हरियाणा की राजनीति में अपराध का साया एक बार फिर गहरा गया है। अंबाला के नारायणगढ़ में बसपा के प्रदेश सचिव हरबिलास की शुक्रवार शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह वारदात 94 मरले जमीन के विवाद का नतीजा बताई जा रही है। यह घटना इनेलो नेता नफे सिंह राठी की हत्या के बाद एक साल अंदर प्रदेश में दूसरा बड़ा राजनीतिक मर्डर है। इस सनसनीखेज हत्याकांड ने प्रदेश की राजनीति और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। फाइनेंसर से खरीदी थी जमीन मृतक के चचरे भाई हिशम सिंह के मानें तो अंबाला में काला अम्ब रोड पर चावला पैलेस के सामने 95 मरले जमीन 3 साल पहले प्रॉपर्टी फाइनेंसर चुन्नू ने अजय गर्ग से खरीदी थी। चुन्नू ने बयाने पर ही इस जमीन को हरबिलास को बेच दी थी, लेकिन वह समय पर अजय से जमीन की रजिस्ट्री नहीं करवा सके। करीब 2 साल बीत जाने पर जमीन के दाम भी बढ़ गए थे। इस कारण अजय रजिस्ट्री करवाने में आनाकानी करने लगा। अजय, चुन्नू से अब का रेट मांग रहा था, क्योंकि अजय ने चुन्नू को जमीन बेची थी। इसी तरह विवाद बढ़ता गया। कई बार पंचायतें हुई, लेकिन कोई हल नहीं निकला। जिसके बाद अजय गर्ग पर रजिस्ट्री करवाने का दबाव बढ़ने लगा। यहां से उसने गैंगस्टर वेंकट गर्ग का सहारा लिया। वहीं दूसरी तरफ वेंकट प्रॉपर्टी फाइनेंसर मनीष मित्तल के संपर्क में भी आ गया था। मनीष ने बिचौलिए के तौर अजय को मनाने के लिए वेंकट से कहा। जिसके बाद वेंकट ने पौने 2 करोड़ की डिमांड की रजिस्ट्री करवाने की गारंटी दी। 2 महीने पहले चुन्नू और हरबिलास ने मनीष मित्तल के माध्यम से को पौने 2 करोड़ रुपए दिए थे। इसके बावजूद न तो रजिस्ट्री हो सकी और न ही पैसे वापस दिए। हत्या से पहले गूगल और वेंकट के बीच हुई 16 बार बात जानकारी के अनुसार, 10 दिन में वेंकट गर्ग ने कई बार हरबिलास और चुन्नू को पैसे देने के लिए अलग-अलग जगह बुलाया, लेकिन वह नहीं मिला। शुक्रवार शाम 7 बजे भी एचएलआरडीटीसी कॉम्प्लेक्स के सामने बुलाया था, जहां हरबिलास की हत्या कर दी। पुलिस जांच में सामने आया कि गूगल और वेंकट के बीच शुक्रवार को 16 बार फोन पर बात हुई। फिलहाल बताया जा रहा है कि हरबिलास के साथ गाड़ी में जो तीसरा साथी था, गूगल पैसे के लेन-देन में दोनों पक्षों की तरफ से बिचौलिए का काम कर रहा था। अब जाने कैसे बना वेंकट गर्ग गैंगस्टर पहले लॉरेंस बिश्नोई और काला राणा गैंग का था गुर्गा नारायणगढ़ वॉर्ड नंबर 4 जोगिया वाला मोहल्ला निवासी गैंगस्टर वेंकट गर्ग मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखता है। पहले लॉरेंस बिश्नोई और काला राणा का गुर्गा था। लेकिन दो साल पहले किसी बात को लेकर काला राणा से उसकी अनबन हो गई। जिसके बाद वेंकट ने अपना ही गैंग बना लिया। 7 माह पहले वेंकट गर्ग को 4 बदमाशों ने नारायणगढ़ के रेस्टोरेंट में घुसकर गन प्वांइट पर लेकर तलवारों से हमला कर दिया था। इस दौरान उसकी टांग भी तोड़ दी गई थी। वेंकट गर्ग ने अपना गैंग बना लिया और जमीनी विवादों में गहरी पैठ बना ली। गैंगस्टर वेंकट गर्ग की काली दुनिया वेंकट गर्ग, जो पहले लॉरेंस बिश्नोई और काला राणा गैंग का हिस्सा था, अब अपराध की दुनिया का बड़ा नाम बन चुका है। 