अंबाला में बसपा नेता के हत्यारे पर 12 केस:2013 में वेंकट ने अपराध की दुनिया में आया, जमीनी विवादों में बनाई गहरी पैठ

अंबाला में बसपा नेता के हत्यारे पर 12 केस:2013 में वेंकट ने अपराध की दुनिया में आया, जमीनी विवादों में बनाई गहरी पैठ

हरियाणा की राजनीति में अपराध का साया एक बार फिर गहरा गया है। अंबाला के नारायणगढ़ में बसपा के प्रदेश सचिव हरबिलास की शुक्रवार शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह वारदात 94 मरले जमीन के विवाद का नतीजा बताई जा रही है। यह घटना इनेलो नेता नफे सिंह राठी की हत्या के बाद एक साल अंदर प्रदेश में दूसरा बड़ा राजनीतिक मर्डर है। इस सनसनीखेज हत्याकांड ने प्रदेश की राजनीति और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। फाइनेंसर से खरीदी थी जमीन मृतक के चचरे भाई ​​​​​​हिशम सिंह के मानें तो अंबाला में काला अम्ब रोड पर चावला पैलेस के सामने 95 मरले जमीन 3 साल पहले प्रॉपर्टी फाइनेंसर चुन्नू ने अजय गर्ग से खरीदी थी। चुन्नू ने बयाने पर ही इस जमीन को हरबिलास को बेच दी थी, लेकिन वह समय पर अजय से जमीन की रजिस्ट्री नहीं करवा सके। करीब 2 साल बीत जाने पर जमीन के दाम भी बढ़ गए थे। इस कारण अजय रजिस्ट्री करवाने में आनाकानी करने लगा। अजय, चुन्नू से अब का रेट मांग रहा था, क्योंकि अजय ने चुन्नू को जमीन बेची थी। इसी तरह विवाद बढ़ता गया। कई बार पंचायतें हुई, लेकिन कोई हल नहीं निकला। जिसके बाद अजय गर्ग पर रजिस्ट्री करवाने का दबाव बढ़ने लगा। यहां से उसने गैंगस्टर वेंकट गर्ग का सहारा लिया। वहीं दूसरी तरफ वेंकट प्रॉपर्टी फाइनेंसर मनीष मित्तल के संपर्क में भी आ गया था। मनीष ने बिचौलिए के तौर अजय को मनाने के लिए वेंकट से कहा। जिसके बाद वेंकट ने पौने 2 करोड़ की डिमांड की रजिस्ट्री करवाने की गारंटी दी। 2 महीने पहले चुन्नू और हरबिलास ने मनीष मित्तल के माध्यम से को पौने 2 करोड़ रुपए दिए थे। इसके बावजूद न तो रजिस्ट्री हो सकी और न ही पैसे वापस दिए। हत्या से पहले गूगल और वेंकट के बीच हुई 16 बार बात जानकारी के अनुसार, 10 दिन में वेंकट गर्ग ने कई बार हरबिलास और चुन्नू को पैसे देने के लिए अलग-अलग जगह बुलाया, लेकिन वह नहीं मिला। शुक्रवार शाम 7 बजे भी एचएलआरडीटीसी कॉम्प्लेक्स के सामने बुलाया था, जहां हरबिलास की हत्या कर दी। पुलिस जांच में सामने आया कि गूगल और वेंकट के बीच शुक्रवार को 16 बार फोन पर बात हुई। फिलहाल बताया जा रहा है कि हरबिलास के साथ गाड़ी में जो तीसरा साथी था, गूगल पैसे के लेन-देन में दोनों पक्षों की तरफ से बिचौलिए का काम कर रहा था। अब जाने कैसे बना वेंकट गर्ग गैंगस्टर पहले लॉरेंस बिश्नोई और काला राणा गैंग का था गुर्गा नारायणगढ़ वॉर्ड नंबर 4 जोगिया वाला मोहल्ला निवासी गैंगस्टर वेंकट गर्ग मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखता है। पहले लॉरेंस बिश्नोई और काला राणा का गुर्गा था। लेकिन दो साल पहले किसी बात को लेकर काला राणा से उसकी अनबन हो गई। जिसके बाद वेंकट ने अपना ही गैंग बना लिया। 7 माह पहले वेंकट गर्ग को 4 बदमाशों ने नारायणगढ़ के रेस्टोरेंट में घुसकर गन प्वांइट पर लेकर तलवारों से हमला कर दिया था। इस दौरान उसकी टांग भी तोड़ दी गई थी। वेंकट गर्ग ने अपना गैंग बना लिया और जमीनी विवादों में गहरी पैठ बना ली। गैंगस्टर वेंकट गर्ग की काली दुनिया वेंकट गर्ग, जो पहले लॉरेंस बिश्नोई और काला राणा गैंग का हिस्सा था, अब अपराध की दुनिया का बड़ा नाम बन चुका है। 2013 में अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले वेंकट पर अब अंबाला, चंडीगढ़, पंचकूला, यमुनानगर व जगाधरी में हत्या, रंगदारी, और फायरिंग के 12 से अधिक मामले दर्ज हैं। वेंकट अब जमानत पर जेल से बाहर आया हुआ था और प्रॉपर्टी के मामलों में काफी सक्रिय चल रहा था। इसी के चलते 95 मरले जगह पर विवाद के चलते बसपा नेता की हत्या की गई। वेंकट के चर्चित अपराध पुलिस का दावा: जल्द होगी गिरफ्तारी हरियाणा पुलिस ने वेंकट गर्ग की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टीम बनाई है और 2 लाख का इनाम घोषित किया है। यह लगातार दूसरा बड़ा राजनीतिक मर्डर है, जिसने प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ा दी है। हरियाणा में लगातार बढ़ रही सियासी हत्याएं और जमीन विवादों में गैंगस्टरों का हस्तक्षेप राज्य की राजनीति के लिए गंभीर चुनौती बनता जा रहा है। पुलिस के सामने अब अपराधियों को पकड़ने और इस काले गठजोड़ को खत्म करने की दोहरी जिम्मेदारी है। हरियाणा की राजनीति में अपराध का साया एक बार फिर गहरा गया है। अंबाला के नारायणगढ़ में बसपा के प्रदेश सचिव हरबिलास की शुक्रवार शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह वारदात 94 मरले जमीन के विवाद का नतीजा बताई जा रही है। यह घटना इनेलो नेता नफे सिंह राठी की हत्या के बाद एक साल अंदर प्रदेश में दूसरा बड़ा राजनीतिक मर्डर है। इस सनसनीखेज हत्याकांड ने प्रदेश की राजनीति और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। फाइनेंसर से खरीदी थी जमीन मृतक के चचरे भाई ​​​​​​हिशम सिंह के मानें तो अंबाला में काला अम्ब रोड पर चावला पैलेस के सामने 95 मरले जमीन 3 साल पहले प्रॉपर्टी फाइनेंसर चुन्नू ने अजय गर्ग से खरीदी थी। चुन्नू ने बयाने पर ही इस जमीन को हरबिलास को बेच दी थी, लेकिन वह समय पर अजय से जमीन की रजिस्ट्री नहीं करवा सके। करीब 2 साल बीत जाने पर जमीन के दाम भी बढ़ गए थे। इस कारण अजय रजिस्ट्री करवाने में आनाकानी करने लगा। अजय, चुन्नू से अब का रेट मांग रहा था, क्योंकि अजय ने चुन्नू को जमीन बेची थी। इसी तरह विवाद बढ़ता गया। कई बार पंचायतें हुई, लेकिन कोई हल नहीं निकला। जिसके बाद अजय गर्ग पर रजिस्ट्री करवाने का दबाव बढ़ने लगा। यहां से उसने गैंगस्टर वेंकट गर्ग का सहारा लिया। वहीं दूसरी तरफ वेंकट प्रॉपर्टी फाइनेंसर मनीष मित्तल के संपर्क में भी आ गया था। मनीष ने बिचौलिए के तौर अजय को मनाने के लिए वेंकट से कहा। जिसके बाद वेंकट ने पौने 2 करोड़ की डिमांड की रजिस्ट्री करवाने की गारंटी दी। 