UP News: ‘लोक शिकायतों के निस्तारण से बचते हैं अधिकारी’, पुलिस प्रशासन को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लगाई फटकार

UP News: ‘लोक शिकायतों के निस्तारण से बचते हैं अधिकारी’, पुलिस प्रशासन को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लगाई फटकार

<p id=”tw-target-text” class=”tw-data-text tw-text-large tw-ta” dir=”ltr” style=”text-align: justify;” data-placeholder=”Translation” data-ved=”2ahUKEwjzoIH20OiNAxV44DgGHV8uDqsQ3ewLegQICRAV” aria-label=”Translated text: Allahabad High Court”><strong><span class=”Y2IQFc” lang=”en”>Allahabad High Court on UP Police: </span></strong>इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी पुलिस प्रशासन को फटकार लगाई है. हाई कोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि पुलिस अधिकारी अक्सर जन शिकायतें प्राप्त करने और उनका निस्तारण करने से बचते हैं. न्यायमूर्ति जेजे मुनीर और न्यायमूर्ति अनिल कुमार की पीठ ने कहा कि पुलिस आमतौर पर अपहरण के मामलों में उदासीनता दिखाती है, क्योंकि उन पर कोई व्यक्तिगत जवाबदेही तय नहीं होती. साथ ही कहा कि ये लोग बस शिकायतें लिखने से बचना ही जानते हैं, उन पर कार्यवाही करना नहीं.&nbsp;</p>
<p class=”tw-data-text tw-text-large tw-ta” dir=”ltr” style=”text-align: justify;” data-placeholder=”Translation” data-ved=”2ahUKEwjzoIH20OiNAxV44DgGHV8uDqsQ3ewLegQICRAV” aria-label=”Translated text: Allahabad High Court”><strong> हाई कोर्ट ने क्या दिया आदेश ?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पीठ नितेश कुमार नाम के एक व्यक्ति की रिट याचिका पर मंगलवार को सुनवाई कर रही थी. नितेश ने अपने भाई के लापता होने के संबंध में यह रिट याचिका दाखिल की है और उसका दावा है कि वाराणसी के संबंधित पुलिस अधिकारियों द्वारा उसके भाई का पता नहीं लगाया जा रहा. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और साथ ही वाराणसी के पुलिस आयुक्त से अगली तिथि (12 जून) को या उससे पूर्व व्यक्तिगत हलफनामा पेश कर यह बताने को कहा कि अभी तक अपहृत व्यक्ति को क्यों बरामद नहीं किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कोर्ट ने</strong> <strong>क्या सुझाव दिया ?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पीठ ने कहा कि जवाबदेही की कमी से अक्सर अपह्रत व्यक्ति की हत्या कर दी जाती है. इसको लेकर कोर्ट ने सुझाव भी दिया है कि रिपोर्ट कहां दर्ज करवानी चाहिए.&nbsp; कोर्ट ने सुझाव दिया कि अपह्रत व्यक्ति का यदि तत्काल पता नहीं लगाया जाता और उस व्यक्ति की हत्या कर दी जाती है तो प्रथम दृष्टया इसकी जिम्मेदारी उस पुलिस अधिकारी पर तय की जानी चाहिए जिसके अधिकार क्षेत्र में अपहरण की रिपोर्ट दर्ज की गई है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/kaushambi-news-sit-report-does-not-confirm-rape-of-an-innocent-fake-rape-information-ann-2960135″>कौशांबी के जिस रेप मामले में आरोपी के पिता ने किया सुसाइड, उसमें दुष्कर्म की पुष्टि नहीं</a></strong></p> <p id=”tw-target-text” class=”tw-data-text tw-text-large tw-ta” dir=”ltr” style=”text-align: justify;” data-placeholder=”Translation” data-ved=”2ahUKEwjzoIH20OiNAxV44DgGHV8uDqsQ3ewLegQICRAV” aria-label=”Translated text: Allahabad High Court”><strong><span class=”Y2IQFc” lang=”en”>Allahabad High Court on UP Police: </span></strong>इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी पुलिस प्रशासन को फटकार लगाई है. हाई कोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि पुलिस अधिकारी अक्सर जन शिकायतें प्राप्त करने और उनका निस्तारण करने से बचते हैं. न्यायमूर्ति जेजे मुनीर और न्यायमूर्ति अनिल कुमार की पीठ ने कहा कि पुलिस आमतौर पर अपहरण के मामलों में उदासीनता दिखाती है, क्योंकि उन पर कोई व्यक्तिगत जवाबदेही तय नहीं होती. साथ ही कहा कि ये लोग बस शिकायतें लिखने से बचना ही जानते हैं, उन पर कार्यवाही करना नहीं.&nbsp;</p>
<p class=”tw-data-text tw-text-large tw-ta” dir=”ltr” style=”text-align: justify;” data-placeholder=”Translation” data-ved=”2ahUKEwjzoIH20OiNAxV44DgGHV8uDqsQ3ewLegQICRAV” aria-label=”Translated text: Allahabad High Court”><strong> हाई कोर्ट ने क्या दिया आदेश ?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पीठ नितेश कुमार नाम के एक व्यक्ति की रिट याचिका पर मंगलवार को सुनवाई कर रही थी. नितेश ने अपने भाई के लापता होने के संबंध में यह रिट याचिका दाखिल की है और उसका दावा है कि वाराणसी के संबंधित पुलिस अधिकारियों द्वारा उसके भाई का पता नहीं लगाया जा रहा. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और साथ ही वाराणसी के पुलिस आयुक्त से अगली तिथि (12 जून) को या उससे पूर्व व्यक्तिगत हलफनामा पेश कर यह बताने को कहा कि अभी तक अपहृत व्यक्ति को क्यों बरामद नहीं किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कोर्ट ने</strong> <strong>क्या सुझाव दिया ?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पीठ ने कहा कि जवाबदेही की कमी से अक्सर अपह्रत व्यक्ति की हत्या कर दी जाती है. इसको लेकर कोर्ट ने सुझाव भी दिया है कि रिपोर्ट कहां दर्ज करवानी चाहिए.&nbsp; कोर्ट ने सुझाव दिया कि अपह्रत व्यक्ति का यदि तत्काल पता नहीं लगाया जाता और उस व्यक्ति की हत्या कर दी जाती है तो प्रथम दृष्टया इसकी जिम्मेदारी उस पुलिस अधिकारी पर तय की जानी चाहिए जिसके अधिकार क्षेत्र में अपहरण की रिपोर्ट दर्ज की गई है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/kaushambi-news-sit-report-does-not-confirm-rape-of-an-innocent-fake-rape-information-ann-2960135″>कौशांबी के जिस रेप मामले में आरोपी के पिता ने किया सुसाइड, उसमें दुष्कर्म की पुष्टि नहीं</a></strong></p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Rajasthan: 5 साल के मासूम को स्विमिंग पूल के पास छोड़कर कपड़े बदलने चली गई मां, बच्चे की डूबकर हुई मौत