<p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan Diwas 2025:</strong> देश के सबसे बड़े और सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक राजस्थान का आज (रविवार, 30 मार्च) को स्थापना दिवस है. 30 मार्च 1949 को राजस्थान अस्तित्व में आया. रियासतों वाले राज्य से राजस्थान बनने का सफर बड़ा दिलचस्प है. दरअसल, राजस्थान की स्थापना की कहानी शुरू होती है 3 जून 1947 से, जब भारत के विभाज का ऐलान हुआ था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>भारतीय स्वंतत्रता अधिनियम 1947 के 8वें अनुच्छेद में यह प्रावधान किया गया कि देश क रियासतें आजादी के बाद भारत या पाकिस्तान में से किसी भी देश के साथ जा सकती हैं. उस समय राजस्थान में 19 रियासतें हुआ करती थीं. यानी हर राजा को अपनी रियासत का फैसला खुद से लेना था. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भारत में विलय के लिए दो शर्तें</strong><br />विभाजन के बाद 5 जुलाई 1947 को भारत में रियासत सचिवालय की स्थापना हुई और सरदार वल्लभ भाई पटेल इसके अध्यक्ष बने. उन्होंने भारत में शामिल होने के लिए देश भर की रियासतों के सामने दो शर्ते रखीं. पहली तो ये कि उनकी रियासत में जनसंख्या 10 लाख पार होनी चाहिए. दूसरी शर्त यह कि रियासत की वार्षिक आय एक करोड़ रुपये से ज्यादा होनी चाहिए. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चार विरासतें पूरी कर सकती थीं शर्त</strong><br />अब राजस्थान की 19 में से केवल चार रियासतें ऐसी थीं, जो सचिवालय की शर्तों को पूरा कर सकती थीं. ये थीं- जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और बीकानेर. 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ और फिर रियासतों का विलय शुरू हो गया. डूंगरपुर, जोधपुर, अलवर, और भरतपुर ने आजाद रहने का फैसला किया. वहीं, बीकानेर, कोटा और उदयपुर ने भारत के साथ विलय करने की बात कही.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ऐसे बना राजस्थान</strong><br />ऐसे में देश को आजादी तो मिल गई, लेकिन राजस्थान अभी भी रियासतों में ही बंटा था. अब इन रियासतों को इकट्ठा करना एक लंबा प्रोसेस बना. साल 1948 से लेकर 1956 तक सात चरणों में रियासतों का एकीकरण होता रहा. काफी समय लगने के बाद 30 मार्च 1949 को एक नया राज्य अस्तित्व में आया, जिसे आज हम राजस्थान कहते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”> </p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan Diwas 2025:</strong> देश के सबसे बड़े और सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक राजस्थान का आज (रविवार, 30 मार्च) को स्थापना दिवस है. 30 मार्च 1949 को राजस्थान अस्तित्व में आया. रियासतों वाले राज्य से राजस्थान बनने का सफर बड़ा दिलचस्प है. दरअसल, राजस्थान की स्थापना की कहानी शुरू होती है 3 जून 1947 से, जब भारत के विभाज का ऐलान हुआ था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>भारतीय स्वंतत्रता अधिनियम 1947 के 8वें अनुच्छेद में यह प्रावधान किया गया कि देश क रियासतें आजादी के बाद भारत या पाकिस्तान में से किसी भी देश के साथ जा सकती हैं. उस समय राजस्थान में 19 रियासतें हुआ करती थीं. यानी हर राजा को अपनी रियासत का फैसला खुद से लेना था. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भारत में विलय के लिए दो शर्तें</strong><br />विभाजन के बाद 5 जुलाई 1947 को भारत में रियासत सचिवालय की स्थापना हुई और सरदार वल्लभ भाई पटेल इसके अध्यक्ष बने. उन्होंने भारत में शामिल होने के लिए देश भर की रियासतों के सामने दो शर्ते रखीं. पहली तो ये कि उनकी रियासत में जनसंख्या 10 लाख पार होनी चाहिए. दूसरी शर्त यह कि रियासत की वार्षिक आय एक करोड़ रुपये से ज्यादा होनी चाहिए. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चार विरासतें पूरी कर सकती थीं शर्त</strong><br />अब राजस्थान की 19 में से केवल चार रियासतें ऐसी थीं, जो सचिवालय की शर्तों को पूरा कर सकती थीं. ये थीं- जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और बीकानेर. 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ और फिर रियासतों का विलय शुरू हो गया. डूंगरपुर, जोधपुर, अलवर, और भरतपुर ने आजाद रहने का फैसला किया. वहीं, बीकानेर, कोटा और उदयपुर ने भारत के साथ विलय करने की बात कही.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ऐसे बना राजस्थान</strong><br />ऐसे में देश को आजादी तो मिल गई, लेकिन राजस्थान अभी भी रियासतों में ही बंटा था. अब इन रियासतों को इकट्ठा करना एक लंबा प्रोसेस बना. साल 1948 से लेकर 1956 तक सात चरणों में रियासतों का एकीकरण होता रहा. काफी समय लगने के बाद 30 मार्च 1949 को एक नया राज्य अस्तित्व में आया, जिसे आज हम राजस्थान कहते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”> </p> राजस्थान मोतिहारी में फर्जी नौकरी रैकेट का भंडाफोड़, 400 युवकों को बनाया बंधक, 5 गिरफ्तार
Rajasthan Diwas 2025: 19 रियासतें मिलकर कैसे बनीं देश का सबसे बड़ा राज्य ‘राजस्थान’, दिलचस्प है कहानी