2 महीने पहले चुन्नू और हरबिलास ने मनीष मित्तल के माध्यम से को पौने 2 करोड़ रुपए दिए थे। इसके बावजूद न तो रजिस्ट्री हो सकी और न ही पैसे वापस दिए। हत्या से पहले गूगल और वेंकट के बीच हुई 16 बार बात जानकारी के अनुसार, 10 दिन में वेंकट गर्ग ने कई बार हरबिलास और चुन्नू को पैसे देने के लिए अलग-अलग जगह बुलाया, लेकिन वह नहीं मिला। शुक्रवार शाम 7 बजे भी एचएलआरडीटीसी कॉम्प्लेक्स के सामने बुलाया था, जहां हरबिलास की हत्या कर दी। पुलिस जांच में सामने आया कि गूगल और वेंकट के बीच शुक्रवार को 16 बार फोन पर बात हुई। फिलहाल बताया जा रहा है कि हरबिलास के साथ गाड़ी में जो तीसरा साथी था, गूगल पैसे के लेन-देन में दोनों पक्षों की तरफ से बिचौलिए का काम कर रहा था। अब जाने कैसे बना वेंकट गर्ग गैंगस्टर पहले लॉरेंस बिश्नोई और काला राणा गैंग का था गुर्गा नारायणगढ़ वॉर्ड नंबर 4 जोगिया वाला मोहल्ला निवासी गैंगस्टर वेंकट गर्ग मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखता है। पहले लॉरेंस बिश्नोई और काला राणा का गुर्गा था। लेकिन दो साल पहले किसी बात को लेकर काला राणा से उसकी अनबन हो गई। जिसके बाद वेंकट ने अपना ही गैंग बना लिया। 7 माह पहले वेंकट गर्ग को 4 बदमाशों ने नारायणगढ़ के रेस्टोरेंट में घुसकर गन प्वांइट पर लेकर तलवारों से हमला कर दिया था। इस दौरान उसकी टांग भी तोड़ दी गई थी। वेंकट गर्ग ने अपना गैंग बना लिया और जमीनी विवादों में गहरी पैठ बना ली। गैंगस्टर वेंकट गर्ग की काली दुनिया वेंकट गर्ग, जो पहले लॉरेंस बिश्नोई और काला राणा गैंग का हिस्सा था, अब अपराध की दुनिया का बड़ा नाम बन चुका है। 2013 में अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले वेंकट पर अब अंबाला, चंडीगढ़, पंचकूला, यमुनानगर व जगाधरी में हत्या, रंगदारी, और फायरिंग के 12 से अधिक मामले दर्ज हैं। वेंकट अब जमानत पर जेल से बाहर आया हुआ था और प्रॉपर्टी के मामलों में काफी सक्रिय चल रहा था। इसी के चलते 95 मरले जगह पर विवाद के चलते बसपा नेता की हत्या की गई। वेंकट के चर्चित अपराध पुलिस का दावा: जल्द होगी गिरफ्तारी हरियाणा पुलिस ने वेंकट गर्ग की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टीम बनाई है और 2 लाख का इनाम घोषित किया है। यह लगातार दूसरा बड़ा राजनीतिक मर्डर है, जिसने प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ा दी है। हरियाणा में लगातार बढ़ रही सियासी हत्याएं और जमीन विवादों में गैंगस्टरों का हस्तक्षेप राज्य की राजनीति के लिए गंभीर चुनौती बनता जा रहा है। पुलिस के सामने अब अपराधियों को पकड़ने और इस काले गठजोड़ को खत्म करने की दोहरी जिम्मेदारी है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर