<p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh News</strong>: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला की अंबेडकर चौक पर वोकेशनल टीचर्स का प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहा. बुधवार को इस प्रदर्शन का एक अलग ही रूप देखने को मिला. बुधवार दोपहर के वक्त यहां वोकेशनल टीचर्स ने पहले तो राहगीरों के जूते पॉलिश किए और इसके बाद सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों को साफ किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हिमाचल प्रदेश में निजी कंपनियों के शोषण के खिलाफ वोकेशनल टीचर्स धरने पर बैठे हैं. यह धरना हिमाचल प्रदेश वोकेशनल टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले हो रहा है. हिमाचल प्रदेश के करीब 1 हजार 100 स्कूलों में बच्चों को स्किल एजुकेशन दे रहे यह शिक्षक बीते करीब 11 सालों से कंपनी के शोषण से परेशान होकर अब सड़कों पर बैठने के लिए मजबूर हुए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>छोटे बच्चों के साथ धरने पर बैठी महिला टीचर्स</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हिमाचल प्रदेश वोकेशनल टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के इस धरना प्रदर्शन में महिला टीचर्स भी शामिल हैं. कई महिला टीचर ऐसी भी हैं, जो अपने छोटे-छोटे बच्चों को यहां लेकर पहुंची हैं. मंगलवार देर शाम पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी धरना स्थल पर मुलाकात करने के लिए पहुंचे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पूर्व मुख्यमंत्री ने भी महिला टीचर से आग्रह किया था कि वह धरना स्थल पर छोटे बच्चों को न लाएं. इससे उनकी सेहत खराब हो सकती है. हालांकि महिला टीचर्स का कहना है कि यहां धरना स्थल पर अपने बच्चों को लाना उनकी मजबूरी हो गई है. बुधवार शाम के वक्त ही कुछ वोकेशनल टीचर्स राज्य सचिवालय में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से मुलाकात करने के लिए भी पहुंचे, लेकिन शिक्षा मंत्री के सचिवालय में न होने की वजह से कि यह मुलाकात नहीं हो सकी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कंपनी को खत्म कर स्थाई पॉलिसी की मांग</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हिमाचल प्रदेश वोकेशनल टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव नीरज बंसल ने कहा कि राज्य में वोकेशनल टीचर्स की संख्या 2 हजार 174 है. यह अध्यापक बीते 11 सालों से राज्य के अलग-अलग हिस्सों में बच्चों को स्कूलों में बच्चों को पढ़ा रहे हैं. वोकेशनल टीचर्स हिमाचल प्रदेश के दूरदराज के इलाकों में भी सेवाएं देते हैं. जिन कंपनियों के तहत वोकेशनल टीचर्स को भर्ती किया जाता है, वह काम के नाम पर उनका शोषण करने का काम कर रही हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>स्थाई पॉलिसी लाने की मांग उठा रहे वोकेशनल टीचर्स </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे में सभी वोकेशनल टीचर्स राज्य सरकार से मांग उठा रहे हैं कि सभी वोकेशनल टीचर्स के लिए स्थाई पॉलिसी तैयार की जाए और कंपनी के काम को पूरी तरह खत्म किया जाए. नीरज बंसल ने कहा कि ऐसी ही पॉलिसी हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्य हरियाणा में भी है. इसके अलावा कई अन्य राज्य भी इसी पॉलिसी के तहत काम कर रहे हैं. ऐसे में उनकी मांग है कि हिमाचल प्रदेश सरकार कंपनियों के काम को खत्म कर प्रत्यक्ष भर्ती करें. हिमाचल प्रदेश वोकेशनल टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन की राज्य सरकार प्रत्यक्ष तौर पर वोकेशनल टीचर्स को विभाग में सम्मिलित करें और कंपनी को बाहर का रास्ता दिखाया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/himachal-pradesh-governor-shiv-pratap-shukla-on-drug-de-addiction-centers-ann-2818059″>हिमाचल के नशा मुक्ति