पंजाब के केंद्र सरकार द्वारा रोके गए रुलर डेवलपमेंट फंड (RDF) का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। इस मामले में आज सोमवार को सुनवाई होगी। इस दौरान पंजाब सरकार अपना पक्ष रखेगी। हालांकि पंजाब सरकार का पहले दिन से कहना है कि केंद्र सरकार जानबूझकर फंड रोक रही है। सारा काम नियमों के मुताबिक किया जा रहा है। उनकी तरफ से अपने एक्ट में संशोधन तक किया गया है। 66 हजार किमी सड़कों का मामला लटका RDF इश्यू को लेकर केंद्र और पंजाब सरकार में कई बार विवाद हुआ है। पंजाब सरकार के विधायकों का तर्क है कि केंद्र सरकार ने पहले किसानों के लिए 3 कृषि कानून लागू किए थे। लेकिन जब किसानों के संघर्ष के चलते सरकार इसमें कामयाब नहीं हो पाई तो यह चाल चली गई। केंद्र की तरफ से करीब 6700 करोड़ रुपए का फंड रोका गया। क्योंकि RDF का सारा पैसा गांवों के लिए खर्च होता है। उससे ग्रामीण एरिया की 66 हजार किलोमीटर सड़क बनाई जानी थी। लेकिन जानबूझकर ऐसा किया गया। उन्होंने कहा कि पंजाब के खिलाफ जानबूझकर साजिश रची जा रही है। मंडी बोर्ड को तबाह किया जा रहा है। राज्यसभा में उठ चुका है मुद्दा पंजाब के करोड़ों रुपए का फंड रोके जाने का मुद्दा सांसद राघव चड्ढा की तरफ से राज्यसभा में उठाया गया था। चड्ढा ने कहा था कि केंद्र ने RDF के तहत 5600 करोड़, मंडी बोर्ड के तहत 1100 करोड़, नेशनल हेल्थ मिशन के 1100 करोड़, समग्र शिक्षा अभियान के 180 करोड़ और कैपिटल क्रिएशन के तहत 1800 करोड़ रुपए के फंड रोक रखे हैं। पंजाब के केंद्र सरकार द्वारा रोके गए रुलर डेवलपमेंट फंड (RDF) का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। इस मामले में आज सोमवार को सुनवाई होगी। इस दौरान पंजाब सरकार अपना पक्ष रखेगी। हालांकि पंजाब सरकार का पहले दिन से कहना है कि केंद्र सरकार जानबूझकर फंड रोक रही है। सारा काम नियमों के मुताबिक किया जा रहा है। उनकी तरफ से अपने एक्ट में संशोधन तक किया गया है। 66 हजार किमी सड़कों का मामला लटका RDF इश्यू को लेकर केंद्र और पंजाब सरकार में कई बार विवाद हुआ है। पंजाब सरकार के विधायकों का तर्क है कि केंद्र सरकार ने पहले किसानों के लिए 3 कृषि कानून लागू किए थे। लेकिन जब किसानों के संघर्ष के चलते सरकार इसमें कामयाब नहीं हो पाई तो यह चाल चली गई। केंद्र की तरफ से करीब 6700 करोड़ रुपए का फंड रोका गया। क्योंकि RDF का सारा पैसा गांवों के लिए खर्च होता है। उससे ग्रामीण एरिया की 66 हजार किलोमीटर सड़क बनाई जानी थी। लेकिन जानबूझकर ऐसा किया गया। उन्होंने कहा कि पंजाब के खिलाफ जानबूझकर साजिश रची जा रही है। मंडी बोर्ड को तबाह किया जा रहा है। राज्यसभा में उठ चुका है मुद्दा पंजाब के करोड़ों रुपए का फंड रोके जाने का मुद्दा सांसद राघव चड्ढा की तरफ से राज्यसभा में उठाया गया था। चड्ढा ने कहा था कि केंद्र ने RDF के तहत 5600 करोड़, मंडी बोर्ड के तहत 1100 करोड़, नेशनल हेल्थ मिशन के 1100 करोड़, समग्र शिक्षा अभियान के 180 करोड़ और कैपिटल क्रिएशन के तहत 1800 करोड़ रुपए के फंड रोक रखे हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में नामांकन वापसी का आखिरी दिन:4 विधानसभा सीटों पर होने हैं उपचुनाव, शाम को जारी होंगे चुनाव चिन्ह पंजाब की चार विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए नामांकन वापस लेने का आज (बुधवार) आखिरी दिन है। उम्मीदवार दोपहर 3 बजे तक चुनाव कार्यालय पहुंचकर अपना नामांकन वापस ले सकेंगे। अभी तक 48 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। इसके बाद जो उम्मीदवार बचेंगे उन्हें चुनाव आयोग की ओर से चुनाव चिन्ह आवंटित किए जाएंगे। राज्य की बरनाला, डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल और गिद्दड़बाहा विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। क्योंकि इन सीटों के विधायक अब सांसद बन चुके हैं। ऐसे में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद चुनाव आयोग की ओर से इन सीटों पर उपचुनाव की घोषणा की गई है। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि जो लोग सांसद बन चुके हैं। उनके करीबी या परिवार के सदस्य इस बार चुनावी मैदान में हैं। गिद्दड़बाहा सीट से सांसद बने अमरिंदर सिंह राजा वडिंग की पत्नी कांग्रेस की टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। इसी तरह डेरा बाबा नानक से सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा की पत्नी जतिंदर कौर और चब्बेवाल से सांसद डॉ. राज कुमार चब्बेवाल के बेटे इंशाक चब्बेवाल भी मैदान में हैं। जहां तक इन चारों सीटों का सवाल है तो बरनाला सीट को छोड़कर बाकी सभी सीटें पहले कांग्रेस के कब्जे में थीं। चार सीटों पर उम्मीदवारों की सूची बरनाला हरिंदर सिंह धालीवाल -आप कुलदीप सिंह काका ढिल्लों – कांग्रेस केवल सिंह ढिल्लो – बीजेपी गोबिंद सिंह संधू – शिरोमणि अकाली दल अमृतसर जय राम – RSP यादविंदर सिंह -AKP सरदूल सिंह -निर्दलीय सुखचैन सिंह -निर्दलीय गुरदीप सिंह बाठ -निर्दलीय गुरप्रीत सिंह -निर्दलीय जगमोहन सिंह – निर्दलीय तरसेम सिंह – निर्दलीय पप्पू कुमार – निर्दलीय बग्गा सिंह – निर्दलीय राजू – निर्दलीय डेरा बाबा नानक गुरदीप सिंह – AAP जतिंदर कौर – कांग्रेस रविकरण सिंह काहलों – बीजेपी अयुब मसीह – RSP लखविंदर सिंह – शिरोमणि अकाली दल अमृतसर बावा सिंह – निर्दलीय प्रेम चंद – निर्दलीय रंजीत सिंह – निर्दलीय रेशम सिंह – निर्दलीय सुखमीत सिंह – निर्दलीय कुलवीर सिंह -निर्दलीय लखवीर सिंह -निर्दलीय चब्बेवाल इशांक चब्बेवाल – AAP सोहन सिंह – भाजपा रनजीत कुमार – कांग्रेस दविंदर कुमार – SBM रोहित कुमार – निर्दलीय दविंदर सिंह – निर्दलीय गिद्दड़बाहा अमृता वड़िंग – कांग्रेस हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों – AAP मनप्रीत सिंह बादल – बीजेपी सुख राजन सिंह – शिरोमणि अकाली दल अमृतसर टेक चंद सूबेदार – RLP प्रताप चंद – निर्दलीय सुरजीत सिंह – निर्दलीय जस्सा सिंह – निर्दलीय सुखदेव सिंह – निर्दलीय लक्षमन सिंह – निर्दलीय गुरदीप सिंह – निर्दलीय रघबीर सिंह – निर्दलीय नरेंद्र सिंह – निर्दलीय अमर नाथ – निर्दलीय
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लुधियाना में डिलीवरी बॉय की हत्या:सामान देने जा रहा था, रास्ते में लूटपाट, बदमाशों ने सिर पर किया वार, अस्पताल में मौत पंजाब के लुधियाना में जोमैटो डिलीवरी बॉय की हत्या कर दी गई। घटना दो दिन पहले की है। बताया जा रहा है कि 4 जुलाई की रात को जब जोमैटो कंपनी का डिलीवरी बॉय डिलीवरी करने जा रहा था, तो रास्ते में कुछ बदमाशों ने उसे रोककर उसकी बाइक छीन ली और फिर लूटपाट करने लगे। बदमाशों का विरोध करते हुए डिलीवरी बॉय ने बदमाशों से हाथापाई की। इस हाथापाई के दौरान बदमाशों ने उसके सिर पर धारदार हथियार से हमला कर दिया, जिससे वह लहूलुहान होकर सड़क पर गिर पड़ा और अधमरा हो गया। राहगीरों ने उसे उठाकर सिविल अस्पताल पहुंचाया। घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाला जा रहा है। डिलीवरी बॉय को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया जोमैटो के डिलीवरी बॉय को लुधियाना के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसका नाम राजेश कुमार बताया जा रहा है जो आरती चौक के पास रहता है। घटना लुधियाना के टिब्बा रोड की बताई जा रही है, जो रात करीब 1 बजे हुई। उसकी हालत इतनी गंभीर थी कि आज उसकी मौत हो गई। घटना के बाद अन्य डिलीवरी बॉय में डर घटना के बाद जोमैटो, स्विगी जैसी कंपनियों के डिलीवरी बॉय में डर का माहौल है। उनका कहना है कि लुधियाना में रात के समय डिलीवरी देना खतरे से खाली नहीं है। अक्सर सुनसान इलाकों में बदमाश लूटपाट और स्नैचिंग जैसी वारदातों को अंजाम देते हैं। उन्होंने पुलिस कमिश्नर से मांग की है कि रात के समय शहर में गश्त बढ़ाई जाए। सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है वीडियो सोशल मीडिया पर भी वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें जोमैटो बॉय राजेश कुमार सड़क पर अधमरा पड़ा है और उसके सिर से लगातार खून बह रहा है।
