<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”UPSC” href=”https://www.abplive.com/topic/upsc” data-type=”interlinkingkeywords”>UPSC</a> Result 2025:</strong> यूपीएससी परीक्षा का परिणाम मंगलवार (22 अप्रैल) को घोषित कर दिया गया. इसमें जोधपुर के ग्रामीण क्षेत्र के रहने वाले त्रिलोक सिंह ने अपने तीसरे अटेंप्ट में यूपीएससी परीक्षा 20 वी रैंक के साथ क्लियर की है. रिजल्ट आने के बाद त्रिलोक सिंह के घर पर खुशी का माहौल है. आस पड़ोस के लोग से दोस्त और परिवार के लोगों ने माला पहनाई मिठाई खिलाकर खुशी मनाई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>त्रिलोक सिंह के माता-पिता को इतनी खुशी हुई की उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलकने लगे. एबीपी न्यूज़ बातचीत करते हुए त्रिलोक सिंह ने बताया कि किस तरह से उन्होंने लगन से पढ़ाई की और आज उनकी मेहनत सफल हुई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बताया सफलता का राज</strong><br />त्रिलोक सिंह ने बताया कि सबसे पहले समय और डिसिप्लिन की जरूरत रहता है. यह तीसरा अटेम्प्ट था जब उनको यूपीएससी में 20वी रेंक मिली है. त्रिलोक एनडीए, पटवारी, आईएस कई तरह के रेगुलर कंपटीशन देते रहे. उन्होंने जोधपुर में रहकर ऑनलाइन कोर्स के जरिये लाइब्रेरी में पड़कर खूब मेहनत की जिसका परिणाम आज सबके सामने है. इस दौरान त्रिलोक सिंह ने बताया कि उनकी बड़ी बहन उनकी माता और उनके पिता ने उनका बहुत सहयोग किया जिसके चलते आज यह कामयाबी मिली है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’डेली की 10-12 घंटे की पढ़ाई'</strong><br />यूपीएससी के लिए त्रिलोक सिंह ने 10 से 12 घंटे पढ़ाई रोज की और टाइम टेबल बनाकर सभी सब्जेक्ट की पढ़ाई की. उनका कहना है कि यूपीएससी जैसे एग्जाम में सफलता पाने के लिए सकारात्मक के साथ पढ़ाई में कंटिन्यूटी रखनी चाहिए. सभी सब्जेक्ट को बराबर समय देकर तैयारी करनी चाहिए. लिखने की प्रैक्टिस भी आवश्यक है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>माता-पिता ने क्या कहा?</strong><br />वहीं त्रिलोक सिंह के पिता सेना से रिटायर हैं. उन्होंने कहा कि मेरे बच्चे को आर्मी स्कूल में पढ़ाया और अच्छी शिक्षा दी और हमेशा बच्चे से साथ मिलकर बातचीत करता था और उसको गलत लोगों के साथ जाने से रोकता था. उन्होंने कहा कि आज मेरा जीवन सफल हो गया. वहीं त्रिलोक सिंह की माता ने बताया की बच्चा जब पढ़ता था तो मैं भी जागती थी. कई बार गर्मी में भी पढ़ाई करता था. आज हमारी मेहनत सफल हो गई है. मेरा बेटे को जिस तरह से मैं कामयाब होते देखना चाहती थे आज उसे देखकर खुशी महसूस हो रही है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”UPSC” href=”https://www.abplive.com/topic/upsc” data-type=”interlinkingkeywords”>UPSC</a> Result 2025:</strong> यूपीएससी परीक्षा का परिणाम मंगलवार (22 अप्रैल) को घोषित कर दिया गया. इसमें जोधपुर के ग्रामीण क्षेत्र के रहने वाले त्रिलोक सिंह ने अपने तीसरे अटेंप्ट में यूपीएससी परीक्षा 20 वी रैंक के साथ क्लियर की है. रिजल्ट आने के बाद त्रिलोक सिंह के घर पर खुशी का माहौल है. आस पड़ोस के लोग से दोस्त और परिवार के लोगों ने माला पहनाई मिठाई खिलाकर खुशी मनाई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>त्रिलोक सिंह के माता-पिता को इतनी खुशी हुई की उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलकने लगे. एबीपी न्यूज़ बातचीत करते हुए त्रिलोक सिंह ने बताया कि किस तरह से उन्होंने लगन से पढ़ाई की और आज उनकी मेहनत सफल हुई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बताया सफलता का राज</strong><br />त्रिलोक सिंह ने बताया कि सबसे पहले समय और डिसिप्लिन की जरूरत रहता है. यह तीसरा अटेम्प्ट था जब उनको यूपीएससी में 20वी रेंक मिली है. त्रिलोक एनडीए, पटवारी, आईएस कई तरह के रेगुलर कंपटीशन देते रहे. उन्होंने जोधपुर में रहकर ऑनलाइन कोर्स के जरिये लाइब्रेरी में पड़कर खूब मेहनत की जिसका परिणाम आज सबके सामने है. इस दौरान त्रिलोक सिंह ने बताया कि उनकी बड़ी बहन उनकी माता और उनके पिता ने उनका बहुत सहयोग किया जिसके चलते आज यह कामयाबी मिली है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’डेली की 10-12 घंटे की पढ़ाई'</strong><br />यूपीएससी के लिए त्रिलोक सिंह ने 10 से 12 घंटे पढ़ाई रोज की और टाइम टेबल बनाकर सभी सब्जेक्ट की पढ़ाई की. उनका कहना है कि यूपीएससी जैसे एग्जाम में सफलता पाने के लिए सकारात्मक के साथ पढ़ाई में कंटिन्यूटी रखनी चाहिए. सभी सब्जेक्ट को बराबर समय देकर तैयारी करनी चाहिए. लिखने की प्रैक्टिस भी आवश्यक है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>माता-पिता ने क्या कहा?</strong><br />वहीं त्रिलोक सिंह के पिता सेना से रिटायर हैं. उन्होंने कहा कि मेरे बच्चे को आर्मी स्कूल में पढ़ाया और अच्छी शिक्षा दी और हमेशा बच्चे से साथ मिलकर बातचीत करता था और उसको गलत लोगों के साथ जाने से रोकता था. उन्होंने कहा कि आज मेरा जीवन सफल हो गया. वहीं त्रिलोक सिंह की माता ने बताया की बच्चा जब पढ़ता था तो मैं भी जागती थी. कई बार गर्मी में भी पढ़ाई करता था. आज हमारी मेहनत सफल हो गई है. मेरा बेटे को जिस तरह से मैं कामयाब होते देखना चाहती थे आज उसे देखकर खुशी महसूस हो रही है.</p> राजस्थान गरीब बच्चों के सपनों को पंख दे रहा ‘सुपर 30’, जोधपुर में 30 छात्रों ने क्वालीफाई किया जेईई मेन्स
UPSC रिजल्ट में जोधपुर के त्रिलोक सिंह ने हासिल की 20वीं रैंक, बताया अपनी सफलता का राज
