<p style=”text-align: justify;”><strong>Swati Maliwal Assault Case:</strong> दिल्ली पुलिस ने स्वाति मालीवाल पर हमले के मामले में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार को दस्तावेज की सूची देने के आदेश को रद्द करने की मांग की. जस्टिस विकास महाजन ने दिल्ली पुलिस के वकील से उनकी दलीलों पर एक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा और सुनवाई की अगली तारीख 11 मार्च तय की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली पुलिस ने 29 जनवरी के उस आदेश को चुनौती दी जिसमें तीस हजारी कोर्ट ने मजिस्ट्रेट के उस फैसले के खिलाफ दिल्ली पुलिस की याचिका को खारिज कर दिया था. जिसमें बिभव कुमार को मामले से जुड़े दस्तावेज की लिस्ट देने के लिए कहा गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली पुलिस ने निचली अदालत के आदेश को दी चुनौती </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली सरकार की तरफ से पेश वकील संजय लाओ जो दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश हो रहे थे उन्होंने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि यह आदेश कानून के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले से ही एक अन्य मामले में आरोपियों को मामले से जुड़े दस्तावेजों की लिस्ट देने के मुद्दे पर सुनवाई कर रहा है, इसलिए निचली अदालतों को उसके फैसले का इंतजार करना चाहिए. दिल्ली पुलिस की तरफ से कोर्ट में पेश वकील ने दलील दी कि फिलहाल इस मुद्दे पर कानून दोनों पक्षों में मौजूद है. उन्होंने कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट इस विषय में सहमति जताता है तो दस्तावेज की सूची आरोपी को प्रदान कर दी जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली HC ने मामले में कहा </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली हाई में जस्टिस महाजन ने कहा कई बार ऐसा होता है कि सुप्रीम कोर्ट किसी मुद्दे पर निर्णय लेने में समय लेता है और मामला लंबित बना रहता है. ऐसी स्थिति में हमें वर्तमान में लागू कानून का पालन करना होता है. आप मुझे अपने दलील को मजबूत करने के लिए कुछ ठोस आधार दिखाइए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है पूरा मामला ? </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>विभव कुमार पर 13 मई 2024 को मालीवाल पर हमला करने का आरोप है और फिलहाल वह जमानत पर हैं. तीस हजारी कोर्ट ने 30 जुलाई 2024 को उनके खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया. विभव कुमार के खिलाफ 16 मई 2024 को FIR दर्ज की गई थी. उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के तहत आपराधिक धमकी, किसी महिला पर हमला या उसे बेइज्जत करने के इरादे से बल प्रयोग और हत्या का प्रयास जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं. उनकी जमानत याचिका पहले ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी थी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत दी थी.</p>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/bjp-mla-mohan-singh-bisht-got-furious-during-assembly-session-and-slammed-aap-2896996″>Watch: विधानसभा में AAP विधायकों पर भड़के मोहन सिंह बिष्ट, ‘जिस दिन मैं चेयर पर बैठा ना…'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Swati Maliwal Assault Case:</strong> दिल्ली पुलिस ने स्वाति मालीवाल पर हमले के मामले में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार को दस्तावेज की सूची देने के आदेश को रद्द करने की मांग की. जस्टिस विकास महाजन ने दिल्ली पुलिस के वकील से उनकी दलीलों पर एक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा और सुनवाई की अगली तारीख 11 मार्च तय की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली पुलिस ने 29 जनवरी के उस आदेश को चुनौती दी जिसमें तीस हजारी कोर्ट ने मजिस्ट्रेट के उस फैसले के खिलाफ दिल्ली पुलिस की याचिका को खारिज कर दिया था. जिसमें बिभव कुमार को मामले से जुड़े दस्तावेज की लिस्ट देने के लिए कहा गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली पुलिस ने निचली अदालत के आदेश को दी चुनौती </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली सरकार की तरफ से पेश वकील संजय लाओ जो दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश हो रहे थे उन्होंने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि यह आदेश कानून के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले से ही एक अन्य मामले में आरोपियों को मामले से जुड़े दस्तावेजों की लिस्ट देने के मुद्दे पर सुनवाई कर रहा है, इसलिए निचली अदालतों को उसके फैसले का इंतजार करना चाहिए. दिल्ली पुलिस की तरफ से कोर्ट में पेश वकील ने दलील दी कि फिलहाल इस मुद्दे पर कानून दोनों पक्षों में मौजूद है. उन्होंने कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट इस विषय में सहमति जताता है तो दस्तावेज की सूची आरोपी को प्रदान कर दी जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली HC ने मामले में कहा </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली हाई में जस्टिस महाजन ने कहा कई बार ऐसा होता है कि सुप्रीम कोर्ट किसी मुद्दे पर निर्णय लेने में समय लेता है और मामला लंबित बना रहता है. ऐसी स्थिति में हमें वर्तमान में लागू कानून का पालन करना होता है. आप मुझे अपने दलील को मजबूत करने के लिए कुछ ठोस आधार दिखाइए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है पूरा मामला ? </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>विभव कुमार पर 13 मई 2024 को मालीवाल पर हमला करने का आरोप है और फिलहाल वह जमानत पर हैं. तीस हजारी कोर्ट ने 30 जुलाई 2024 को उनके खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया. विभव कुमार के खिलाफ 16 मई 2024 को FIR दर्ज की गई थी. उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के तहत आपराधिक धमकी, किसी महिला पर हमला या उसे बेइज्जत करने के इरादे से बल प्रयोग और हत्या का प्रयास जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं. उनकी जमानत याचिका पहले ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी थी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत दी थी.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/D3P6ndqkFb0?si=W1ZkPDjFm0WH60yR” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
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