<p style=”text-align: justify;”><strong>Chamoli News:</strong> उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी आज भी लोगों के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है. इसका ताजा उदाहरण चमोली जिले के देवाल ब्लॉक के भिड़ीगं (वाण) गांव में देखने को मिला, जहां रविवार को एक गर्भवती महिला को सड़क न होने के कारण ग्रामीणों को कंधों पर उठाकर अस्पताल तक ले जाना पड़ा. सड़क सुविधा के अभाव में महिला की जान पर बन आई, लेकिन समय पर अस्पताल पहुंचने से उसे उपचार मिल सका.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गर्भवती भारती देवी, पत्नी प्रदीप सिंह, को प्रसव पीड़ा शुरू होने पर ग्रामीणों ने डंडी-कंडी के सहारे सड़क तक पहुंचाया. ग्रामीण कृणा सिंह, उदय सिंह, हीरा सिंह गढ़वाली, हयात सिंह, सुरेंद्र सिंह, खिलाफ सिंह, आशा कार्यकर्ता लक्ष्मी देवी और खिलपा देवी सहित कई लोग महिला को सुरक्षित अस्पताल तक पहुंचाने में जुटे. सड़क तक लाने के बाद उसे निजी वाहन से 45 किमी दूर देवाल अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज जारी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बुनियादी सुविधाओं की है भारी कमी- स्थानीय</strong><br />गांव के सामाजिक कार्यकर्ता हीरा सिंह गढ़वाली ने बताया कि भिड़ीगं तोक तक तीन किमी सड़क स्वीकृत है, लेकिन आज तक इस पर काम शुरू नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि यह गांव ऐतिहासिक नंदा राजजात यात्रा का अंतिम बसागत गांव है और वेदनी बुग्याल, मोनाल टॉप, रूपकुंड ट्रैक का बेस कैंप भी है. बावजूद इसके, यहां बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/Zh2oYPntBfo?si=nDRlwSjDwjOy-1uR” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”>गांव में केवल एक एनएम सेंटर और एक आयुर्वेदिक चिकित्सालय है, जहां सीमित स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध हैं. आपातकालीन स्थिति में मरीजों को 45 किमी दूर देवाल अस्पताल ले जाना पड़ता है, जो गंभीर समस्या है. गढ़वाली ने मांग की है कि वाण गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोला जाए, जिससे न सिर्फ स्थानीय लोगों को बल्कि नंदा राजजात यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को भी राहत मिले.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ग्रामीणों ने खोली सरकारी दावों की पोल</strong><br />ग्रामीणों का कहना है कि सरकार और प्रशासन भले ही विकास के बड़े-बड़े दावे करें, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों की जमीनी हकीकत कुछ और ही है. सड़क, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं के अभाव में लोग आज भी कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं. ग्रामीणों ने जल्द से जल्द सड़क निर्माण कार्य शुरू कराने और स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने की मांग की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>स्थानीय लोगों ने इस मुद्दे पर नाराजगी जताते हुए कहा कि चुनाव के समय नेता बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन चुनाव बीतने के बाद कोई सुध नहीं लेता. ग्रामीणों ने मांग की है कि वाण गांव और अन्य दुर्गम क्षेत्रों की समस्याओं को प्राथमिकता दी जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और लोगों को बुनियादी सुविधाएँ समय पर मिल सकें.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/basti-road-accident-car-collides-with-container-five-people-death-and-three-injured-2900680″><strong>Basti Road Accident: बस्ती में कंटेनर से टकराई कार, दर्दनाक हादसे में 5 लोगों की मौत, 3 घायल</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Chamoli News:</strong> उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी आज भी लोगों के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है. इसका ताजा उदाहरण चमोली जिले के देवाल ब्लॉक के भिड़ीगं (वाण) गांव में देखने को मिला, जहां रविवार को एक गर्भवती महिला को सड़क न होने के कारण ग्रामीणों को कंधों पर उठाकर अस्पताल तक ले जाना पड़ा. सड़क सुविधा के अभाव में महिला की जान पर बन आई, लेकिन समय पर अस्पताल पहुंचने से उसे उपचार मिल सका.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गर्भवती भारती देवी, पत्नी प्रदीप सिंह, को प्रसव पीड़ा शुरू होने पर ग्रामीणों ने डंडी-कंडी के सहारे सड़क तक पहुंचाया. ग्रामीण कृणा सिंह, उदय सिंह, हीरा सिंह गढ़वाली, हयात सिंह, सुरेंद्र सिंह, खिलाफ सिंह, आशा कार्यकर्ता लक्ष्मी देवी और खिलपा देवी सहित कई लोग महिला को सुरक्षित अस्पताल तक पहुंचाने में जुटे. सड़क तक लाने के बाद उसे निजी वाहन से 45 किमी दूर देवाल अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज जारी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बुनियादी सुविधाओं की है भारी कमी- स्थानीय</strong><br />गांव के सामाजिक कार्यकर्ता हीरा सिंह गढ़वाली ने बताया कि भिड़ीगं तोक तक तीन किमी सड़क स्वीकृत है, लेकिन आज तक इस पर काम शुरू नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि यह गांव ऐतिहासिक नंदा राजजात यात्रा का अंतिम बसागत गांव है और वेदनी बुग्याल, मोनाल टॉप, रूपकुंड ट्रैक का बेस कैंप भी है. बावजूद इसके, यहां बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/Zh2oYPntBfo?si=nDRlwSjDwjOy-1uR” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”>गांव में केवल एक एनएम सेंटर और एक आयुर्वेदिक चिकित्सालय है, जहां सीमित स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध हैं. आपातकालीन स्थिति में मरीजों को 45 किमी दूर देवाल अस्पताल ले जाना पड़ता है, जो गंभीर समस्या है. गढ़वाली ने मांग की है कि वाण गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोला जाए, जिससे न सिर्फ स्थानीय लोगों को बल्कि नंदा राजजात यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को भी राहत मिले.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ग्रामीणों ने खोली सरकारी दावों की पोल</strong><br />ग्रामीणों का कहना है कि सरकार और प्रशासन भले ही विकास के बड़े-बड़े दावे करें, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों की जमीनी हकीकत कुछ और ही है. सड़क, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं के अभाव में लोग आज भी कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं. ग्रामीणों ने जल्द से जल्द सड़क निर्माण कार्य शुरू कराने और स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने की मांग की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>स्थानीय लोगों ने इस मुद्दे पर नाराजगी जताते हुए कहा कि चुनाव के समय नेता बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन चुनाव बीतने के बाद कोई सुध नहीं लेता. ग्रामीणों ने मांग की है कि वाण गांव और अन्य दुर्गम क्षेत्रों की समस्याओं को प्राथमिकता दी जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और लोगों को बुनियादी सुविधाएँ समय पर मिल सकें.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/basti-road-accident-car-collides-with-container-five-people-death-and-three-injured-2900680″><strong>Basti Road Accident: बस्ती में कंटेनर से टकराई कार, दर्दनाक हादसे में 5 लोगों की मौत, 3 घायल</strong></a></p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड क्या औरंगजेब के मकबरे पर चलेगा बुलडोजर? सांसद उदयनराजे भोसले की मांग पर CM फडणवीस का बड़ा बयान
Uttarakhand News: चमोली में सरकारी दावों की खुली पोल, गर्भवती को कंधों पर ढोकर ले जाना पड़ा अस्पताल
