यूपी-टी 20 लीग में नोएडा किंग्स और काशी रुद्रास ने चौथे दिन खेले गए मैच में जीत दर्ज की। बारिश के चलते मैच पर असर पड़ा। हालांकि खिलाड़ियों में जोश बरकरार रहा। लो स्कोरिंग पिच पर खूब छक्के लगे। दोनों ही मैच में खूब छक्के लगे। काशी की टीम ने 6 छक्के लगाए। जबकि कानपुर की टीम 2 छक्के ही लगा सकी। वहीं लखनऊ फालकंस की ओर से भी 6 छक्के लगे। जबकि नोएडा की टीम 5 छक्के ही लगा सकी।
काशी की ओर से अलमस शौकत ने 4 छक्के और 1 चौका लगाया। कप्तान करण शर्मा ने 1 छक्का, 1 चौका लगाया। कानपुर टीम के अंकुर मलिक ने ही सिर्फ 2 छक्के लगाए। जबकि सबसे ज्यादा 6 चौके समीर रिजवी ने लगाए। लखनऊ फालकंस की ओर से समर्थ सिंह ने 3, कृतज्ञ सिंह ने 2 सिक्सर लगाए। नोएडा की ओर से मोहम्मद शरीन ने 2 छक्के मारे। प्रशांत वीर, बॉबी यादव और प्रियांशु पांडेय ने 1-1 छक्का लगाया। तस्वीरों में देखिए चौथे दिन में मैच के खास पल यूपी-टी 20 लीग में नोएडा किंग्स और काशी रुद्रास ने चौथे दिन खेले गए मैच में जीत दर्ज की। बारिश के चलते मैच पर असर पड़ा। हालांकि खिलाड़ियों में जोश बरकरार रहा। लो स्कोरिंग पिच पर खूब छक्के लगे। दोनों ही मैच में खूब छक्के लगे। काशी की टीम ने 6 छक्के लगाए। जबकि कानपुर की टीम 2 छक्के ही लगा सकी। वहीं लखनऊ फालकंस की ओर से भी 6 छक्के लगे। जबकि नोएडा की टीम 5 छक्के ही लगा सकी।
काशी की ओर से अलमस शौकत ने 4 छक्के और 1 चौका लगाया। कप्तान करण शर्मा ने 1 छक्का, 1 चौका लगाया। कानपुर टीम के अंकुर मलिक ने ही सिर्फ 2 छक्के लगाए। जबकि सबसे ज्यादा 6 चौके समीर रिजवी ने लगाए। लखनऊ फालकंस की ओर से समर्थ सिंह ने 3, कृतज्ञ सिंह ने 2 सिक्सर लगाए। नोएडा की ओर से मोहम्मद शरीन ने 2 छक्के मारे। प्रशांत वीर, बॉबी यादव और प्रियांशु पांडेय ने 1-1 छक्का लगाया। तस्वीरों में देखिए चौथे दिन में मैच के खास पल उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में ग्राम राजस्व अधिकारी-कानूनगो समेत 4 पर FIR:धोखाधड़ी से 2 बुजुर्गों की जमीन तीसरे व्यक्ति के नाम की; 40 लाख मुआवजा हड़पा
हिमाचल में ग्राम राजस्व अधिकारी-कानूनगो समेत 4 पर FIR:धोखाधड़ी से 2 बुजुर्गों की जमीन तीसरे व्यक्ति के नाम की; 40 लाख मुआवजा हड़पा हिमाचल प्रदेश के सोलन में पूर्व में कार्यरत्त ग्राम राजस्व अधिकारी व कानूनगो समेत 4 लोगों के खिलाफ सोलन के सदर थाना में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि इन्होंने धोखाधड़ी से 2 बुजुर्गों की जमीन पर किसी अन्य को मालिक दिखाया और नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) से फोरलेन की एवज में मिलने वाला लाखों रुपए का मुआवजा हड़पा है। सूचना के अनुसार, चंबाघाट के बेर गांव के 2 बुजुर्ग भाईयों की शिकायत पर अदालत के आदेश पर यह मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस इस केस में तेजी से जांच कर आगे बढ़ रही है। बताया जा रहा है कि बेर गांव निवासी 76 व 74 वर्षीय 2 बुजुर्ग भाई राम स्वरूप और महेंद्र शर्मा का गांव के ही गणेश दत्त के साथ जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। राम स्वरूप व महेंद्र शर्मा लोलर कोर्ट में केस हार गए थे। इस मामले में उन्होंने जिला न्यायाधीश सोलन के सामने अपील की। अपर कोर्ट से दोनों भाईयों के पक्ष में फैसला आया। कोर्ट का फैसला आने के 8 साल बाद राम स्वरूप और महेंद्र शर्मा को पता चला कि उनकी जमीन में तो गणेश दत भी सह स्वामी के रूप में अधिकार रखता है। इसके बाद दोनों भाई पटवारी कार्यालय पहुंचे, जहां गणेश दत्त भी भूमि का मालिक था। 