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पंजाब में ट्रिपल मर्डर के बाद सुसाइड:अकाली नेता ने मां-बेटी और पालतू कुत्ते को गोली मारी; पत्नी के बाहर जाते ही वारदात पंजाब में अकाली नेता कुलवीर सिंह मान ने अपनी मां और बेटी की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद उन्होंने खुद को भी गोली मार ली। यह घटना उस समय हुई जब उनकी पत्नी रोजाना की तरह शाम को दूध लेने चली गई। उसके बाद मान ने अपनी रिवाल्वर से वारदात को अंजाम दिया। घटना बरनाला की राम राज्य कॉलोनी में शनिवार शाम की है। मृतकों की पहचान कुलवीर सिंह मान, उनकी मां बलवंत कौर और बेटी निमरत कौर के रूप में हुई है। गोलियों की आवाज सुन उनका पालतू कुत्ता जब भौंकने लगा तो कुलवीर ने मरने से पहले कुत्ते को भी गोली मार दी थी। वारदात के बाद के PHOTOS… आधे घंटे के बीच दिया वारदात को अंजाम
अकाली नेता कुलवीर मान ने ये सारी वारदात आधे घंटे के बीच की। उनकी पत्नी रमनदीप कौर कुत्ते के लिए दूध लेने गई थी। जब आधे घंटे बाद वह घर लौटी तो एकदम उनके होश उड़ गए। उन्होंने देखा कि चार लाशें घर में बिखरी पड़ी हैं। रोने-चीखने की आवाज सुनकर पड़ोसी पहुंचे
घर में एक साथ चार लाशें देख रमनदीप कौर रोने-चिल्लाने लगी। उनकी आवाज सुनकर राम राज्य कॉलोनी के लोग पहुंचे और पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलने के बाद पुलिस पहुंची और जांच शुरू की। कनाडा से आई बेटी पर दागी 6 गोलियां
कुलवीर मान ने सबसे ज्यादा गोलियां अपनी 21 वर्षीय बेटी निमरत कौर पर दागीं। वह कुछ समय पहले कनाडा से अपने माता-पिता के साथ छुट्टियां काटने आई थी। कुलवीर ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से 3 गोलियां बेटी पर चलाईं। फिर बुजुर्ग मां पर 2 और कुत्ते को एक गोली मारकर उसका जीवन समाप्त कर डाला। अकाली नेता रहे हैं मान
कुलवीर मान अकाली नेता रहे हैं। बरनाला से अकाली दल के इंचार्ज कुलवंत सिंह कीतू से उनका गहरा नाता भी है। कुलवीर मान यूथ अकाली नेता के तौर पर शहर में सेवा दे चुके हैं। इसके अलावा मान काफी समय तक बाबा काला माहिर स्पोर्ट्स क्लब के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। समाजसेवी के तौर पर मान की शहर में अच्छी छवि थी। अंदर से लॉक किया गेट
कुलवीर ने वारदात से पहले कोठी के गेट को अंदर से लॉक कर लिया था। जब उनकी पत्नी दूध लेकर लौटी तो गेट अंदर से लॉक था। वह बार-बार घंटी बजाकर आवाज देती रही, लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला। तब उसने कॉलोनी के सिक्योरिटी गार्ड की मदद ली। सिक्योरिटी गार्ड राजू ने दीवार फांद कर अंदर से मुख्य दरवाजा खोला। तब रमनदीप कौर अंदर दाखिल हुई। कुछ समय पहले ही खरीदी थी कोठी
कुलवीर मान पहले संघेटा रोड पर बाबा काला माहिर खेल स्टेडियम के पास रहते थे। थोड़े समय पहले ही उन्होंने 2 करोड़ रुपए की खर्च कर शहर के ठीकरीवाला रोड पर राम राज्य कॉलोनी में यह नई कोठी ली थी। उन्होंने कनाडा में रहकर पढ़ाई कर रही अपनी बेटी को भी कनाडा में घर लेकर दिया था। पुलिस बोली- डिप्रेशन में थे मान
बरनाला के DSP सिटी सतवीर सिह बैंस ने बताया है कि पुलिस की अभी तक की जांच में सामने आया है कि कुलवीर सिंह मान डिप्रेशन में थे और इसकी वह दवाई भी ले रहे थे। थोड़े समय पहले ही उन्होंने सर्जरी भी करवाई थी। उन्हें नींद में भी दिक्कत थी। घर में लगे CCTV में वारदात कैद
DSP ने कहा कि घर में लगे CCTV कैमरे में दिख रहा है कि कुलवीर ने पहले अपनी बेटी को मारा। फिर अपनी मां और कुत्ते को मारा। इसके बाद खुद को गोली मारी। शवों को सिविल अस्पताल भेज दिया है। आज उनका पोस्टमॉर्टम होगा। कुलवीर की पत्नी के बयान के बाद पुलिस ने धारा 174 के तहत कार्रवाई शुरू की है।