Tej Pratap Yadav: तेज प्रताप यादव को पहले पार्टी से किया दूर अब क्या विधायकी भी छीनेंगे लालू? जानिए

Tej Pratap Yadav: तेज प्रताप यादव को पहले पार्टी से किया दूर अब क्या विधायकी भी छीनेंगे लालू? जानिए

<p style=”text-align: justify;”><strong>Tej Pratap Yadav: </strong><span style=”font-weight: 400;”>सोशल मीडिया पर तेज प्रताप यादव और अनुष्का यादव की तस्वीरें वायरल होने के बाद बिहार की सियासत गरमाई तो लालू ने बेटे को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया. अब सवाल उठने लगा है कि आरजेडी से निकाले जाने के बाद क्या तेज प्रताप यादव की विधायकी भी चली जाएगी? क्या लालू यादव ऐसा कुछ करेंगे? क्या तेज प्रताप यादव विधानसभा के सदस्य आगे भी रहेंगे? जानिए ऐसे कुछ सवालों के जवाब.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>राजनीतिक विशेषज्ञ अरुण कुमार पांडेय का कहना है कि लालू प्रसाद यादव ने एक्स पर पोस्ट कर पार्टी से बेटे को निकालने की घोषणा की है. एक्स पर पोस्ट करने से कोई कार्रवाई नहीं होती है. इसके लिए उन्हें पार्टी में भी लिखित तौर पर देना होगा. साथ ही इसके लिए विधानसभा में लिखकर देना पड़ेगा. अगर वह लिखित देते हैं तो भी तेज प्रताप यादव की सदस्यता नहीं जाएगी.&nbsp;</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दूसरे दल में जाते हैं तब सदस्यता को खतरा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>अरुण पांडेय कहते हैं कि विधानसभा की सदस्यता दल-बदल कानून के तहत खत्म होती है. अगर तेज प्रताप यादव दूसरे दल में शामिल होंगे तब उनकी सदस्यता जाएगी. अन्यथा उनकी सदस्यता बरकरार रहेगी. इसलिए इस कार्यकाल में उनके इस प्रकरण से कोई खतरा नहीं दिख रहा है. बशर्तें वह किसी पार्टी में शामिल नहीं हों.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>तेज प्रताप यादव के इस कारनामे से पार्टी को कितना नुकसान होगा इस पर उन्होंने कहा, “आरजेडी को कोई नुकसान होने होगा. जो एम-वाई समीकरण है वह बरकरार रहेगा. जो भी आरजेडी के वोटर हैं वह लालू के बने हुए हैं. लालू ने एक्स पर पोस्ट करके इसकी जो घोषणा की है उससे उनके वोटर के इरादे और मजबूत हो गए.”&nbsp;</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तेज प्रताप के रवैये से नाराज रहे हैं वोटर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>आगे अरुण पांडेय ने कहा कि तेज प्रताप यादव को आरजेडी के वोटर पहले से भी नहीं चाहते हैं. उनके रवैये से लालू के वोटर पहले से भी नाराज रहे हैं. ऐसे में इसका कोई असर नहीं पड़ने वाला है. उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी तेज प्रताप ने नाराजगी दिखाई थी और कई सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ था. हां अलबत्ता कुछ वोट काटने से जहानाबाद सीट पर थोड़ा असर पड़ा था. विधानसभा चुनाव में इसका कोई असर नहीं दिखने वाला है. उन्होंने कहा कि यह अलग बात है कि प्रतिद्वंदी के लिए बैठे-बिठाए एक बड़ा मुद्दा मिल गया है. वह लालू प्रसाद को घेर सकते हैं.&nbsp;</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/will-tej-pratap-yadav-contest-election-from-hasanpur-seat-in-2025-know-about-contender-from-rjd-ann-2950752″>2025 में क्या तेज प्रताप हसनपुर से लड़ पाएंगे चुनाव? RJD से कौन होगा इस सीट का दावेदार? समझिए</a><br /></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Tej Pratap Yadav: </strong><span style=”font-weight: 400;”>सोशल मीडिया पर तेज प्रताप यादव और अनुष्का यादव की तस्वीरें वायरल होने के बाद बिहार की सियासत गरमाई तो लालू ने बेटे को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया. अब सवाल उठने लगा है कि आरजेडी से निकाले जाने के बाद क्या तेज प्रताप यादव की विधायकी भी चली जाएगी? क्या लालू यादव ऐसा कुछ करेंगे? क्या तेज प्रताप यादव विधानसभा के सदस्य आगे भी रहेंगे? जानिए ऐसे कुछ सवालों के जवाब.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>राजनीतिक विशेषज्ञ अरुण कुमार पांडेय का कहना है कि लालू प्रसाद यादव ने एक्स पर पोस्ट कर पार्टी से बेटे को निकालने की घोषणा की है. एक्स पर पोस्ट करने से कोई कार्रवाई नहीं होती है. इसके लिए उन्हें पार्टी में भी लिखित तौर पर देना होगा. साथ ही इसके लिए विधानसभा में लिखकर देना पड़ेगा. अगर वह लिखित देते हैं तो भी तेज प्रताप यादव की सदस्यता नहीं जाएगी.&nbsp;</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दूसरे दल में जाते हैं तब सदस्यता को खतरा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>अरुण पांडेय कहते हैं कि विधानसभा की सदस्यता दल-बदल कानून के तहत खत्म होती है. अगर तेज प्रताप यादव दूसरे दल में शामिल होंगे तब उनकी सदस्यता जाएगी. अन्यथा उनकी सदस्यता बरकरार रहेगी. इसलिए इस कार्यकाल में उनके इस प्रकरण से कोई खतरा नहीं दिख रहा है. बशर्तें वह किसी पार्टी में शामिल नहीं हों.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>तेज प्रताप यादव के इस कारनामे से पार्टी को कितना नुकसान होगा इस पर उन्होंने कहा, “आरजेडी को कोई नुकसान होने होगा. जो एम-वाई समीकरण है वह बरकरार रहेगा. जो भी आरजेडी के वोटर हैं वह लालू के बने हुए हैं. लालू ने एक्स पर पोस्ट करके इसकी जो घोषणा की है उससे उनके वोटर के इरादे और मजबूत हो गए.”&nbsp;</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तेज प्रताप के रवैये से नाराज रहे हैं वोटर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>आगे अरुण पांडेय ने कहा कि तेज प्रताप यादव को आरजेडी के वोटर पहले से भी नहीं चाहते हैं. उनके रवैये से लालू के वोटर पहले से भी नाराज रहे हैं. ऐसे में इसका कोई असर नहीं पड़ने वाला है. उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी तेज प्रताप ने नाराजगी दिखाई थी और कई सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ था. हां अलबत्ता कुछ वोट काटने से जहानाबाद सीट पर थोड़ा असर पड़ा था. विधानसभा चुनाव में इसका कोई असर नहीं दिखने वाला है. उन्होंने कहा कि यह अलग बात है कि प्रतिद्वंदी के लिए बैठे-बिठाए एक बड़ा मुद्दा मिल गया है. वह लालू प्रसाद को घेर सकते हैं.&nbsp;</span></p>
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