40 लाख का मुआवजा हड़पा तब मालूम पड़ा कि इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर गणेश दत्त ने राष्ट्रीय राजमार्ग के तहत आने वाली उनकी जमीन का लगभग 40 लाख रुपए का मुआवजा भी ले लिया है। इसके बाद दोनों भाई कोर्ट गए। कोर्ट के आदेशों पर पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
मुशर्रफ की मां जिस हवेली में दुल्हन बनीं…नीलाम हो रही:पाकिस्तानी पूर्व राष्ट्रपति की बागपत में 2 हेक्टेअर जमीन; लोग बोले- भाई हुमायूं आते रहे
मुशर्रफ की मां जिस हवेली में दुल्हन बनीं…नीलाम हो रही:पाकिस्तानी पूर्व राष्ट्रपति की बागपत में 2 हेक्टेअर जमीन; लोग बोले- भाई हुमायूं आते रहे पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की खानदानी जमीन नीलाम हो रही है। यूपी में बागपत जिले के कोताना गांव में यह जमीन करीब 2 हेक्टेयर है। गांव में मुशर्रफ की पुश्तैनी जमीन के नाम पर खेत और खंडहर बन चुकी हवेली है। गांव के लोग कहते हैं- जमीन के बिकते ही कोताना गांव से मुशर्रफ के खानदान का वजूद खत्म हो जाएगा। उनकी मां जरीन मुशर्रफ 2001 में भारत दौरे पर आई थीं। गांव में आने की इच्छा जताई थी, लेकिन उनके जीते जी पूरी नहीं हुई। उनका निकाह इसी गांव में हुआ था। परवेज मुशर्रफ की खानदानी विरासत को करीब से समझने के लिए दैनिक भास्कर यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर यमुना खादर क्षेत्र के गांव कोताना पहुंचा। पढ़िए रिपोर्ट… 3 सवाल में परवेज की जमीन के पूरा हाल समझिए
बागपत जिले में बड़ौत चौराहे से 10 किलोमीटर पश्चिम दिशा में चलने पर हम कोताना गांव पहुंचे। खेत, पेड़ और छोटी सी पगडंडी के सहारे आगे बढ़ते हुए हम गांव के प्रधान मुकीद के घर पहुंचे। हमने 3 सवाल में पूरी स्थिति समझने की कोशिश की। 1. परवेज मुशर्रफ की जमीनें क्या इसी गांव में हैं? मुकीद- हां, गांव के बाहर लुहारी रोड पर करीब 10 बीघा जमीन है, जो किसी पाकिस्तानी व्यक्ति की थी। वो पाकिस्तान चला गया, इसलिए ये जमीन शत्रु संपत्ति घोषित हो गई। अब इसको नीलाम किया जाना है। 2. क्या परवेज मुशर्रफ कभी गांव आए? मुकीद – मेरी उम्र 70 साल है। मैंने कभी नहीं देखा कि परवेज मुशर्रफ कभी गांव आए हों। उनके पिता के नाम पर कुछ संपत्ति जरूर थी, लेकिन वो भी पहले दिल्ली और फिर पाकिस्तान चले गए थे। 3. इस जमीन की देखरेख कौन करता है? मुकीद – करीब 10 साल पहले तक इस जमीन की देखरेख गांव के बनारसी दास और फिर उनके बेटे करते थे। इसके बाद प्रशासन ने यह जमीन अपने कब्जे में ले ली और बंटाई पर खेती करानी शुरू कर दी। अब प्रशासन इस जमीन को नीलाम कराने जा रहा है। खंडहर हो चुकी पुश्तैनी हवेली
