हरियाणा के अंबाला जिले में कुछ लोगों द्वारा खुद को पुलिस बता कर जबरन घर में घुसने का मामला सामने आया है। नारायणगढ़ निवासी राकेश शर्मा ने इसको लेकर समाधान शिविर में अपनी शिकायत दी। उसने बताया कि 6-7 लोग खुद को कोर्ट व पुलिस कर्मचारी बताते हुए जबरन उसके घर में घुस जाते हैं। उसके बेटे को गिरफ्तार करने की बात कहते हैं। वारंट मांगने पर गाली-गलौज व धक्का मुक्की करते हैं। DSP की जांच के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है। नारायणगढ़ निवासी राकेश शर्मा ने समाधान शिविर में सौंपी शिकायत में बताया कि उसकी पत्नी कुसुम (60) अस्थमा की मरीज है। टांग के दिक्कत के कारण सही से चल नहीं सकती। 20 जून की दोपहर के समय घर में अकेली व दवाई लेकर आराम कर रही थी। इसी बीच, 6-7 लोगों ने दरवाजा खटखटाया। उसकी पत्नी दरवाजा खोल नहीं सकी। आरोपियों ने जोर-जोर से दरवाजा खटखटाया तो कुंडी खुल गई। आरोपी उसकी पत्नी के कमरे में दाखिल हो गए और धमकाने लगे। उसी वक्त वह भी घर आ गया। जब उसने पूछा तो खुद को कोर्ट के कर्मचारी बताया। इनमें से सादे कपड़ों में एक व्यक्ति ने खुद को पुलिस स्टाफ बताया। जब उसने जबरन घर में घुसने का कारण पूछा तो बोले कि हमारे पास अंकित का गिरफ्तारी वारंट है। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसका बेटा अंकित LLB स्टूडेंट है। उन्होंने उक्त लोगों से गिरफ्तारी वारंट दिखाने को कहा तो गाली-गलौज और धक्का-मुक्की करने लगे। यही नहीं, उसे जान से मारने की धमकी दी। शिकायतकर्ता ने बताया कि जो खुद को पुलिस स्टाफ बता रहा था, उसने कहीं कॉल करके थाने से 2 पुलिस कर्मचारी और बुलाए। पुलिस कर्मचारी बाइक पर वर्दी में आए। उसने दोनों पुलिस कर्मचारियों को अपने घर में बैठाया। वह व्यक्ति भी पुलिस वालों के साथ दोबारा घर में आकर बैठा। शिकायतकर्ता ने बताया कि वह खुद हार्ट व ब्लड प्रेशर का मरीज है। उसी दौरान उसकी तबीयत खराब हो गई। इस दौरान पुलिस कर्मचारी थाने में आने की बात कहकर निकल जाते हैं। शिकायतकर्ता ने बताया कि वह कुछ समय बाद पुलिस थाने गया। यहां छोटा मुंशी मिला। उसने फिर अगले दिन 10 बजे बुलाया। वह अगले दिन पुलिस थाने गया। यहां फिर गोवर्धन नाम के कर्मचारी ने कोन से किसी से बात करवाई, जिसने दोबारा फिर अगले दिन 10 बजे आने को कहा। जब उसने कारण पूछा तो कोई स्पष्ट नहीं बताया। उसे कहा कि आप थाने आ जाना, आपको बता देंगे। फिर एक आशु नाम के पुलिस कर्मचारी का नंबर दिया। उससे बात करने पर उसने पूछा कि जो बिना वर्दी के मेरे घर आए थे वे कौन थे ? इस पर आशु ने उसे कहा कि हम तो मुंशी के आदेशों पर आए थे। शिकायतकर्ता ने शक जताया कि आशु कर्मचारी ही बगैर वर्दी में था और उसने ही अपने आप को SP अंबाला का कर्मचारी बताया। शिकायतकर्ता ने बताया कि 6-7 आदमी भी संदिग्ध थे। उनका व्यवहार कोर्ट कर्मचारियों वाला नहीं था ना ही कोर्ट का आदेश था। आरोपी गाड़ी नंबर (HR-33D-3855) में बैठकर आए थे। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 147,149,452,506 के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा के अंबाला जिले में कुछ लोगों द्वारा खुद को पुलिस बता कर जबरन घर में घुसने का मामला सामने आया है। नारायणगढ़ निवासी राकेश शर्मा ने इसको लेकर समाधान शिविर में अपनी शिकायत दी। उसने बताया कि 6-7 लोग खुद को कोर्ट व पुलिस कर्मचारी बताते हुए जबरन उसके घर में घुस जाते हैं। उसके बेटे को गिरफ्तार करने की बात कहते हैं। वारंट मांगने पर गाली-गलौज व धक्का मुक्की करते हैं। DSP की जांच के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है। नारायणगढ़ निवासी राकेश शर्मा ने समाधान शिविर में सौंपी शिकायत में बताया कि उसकी पत्नी कुसुम (60) अस्थमा की मरीज है। टांग के दिक्कत के कारण सही से चल नहीं सकती। 20 जून की दोपहर के समय घर में अकेली व दवाई लेकर आराम कर रही थी। इसी बीच, 6-7 लोगों ने दरवाजा खटखटाया। उसकी पत्नी दरवाजा खोल नहीं सकी। आरोपियों ने जोर-जोर से दरवाजा खटखटाया तो कुंडी खुल गई। आरोपी उसकी पत्नी के कमरे में दाखिल हो गए और धमकाने लगे। उसी वक्त वह भी घर आ गया। जब उसने पूछा तो खुद को कोर्ट के कर्मचारी बताया। इनमें से सादे कपड़ों में एक व्यक्ति ने खुद को पुलिस स्टाफ बताया। जब उसने जबरन घर में घुसने का कारण पूछा तो बोले कि हमारे पास अंकित का गिरफ्तारी वारंट है। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसका बेटा अंकित LLB स्टूडेंट है। उन्होंने उक्त लोगों से गिरफ्तारी वारंट दिखाने को कहा तो गाली-गलौज और धक्का-मुक्की करने लगे। यही नहीं, उसे जान से मारने की धमकी दी। शिकायतकर्ता ने बताया कि जो खुद को पुलिस स्टाफ बता रहा था, उसने कहीं कॉल करके थाने से 2 पुलिस कर्मचारी और बुलाए। पुलिस कर्मचारी बाइक पर वर्दी में आए। उसने दोनों पुलिस कर्मचारियों को अपने घर में बैठाया। वह व्यक्ति भी पुलिस वालों के साथ दोबारा घर में आकर बैठा। शिकायतकर्ता ने बताया कि वह खुद हार्ट व ब्लड प्रेशर का मरीज है। उसी दौरान उसकी तबीयत खराब हो गई। इस दौरान पुलिस कर्मचारी थाने में आने की बात कहकर निकल जाते हैं। शिकायतकर्ता ने बताया कि वह कुछ समय बाद पुलिस थाने गया। यहां छोटा मुंशी मिला। उसने फिर अगले दिन 10 बजे बुलाया। वह अगले दिन पुलिस थाने गया। यहां फिर गोवर्धन नाम के कर्मचारी ने कोन से किसी से बात करवाई, जिसने दोबारा फिर अगले दिन 10 बजे आने को कहा। जब उसने कारण पूछा तो कोई स्पष्ट नहीं बताया। उसे कहा कि आप थाने आ जाना, आपको बता देंगे। फिर एक आशु नाम के पुलिस कर्मचारी का नंबर दिया। उससे बात करने पर उसने पूछा कि जो बिना वर्दी के मेरे घर आए थे वे कौन थे ? इस पर आशु ने उसे कहा कि हम तो मुंशी के आदेशों पर आए थे। शिकायतकर्ता ने शक जताया कि आशु कर्मचारी ही बगैर वर्दी में था और उसने ही अपने आप को SP अंबाला का कर्मचारी बताया। शिकायतकर्ता ने बताया कि 6-7 आदमी भी संदिग्ध थे। उनका व्यवहार कोर्ट कर्मचारियों वाला नहीं था ना ही कोर्ट का आदेश था। आरोपी गाड़ी नंबर (HR-33D-3855) में बैठकर आए थे। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 147,149,452,506 के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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अब राजस्थान में हरियाणा रोडवेज की बसों के चालान:26 पर जुर्माना लगाया, महिला पुलिस कर्मचारी से किराया मांगने के बाद दोनों राज्य आमने-सामने
अब राजस्थान में हरियाणा रोडवेज की बसों के चालान:26 पर जुर्माना लगाया, महिला पुलिस कर्मचारी से किराया मांगने के बाद दोनों राज्य आमने-सामने हरियाणा में राजस्थान रोडवेज की बस में टिकट को लेकर महिला पुलिसकर्मी और कंडक्टर के बीच हुए विवाद ने तूल पकड़ लिया है। इस विवाद के बाद जहां हरियाणा पुलिस ने राजस्थान रोडवेज की बसों के चालान काटने शुरू कर दिए थे। वहीं अब राजस्थान में भी हरियाणा रोडवेज की बसों के चालान कटने शुरू हो गए हैं। इसके बाद दोनों राज्यों में अजीबो-गरीब स्थिति बन गई है। दोनों राज्यों की ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई में रोडवेज कर्मचारी और यात्री दोनों परेशान हो रहे हैं। चालान काटने के समय बसों को कई-कई देर तक खड़ा रखा जाता है। हरियाणा पुलिस पिछले 3 दिनों में राजस्थान रोडवेज की करीब 90 बसों के चालान काट चुकी है। इस बीच, दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी का भी वीडियो वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में वो राजस्थान रोडवेज की बस का चालान काट रहा है। इसके बाद राजस्थान में भी हरियाणा रोडवेज की 26 बसों के एक ही दिन में चालान किए गए। यह चालान जयपुर में हुए हैं। 9 बसों के चालान सिंधी कैंप और 17 बसों के चालान सड़वा मोड़ पर हुए। महिला पुलिसकर्मियों ने किराया नहीं दिया
दरअसल, हरियाणा की एक महिला पुलिसकर्मी राजस्थान रोडवेज की बस में सफर कर रही थी, लेकिन बस कंडक्टर के किराया मांगने पर किराया नहीं दे रही थी। इस बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ। इसमें महिला पुलिसकर्मी कहती हुई नजर आ रही है कि वह किराया नहीं देगी, क्योंकि बस में पुलिस का किराया फ्री होता है। जबकि, बस का कंडक्टर कहता हुआ सुनाई दे रहा है कि बस में सफर करना है तो 50 रुपए का टिकट लेना ही होगा। ऐसे में अन्य यात्री भी पुलिसकर्मी से किराया देने के लिए कहते हैं, इसके बाद भी महिला पुलिसकर्मी किराया नहीं देती। कर्मचारियों को नियमों की पालना के आदेश
राजस्थान रोडवेज के अधिकारियों ने हरियाणा पुलिस और दिल्ली पुलिस द्वारा बसों का चालान किए जाने पर रोडवेज की ओर से सभी कर्मचारियों को सचेत कर दिया है। ड्राइवरों को नियमों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों को भी बसों के कागजात पूरे रखने, सीट बेल्ट लगाने और फर्स्ट एड जैसी किट जैसे नियमों को पूरा करने के बाद ही राजस्थान की ओर जाने की सलाह दी गई है। कंडक्टर से महिला पुलिसकर्मी की पूरी बहस… कंडक्टर : किराया लाओ। पुलिसकर्मी : टिकट नहीं कटती। कंडक्टर : हमारे यहां कटती है। लाओ, 50 रुपए दो, धारूहेड़ा जाना है तो। पुलिसकर्मी : नहीं मिलते। कंडक्टर : क्यों नहीं मिलते? यात्रा करनी है तो लगेंगे। पुलिसकर्मी : नहीं लगेंगे। कंडक्टर (बस रुकने के लिए सीटी मारकर) : आ जाओ फिर, उतर लो। पुलिसकर्मी : नहीं उतरना। कंडक्टर : यात्रा करनी है तो किराया दो, नहीं तो उतर लो। पुलिसकर्मी (शब्दों को खींचते हुए) : नहीं उतरना। कंडक्टर : यात्रा करनी है कि नहीं? पुलिसकर्मी : यात्रा करनी है। कंडक्टर : फिर 50 रुपए दो। पुलिसकर्मी : नहीं मिलेंगे। स्टाफ चलेगा। स्टाफ चलता है। कंडक्टर : नहीं, कोई स्टाफ नहीं है। 50 रुपए लगेंगे। पुलिसकर्मी : नहीं लगेंगे। एक महिला यात्री (पुलिसकर्मी से) : अरे भाई दे दो। पुलिसकर्मी : नहीं, हरियाणा में पुलिस का स्टाफ चलता है। कंडक्टर : इसमें (राजस्थान बस में) नहीं चलता। पुलिसकर्मी : हरियाणा में चलता है। कंडक्टर : फ्लाइंग आएगी तो परेशानी हो जाएगी। पुलिसकर्मी : कोई बात नहीं। मैं बात कर लूंगी। कंडक्टर : डिपार्टमेंट वाले नहीं सुनते। नीयत खराब होती है। पुलिसकर्मी : कोई बात नहीं, नीयत खराब होती है तो। अफसर आएंगे तो मैं बात कर लूंगी। कंडक्टर : उतर लो। नहीं तो किराया दो। पुलिसकर्मी : नहीं उतरूंगी। मैं जबरदस्ती ऐसे नहीं दे सकती। मुझे नहीं देना। इतना तो सोचो कि क्या टाइम है, लेडीज जा रही है। कंडक्टर : गाड़ी यहीं खड़ी रहेगी। आगे नहीं जाएगी। पुलिसकर्मी : हां तो यहीं खड़ी करके रख। जहां ले जाना है, वहां ले चल। नीचे नहीं उतरूंगी। एक महिला यात्री : अरे थोड़ा 10-20 रुपए कम करके दे दो। पुलिसकर्मी : नहीं दूंगी, नहीं उतरूंगी। कंडक्टर : क्यों? सैलरी नहीं मिलता आपको? पुलिसकर्मी : सैलरी से ही कटते हैं। कंडक्टर : राजस्थान रोडवेज में नहीं कटते। पुलिसकर्मी : कोई बात नहीं, नहीं कटते तो। हरियाणा में चलाओगे तो कटेंगे। एक पुरुष यात्री : मैडम यह क्या बात हो गई? आप वर्दी में हो, किराया दे दो। पुलिसकर्मी : तो वर्दी में होकर भी किराया लेगा? पुरुष यात्री : मैडम यहां सभी स्टाफ हैं। ये कोई बात थोड़े ही आपकी। आपकी वजह से सभी लोग लेट हो रहे हैं। गाड़ी भी बंद करवा दी आपने। पुलिसकर्मी : मैंने बंद नहीं करवाई है। मैं नहीं उतरूंगी। यात्री : क्या आप भी 50 रुपए के लिए हंगामा करवा रहे हो। क्या महकमे में हो आप? पुलिसकर्मी : महकमे में ही हैं। यात्री : सारा महकमा ही बैठा है यहां। पुलिसकर्मी : बैठा रहने दो। मैं नीचे नहीं उतरूंगी, किराया नहीं मिलेगा।
फतेहाबाद में जिला खेल अधिकारी समेत 4 गिरफ्तार:मामला डी ग्रेड स्पोर्ट्स ग्रेडेशन फर्जी सर्टिफिकेट का; 4 युवाओं ने इनसे ली नौकरी
फतेहाबाद में जिला खेल अधिकारी समेत 4 गिरफ्तार:मामला डी ग्रेड स्पोर्ट्स ग्रेडेशन फर्जी सर्टिफिकेट का; 4 युवाओं ने इनसे ली नौकरी हरियाणा के फतेहाबाद में डी ग्रेड में स्पोर्ट्स ग्रेडेशन के फर्जी सर्टिफिकेट जारी करने के मामले में पुलिस ने तत्कालीन जिला खेल अधिकारी (DSO) समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन फर्जी सर्टिफिकेट के बल पर कई युवाओं ने खेल कोटे से नौकरी हासिल की थी। पकड़े गए आरोपियों की पहचान मक्खन सिंह निवासी ढाण्ड, महावीर निवासी बनावाली, राहुल निवासी बोदीवाली व खेल अधिकारी राजेन्द्र सिंह बेरवाल निवासी न्यू भरत नगर भिवानी के रूप में हुई है। फतेहाबाद के सिटी थाना में पुलिस ने 21 अप्रैल 2023 को सीएम फ्लाइंग हिसार के इंस्पेक्टर रिछपाल सिंह की शिकायत पर केस दर्ज किया था। सीएम फ्लाइंग शिकायत मिली थी कि डी ग्रेड स्पोर्ट्स ग्रेडेशन के फर्जी सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं। इसके बाद सीएम फ्लाइंग टीम ने जिला खेल अधिकारी फतेहाबाद के रिकार्ड की जांच की। तीन युवकों ने फर्जी सर्टिफिकेट पर ली नौकरी रिकॉर्ड की जांच में खुलासा हुआ कि जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी द्वारा वर्ष 2019-20 में 122 खिलाड़ियों के स्पोर्ट्स ग्रेडेशन सर्टिफिकेट बनाए गए थे। इनमें 109 ग्रेड सी व 13 ग्रेड डी के थे। इसके आधार पर राहुल ने लोक निर्माण विभाग फतेहाबाद व मक्खन सिंह ने लोक निर्माण विभाग गुरुग्राम में, महावीर सिंह ने सिंचाई विभाग फतेहाबाद में नौकरी पाई। जांच में पाया गया कि इन लोगों ने कभी इन खेलों में हिस्सा नहीं लिया जांच में सामने आया कि तत्कालीन जिला खेल अधिकारी राजेन्द्र बेरवाल ने बिना जांच करवाए ही खेल ग्रेडेशन प्रमाण पत्र जारी किए गए थे। इस मामले में फतेहाबाद पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। मामले में जांच आर्थिक अपराध शाखा, फतेहाबाद द्वारा की गई। आर्थिक अपराध शाखा द्वारा अब इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। खेल अधिकारी राजेंद्र बेरवाल अब रिटायर हो चुके हैं। बिना प्रतियोगिता में भाग लिए बन गए सर्टिफिकेट इंस्पेक्टर रिछपाल सिंह के अनुसार, तीनों मक्खन सिंह निवासी ढाण्ड, महावीर निवासी बनावाली, राहुल निवासी बोदीवाली ने जिन स्कूल से शिक्षा ली, वहां पता करने पर सामने आया कि तीनों ने कभी भी कराटे प्रतियोगिता में भाग नहीं लिया। तीनों के कराटे एसोसिएशन ऑफ चंडीगढ़ से प्रमाण पत्र बने हैं। प्रमाण पत्रों में तीनों ही खिलाड़ी एक ही दिन 24 जनवरी 2016 को एक ही खेल में प्रथम आए हैं। इसके अलावा कराटे एसोसिएशन ऑफ इंडिया की सीनियर नेशनल कराटे चैंपियनशिप 2016 अरनाकुलम केरला के प्रमाण पत्र भी तीनों खिलाडिय़ों के एक ही दिन 14 फरवरी 2016 को भाग लेने के बनाए गए। उन्होंने बताया कि प्रमाण पत्रों पर जन्म तिथि, वजन, क्रमांक, कैटेगरी, मेल-फीमेल, खेल स्थान कुछ भी नहीं है। दोनों प्रतियोगिताओं के सर्टिफिकेट के आधार पर तीनों ने फतेहाबाद जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी के कार्यालय में प्रमाण पत्र हेतु आवेदन कर दिए। उन्होंने बताया कि तत्कालीन अधिकारी राजेंद्र बेरवाल ने भी बिना जांच किए खेल ग्रेडेशन प्रमाण पत्र जारी कर दिए, जो विज्ञापन संख्या 4/2018 दिनांक 18 सितंबर 2018 के अनुसार ग्रुप-डी की भर्ती के मान्य नहीं थी। एसोसिएशन नहीं होने की बात भी सामने आई इंस्पेक्टर रिछपाल सिंह ने बताया कि जांच के दौरान यह भी सामने आया कि तीनों के खेल