2013 में अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले वेंकट पर अब अंबाला, चंडीगढ़, पंचकूला, यमुनानगर व जगाधरी में हत्या, रंगदारी, और फायरिंग के 12 से अधिक मामले दर्ज हैं। वेंकट अब जमानत पर जेल से बाहर आया हुआ था और प्रॉपर्टी के मामलों में काफी सक्रिय चल रहा था। इसी के चलते 95 मरले जगह पर विवाद के चलते बसपा नेता की हत्या की गई। वेंकट के चर्चित अपराध पुलिस का दावा: जल्द होगी गिरफ्तारी हरियाणा पुलिस ने वेंकट गर्ग की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टीम बनाई है और 2 लाख का इनाम घोषित किया है। यह लगातार दूसरा बड़ा राजनीतिक मर्डर है, जिसने प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ा दी है। हरियाणा में लगातार बढ़ रही सियासी हत्याएं और जमीन विवादों में गैंगस्टरों का हस्तक्षेप राज्य की राजनीति के लिए गंभीर चुनौती बनता जा रहा है। पुलिस के सामने अब अपराधियों को पकड़ने और इस काले गठजोड़ को खत्म करने की दोहरी जिम्मेदारी है। हरियाणा की राजनीति में अपराध का साया एक बार फिर गहरा गया है। अंबाला के नारायणगढ़ में बसपा के प्रदेश सचिव हरबिलास की शुक्रवार शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह वारदात 94 मरले जमीन के विवाद का नतीजा बताई जा रही है। यह घटना इनेलो नेता नफे सिंह राठी की हत्या के बाद एक साल अंदर प्रदेश में दूसरा बड़ा राजनीतिक मर्डर है। इस सनसनीखेज हत्याकांड ने प्रदेश की राजनीति और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। फाइनेंसर से खरीदी थी जमीन मृतक के चचरे भाई हिशम सिंह के मानें तो अंबाला में काला अम्ब रोड पर चावला पैलेस के सामने 95 मरले जमीन 3 साल पहले प्रॉपर्टी फाइनेंसर चुन्नू ने अजय गर्ग से खरीदी थी। चुन्नू ने बयाने पर ही इस जमीन को हरबिलास को बेच दी थी, लेकिन वह समय पर अजय से जमीन की रजिस्ट्री नहीं करवा सके। करीब 2 साल बीत जाने पर जमीन के दाम भी बढ़ गए थे। इस कारण अजय रजिस्ट्री करवाने में आनाकानी करने लगा। अजय, चुन्नू से अब का रेट मांग रहा था, क्योंकि अजय ने चुन्नू को जमीन बेची थी। इसी तरह विवाद बढ़ता गया। कई बार पंचायतें हुई, लेकिन कोई हल नहीं निकला। जिसके बाद अजय गर्ग पर रजिस्ट्री करवाने का दबाव बढ़ने लगा। यहां से उसने गैंगस्टर वेंकट गर्ग का सहारा लिया। वहीं दूसरी तरफ वेंकट प्रॉपर्टी फाइनेंसर मनीष मित्तल के संपर्क में भी आ गया था। मनीष ने बिचौलिए के तौर अजय को मनाने के लिए वेंकट से कहा। जिसके बाद वेंकट ने पौने 2 करोड़ की डिमांड की रजिस्ट्री करवाने की गारंटी दी। 2 महीने पहले चुन्नू और हरबिलास ने मनीष मित्तल के माध्यम से को पौने 2 करोड़ रुपए दिए थे। इसके बावजूद न तो रजिस्ट्री हो सकी और न ही पैसे वापस दिए। हत्या से पहले गूगल और वेंकट के बीच हुई 16 बार बात जानकारी के अनुसार, 10 दिन में वेंकट गर्ग ने कई बार हरबिलास और चुन्नू को पैसे देने के लिए अलग-अलग जगह बुलाया, लेकिन वह नहीं मिला। शुक्रवार शाम 7 बजे भी एचएलआरडीटीसी कॉम्प्लेक्स के सामने बुलाया था, जहां हरबिलास की हत्या कर दी। पुलिस जांच में सामने आया कि गूगल और वेंकट के बीच शुक्रवार को 16 बार फोन पर बात हुई। फिलहाल बताया जा रहा है कि हरबिलास के साथ गाड़ी में जो तीसरा साथी था, गूगल पैसे के लेन-देन में दोनों पक्षों की तरफ से बिचौलिए का काम कर रहा था। अब जाने कैसे बना वेंकट गर्ग गैंगस्टर पहले लॉरेंस बिश्नोई और काला राणा गैंग का था गुर्गा नारायणगढ़ वॉर्ड नंबर 4 जोगिया वाला मोहल्ला निवासी गैंगस्टर वेंकट गर्ग मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखता है। पहले लॉरेंस बिश्नोई और काला राणा का गुर्गा था। लेकिन दो साल पहले किसी बात को लेकर काला राणा से उसकी अनबन हो गई। जिसके बाद वेंकट ने अपना ही गैंग बना लिया। 