 करोड़, गाज़ीपुर के लिये 223.50 करोड़ और भलस्वा के लिये 223.50 करोड़ को उपराज्यपाल ने मंज़ूरी दी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उपराज्यपाल की ओर से मंगलवार (15 अक्टूबर) को इन वित्तीय शक्तियों को एमसीडी कमिश्नर को सौंपकर मंजूरी दे दी गई. इस आशय का प्रस्ताव एमसीडी द्वारा 5 सितंबर 2024 को फिर से दिल्ली सरकार को भेजा गया था और मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद आज एलजी को भेजा गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>LG के आरोपों पर क्या बोले मंत्री सौरभ भारद्वाज?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उपराज्यपाल दफ़्तर के इन आरोपों पर दिल्ली सरकार में शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज का भी बयान सामने आया. सौरभ भारद्वाज ने कहा, ”एलजी दफ्तर को झूठ और धोखे का दुर्भावनापूर्ण प्रचार बंद करना चाहिए. उनके पास पास फाइल 6 सितंबर 2024 को आई और उसी दिन मंजूरी दे दी गई.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>सौरभ भारद्वाज ने सवाल पूछते हुए कहा, ”उपराज्यपाल बताएं कि मंत्री की मंजूरी के बाद भी यह फाइल आगे क्यों नहीं बढ़ी? क्या उपराज्यपाल इस फाइल में देरी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे?” उन्होंने आगे कहा कि LG की निष्क्रियता साबित करेगी कि उनके मौखिक निर्देश पर फाइल में देरी हुई. उपराज्यपाल को LG जैसे उच्च संवैधानिक पद का अपमान नहीं करना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: </strong><strong><a title=”दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर देवेंद्र यादव का सवाल, गोपाल राय क्यों नहीं बताते इसकी असली की वजह?” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/devender-yadav-question-why-not-gopal-rai-tell-real-reason-behind-delhi-air-pollution-2803754″ target=”_self”>दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर देवेंद्र यादव का सवाल, गोपाल राय क्यों नहीं बताते इसकी असली की वजह?</a></strong></p> दिल्ली NCR Bihar News: बिहार के सीतामढ़ी में प्रतिमा विसर्जन के दौरान बवाल, दो लोगों की मौत, हिरासत में 20 लोग