<p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand Beer Production:</strong> उत्तराखंड, जो अपने ठंडे मौसम और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है, अब बीयर उत्पादन के क्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल कर रहा है. हाल के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में बीयर का उत्पादन और निर्यात तेजी से बढ़ा है. पहली बार, केवल सात महीनों में 78 हजार से अधिक बीयर की पेटियों का निर्यात किया गया है, जो कि इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य में हाल ही में स्थापित बीयर प्लांट्स ने उत्पादन में वृद्धि की है, जिससे उत्तराखंड की बीयर का स्वाद न केवल देश में, बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय हो रहा है. आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, नए प्लांट के उद्घाटन के साथ, भगवानपुर में स्थित बीयर प्लांट ने इस साल उत्पादन शुरू किया है, जिससे राज्य के राजस्व में भी वृद्धि हुई है. आबकारी आयुक्त हरिचंद्र सेमवाल के अनुसार, बीयर के उत्पादन और निर्यात में वृद्धि के साथ-साथ राज्य की आबकारी नीति 2024 ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. यह नीति पारदर्शी तरीके से कार्य कर रही है और अवैध शराब के कारोबार पर अंकुश लगाने में मदद कर रही है. इससे निर्धारित राजस्व लक्ष्य के अनुसार वृद्धि सुनिश्चित हुई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2540 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त</strong><br />वित्तीय वर्ष 2024-25 में 28 अक्टूबर तक, राज्य ने 2540 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया है, जो कि पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 98 करोड़ रुपये अधिक है. विभाग का वार्षिक लक्ष्य 4439 करोड़ रुपये है, जिसमें बीयर के उत्पादन और निर्यात का भी एक बड़ा हिस्सा है. बीते सात महीनों में, तीन लाख से अधिक पेटियां विदेशी मदिरा की निर्यात हो चुकी हैं, जो कि इस क्षेत्र में व्यापारिक संभावनाओं को दर्शाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीयर का उत्पादन उत्तराखंड में न केवल स्थानीय उपभोक्ताओं को भा रहा है, बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी पहचान मिल रही है. इसके अलावा, राज्य के विभिन्न हिस्सों में तीन नए बीयर प्लांट के खुलने से स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं, जो क्षेत्र के विकास में सहायक सिद्ध हो रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस प्रकार, उत्तराखंड में बीयर का उत्पादन और निर्यात केवल आर्थिक विकास का माध्यम नहीं है, बल्कि यह राज्य की संस्कृति और उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का भी एक प्रयास है. आने वाले समय में, यदि यह प्रवृत्ति जारी रही, तो उत्तराखंड बीयर उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी बन सकता है, जो न केवल राजस्व बढ़ाएगा, बल्कि राज्य के आर्थिक विकास में भी योगदान करेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/ayodhya-deepotsav-2024-program-live-telecasting-with-led-wall-led-van-ann-2812756″><strong>Ayodhya Diwali 2024: अयोध्या रचेगी नया इतिहास, 28 लाख दीपों की गिनती के लिए पहुंची गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand Beer Production:</strong> उत्तराखंड, जो अपने ठंडे मौसम और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है, अब बीयर उत्पादन के क्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल कर रहा है. हाल के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में बीयर का उत्पादन और निर्यात तेजी से बढ़ा है. पहली बार, केवल सात महीनों में 78 हजार से अधिक बीयर की पेटियों का निर्यात किया गया है, जो कि इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य में हाल ही में स्थापित बीयर प्लांट्स ने उत्पादन में वृद्धि की है, जिससे उत्तराखंड की बीयर का स्वाद न केवल देश में, बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय हो रहा है. आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, नए प्लांट के उद्घाटन के साथ, भगवानपुर में स्थित बीयर प्लांट ने इस साल उत्पादन शुरू किया है, जिससे राज्य के राजस्व में भी वृद्धि हुई है. आबकारी आयुक्त हरिचंद्र सेमवाल के अनुसार, बीयर के उत्पादन और निर्यात में वृद्धि के साथ-साथ राज्य की आबकारी नीति 2024 ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. यह नीति पारदर्शी तरीके से कार्य कर रही है और अवैध शराब के कारोबार पर अंकुश लगाने में मदद कर रही है. इससे निर्धारित राजस्व लक्ष्य के अनुसार वृद्धि सुनिश्चित हुई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2540 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त</strong><br />वित्तीय वर्ष 2024-25 में 28 अक्टूबर तक, राज्य ने 2540 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया है, जो कि पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 98 करोड़ रुपये अधिक है. विभाग का वार्षिक लक्ष्य 4439 करोड़ रुपये है, जिसमें बीयर के उत्पादन और निर्यात का भी एक बड़ा हिस्सा है. बीते सात महीनों में, तीन लाख से अधिक पेटियां विदेशी मदिरा की निर्यात हो चुकी हैं, जो कि इस क्षेत्र में व्यापारिक संभावनाओं को दर्शाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीयर का उत्पादन उत्तराखंड में न केवल स्थानीय उपभोक्ताओं को भा रहा है, बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी पहचान मिल रही है. इसके अलावा, राज्य के विभिन्न हिस्सों में तीन नए बीयर प्लांट के खुलने से स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं, जो क्षेत्र के विकास में सहायक सिद्ध हो रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस प्रकार, उत्तराखंड में बीयर का उत्पादन और निर्यात केवल आर्थिक विकास का माध्यम नहीं है, बल्कि यह राज्य की संस्कृति और उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का भी एक प्रयास है. आने वाले समय में, यदि यह प्रवृत्ति जारी रही, तो उत्तराखंड बीयर उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी बन सकता है, जो न केवल राजस्व बढ़ाएगा, बल्कि राज्य के आर्थिक विकास में भी योगदान करेगा.</p>
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