PCS अफसर ने 7 गोली खाई, सिस्टम से लड़े…IAS बने:बोले- हमलावर मुझे मरा समझकर छोड़ गए थे, 4 महीने में मौत को मात दी, फिर नई जिंदगी शुरू की

PCS अफसर ने 7 गोली खाई, सिस्टम से लड़े…IAS बने:बोले- हमलावर मुझे मरा समझकर छोड़ गए थे, 4 महीने में मौत को मात दी, फिर नई जिंदगी शुरू की

’15 साल पहले मैं PCS अफसर था। मुजफ्फरनगर में छात्रवृत्ति और पेंशन घोटाले की जांच कर रहा था। तब मुझ पर हमलवारों ने 7 गोलियां मारीं। इस मामले में तत्कालीन CDO के अलावा उस समय के प्रमुख सचिव सहित कई बड़े लोग इन्वॉल्व थे। मुझे 100 करोड़ रुपए तक ऑफर किए गए। लेकिन, जब मैंने लेने से मना कर दिया। इस बाद मुझ पर हमला हुआ। यहां तक कहा गया कि छुट्‌टी ले लो। कई बार धमकी मिली। जो हमलावर पकड़े गए। उन पर जो कार्रवाई होनी चाहिए थी, वो नहीं हुई। 4 महीने तक मौत से लड़ता रहा, फिर नई जिंदगी शुरू की ‘ ये कहना है कि IAS रिंकू सिंह का। जो कभी डरे नहीं। 2022 में IAS बने। अब युवाओं को भी जागरूक कर उनमें प्रेरणा भर रहे हैं। पहले जानिए कौन हैं IAS रिंकू सिंह
अलीगढ़ के एक साधारण परिवार में जन्मे रिंकू सिंह राही शुरू से ही पढ़ने में तेज थे। दो भाइयों में बड़े रिंक के पिता आटा चक्की चलाकर परिवार का पालन करते थे। रिंकू सिंह बड़े हुए, तो उन्होंने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा दी। 2008 में PCS अधिकारी बने, जिसके बाद उनकी पोस्टिंग मुजफ्फरनगर में समाज कल्याण अधिकारी के पद पर हुई। पोस्टिंग के 4 महीने बाद ही हुआ हमला
मार्च 2009 में समाज कल्याण अधिकारी रिंकू सिंह अपने सरकारी आवास के सामने बैडमिंटन खेल रहे थे। इसी दौरान हमलावर आए। उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस हमले में रिंकू सिंह को 7 गोलियां लगी, जिसमें से 3 चेहरे पर और 4 शरीर के अन्य हिस्सों में। गोली मारने के बाद हमलावर उनको मरा हुआ समझ कर छोड़ गए। मुजफ्फरनगर के CMO ने कहा-नहीं बचाई जा सकती जान
गोली लगने से बुरी तरह घायल हुए रिंकू सिंह राही को मुजफ्फरनगर के जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां उस समय तैनात रहे CMO ने कहा था-‘कई जगह गोली लगी है जान मुश्किल बचेगी।’ इसके बाद तत्कालीन DM भुवनेश कुमार ने रिस्क लिया। उन्हें लेकर मेरठ के सुभारती अस्पताल दौड़े। इसमें उनकी मदद मेरठ की DM रहीं कामिनी रतन चौहान ने भी की। मुजफ्फरनगर और मेरठ के DM की मंशा और रिंकू सिंह राही का बुलंद हौसला, जिसका नतीजा रहा कि 4 महीने तक चले इलाज के बाद वह न केवल स्वस्थ हुए। बल्कि उन्होंने आगे कुछ बड़ा करने का संकल्प भी लिया। इसलिए मारी गई गोली?
