हरियाणा के पलवल में हथीन उपमंडल के लखनाका गांव निवासी एडवोकेट जाहुल खान की बीस वर्षीय बेटी तनू का किर्गिस्तान में एक सड़क हादसे में निधन हो गया। तनू एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थी। उसके निधन से पूरे गांव में शोक की लहर है। शुक्रवार शाम को उसका शव गांव पहुंचा ओर वहां उसे सुपुर्द ए खाक कर दिया गया। जानकारी के अनुसार हथीन उपमंडल के लखनाका गांव निवासी जाहुल खान एडवोकेट के दो बच्चे हैं। उनमें एक बेटा और दूसरी बेटी तनू खान है। तनू खान के दादा हरियाणा पुलिस में बतौर इंस्पेक्टर तैनात हैं। तनू के पिता की इच्छा थी कि उनकी बेटी पढ़ लिखकर मेवात के लोगों के लिये बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करे। इसके लिए उसने तनू को एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिये पिछले वर्ष किर्गिस्तान भेजा था। तनू ने एक वर्ष तक किर्गिस्तान में एमबीबीएस की पढ़ाई की। अब दूसरे वर्ष में तनू की एक सडक हादसे में मौत हो गई। तनू की सड़क दुर्घटना में मौत की खबर मिलते ही परिवार व गांव में मातम छा गया। परिजन शुक्रवार को देर शाम तनू के शव को लेकर पैतृक गांव लखनाका पहुंचे। जहां तनू को अपने गांव की मिट्टी में सुपुर्द ए खाक कर दिया गया। ग्रामीणों का कहना था कि उन्हें क्या पता था कि तनू डॉक्टर बनने गई है और जब वापस लौटेगी तो इस तरह। तनू खान के रूप में उन्हें एक अच्छा डॉक्टर मिलने वाला था, जिसे उन्होंने खो दिया। हरियाणा के पलवल में हथीन उपमंडल के लखनाका गांव निवासी एडवोकेट जाहुल खान की बीस वर्षीय बेटी तनू का किर्गिस्तान में एक सड़क हादसे में निधन हो गया। तनू एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थी। उसके निधन से पूरे गांव में शोक की लहर है। शुक्रवार शाम को उसका शव गांव पहुंचा ओर वहां उसे सुपुर्द ए खाक कर दिया गया। जानकारी के अनुसार हथीन उपमंडल के लखनाका गांव निवासी जाहुल खान एडवोकेट के दो बच्चे हैं। उनमें एक बेटा और दूसरी बेटी तनू खान है। तनू खान के दादा हरियाणा पुलिस में बतौर इंस्पेक्टर तैनात हैं। तनू के पिता की इच्छा थी कि उनकी बेटी पढ़ लिखकर मेवात के लोगों के लिये बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करे। इसके लिए उसने तनू को एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिये पिछले वर्ष किर्गिस्तान भेजा था। तनू ने एक वर्ष तक किर्गिस्तान में एमबीबीएस की पढ़ाई की। अब दूसरे वर्ष में तनू की एक सडक हादसे में मौत हो गई। तनू की सड़क दुर्घटना में मौत की खबर मिलते ही परिवार व गांव में मातम छा गया। परिजन शुक्रवार को देर शाम तनू के शव को लेकर पैतृक गांव लखनाका पहुंचे। जहां तनू को अपने गांव की मिट्टी में सुपुर्द ए खाक कर दिया गया। ग्रामीणों का कहना था कि उन्हें क्या पता था कि तनू डॉक्टर बनने गई है और जब वापस लौटेगी तो इस तरह। तनू खान के रूप में उन्हें एक अच्छा डॉक्टर मिलने वाला था, जिसे उन्होंने खो दिया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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