यहां से हम गांव की तंग गलियों से गुजरते हुए कुछ खंडहर इमारतों के पास पहुंचे, जिन्हें परवेज मुशर्रफ के खानदान की पुश्तैनी हवेली बताया जाता है। यहां कुछ टूटी हुई दीवारों के अवशेष थे। इनसे निकल रही ईंटें बता रही थी कि इमारत 200 साल से ज्यादा पुरानी होगी। यहां कुछ बच्चे खेलते हुए मिले। कोई देखरेख नहीं होने से अब इस खंडहर के अवशेष भी धीरे-धीरे खत्म होने की तरफ हैं। गांव के लोग बोले- परवेज के भाई-बहन कई बार आए, वो खुद नहीं आए
इसी खंडहर इमारत के पास रहने वाले कय्यूम से हमने बात की। उन्होंने बताया- परवेज मुशर्रफ के भाई हुमायूं मुशर्रफ थे। हुमायूं, उनकी बहन सुल्ताना, जखिया बेगम गांव कई बार आईं। लेकिन, परवेज मुशर्रफ खुद गांव में कभी नहीं आए। बाद में हुमायूं ने कुछ संपत्ति बेची भी थी। यहां तक गांव के लोगों को जानकारी है। हम उस जमीन पर भी पहुंचे, जिसकी नीलामी होनी है। कोताना गांव के बाहर लुहारी मोड़ पर पहुंचने के बाद हमें बताया गया कि सामने दिखने वाली करीब 2 हेक्टेयर जमीन है। इस जमीन पर एक गुंबदनुमा इमारत खड़ी है, जो अब खंडहर हो चुकी है। वो चारों तरफ झाड़ियों से ढकी है, जो ये दर्शाती है कि इसका अतीत काफी समृद्ध रहा होगा। इस जमीन के बगल वाले खेत में हमें रामपाल नाम के किसान ट्रैक्टर चलाते मिले। हमने उनसे पूछा कि क्या ये जमीन परवेज मुशर्रफ के खानदान की है। इस पर वो बोले- हमें आज तक नहीं पता। कई किसान इस जमीन पर बंटाई पर खेती करते हैं। जमीन से जुड़ी परवेज मुशर्रफ के परिवार की कहानियों को समझने के लिए हम शाहजाद राय रिसर्च इंस्टीट्यूट के फाउंडर डायरेक्टर डॉ. अमित राय जैन के पास पहुंचे। जैन इतिहासकार हैं… मुशर्रफ की मां ने अलीगढ़, लखनऊ का किया था दौरा
परवेज मुशर्रफ का परिवार बंटवारे से पहले भारत में काफी संपन्न था। उनके दादा टैक्स कलेक्टर थे। उनके पिता भी ब्रिटिश हुकूमत में बड़े अफसर थे। मुशर्रफ की मां बेगम जरीन 1940 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ती थीं। 2001 में अपनी भारत यात्रा के दौरान परवेज मुशर्रफ की मां बेगम जरीन मुशर्रफ लखनऊ, दिल्ली और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी गई थीं। शादी के बाद इसी गांव में आई थीं परवेज मुशर्रफ की मां
इतिहासकार डॉ. अमित राय जैन दावे के साथ बताते हैं- परवेज मुशर्रफ का कोताना गांव से सीधा संबंध है। परवेज के पिता मुशर्रफुद्दीन और दादा सहित खानदान के अन्य बुजुर्ग इसी गांव के रहने वाले थे, जहां उनकी पैतृक जमीनें हैं। परवेज मुर्शरफ की मां शादी के बाद कोताना गांव में ही आई थीं। शादी के कुछ साल बाद ही वो लोग दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में नाहर वाली हवेली में किराए पर रहने लगे। हालांकि बाद में उन्होंने वो हवेली खरीद ली थी। 1947 के बाद वो उसको बेचकर पाकिस्तान चले गए। परवेज की मां यहां आना चाहती थीं
