पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने पंजाब नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल मोहाली (PNRC) की पूर्व रजिस्ट्रार और नर्सिंग ट्रेनिंग स्कूल गुरदासपुर की रटियर्ड प्रिंसिपल चरणजीत कौर चीमा और होशियारपुर के डॉ. अरविंदरवीर सिंह गिल को गिरफ्तार किया है। इन दोनों की तरफ से एएनएम-जीएनएम कोर्स परीक्षा व सीट आवंटन में धांधली के आरोप लगे हैं। विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि PNRC राज्य सरकार द्वारा पंजाब में स्थापित नर्सिंग कॉलेजों व संस्थानों को सीटों के आवंटन को मंजूरी देने और एएनएम व जीएनएम पाठ्यक्रम-परीक्षाएं आयोजित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस संस्था को दाखिले और परीक्षाओं में नकल व धोखधड़ी की मिली शिकायत की जांच के दौरान पता चला कि केडी कॉलेज ऑफ नर्सिंग माहिलपुर होशियारपुर को नर्सिंग काउंसिल ऑफ इंडिया नई दिल्ली से 25 सितंबर 2019 और PNRC ls 29 नवंबर 2012 द्वारा मान्यता प्राप्त थी। जबकि, इस कॉलेज की मान्यता से बहुत पहले ही PNRC मोहाली द्वारा जारी किये गये प्रवेश फार्म एवं रसीद नम्बर पाये गये थे। पुलिस ने मामला किया दर्ज विजिलेंस ब्यूरो ने आरोपियों के खिलाफ विजिलेंस ब्यूरो के जालंधर रेंज थाने में केस दर्ज किया गया। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों को कल अदालत में पेश किया जाएगा। इस मामले में बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विजिलेंस ब्यूरो की टीमें रवाना कर दी गई हैं और जांच जारी है। जानें कैसे होती थी धोखाधड़ी विजिलेंस की जांच में सामने आया कि उक्त कॉलेज से संबंधित पांच रोल नंबरों के दाखिला फॉर्म प्राप्त हुए थे, लेकिन ये दाखिला फॉर्म व रोल नंबर PNRC की ओर से प्रिंस्टन इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग गुरदासपुर को जारी किए गए थे। इन पांच छात्रों की फर्जी दाखिला सूची अक्तूबर 2012 में कॉलेज को मान्यता मिलने से काफी पहले तैयार की गई थी। इस दाखिला सूची के आधार पर इन छात्रों के परीक्षा फॉर्म और परीक्षा फीस की रसीद पर इन रोल नंबरों से संबंधित कटऑफ सूची जारी की गई थी। इसके अलावा जीआरडी इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग टांडा उड़मुड़ होशियारपुर से संबंधित 27 छात्रों की दाखिला सूची PNRC की ओर से तैयार करके वेबसाइट पर अपलोड की गई थी। इसके बाद इस कॉलेज के 30 छात्रों की संशोधित सूची में केडी कॉलेज ऑफ नर्सिंग माहिलपुर के 2 रोल नंबरों से संबंधित दाखिले दिखाए गए थे। इस तरह उक्त दो कॉलेजों के छात्रों के दाखिले इन रोल नंबरों से संबंधित जारी की गई सूचियों और छात्रों के ट्रांसफर PNRC की परीक्षा शाखा के कर्मचारी (डीलिंग हैंड) की तैनाती के दौरान हुए थे। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने पंजाब नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल मोहाली (PNRC) की पूर्व रजिस्ट्रार और नर्सिंग ट्रेनिंग स्कूल गुरदासपुर की रटियर्ड प्रिंसिपल चरणजीत कौर चीमा और होशियारपुर के डॉ. अरविंदरवीर सिंह गिल को गिरफ्तार किया है। इन दोनों की तरफ से एएनएम-जीएनएम कोर्स परीक्षा व सीट आवंटन में धांधली के आरोप लगे हैं। विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि PNRC राज्य सरकार द्वारा पंजाब में स्थापित नर्सिंग कॉलेजों व संस्थानों को सीटों के आवंटन को मंजूरी देने और एएनएम व जीएनएम पाठ्यक्रम-परीक्षाएं आयोजित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस संस्था