प्रमाण पत्रों में पिता का नाम, इवेंट, भार वर्ग, आदि भी नहीं मिले हैं। इसलिए जांच में यह सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए। उन्होंने बताया कि जांच में कराटे एसोसिएशन ऑफ चंडीगढ़ के नाम से भी कोई एसोसिएशन नहीं होने की बात सामने आई। कराटे एसोसिएशन ऑफ इंडिया भी 2016 में भारतीय ओलिंपिक एसोसिएशन का सदस्य नहीं रहा। उन्होंने बताया कि तीनों खिलाड़ियों ने कथित फर्जी एसोसिएशन के अध्यक्ष शिव और सचिव अशोक से फर्जी कराटे खेल प्रमाण पत्र बनवा कर नौकरियां ली हैं और खेल अधिकारी ने बिना जांच करवाए कराटे खेल ग्रेडेशन प्रमाण पत्र जारी कर दिए। पुलिस ने सभी 6 लोगों पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पानीपत से लापता किशोर एक माह बाद मिला:बोला- गली के तीन लड़कों ने किया सामुहिक कुकर्म; वीडियो बनाकर हड़पे रुपए, धमकी से डरकर भागा
पानीपत से लापता किशोर एक माह बाद मिला:बोला- गली के तीन लड़कों ने किया सामुहिक कुकर्म; वीडियो बनाकर हड़पे रुपए, धमकी से डरकर भागा हरियाणा के पानीपत शहर की एक कॉलोनी से लापता 15 साल का किशोर एक माह बाद मिल गया है। किशोर नरवाना रेलवे स्टेशन पर मिला। वहां से उसने किसी अनजान के नंबर से परिजनों तक अपनी सूचना पहुंचाई। इसके बाद पानीपत पुलिस ने नरवाना जीआरपी से संपर्क कर उसे काबू करवाया। बाद में स्थानीय पुलिस और परिजन उसे वहां से लेकर वापस आए। वापस आने पर किशोर ने बहुत चौंकाने वाला खुलासा किया। उसने बताया कि उसके साथ गली के 3 लड़कों ने सामूहिक कुकर्म किया था। वे उसे ब्लैकमेल कर रुपए मांग रहे थे। रुपए न देने पर जान से मारने की धमकी दी थी। इसी से डरकर वह भाग गया था। अब किशोर के पिता ने पुलिस को कुकर्म की शिकायत दी है। पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। 15 नवंबर की दोपहर को हुआ था लापता जानकारी देते हुए किशोरी के पिता ने बताया कि वह तीन बच्चों का पिता है। जिनमें दो बेटे व एक बेटी है। उसका बड़ा बेटा 15 साल का है। जिसने पढ़ाई छोड़ी हुई है। अब वह काम करता है। वह 15 नवंबर को घर से बिना किसी को कुछ बताए दोपहर पौने 4 बजे चला गया था। जिसके बाद से वह लापता था। 13 दिसंबर को नरवाना रेलवे स्टेशन से किसी का फोन आया। इसके बाद वे अपने बेटे को वहां से लेकर पानीपत पहुंचे। यहां आने के बाद उसने घर से चले जाने की बड़ी वजह बताई। आरोपी दे रहे थे जान से मारने की धमकी किशोर ने बताया कि उसको 30 अक्टूबर को गली के रहने वाले तीन नाबालिग लड़के एक कमरे पर पार्टी करने के बहाने ले गए थे। कमरे पर ले जाने के बाद वहां उसके साथ जोर जबरदस्ती उसके हाथ पकड़ कर तीनों ने कुकर्म किया। उसके साथ दरिंदगी की वीडियो भी बनाई। इसके बाद वे उसे वीडियो का हवाला देकर ब्लैकमेल करते रहे। तीनों ने उससे अलग-अलग बार में 10 हजार के करीब रुपए भी ऐंठ लिए थे। अब वे और रुपए मांग रहे थे। लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे। पैसे न देने पर उसे जान से मारने की धमकी दी थी। इसी डर की वजह घर से भाग गया था।