<p style=”text-align: justify;”><strong>Sirohi News:</strong> सिरोही जिले में फर्जी टीएसपी (अनुसूचित क्षेत्र) और दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल करने वालों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इस गंभीर मामले को लेकर आबूरोड़ निवासी ताराराम परिहार ने राजस्थान के डिप्टी सीएम डॉ. प्रेम चंद बैरवा (Prem Chand Bairwa) को शिकायती पत्र सौंपकर कठोर कार्रवाई की मांग की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>डिप्टी सीएम के 13 अप्रैल को आबूरोड़ दौरे के दौरान परिहार ने लिखित शिकायत देकर कहा कि आबूरोड़ तहसील और पिण्डवाड़ा उपखण्ड का कुछ हिस्सा अनुसूचित क्षेत्र में आता है, जबकि पूरा आबूरोड़ उपखण्ड वर्ष 2018 में टीएसपी क्षेत्र में शामिल किया गया. टीएसपी प्रमाण पत्र के लिए 1970 से पूर्व के निर्वाचन अभिलेख, भू-अभिलेख व अन्य विश्वसनीय दस्तावेज जरूरी होते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिव्यांग प्रमाण पत्रों का दुरुपयोग कर पाई नौकरी- शिकायतकर्ता</strong><br />शिकायतकर्ता का आरोप है कि अनेक कर्मचारियों ने कुटरचित दस्तावेज तैयार कर सरकारी नौकरियां हासिल की हैं. वहीं, 2015 से 2024 के बीच कई लोगों ने खुद को 50% से अधिक दिव्यांग दिखाकर स्वास्थ्य विभाग को गुमराह किया, जबकि वे वास्तव में आंख, कान या हाथ से दिव्यांग नहीं थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>परिहार ने डिप्टी सीएम से मांग की है कि उच्च स्तरीय समिति बनाकर निष्पक्ष जांच करवाई जाए ताकि असली हकदारों को न्याय मिल सके. उन्होंने यह भी बताया कि इससे पहले वर्तमान मुख्यमंत्री को भी इस विषय पर अवगत कराया गया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शिकायतकर्ता ने दी जन आंदोलन की चेतावनी</strong><br />शिकायत में चेतावनी दी गई है कि यदि इस बार भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो आमजन को साथ लेकर जन आंदोलन किया जाएगा. शिकायतकर्ता का दावा है कि यदि गंभीरता से जांच की जाए तो एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है और कई लोग बेनकाब हो सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राजस्थान में हाल ही में SI भर्ती घोटाले पर SOG की कार्रवाई से पहले ही हड़कंप मचा हुआ है, ऐसे में यह मामला भी सरकार और जांच एजेंसियों के लिए एक और चुनौती बन सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तुषार पुरोहित की रिपोर्ट</strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Sirohi News:</strong> सिरोही जिले में फर्जी टीएसपी (अनुसूचित क्षेत्र) और दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल करने वालों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इस गंभीर मामले को लेकर आबूरोड़ निवासी ताराराम परिहार ने राजस्थान के डिप्टी सीएम डॉ. प्रेम चंद बैरवा (Prem Chand Bairwa) को शिकायती पत्र सौंपकर कठोर कार्रवाई की मांग की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>डिप्टी सीएम के 13 अप्रैल को आबूरोड़ दौरे के दौरान परिहार ने लिखित शिकायत देकर कहा कि आबूरोड़ तहसील और पिण्डवाड़ा उपखण्ड का कुछ हिस्सा अनुसूचित क्षेत्र में आता है, जबकि पूरा आबूरोड़ उपखण्ड वर्ष 2018 में टीएसपी क्षेत्र में शामिल किया गया. टीएसपी प्रमाण पत्र के लिए 1970 से पूर्व के निर्वाचन अभिलेख, भू-अभिलेख व अन्य विश्वसनीय दस्तावेज जरूरी होते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिव्यांग प्रमाण पत्रों का दुरुपयोग कर पाई नौकरी- शिकायतकर्ता</strong><br />शिकायतकर्ता का आरोप है कि अनेक कर्मचारियों ने कुटरचित दस्तावेज तैयार कर सरकारी नौकरियां हासिल की हैं. वहीं, 2015 से 2024 के बीच कई लोगों ने खुद को 50% से अधिक दिव्यांग दिखाकर स्वास्थ्य विभाग को गुमराह किया, जबकि वे वास्तव में आंख, कान या हाथ से दिव्यांग नहीं थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>परिहार ने डिप्टी सीएम से मांग की है कि उच्च स्तरीय समिति बनाकर निष्पक्ष जांच करवाई जाए ताकि असली हकदारों को न्याय मिल सके. उन्होंने यह भी बताया कि इससे पहले वर्तमान मुख्यमंत्री को भी इस विषय पर अवगत कराया गया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शिकायतकर्ता ने दी जन आंदोलन की चेतावनी</strong><br />शिकायत में चेतावनी दी गई है कि यदि इस बार भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो आमजन को साथ लेकर जन आंदोलन किया जाएगा. शिकायतकर्ता का दावा है कि यदि गंभीरता से जांच की जाए तो एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है और कई लोग बेनकाब हो सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राजस्थान में हाल ही में SI भर्ती घोटाले पर SOG की कार्रवाई से पहले ही हड़कंप मचा हुआ है, ऐसे में यह मामला भी सरकार और जांच एजेंसियों के लिए एक और चुनौती बन सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तुषार पुरोहित की रिपोर्ट</strong></p> राजस्थान 3831 करोड़ की लागत से बने जेपी गंगा पथ पुल में आई दरार, 2 दिन पहले ही CM नीतीश ने किया था उद्घाटन
Rajasthan: फर्जी प्रमाणपत्र से नौकरी, अब होगी सख्त कार्रवाई! डिप्टी CM से शिकायत, आंदोलन की तैयारी