रिंकू सिंह ने उस वक्त छात्रवृत्ति और पेंशन घोटाला की परत खोलना शुरू किया। जांच के दौरान रिंकू सिंह को पता चला कि जिले में पेंशन 62 हजार लोगों के लिए आ रही है, जबकि पात्र और अपात्र को मिला लिया जाए, तो कुल लोग 47 हजार हैं। इसी तरह छात्रवृत्ति में भी घोटाला चल रहा था। इसमें उनके कार्यालय का एक बाबू सहित कई आला अधिकारियों की गर्दन फंसने लगी। तत्कालीन सीडीओ के अलावा उस समय के प्रमुख सचिव सहित कई लोग इन्वॉल्व थे। उनको 80 से 100 करोड़ रुपए तक का ऑफर किया गया। मना कर दिया तो जानलेवा हमला करवा दिया। हमला होने के बाद IAS बनने की ठानी
हमले के बाद रिंकू सिंह कुछ समय तक घर पर रहे। इसके बाद उनको अलीगढ़ में ही तैनाती मिल गई। लेकिन, रिंकू सिंह कुछ बड़ा करने का मन बना रहे थे। इसके लिए उन्होंने लोक सेवा आयोग की परीक्षा देने का मन बनाया। कई साल तक प्रयास करने के बाद आखिरकार उनको 2022 में सफलता मिली। पहली पोस्टिंग मिली मथुरा
रिंकू सिंह राही को I A S बनने के बाद पहली पोस्टिंग मथुरा मिली। यहां ज्वाइंट मजिस्ट्रेट बनकर आए रिंकू सिंह को पहले मांट और फिर चौमुंहा विकास खंड का B D O बनाया गया। वर्तमान में रिंकू सिंह चौमुंहा ब्लॉक पर ब्लॉक डेवलपमेंट अधिकारी के पद पर तैनात हैं। ‘अपना गांव अपना सहयोग’ की चला रहे मुहिम
I A S रिंकू सिंह राही इन दिनों मथुरा में अलग पहचान बनाए हुए हैं। रिंकू सिंह ने ‘अपना गांव अपना सहयोग’ और ‘प्रशासन आपकी सेवा’ में मुहिम चला रखी है। इसमें युवा उनका सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह सिविल सर्विस में इसलिए आए कि उनको सेवा करनी है। उन्होंने कहा जिस समय मुजफ्फरनगर में हमला हुआ, उसकी पहले से आशंका थी। क्योंकि, उनसे कहा गया मारकर गन्ने के खेत में डाल दिए जाओगे किसी को पता भी नहीं चलेगा। I A S बनने के बाद भी रिंकू सिंह की हर समय सोच कुछ नया करने की रही। रिंकू सिंह ने बताया कि शिकायत आते ही उसके निवारण पर काम शुरू कर दो तो समस्या आएगी ही नहीं। रिंकू सिंह ने चौमुंहा ब्लॉक के 41 ग्राम पंचायत के लिए अलग-अलग वॉट्सऐप ग्रुप बना रखे हैं, जिसमें अधिकतर युवाओं को जोड़ा है। यह युवा गांव की समस्या और उसके निवारण के लिए किए जा रहे कामों के फोटो, वीडियो तारीख और समय के हिसाब से डाल देते हैं। युवाओं को किया प्रेरित
I A S अधिकारी रिंकू सिंह ने युवाओं की मोबाइल की आदत का फायदा उठाते हुए उन्हें प्रेरित करना शुरू कर दिया। इसके लिए उन्होंने स्मार्ट फोन यूज करने वाले युवाओं से कहा कि वह जरूरत मंद लोगों की मदद करें। जैसे किसी का पेंशन फॉर्म, आवास के लिए, आधार के लिए फॉर्म आदि भरना। इससे जरूरत मंद लोगों की मदद होगी। युवा भी कुछ अच्छा करने के लिए प्रेरित होंगे। ————————- ये खबर भी पढ़ें: यूपी में मॉब लिंचिंग, युवक की पीट-पीटकर हत्या, मुरादाबाद में गोकशी करते रंगे हाथ पकड़ा; इलाके में तनाव, फोर्स तैनात मुरादाबाद में मॉब लिंचिंग में युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। आरोप है कि गोकशी करते वक्त युवक को भीड़ ने रंगे हाथ पकड़ लिया। उसे लाठी-डंडे और लात-घूसों से इतना मारा कि बेहोश हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस उसे हॉस्पिटल ले गई। वहां सोमवार रात इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक का नाम शाहेदीन है। वह असालतपुरा का रहने वाला था। युवक की मौत के बाद इलाके में तनाव है। रात में ही प्रशासन ने शव का पोस्टमॉर्टम करा दिया। मंगलवार सुबह परिवार ने ईदगाह के पास कब्रिस्तान में शव दफन कर दिया गया। इलाके में फोर्स बढ़ा दी गई है। पढ़िए पूरी खबर ’15 साल पहले मैं PCS अफसर था। मुजफ्फरनगर में छात्रवृत्ति और पेंशन घोटाले की जांच कर रहा था। तब मुझ पर हमलवारों ने 7 गोलियां मारीं। इस मामले में तत्कालीन CDO के अलावा उस समय के प्रमुख सचिव सहित कई बड़े लोग इन्वॉल्व थे। मुझे 100 करोड़ रुपए तक ऑफर किए गए। लेकिन, जब मैंने लेने से मना कर दिया। इस बाद मुझ पर हमला हुआ। यहां तक कहा गया कि छुट्‌टी ले लो। कई बार धमकी मिली। जो हमलावर पकड़े गए। उन पर जो कार्रवाई होनी चाहिए थी, वो नहीं हुई। 4 महीने तक मौत से लड़ता रहा, फिर नई जिंदगी शुरू की ‘ ये कहना है कि IAS रिंकू सिंह का। जो कभी डरे नहीं। 2022 में IAS बने। अब युवाओं को भी जागरूक कर उनमें प्रेरणा भर रहे हैं। पहले जानिए कौन हैं IAS रिंकू सिंह
अलीगढ़ के एक साधारण परिवार में जन्मे रिंकू सिंह राही शुरू से ही पढ़ने में तेज थे। दो भाइयों में बड़े रिंक के पिता आटा चक्की चलाकर परिवार का पालन करते थे। रिंकू सिंह बड़े हुए, तो उन्होंने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा दी। 2008 में PCS अधिकारी बने, जिसके बाद उनकी पोस्टिंग मुजफ्फरनगर में समाज कल्याण अधिकारी के पद पर हुई। पोस्टिंग के 4 महीने बाद ही हुआ हमला
मार्च 2009 में समाज कल्याण अधिकारी रिंकू सिंह अपने सरकारी आवास के सामने बैडमिंटन खेल रहे थे। इसी दौरान हमलावर आए। उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस हमले में रिंकू सिंह को 7 गोलियां लगी, जिसमें से 3 चेहरे पर और 4 शरीर के अन्य हिस्सों में। गोली मारने के बाद हमलावर उनको मरा हुआ समझ कर छोड़ गए। मुजफ्फरनगर के CMO ने कहा-नहीं बचाई जा सकती जान
गोली लगने से बुरी तरह घायल हुए रिंकू सिंह राही को मुजफ्फरनगर के जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां उस समय तैनात रहे CMO ने कहा था-‘कई जगह गोली लगी है जान मुश्किल बचेगी।’ इसके बाद तत्कालीन DM भुवनेश कुमार ने रिस्क लिया। उन्हें लेकर मेरठ के सुभारती अस्पताल दौड़े। इसमें उनकी मदद मेरठ की DM रहीं कामिनी रतन चौहान ने भी की। मुजफ्फरनगर और मेरठ के DM की मंशा और रिंकू सिंह राही का बुलंद हौसला, जिसका नतीजा रहा कि 4 महीने तक चले इलाज के बाद वह न केवल स्वस्थ हुए। बल्कि उन्होंने आगे कुछ बड़ा करने का संकल्प भी लिया। इसलिए मारी गई गोली?