7 माह पहले वेंकट गर्ग को 4 बदमाशों ने नारायणगढ़ के रेस्टोरेंट में घुसकर गन प्वांइट पर लेकर तलवारों से हमला कर दिया था। इस दौरान उसकी टांग भी तोड़ दी गई थी। वेंकट गर्ग ने अपना गैंग बना लिया और जमीनी विवादों में गहरी पैठ बना ली। गैंगस्टर वेंकट गर्ग की काली दुनिया वेंकट गर्ग, जो पहले लॉरेंस बिश्नोई और काला राणा गैंग का हिस्सा था, अब अपराध की दुनिया का बड़ा नाम बन चुका है। 2013 में अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले वेंकट पर अब अंबाला, चंडीगढ़, पंचकूला, यमुनानगर व जगाधरी में हत्या, रंगदारी, और फायरिंग के 12 से अधिक मामले दर्ज हैं। वेंकट अब जमानत पर जेल से बाहर आया हुआ था और प्रॉपर्टी के मामलों में काफी सक्रिय चल रहा था। इसी के चलते 95 मरले जगह पर विवाद के चलते बसपा नेता की हत्या की गई। वेंकट के चर्चित अपराध पुलिस का दावा: जल्द होगी गिरफ्तारी हरियाणा पुलिस ने वेंकट गर्ग की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टीम बनाई है और 2 लाख का इनाम घोषित किया है। यह लगातार दूसरा बड़ा राजनीतिक मर्डर है, जिसने प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ा दी है। हरियाणा में लगातार बढ़ रही सियासी हत्याएं और जमीन विवादों में गैंगस्टरों का हस्तक्षेप राज्य की राजनीति के लिए गंभीर चुनौती बनता जा रहा है। पुलिस के सामने अब अपराधियों को पकड़ने और इस काले गठजोड़ को खत्म करने की दोहरी जिम्मेदारी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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भिवानी में सांसद धर्मवीर का कांग्रेस पर हमला:बोले-राहुल गांधी मूली को कहेंगे शलग़म, उन्हें ना खेती का पता, ना फसलों का हरियाणा के भिवानी जिले के भीम स्टेडियम में शनिवार को 68वें राष्ट्रीय स्कूली कबड्डी खेलकूद प्रतियोगिता के शुभारंभ पर भिवानी सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह पहुंचे। इस दौरान भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह ने राहुल गांधी पर निशाना साधा। सांसद धर्मवीर ने राहुल गांधी द्वारा किसानों पर आंसू गैस के गोले दागने के सवाल पर कहा कि राहुल गांधी को ना खेती का पता और ना ही उन्हें यह पता कि ज्वार बाजरा क्या है। वह जो रोटी खा रहे हैं, वह किस चीज की खा रहे हैं। सांसद ने कहा कि राहुल गांधी तो मूली को शलगम कहेगा और गाजर को आलू कहेगा। हर साल बढ़ रहे फसलों के दाम भिवानी महेंद्रगढ़ के सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह ने सुरजेवाला के संसद सत्र में एमएसपी लागू करने के सवाल पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि आज किसानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महत्वता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि बहुत सी फसलों का दाम हर साल बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चावल से लेकर गेंहू तक और गन्ने से लेकर बाजरे तक के दाम हर साल बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री द्वारा पहले ही फैसला ले लिया गया था कि हरियाणा में हम सभी फसलें एमएसपी पर खरीदेंगे। बैठकर करना चाहिए समस्याओं का समाधान किसानों द्वारा शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन किए जाने के सवाल पर सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह ने कहा कि समस्या हर जगह है, लेकिन समस्या का मतलब यह नहीं, यह तरीका अपनाया जाए। उन्होंने कहा कि पहले भी काफी दिनों तक देश में इस तरह का माहौल देखने को मिला। हमें सभी देशों को देखना चाहिए कि पाकिस्तान में क्या हाल-चल रहा है, बांग्लादेश में किस तरह की हालात हैं या अफगानिस्तान में क्या हालत चल रहे हैं। इजराइल या अन्य देशों में किस तरह के हालात चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें इन सब से ऊपर उठकर एक साथ रहकर देश को आगे बढ़ाना चाहिए और बैठकर समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
भाजपा चेयरमैन के खिलाफ पार्षद लामबंद, ADC गायब:पार्षद 2 घंटे करते रहे इंतजार, मिलाते रहे फोन, अधिकारी बोलीं मेरे घर में इमरजेंसी थी
भाजपा चेयरमैन के खिलाफ पार्षद लामबंद, ADC गायब:पार्षद 2 घंटे करते रहे इंतजार, मिलाते रहे फोन, अधिकारी बोलीं मेरे घर में इमरजेंसी थी हरियाणा के हिसार में भाजपा के जिला परिषद चेयरमैन सोनू सिहाग डाटा के खिलाफ पार्षद एकजुट हो गए हैं। 30 में से 23 पार्षद उनके खिलाफ हैं और उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की मांग को लेकर पार्षद मंगलवार ( 3 दिसंबर) को अतिरिक्त उपायुक्त (ADC) सी. जयाश्रद्धा से समय लेकर मिलने पहुंचे। ADC ने दोपहर 2 बजे का समय दिया। तय समयनुसार पार्षद लघु सचिवालय स्थित ADC कार्यालय पहुंच गए। मगर ADC कार्यालय नहीं थी। पार्षदों ने कुछ देर इंतजार के बाद फोन मिलाया ADC ने फोन कर कहा मैं कुछ देर में आ रही हूं। ऐसे करते-करते 2 घंटे तक पार्षद इंतजार करते रहे। थक हारकर पार्षद चले गए मगर ADC कार्यालय नहीं पहुंची। पार्षदों के जाने के तुरंत बाद शाम करीब 4 बजे ADC कार्यालय पहुंच गई। अब इस पूरे प्रकरण पर विवाद हो रहा है। वहीं ADC का कहना है कि उनके घर में इमरजेंसी आ गई थी। वह वेटनरी अस्पताल गई हुई थी। पार्षद चाहे तो आज मुलाकात कर सकते हैं। चेयरमैन के खिलाफ 23 पार्षद एकजुट… पार्षद बोले- चेयरमैन कर सकता है हॉर्स ट्रेडिंग
वहीं इस मामले में चेयरमैन के डर से चोरी छिपे एकजुट हो रहे पार्षदों के चेहरे उजागर होने से उनको डर है कि चेयरमैन धनबल या ब्लैकमेलिंग के जरिये पार्षदों को तोड़ने की कोशिश कर सकता है। पार्षदों की मांग है कि प्रशासन जल्द से जल्द इस मुद्दे पर बैठक बुलाए, ताकि चेयरमैन विधायक या मंत्री के जरिये दवाब ना बनाए और हॉर्स ट्रेडिंग ना कर सकें। चेयरमैन को हटाने के लिए 21 पार्षदों की जरूरत
दरअसल, जिला परिषद चेयरमैन को हटाने के लिए 30 में से 21 पार्षदों की जरूरत है। जबकि चेयरमैन को अपने बचाव के लिए 11 पार्षद चाहिए। चेयरमैन शुरू से दावा करते रहे हैं कि उनके पास 14 पार्षदों का समर्थन है। मगर एकजुट पार्षदों की संख्या 23 है ऐसे में चेयरमैन का दावा झूठा पड़ता दिखाई दे रहा है। वहीं बताया जा रहा है कि चेयरमैन को कुछ कांग्रेस पार्षदों के अलावा 6 से 7 पार्षदों का समर्थन है। ऐसे में चेयरमैन को कुर्सी बचाने के लिए 11 पार्षद अरेंज करने हैं। पार्षदों को डर है कि चेयरमैन अब चेहरे उजागर होने के हॉर्स ट्रेडिंग या दबाब बनाकर अपने पाले में करने की कोशिश करेगा। तस्वीर 2 साल पुरानी है… भाजपा विधायकों के साथ जीत की खुशी मनाते चेयरमैन जिला परिषद चेयरमैन इसलिए पड़े कमजोर…
1. चेयरमैन के गांव में हारी BJP
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में जिला परिषद चेयरमैन सोनू सिहाग के गांव डाटा से BJP प्रत्याशी कैप्टन अभिमन्यु की बुरी तरह हार हुई। डाटा नारनौंद विधानसभा क्षेत्र के बड़े गांवों में से एक हैं। यहां करीब 7 बूथ बनाए गए थे। इन बूथों में से 6 पर कांग्रेस और 1 बूथ पर ही भाजपा जीत पाई। कांग्रेस उम्मीदवार जस्सी पेटवाड़ को गांव में 3,274 वोट मिले, जबकि कैप्टन अभिमन्यु को गांव से महज 2,156 वोट मिले थे। 2. कमीशनखोरी का आरोप
कुछ महीने पहले कई जिला पार्षदों ने मिलकर मुख्यमंत्री से चेयरमैन की शिकायत की थी। वहीं विकास कार्यों में किए जा रहे पक्षपातपूर्ण निर्णयों को लेकर परिषद कार्यालय में धरना भी लगाया था। मुख्यमंत्री के समक्ष पार्षदों ने चेयरमैन पर कमीशनखोरी के आरोप भी लगाए। यह भी कहा कि कमीशन के चक्कर में ही जिला परिषद की पहली ग्रांट भी नहीं लग पाई है। जब तक कमीशन नहीं दिया जाता तब तक काम भी शुरू नहीं होने देते। पिछले 2 साल से विकास कार्य पेंडिंग पड़े हैं। जिससे सरकार की छवि खराब हो रही है। 3. कांग्रेस नेताओं के साथ की गुप्त बैठकें
पार्षदों ने आरोप लगाया कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान चेयरमैन की कांग्रेस सांसद जेपी और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के साथ गुप्त मीटिंग हुई थी। चेयरमैन को लगा कि कांग्रेस सरकार आएगी। ऐसे में वह पहले से ही कांग्रेस नेताओं के संपर्क में आ गए थे। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को इसकी भनक लग गई थी। रही सही कसर चेयरमैन के गांव में भाजपा प्रत्याशी की हार से पूरी हो गई। पार्षदों ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव में चेयरमैन ने गुपचुप तरीके से कांग्रेस के नेताओं का समर्थन किया। 4. पार्षदों को ब्लैकमेल करने का आरोप
जिला पार्षदों ने आरोप लगाया कि चेयरमैन ने अपने होटल में अपने पार्षद साथियों की कुछ आपत्तिजनक वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया था। इसके बाद पार्षदों ने बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से मिलकर चेयरमैन की इस हरकत से अवगत भी करवाया। जिससे पार्टी के स्थानीय नेता, विधायक, मंत्री और संगठन के लोग चेयरमैन से दूरी बना चुके हैं। जानिए हिसार जिला परिषद का गणित…
हिसार जिला परिषद में 30 जोन है। भाजपा, जजपा और कांग्रेस ने अपने चुनाव चिन्ह पर उम्मीदवार नहीं उतारे थे। जैसे-जैसे चेयरमैन का चुनाव नजदीक आता रहा, दोनों पार्टियों के साथ पार्षद जुटते रहे। चेयरमैन-वाइस चेयरमैन चुनाव के समय 12 पार्षद भाजपा, 14 जजपा और 4 कांग्रेस के साथ चले गए। ऐसे में जजपा बड़ी पार्टी जरूर बनी लेकिन कुर्सी की चाबी कांग्रेस के हाथ चली गई। कांग्रेस ने भाजपा संग मिलकर खेल किया जिसमें पूर्व बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने अंदरखाते पार्षद एकजुट किए थे और भाजपा का चेयरमैन बना। ऐसे मिली थी भाजपा चेयरमैन सोनू सिहाग को कुर्सी…
1. BJP ने मंत्री की ड्यूटी लगाई : BJP जानती थी कि हिसार जिला परिषद में चेयरमैन और वाइस चेयरमैन की कुर्सी कांग्रेस के समर्थन के बिना मिलनी मुश्किल है। इसलिए पूर्व बिजली मंत्री रणजीत चौटाला की ड्यूटी लगाई गई थी। रणजीत की पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ पुरानी दोस्ती थी। यहीं से पूरा सियासी चक्रव्यूह रचना शुरू कर दिया गया था।
2. हुड्डा भी जजपा की कुर्सी नहीं चाहते थे : भूपेंद्र हुड्डा भी नहीं चाहते थे कि हिसार में जजपा का दबदबा बढ़े। ऐसे में तय हो गया कि चेयरमैन BJP का बनेगा। वाइस चेयरमैन की कुर्सी कांग्रेस को मिलेगी। जिसके बाद वोटिंग हुई और BJP को चेयरमैन और कांग्रेस को वाइस चेयरमैन की कुर्सी मिल गई। कांग्रेस नेता ने कहा था- पैनल्टी कॉर्नर मिला, हमने गोल कर दिया
14 पार्षदों वाली जजपा सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद दोनों कुर्सियों से दूर रह गई थी। इस पर तब कांग्रेसी नेता धर्मवीर गोयत ने कहा था – रणजीत चौटाला ने हमें पैनल्टी कॉर्नर दिया और हमने गोल कर दिया। हम पहले चुपचाप इसलिए रहे, ताकि ये दोनों पार्टियां इक्ट्ठी न हो जाए। हमारे पास कर्मकेश कुंडू, दिनेश श्योराण, सुदेश रानी और रीना बदावड़ पार्षद थी। जिसमें रीना अब वाइस चेयरपर्सन बन गई हैं।
करनाल में युवक पर चाकुओं से हमला:15 से 20 बदमाशों ने दिया वारदात को अंजाम, गुप्तांग पर भी किए लात से वार
करनाल में युवक पर चाकुओं से हमला:15 से 20 बदमाशों ने दिया वारदात को अंजाम, गुप्तांग पर भी किए लात से वार हरियाणा के करनाल के सेक्टर-12 में मेले के दौरान दो युवकों ने एक युवक पर जानलेवा हमला बोल दिया। युवक की आरोपियों के साथ बहस बाजी हुई थी और जैसे ही युवक मेले से बाहर निकला तो तेजधार हथियारों व लाठी डंडों से हमला कर दिया। युवक का आरोप है कि उसके सिर में कांच की बोतल मारी और प्राइवेट पार्ट पर भी लात से वार किया। हमलावर उसे पास से 2500 रुपए की नकदी छीन कर भी फरार हो गए। पीड़ित ने मामले की शिकायत पुलिस को की है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 15 से 20 बदमाशों ने दिया वारदात को अंजाम करनाल की न्यू बहादुर चंद कालोनी निवासी आकाश पुत्र रिजवान कल रात करीब 11 बजे सेक्टर-12 के मेले में गया था, जहां दो अज्ञात लड़कों ने उनके साथ बेवजह बहस और गाली-गलौच शुरू कर दी। इसके बाद, जब आकाश मेले से बाहर निकला, तो 15-20 लड़कों ने उस पर हमला किया। इस दौरान, हमलावरों ने आकाश की कमर पर ईंट और टाइलों से वार किया, और उनके मुंह पर चाकू व तेजधार हथियार से हमला किया जिससे उनके मुंह पर गंभीर चोटें आईं। कांच की से सिर पर किया हमला पीड़ित ने बताया कि आरोपियों ने इस दौरान उसके सिर पर कांच की बोतल मारी और नीचे गिराकर उनके गुप्त अंग पर लात मारी। इसके अलावा, उनके दांत को भी ईंट से वार कर हिला दिया गया। हमलावरों ने आकाश को धमकी दी कि अगर वह फिर कभी उन्हें मिला, तो वे उसे जान से मार देंगे। इन दोषियों ने आकाश से 2,500 रुपये भी छीन लिए। पैसे छीनने की पुष्टि नहीं आकाश की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई की और घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू की। घटना स्थल और आस-पास के लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस ने पुष्टि की कि वहां केवल लड़ाई-झगड़े की घटना हुई थी और पैसे छीनने की घटना की कोई पुष्टि नहीं हो सकी। हर पहलू पर पुलिस कर रही जांच सिविल लाइन थाना के जांच अधिकारी ASI गुलविन्द्र सिंह ने बताया कि आकाश की शिकायत के आधार पर अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।