केंद्रों में ही मिल रहा नशा? राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने जाहिर की चिंता</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh News</strong>: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला की अंबेडकर चौक पर वोकेशनल टीचर्स का प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहा. बुधवार को इस प्रदर्शन का एक अलग ही रूप देखने को मिला. बुधवार दोपहर के वक्त यहां वोकेशनल टीचर्स ने पहले तो राहगीरों के जूते पॉलिश किए और इसके बाद सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों को साफ किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हिमाचल प्रदेश में निजी कंपनियों के शोषण के खिलाफ वोकेशनल टीचर्स धरने पर बैठे हैं. यह धरना हिमाचल प्रदेश वोकेशनल टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले हो रहा है. हिमाचल प्रदेश के करीब 1 हजार 100 स्कूलों में बच्चों को स्किल एजुकेशन दे रहे यह शिक्षक बीते करीब 11 सालों से कंपनी के शोषण से परेशान होकर अब सड़कों पर बैठने के लिए मजबूर हुए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>छोटे बच्चों के साथ धरने पर बैठी महिला टीचर्स</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हिमाचल प्रदेश वोकेशनल टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के इस धरना प्रदर्शन में महिला टीचर्स भी शामिल हैं. कई महिला टीचर ऐसी भी हैं, जो अपने छोटे-छोटे बच्चों को यहां लेकर पहुंची हैं. मंगलवार देर शाम पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी धरना स्थल पर मुलाकात करने के लिए पहुंचे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पूर्व मुख्यमंत्री ने भी महिला टीचर से आग्रह किया था कि वह धरना स्थल पर छोटे बच्चों को न लाएं. इससे उनकी सेहत खराब हो सकती है. हालांकि महिला टीचर्स का कहना है कि यहां धरना स्थल पर अपने बच्चों को लाना उनकी मजबूरी हो गई है. बुधवार शाम के वक्त ही कुछ वोकेशनल टीचर्स राज्य सचिवालय में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से मुलाकात करने के लिए भी पहुंचे, लेकिन शिक्षा मंत्री के सचिवालय में न होने की वजह से कि यह मुलाकात नहीं हो सकी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कंपनी को खत्म कर स्थाई पॉलिसी की मांग</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हिमाचल प्रदेश वोकेशनल टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव नीरज बंसल ने कहा कि राज्य में वोकेशनल टीचर्स की संख्या 2 हजार 174 है. यह अध्यापक बीते 11 सालों से राज्य के अलग-अलग हिस्सों में बच्चों को स्कूलों में बच्चों को पढ़ा रहे हैं. वोकेशनल टीचर्स हिमाचल प्रदेश के दूरदराज के इलाकों में भी सेवाएं देते हैं. जिन कंपनियों के तहत वोकेशनल टीचर्स को भर्ती किया जाता है, वह काम के नाम पर उनका शोषण करने का काम कर रही हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>स्थाई पॉलिसी लाने की मांग उठा रहे वोकेशनल टीचर्स </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे में सभी वोकेशनल टीचर्स राज्य सरकार से मांग उठा रहे हैं कि सभी वोकेशनल टीचर्स के लिए स्थाई पॉलिसी तैयार की जाए और कंपनी के काम को पूरी तरह खत्म किया जाए. नीरज बंसल ने कहा कि ऐसी ही पॉलिसी हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्य हरियाणा में भी है. इसके अलावा कई अन्य राज्य भी इसी पॉलिसी के तहत काम कर रहे हैं. ऐसे में उनकी मांग है कि हिमाचल प्रदेश सरकार कंपनियों के काम को खत्म कर प्रत्यक्ष भर्ती करें. हिमाचल प्रदेश वोकेशनल टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन की राज्य सरकार प्रत्यक्ष तौर पर वोकेशनल टीचर्स को विभाग में सम्मिलित करें और कंपनी को बाहर का रास्ता दिखाया जाए.</p>
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