परवेज मुशर्रफ से जुड़ा एक संस्मरण याद करते हुए अमित राय जैन बताते हैं- अटल बिहारी वाजपेयी भारत के प्रधानमंत्री थे। साल 2001 में आगरा में शिखर वार्ता हुई थी। इसमें पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ भी अपनी फैमिली के साथ भारत आए थे। इस दौरान वो अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय गए। यहां उनसे कुछ पत्रकारों ने पूछा-आप भारत में और कहां घूमना पंसद करेंगे? तब परवेज मुशर्रफ की मां ने बताया कि बागपत के पास कोताना गांव है। वहां हमारे पूर्वजों की जमीन और हवेली है। हालांकि प्रशासन की निगेटिव रिपोर्ट की वजह से वो गांव नहीं आ पाए थे। बाद में परवेज मुशर्रफ से मेरी फोन पर बातचीत हुई। उन्होंने कोताना गांव के बारे में मुझसे काफी जानकारी ली। मैं एक हिस्टोरियन और स्थानीय नागरिक होने के नाते ये पुष्ट कर सकता हूं कि वो कोताना गांव से जुड़े रहे। इतिहास समझने के बाद हम कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां पर बागपत के अपर जिलाधिकारी पंकज वर्मा से जमीन के बारे में कुछ सवाल किए। पढ़िए उन्होंने क्या-कुछ बताया… कागजों में नुरू के नाम है जमीन
एडीएम पंकज वर्मा की अगुआई में नीलामी प्रक्रिया हो रही है। उन्होंने बताया- कोताना गांव में कुल 8 गाटे हैं, जिनका क्षेत्रफल कुल 2 हेक्टेयर से ज्यादा है। ये संपत्ति साल 2010 में शत्रु संपत्ति घोषित की गई थी। कागजों में ये नुरू की संपत्ति है, जो 1965 के बाद पाकिस्तान चले गए थे। हमारे राजस्व अभिलेख में ये जमीन नुरू के नाम पर है, उनका परवेज मुशर्रफ से कोई लिंक नहीं है। जमीन की बोली लगाने के लिए क्या करें अब कोताना गांव के इतिहास पर आते हैं… अफगानिस्तान से दिल्ली के रास्ते में ये गांव हुआ करता था बिजनेस सेंटर
मेरठ जनपद स्थित सरधना रियासत की महारानी बनी फरजाना उर्फ बेगम समरू इसी गांव कोताना में पैदा हुईं। उन्होंने 1772 से 1836 तक रियासत पर राज किया। सरधना रियासत मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर सहित वेस्टर्न यूपी में फैली थी। ये गांव स्वामी कल्याणदेव का भी है, जिन्होंने वेस्टर्न यूपी और उत्तराखंड में करीब 150 से ज्यादा शिक्षण संस्थान स्थापित किए। स्वामी कल्याणदेव यहां 1876 में पैदा हुए और 129 वर्ष की आयु में उनका 2004 में देहांत हो गया। इस गांव के बारे में ऐसा कहा जाता है कि दिल्ली पर आक्रमण करने के लिए दुश्मनों की टुकड़ियां कोताना के रास्ते ही जाती थीं। कोताना में आज भी कई सौ बरस पुराने खंडहर मौजूद हैं। इतिहासकार अमित राय जैन बताते हैं- कोताना गांव एक वक्त बिजनेस का सेंटर हुआ करता था। उसकी वजह यही थी कि अफगानिस्तान से दिल्ली पहुंचने के लिए यमुना किनारे जिस रास्ते का इस्तेमाल होता था, वो रास्ता कोताना गांव से गुजरता था। तमाम अफगानी परिवार यहां रहे, जो बाद में दूसरी जगहों पर विस्थापित हो गए। 2017 में शत्रु विधेयक संसद में पारित, कई संशोधन भी हुए… यह खबर भी पढ़ें:- योगी बोले-पकड़ न पाएं तो भेड़ियों को गोली मार दें:बहराइच में बच्ची को मारकर दोनों हाथ खा गया; 48 दिन में 8 की जान ले चुका बहराइच में आदमखोर भेड़िए और खूंखार हो गए हैं। रविवार रात 1 बजे मां के बगल में सो रही 3 साल की बच्ची को उठा ले गया। मां चिल्लाकर पीछे भागी, लेकिन पलक झपकते ही भेड़िया गायब हो गया। 2 घंटे बाद बच्ची का शव घर से एक किमी दूर मिला। भेड़िया दोनों हाथ खा चुका था। मासूम का शव देखते ही मां बेहोश होकर गिर गई। पढ़ें पूरी खबर…
Bihar Weather: तेज हवा, बारिश और फिर ठंड, बिहार में दीपावली से पहले ऐसे बदलेगा मौसम, अलर्ट जारी