रिंकू सिंह ने उस वक्त छात्रवृत्ति और पेंशन घोटाला की परत खोलना शुरू किया। जांच के दौरान रिंकू सिंह को पता चला कि जिले में पेंशन 62 हजार लोगों के लिए आ रही है, जबकि पात्र और अपात्र को मिला लिया जाए, तो कुल लोग 47 हजार हैं। इसी तरह छात्रवृत्ति में भी घोटाला चल रहा था। इसमें उनके कार्यालय का एक बाबू सहित कई आला अधिकारियों की गर्दन फंसने लगी। तत्कालीन सीडीओ के अलावा उस समय के प्रमुख सचिव सहित कई लोग इन्वॉल्व थे। उनको 80 से 100 करोड़ रुपए तक का ऑफर किया गया। मना कर दिया तो जानलेवा हमला करवा दिया। हमला होने के बाद IAS बनने की ठानी
हमले के बाद रिंकू सिंह कुछ समय तक घर पर रहे। इसके बाद उनको अलीगढ़ में ही तैनाती मिल गई। लेकिन, रिंकू सिंह कुछ बड़ा करने का मन बना रहे थे। इसके लिए उन्होंने लोक सेवा आयोग की परीक्षा देने का मन बनाया। कई साल तक प्रयास करने के बाद आखिरकार उनको 2022 में सफलता मिली। पहली पोस्टिंग मिली मथुरा
रिंकू सिंह राही को I A S बनने के बाद पहली पोस्टिंग मथुरा मिली। यहां ज्वाइंट मजिस्ट्रेट बनकर आए रिंकू सिंह को पहले मांट और फिर चौमुंहा विकास खंड का B D O बनाया गया। वर्तमान में रिंकू सिंह चौमुंहा ब्लॉक पर ब्लॉक डेवलपमेंट अधिकारी के पद पर तैनात हैं। ‘अपना गांव अपना सहयोग’ की चला रहे मुहिम
I A S रिंकू सिंह राही इन दिनों मथुरा में अलग पहचान बनाए हुए हैं। रिंकू सिंह ने ‘अपना गांव अपना सहयोग’ और ‘प्रशासन आपकी सेवा’ में मुहिम चला रखी है। इसमें युवा उनका सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह सिविल सर्विस में इसलिए आए कि उनको सेवा करनी है। उन्होंने कहा जिस समय मुजफ्फरनगर में हमला हुआ, उसकी पहले से आशंका थी। क्योंकि, उनसे कहा गया मारकर गन्ने के खेत में डाल दिए जाओगे किसी को पता भी नहीं चलेगा। I A S बनने के बाद भी रिंकू सिंह की हर समय सोच कुछ नया करने की रही। रिंकू सिंह ने बताया कि शिकायत आते ही उसके निवारण पर काम शुरू कर दो तो समस्या आएगी ही नहीं। रिंकू सिंह ने चौमुंहा ब्लॉक के 41 ग्राम पंचायत के लिए अलग-अलग वॉट्सऐप ग्रुप बना रखे हैं, जिसमें अधिकतर युवाओं को जोड़ा है। यह युवा गांव की समस्या और उसके निवारण के लिए किए जा रहे कामों के फोटो, वीडियो तारीख और समय के हिसाब से डाल देते हैं। युवाओं को किया प्रेरित
I A S अधिकारी रिंकू सिंह ने युवाओं की मोबाइल की आदत का फायदा उठाते हुए उन्हें प्रेरित करना शुरू कर दिया। इसके लिए उन्होंने स्मार्ट फोन यूज करने वाले युवाओं से कहा कि वह जरूरत मंद लोगों की मदद करें। जैसे किसी का पेंशन फॉर्म, आवास के लिए, आधार के लिए फॉर्म आदि भरना। इससे जरूरत मंद लोगों की मदद होगी। युवा भी कुछ अच्छा करने के लिए प्रेरित होंगे। ————————- ये खबर भी पढ़ें: यूपी में मॉब लिंचिंग, युवक की पीट-पीटकर हत्या, मुरादाबाद में गोकशी करते रंगे हाथ पकड़ा; इलाके में तनाव, फोर्स तैनात मुरादाबाद में मॉब लिंचिंग में युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। आरोप है कि गोकशी करते वक्त युवक को भीड़ ने रंगे हाथ पकड़ लिया। उसे लाठी-डंडे और लात-घूसों से इतना मारा कि बेहोश हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस उसे हॉस्पिटल ले गई। वहां सोमवार रात इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक का नाम शाहेदीन है। वह असालतपुरा का रहने वाला था। युवक की मौत के बाद इलाके में तनाव है। रात में ही प्रशासन ने शव का पोस्टमॉर्टम करा दिया। मंगलवार सुबह परिवार ने ईदगाह के पास कब्रिस्तान में शव दफन कर दिया गया। इलाके में फोर्स बढ़ा दी गई है। पढ़िए पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर