<p style=”text-align: justify;”><strong>Diwali 2024:</strong> देशभर में दीपावली का पर्व उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. प्रकाश पर्व पर भगवान गणेश लक्ष्मी जी की और कुबेर जी की पूजा होती है. इसी क्रम में काशी के लक्ष्मी कुंड पर भगवान गणेश और लक्ष्मी जी की मूर्ति को गंगा जी की मिट्टी से तैयार किया जाता है. इसकी तैयारी 6 महीने पहले से शुरू हो जाती हैं. एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान कलाकार मीनू ने बताया कि हम इसको लेकर महीनो पहले से तैयारी शुरू कर देते हैं. गंगा जी की शुद्ध मिट्टी से गणेश और लक्ष्मी जी की मूर्ति तैयार की जाती है. यह लगभग 100 वर्षों से हमारा परिवार करता आ रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अलग-अलग जगह पर भले ही अधिकांश लोग प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियों को पूजा के लिए खरीदते हैं. लेकिन काशी में विशेष तौर पर शुद्ध मिट्टी से बने इन मूर्तियों की खरीदारी होती हैं . महीनो पहले से लक्ष्मीकुंड स्थित क्षेत्र में लोग अपने परिवार के साथ मूर्ति बनाने में जुट जाते हैं. सबसे पहले गंगा जी से मिट्टी लाई जाती है उसके बाद रंग, तार और अन्य सामग्रियों की मदद से मूर्तियों को तैयार किया जाता है. इसमें कड़ी मेहनत लगती है. बड़ी संख्या में इसे बाहर मार्केट और लोगों द्वारा खरीदा जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गंगा जी की मिट्टी से बनी मूर्तियों को खरीदते हैं लोग</strong><br />प्रकाश पर्व शुरू होते ही लोग पूजन सामग्री को खरीदने के लिए दुकानों पर पहुंचते हैं. वहीं दुकान पर मौजूद ग्राहकों ने भी कहा कि, हम काशी वाले विशेष तौर पर गंगा जी की मिट्टी से बने मूर्तियों को खरीदते हैं. हमारा मानना है कि हमारा पूजन इसी मूर्ति की पूजा करने से संपन्न होता है. तकरीबन 30 – 35 वर्षों से हमारे परिवार में इस परंपरा का निर्वहन हो रहा है. बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी मिट्टी से बने मूर्तियों को खरीदने के लिए दुकानों पर देखी जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/muzaffarnagar-riots-minister-kapil-dev-agrawal-with-many-bjp-leaders-present-in-court-after-non-bailable-warrant-2813314″><strong>मुजफ्फरनगर दंगा केस: गैर-जमानती वारंट के बाद यूपी के मंत्री समेत कई BJP नेता अदालत में पेश</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Diwali 2024:</strong> देशभर में दीपावली का पर्व उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. प्रकाश पर्व पर भगवान गणेश लक्ष्मी जी की और कुबेर जी की पूजा होती है. इसी क्रम में काशी के लक्ष्मी कुंड पर भगवान गणेश और लक्ष्मी जी की मूर्ति को गंगा जी की मिट्टी से तैयार किया जाता है. इसकी तैयारी 6 महीने पहले से शुरू हो जाती हैं. एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान कलाकार मीनू ने बताया कि हम इसको लेकर महीनो पहले से तैयारी शुरू कर देते हैं. गंगा जी की शुद्ध मिट्टी से गणेश और लक्ष्मी जी की मूर्ति तैयार की जाती है. यह लगभग 100 वर्षों से हमारा परिवार करता आ रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अलग-अलग जगह पर भले ही अधिकांश लोग प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियों को पूजा के लिए खरीदते हैं. लेकिन काशी में विशेष तौर पर शुद्ध मिट्टी से बने इन मूर्तियों की खरीदारी होती हैं . महीनो पहले से लक्ष्मीकुंड स्थित क्षेत्र में लोग अपने परिवार के साथ मूर्ति बनाने में जुट जाते हैं. सबसे पहले गंगा जी से मिट्टी लाई जाती है उसके बाद रंग, तार और अन्य सामग्रियों की मदद से मूर्तियों को तैयार किया जाता है. इसमें कड़ी मेहनत लगती है. बड़ी संख्या में इसे बाहर मार्केट और लोगों द्वारा खरीदा जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गंगा जी की मिट्टी से बनी मूर्तियों को खरीदते हैं लोग</strong><br />प्रकाश पर्व शुरू होते ही लोग पूजन सामग्री को खरीदने के लिए दुकानों पर पहुंचते हैं. वहीं दुकान पर मौजूद ग्राहकों ने भी कहा कि, हम काशी वाले विशेष तौर पर गंगा जी की मिट्टी से बने मूर्तियों को खरीदते हैं. हमारा मानना है कि हमारा पूजन इसी मूर्ति की पूजा करने से संपन्न होता है. तकरीबन 30 – 35 वर्षों से हमारे परिवार में इस परंपरा का निर्वहन हो रहा है. बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी मिट्टी से बने मूर्तियों को खरीदने के लिए दुकानों पर देखी जा रही है.</p>
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