Bihar Weather: तेज हवा, बारिश और फिर ठंड, बिहार में दीपावली से पहले ऐसे बदलेगा मौसम, अलर्ट जारी <p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar Weather Forecast:</strong> बिहार में मौसम करवट लेने वाला है. 23 अक्टूबर से राजधानी पटना सहित कई जिलों में वर्षा के साथ-साथ तेज हवा चलने की संभावना बन रही है. इसके साथ ही राज्य के तापमान में भी गिरावट होगी और धीरे-धीरे ठंड की शुरुआत हो जाएगी. मौसम विभाग के अनुसार आज (सोमवार) और कल (मंगलवार) राज्य के मौसम में कोई विशेष बदलाव की संभावना नहीं है. उत्तर बिहार के कुछ-कुछ इलाकों में हल्की या मध्यम स्तर की वर्षा दर्ज की जा सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पटना मौसम विभाग की ओर से कहा गया है कि 23 से 26 अक्टूबर तक राज्य में मौसम की गतिविधि में बदलाव होगा. दक्षिणी भाग के अधिसंख्य जिलों में 15 से लेकर 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अनेक भागों में हवा चल सकती है. यानी दीपावली से पहले मौसम में बदलाव की पूरी संभावना बन रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बिहार के मौसम को लेकर आज कोई बड़ी चेतावनी नहीं दी गई है. हालांकि अल सुबह चेतावनी दी गई कि पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर और सीतामढ़ी में सुबह 6 से 7 बजे के बीच हल्की या मध्यम स्तर की वर्षा हो सकती है. ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. इन जिलों में कुछ-कुछ स्थानों पर वज्रपात की संभावना है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी पूर्वी भाग और पश्चिमी मध्य भाग के आसपास समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर ऊपर वायुमंडल में एक चक्रवातीय परिसंचरण बना हुआ है. इसका झुकाव दक्षिण पश्चिम की ओर है. इसके प्रभाव से दो दिनों तक मौसम में कोई परिवर्तन नहीं होगा. उत्तर बिहार के कुछ जिलों में हल्की या बहुत हल्की वर्षा पिछले एक-दो दिनों से हो रही है. आगे भी यही स्थिति बनी रहेगी. यही वजह है कि उत्तर बिहार में तापमान गिरा है लेकिन दक्षिण बिहार में विशेष असर नहीं है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मौसम विभाग की रिपोर्ट में क्या कहा गया?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बीते रविवार को मौसम विभाग की ओर से जारी हुई रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक वर्षा किशनगंज के टेढ़ागाछ में (18.8 मिलीमीटर) में हुई है. वहीं पश्चिम चंपारण में 15.6 मिली मीटर के साथ मध्यम स्तर की वर्षा हुई है. सुपौल में 8 मिलीमीटर और सीतामढ़ी में 5 मिलीमीटर के साथ हल्की वर्षा दर्ज की गई है. सबसे अधिक तापमान गोपालगंज में 34.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. पटना में 0.6 डिग्री की बढ़ोतरी के साथ अधिकतम तापमान 33.1 डिग्री रहा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/kajal-raghwani-serious-allegation-against-khesari-lal-yadav-objectionable-videos-photos-2807570″>विवादों में बिहार के ‘हिट मशीन’! काजल राघवानी का खेसारी पर गंभीर आरोप, कहा- ‘मैंने आपत्तिजनक…'</a></strong></p>