को दाखिले और परीक्षाओं में नकल व धोखधड़ी की मिली शिकायत की जांच के दौरान पता चला कि केडी कॉलेज ऑफ नर्सिंग माहिलपुर होशियारपुर को नर्सिंग काउंसिल ऑफ इंडिया नई दिल्ली से 25 सितंबर 2019 और PNRC ls 29 नवंबर 2012 द्वारा मान्यता प्राप्त थी। जबकि, इस कॉलेज की मान्यता से बहुत पहले ही PNRC मोहाली द्वारा जारी किये गये प्रवेश फार्म एवं रसीद नम्बर पाये गये थे। पुलिस ने मामला किया दर्ज विजिलेंस ब्यूरो ने आरोपियों के खिलाफ विजिलेंस ब्यूरो के जालंधर रेंज थाने में केस दर्ज किया गया। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों को कल अदालत में पेश किया जाएगा। इस मामले में बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विजिलेंस ब्यूरो की टीमें रवाना कर दी गई हैं और जांच जारी है। जानें कैसे होती थी धोखाधड़ी विजिलेंस की जांच में सामने आया कि उक्त कॉलेज से संबंधित पांच रोल नंबरों के दाखिला फॉर्म प्राप्त हुए थे, लेकिन ये दाखिला फॉर्म व रोल नंबर PNRC की ओर से प्रिंस्टन इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग गुरदासपुर को जारी किए गए थे। इन पांच छात्रों की फर्जी दाखिला सूची अक्तूबर 2012 में कॉलेज को मान्यता मिलने से काफी पहले तैयार की गई थी। इस दाखिला सूची के आधार पर इन छात्रों के परीक्षा फॉर्म और परीक्षा फीस की रसीद पर इन रोल नंबरों से संबंधित कटऑफ सूची जारी की गई थी। इसके अलावा जीआरडी इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग टांडा उड़मुड़ होशियारपुर से संबंधित 27 छात्रों की दाखिला सूची PNRC की ओर से तैयार करके वेबसाइट पर अपलोड की गई थी। इसके बाद इस कॉलेज के 30 छात्रों की संशोधित सूची में केडी कॉलेज ऑफ नर्सिंग माहिलपुर के 2 रोल नंबरों से संबंधित दाखिले दिखाए गए थे। इस तरह उक्त दो कॉलेजों के छात्रों के दाखिले इन रोल नंबरों से संबंधित जारी की गई सूचियों और छात्रों के ट्रांसफर PNRC की परीक्षा शाखा के कर्मचारी (डीलिंग हैंड) की तैनाती के दौरान हुए थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल तनखैया करार:अकाल तख्त ने दी धार्मिक सजा, जत्थेदार बोले- गुनाहों की माफी मांगें, राम रहीम को दी थी माफी
अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल तनखैया करार:अकाल तख्त ने दी धार्मिक सजा, जत्थेदार बोले- गुनाहों की माफी मांगें, राम रहीम को दी थी माफी पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल को धार्मिक सजा सुना दी गई है। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर को तनखैया करार दे दिया है। सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने का आरोप लगा था। ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा- ”अकाली दल प्रधान और डिप्टी सीएम रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप को अकसर को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ। 2007 से 2017 वाले सिख कैबिनेट मंत्री भी अपना स्पष्टीकरण दें।” अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि सुखबीर बादल एक साधारण सिख की तरह अकाल तख्त पर आकर अपने गुनाहों की माफी मांगें। सुखबीर बादल 15 दिन के भीतर अकाल तख्त पर पेश हों। अकाली दल के प्रवक्ता विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि अब सुखबीर बादल अकाल तख्त में पेश होंगे। उसके बाद उन्हें गुनाह बताए जाएंगे, जिस पर सुखबीर बादल अपना पक्ष रखेंगे। बैठक से पहले अकाली दल ने बनाया कार्यकारी प्रधान
अकाली दल ने पांचों तख्तों की बैठक से पहले ही बीते दिन बलविंदर सिंह भूंदड़ को कार्यकारी प्रधान नियुक्त कर दिया। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बगावत झेल रहे अकाली दल ने ये निर्णय संवेदनशीलता को देखते हुए लिया है। कई सिख जत्थेबंदियों ने श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचकर सुखबीर बादल के इस्तीफे की मांग की थी। कार्यकारी प्रधान नियुक्त किए गए बलविंदर सिंह भूंदड़ बादल परिवार के करीबी रहे हैं। अब सिलसिलेवार पढ़िए पूरा मामला…. अकाली दल के बागी गुट ने सौंपा था माफीनामा
अकाली दल का बागी गुट 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त पहुंचा था। इस दौरान यहां जत्थेदार को माफीनामा दिया था। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों पर माफी मांगी गई। जिसमें डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने की गलती मानी गई है। 2015 में फरीदकोट के बरगाड़ी में बेअदबी की सही जांच न होने के लिए भी माफी मांगी गई। वहीं IPS अधिकारी सुमेध सैनी को DGP बनाने और मुहम्मद इजहार आलम की पत्नी को टिकट देने की भी गलती मानी गई। बागी गुट के अकाल तख्त को सौंपे माफीनामे में कबूली 4 गलतियां… 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत: 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने दसवें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचाया था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में SAD सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी: श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी को ध्यान में रखते हुए इस फैसले से पीछे हटना पड़ा। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई: 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। शिरोमणि अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में सफल नहीं हुए। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ: SAD सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया था। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पुलिसकर्मी इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। बताना चाहते हैं कि 2012 में बनी SAD सरकार और पिछली अकाली सरकारों ने भी राज्य में झूठे पुलिस मुठभेड़ों की निष्पक्ष जांच करने और पीड़ितों को राहत देने के लिए एक आयोग बनाकर लोगों से किए वादे विफल रहे। 14 जुलाई को स्पष्टीकरण मांगा, 24 को बंद लिफाफे में जवाब दिया
इसके बाद 14 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पर पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक हुई। जिसमें 15 दिन के अंदर सुखबीर बादल से स्पष्टीकरण मांगा गया था। इसके बाद 24 जुलाई को सुखबीर बादल ने बंद लिफाफे में श्री अकाल तख्त साहिब को स्पष्टीकरण दिया था। ये दिया था स्पष्टीकरण…
सुखबीर बादल ने लिखा था कि पंजाब का प्रशासनिक मुखिया होने के नाते मुझे इस तरह की अप्रत्याशित घटनाओं के बारे में पूरी जानकारी है। मैंने सौंपे गए कर्तव्यों का पूरी लगन और परिश्रम से पालन करने की कोशिश की है, लेकिन अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करते समय कभी-कभी कुछ ऐसा हो जाता है, जो अचानक घटित होता है। इससे आपका मन गहरी पीड़ा से गुजरता है और आप आत्मिक रूप से परेशान हो जाते हैं। इस मामले में हमारी पश्चाताप की भावना प्रबल है। ऐसे समय में वे आंतरिक पीड़ा से भी गुजर रहे हैं, ऐसी भावना के साथ, वे गुरु को नमन कर रहे हैं और प्रार्थना कर रहे हैं कि गुरु साहब शक्ति और दया प्रदान करें।
पंजाब में आज से एक्टिव होगे राघव चड्ढा:लुधियाना और खन्ना में करेंगे रोड शो, जनसभा कर मांगेगे वोट, लोगों से होंगे रुबरु
पंजाब में आज से एक्टिव होगे राघव चड्ढा:लुधियाना और खन्ना में करेंगे रोड शो, जनसभा कर मांगेगे वोट, लोगों से होंगे रुबरु पंजाब में आज से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा लोकसभा चुनाव प्रचार में एक्टिव हो रहे है। चड्ढा आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार करेंगे। चड्ढा आज दोपहर 1 बजे के बाद रोड शो और जनसभाओं को संबोधित करना शुरू करेंगे। वह सबसे पहले साहनेवाल दीप कालोनी, ढंडारी खुर्द फोक प्वाइंट पर पहुंचेंगे। यहां से वह विधानसभा हलका पायल के एसबीएस नगर में लोगों से रूबरू होंगे। शाम 4 बजे खन्ना के कृष्णा नगर में चड्ढा जनसभा को संबोधित करेंगे। चड्ढा आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी लोकसभा हलका श्री फतेहगढ़ साहिब से गुरप्रीत सिंह जी.पी और लुधियाना से अशोक पराशर पप्पी के लिए लोगों का समर्थन मांगेंगे। राघव चड्ढा: सीए से सियासत तक 31 साल के राघव ने दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से पढ़ाई की। इसके बाद उनका दाखिला लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में हो गया। यहां से वे चार्टर्ड अकाउंटेंट बनकर निकले। 2012 में कुछ दिनों के लिए देश लौटे तो अरविंद केजरीवाल से मुलाकात हुई। यहीं से सियासी सफर की नींव पड़ी। राघव का सपना भारतीय सेना में शामिल होना था। 2019 लोकसभा चुनाव में राघव दक्षिण दिल्ली आप प्रत्याशी थे। उनके सामने भाजपा के रमेश बिधूड़ी और कांग्रेस के बॉक्सर बिजेंदर सिंह मैदान में थे। बिधूड़ी ने सीट जीती। राघव दूसरे स्थान पर रहे। वे आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता और अब राज्यसभा के सांसद भी है।
पंजाब के धूरी में नए क्रिमिनल कानून में पहली FIR:चोरी के केस में कार्रवाई; 20 हजार मुलाजिमों को ट्रेनिंग दी
पंजाब के धूरी में नए क्रिमिनल कानून में पहली FIR:चोरी के केस में कार्रवाई; 20 हजार मुलाजिमों को ट्रेनिंग दी पंजाब के संगरूर जिले में स्थित सदर धूरी थाने में आज नए आपराधिक कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत पहला मामला मामला दर्ज किया गया है। जो कि (303) चोरी का है। इसकी जांच नए कानून के तहत होगी। पंजाब के आईजी हेडक्वार्टर सुखचैन सिंह गिल ने किया है। उन्होंने बताया कि अब नए कानून के मुताबिक ही सारे केस दर्ज किए जाएंगे। पहले दिन पूरे पंजाब में कितने केस दर्ज किए गए, इसकी जल्दी ही जानकारी शेयर की जाएगी। मुलाजिमों की लगातार चल रही है ट्रेनिंग आईजी ने बताया कि नए कानूनों को अच्छे तरीके से लागू करने के लिए पंजाब पुलिस ने पूरी तैयारी की हुई है। अब तक 20 हजार पुलिस मुलाजिमों व अधिकारियों को नए कानूनों के मुताबिक ट्रेनिंग देने का काम पूरा हो चुका है। जबकि शेष रहते मुलाजिमों को नए कानूनों की ट्रेनिंग दी जा रही है। ट्रेनिंग पंजाब पुलिस की अकादमियों में दी जा रही है। उन्होंने बताया कि इसके अन्य सारी तैयारियां भी पूरी कर ली गई है। नई कानूनों में कई प्रावधान तीन नए कानूनों में कई प्रावधान हैं। इसमें जैसे ई एफआईआर, घटना स्थल से वीडियो ऑडियो रिकॉर्डिंग सुविधा व ई समन भेजना जैसी सुविधाएं हैं। जिससे कि आम लोगों को काफी फायदा होगा। याद रहे कि कुछ समय से पंजाब पुलिस नए कानूनों को लागू करने के लिए जुटी थी। हालांकि पुराने कानून अंग्रेजों के जमाने के थे।