हरियाणा के राज्य परिवहन मंत्री असीम गोयल ने कहा कि पहले की सरकारों ने कभी व्यवस्थाओं को सुधारने का काम नहीं किया। चाहे कांग्रेस रही या इनेलो दोनों ने आरोप प्रत्यारोप की राजनीति की और व्यवस्थाओं को बिगाड़ा,लेकिन भाजपा ने प्रदेश में व्यवस्थाओं को सुधारा और हर कौने-कौने में विकास किया। असीम गोयल आज अंबाला में बिजली निगम के नए फीडरों का उद्घाटन कर रहे थे। वहीं,असीम गोयल ने पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के एक बयान पर पलटवार करते हुए दुष्यंत चौटाला को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि दुष्यंत की खुशफहमी विधानसभा चुनाव में निकल जाएगी। भाजपा छोटे से छोटे कार्यकर्ता को कहां से कहां बैठा देती है इसका बड़ा उदाहरण मुख्यमंत्री नायब सैनी और पूर्व सीएम मनोहर लाल है। दुष्यंत को राजनीति विरासत में मिली है इसलिए आसान लगती है। मंत्री असीम गोयल ने बताया कि हमारे विधानसभा में 5 सब स्टेशन भी सरकार ने मंजूर किये हैं। जिसमें एक 66 केवी व चार 33 केवी के हैं। जो विधानसभा के चारों तरफ स्थापित किये जायेंगे। जिसके बाद शहर से बिजली संबंधी समस्याएं खत्म होंगी। हरियाणा के राज्य परिवहन मंत्री असीम गोयल ने कहा कि पहले की सरकारों ने कभी व्यवस्थाओं को सुधारने का काम नहीं किया। चाहे कांग्रेस रही या इनेलो दोनों ने आरोप प्रत्यारोप की राजनीति की और व्यवस्थाओं को बिगाड़ा,लेकिन भाजपा ने प्रदेश में व्यवस्थाओं को सुधारा और हर कौने-कौने में विकास किया। असीम गोयल आज अंबाला में बिजली निगम के नए फीडरों का उद्घाटन कर रहे थे। वहीं,असीम गोयल ने पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के एक बयान पर पलटवार करते हुए दुष्यंत चौटाला को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि दुष्यंत की खुशफहमी विधानसभा चुनाव में निकल जाएगी। भाजपा छोटे से छोटे कार्यकर्ता को कहां से कहां बैठा देती है इसका बड़ा उदाहरण मुख्यमंत्री नायब सैनी और पूर्व सीएम मनोहर लाल है। दुष्यंत को राजनीति विरासत में मिली है इसलिए आसान लगती है। मंत्री असीम गोयल ने बताया कि हमारे विधानसभा में 5 सब स्टेशन भी सरकार ने मंजूर किये हैं। जिसमें एक 66 केवी व चार 33 केवी के हैं। जो विधानसभा के चारों तरफ स्थापित किये जायेंगे। जिसके बाद शहर से बिजली संबंधी समस्याएं खत्म होंगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा BJP विधायक ने टिकट कटते ही पार्टी छोड़ी:आधी रात प्रदेशाध्यक्ष को इस्तीफा देकर दिल्ली रवाना, कांग्रेस जॉइन करेंगे
हरियाणा BJP विधायक ने टिकट कटते ही पार्टी छोड़ी:आधी रात प्रदेशाध्यक्ष को इस्तीफा देकर दिल्ली रवाना, कांग्रेस जॉइन करेंगे हरियाणा के फतेहाबाद की रतिया विधानसभा से भाजपा विधायक लक्ष्मण नापा ने टिकट कटने पर पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने टिकट की घोषणा के बाद आधी रात को ही अपना इस्तीफा पार्टी प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली को भेज दिया। इसके बाद वह रात को ही काफिले के साथ दिल्ली रवाना हो गए। दिल्ली में वे दोपहर बाद करीब 4 बजे कांग्रेस जॉइन करेंगे। भूपेंद्र हुड्डा उन्हें पार्टी में शामिल करेंगे। बीती रात को भाजपा ने 67 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की। जिसमें रतिया से लक्ष्मण नापा की जगह पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल को टिकट दी गई है। लक्ष्मण नापा का इस्तीफा… नापा ने पहले ही बागी तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे
जानकारी के मुताबिक कुछ दिन से रतिया से सुनीता दुग्गल को उम्मीदवार बनाने की चर्चा चल रही थी। जिसके बाद से ही नापा लगातार पार्टी पदाधिकारियों की मीटिंगें करवाकर पार्टी को बगावती तेवर दिखा रहे थे। 29 अगस्त को विधायक लक्ष्मण नापा और जिला अध्यक्ष बलदेव ग्रोहा ने स्थानीय वर्करों के साथ मीटिंग की। इस मीटिंग में यह निर्णय लिया गया कि रतिया से स्थानीय नेता को ही टिकट दी जाए। यदि बाहरी उम्मीदवार को टिकट दी गई तो उसका खुलकर विरोध किया जाएगा। लेटर में 3 नेताओं के नाम शामिल
मीटिंग के बाद एक लेटर भी जारी किया गया, जिसमें 3 स्थानीय नेताओं के नाम रखे गए। इन तीनों नेताओं को ही टिकट का दावेदार बताया गया। इनमें विधायक लक्ष्मण नापा, जिला अध्यक्ष बलदेव ग्रोहा के साथ-साथ भाजपा नेता मुख्तार सिंह बाजीगर का नाम शामिल था। साथ ही इस पत्र पर तीनों नेताओं के हस्ताक्षर भी करवाए गए। उम्मीदवारों को लेकर जारी किया लेटर… इस लेटर के वायरल होने के बाद भाजपा नेताओं ने विधायक व जिला अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोला था। भाजपा किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव भवानी सिंह ने अन्य नेताओं के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। भवानी सिंह ने नापा और जिलाध्यक्ष पर साधा था निशाना
प्रेस कॉन्फ्रेंस में भवानी सिंह ने कहा था कि एक लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें लिखा कि उक्त तीनों में से किसी को पार्टी टिकट दे तो ठीक, नहीं तो बाहरी उम्मीदवार का विरोध किया जाएगा। इससे वर्करों में भ्रम है। यह पार्टी आलाकमान को दबाव बनाने और ब्लैकमेल करने के लिए किया जा रहा। उन्होंने कहा कि चाहे जिला अध्यक्ष हों या विधायक, दोनों जिम्मेदारी के पद पर हैं। पार्टी के प्रति उनमें निष्ठा होना चाहिए। किसी व्यक्ति विशेष के प्रति नहीं। यदि शीर्ष नेतृत्व के फैसले पर ही उंगली उठाते हैं तो उनमें अभी तक असली भाजपा आई ही नहीं है। कार्यकर्ता साथ होते तो नहीं हारतीं सुनीता दुग्गल
भिवानी सिंह ने कहा कि लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार डॉ.अशोक तंवर को भी कुछ लोगों ने नुकसान पहुंचाने का काम किया। जिस तत्परता से काम होना था, वह नहीं हुआ। पार्टी जिला अध्यक्ष बलदेव ग्रोहा के नेतृत्व में यह पहला लोकसभा चुनाव था। अगर बढ़िया काम हुआ होता तो इतनी बड़ी हार नहीं होती। उन्होंने कहा कि 2014 के इलेक्शन में सुनीता दुग्गल यहां से उम्मीदवार थीं। तब वह मात्र 400 वोटों से हार गई थीं। यदि उस समय भी तन-मन-धन से साथ दिया होता तो वह हारती नहीं। 18 साल से राजनीति में सक्रिय लक्ष्मण नापा
नापा 2006 से राजनीति में सक्रिय हैं। उन्होंने कांग्रेस से राजनीति शुरू की और फिर इनेलो में शामिल हो गए थे। 2011 में हुए उपचुनाव में वे आजाद उम्मीदवार के तौर पर मैदान उतरे और हार गए थे। इसके बाद वे भाजपा में शामिल हो गए और संघ के कई कार्यक्रमों में भाग लिया। 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन पर दांव खेला। भाजपा का यह दांव सफल साबित हुआ और लक्ष्मण नापा रतिया से विधायक चुने गए। उन्होंने 55 हजार 160 वोट हासिल किए। नापा ने कांग्रेस उम्मीदवार जरनैल सिंह को 1216 वोटों के अंतर से हराया था।
अनिल विज ने खोला CM दावे का राज:बोले- खट्टर-सैनी के टाइम पार्टी में भ्रम फैलाया; हुड्डा को देखकर आज भी छुप जाते हैं किसान
अनिल विज ने खोला CM दावे का राज:बोले- खट्टर-सैनी के टाइम पार्टी में भ्रम फैलाया; हुड्डा को देखकर आज भी छुप जाते हैं किसान हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज का कहना है कि वे CM की कुर्सी पर दावेदारी को लेकर अभी भी कायम हैं। हालांकि वे इसे पाने के लिए न कोई रणनीति बनाएंगे और न ही कोई लॉबिंग करेंगे। अंबाला कैंट से BJP उम्मीदवार अनिल विज ने कहा कि वह किसी से मुकाबला नहीं मानते। उनके सामने असली-नकली कांग्रेस आपस में लड़ रही है। भूपेंद्र हुड्डा पर विज ने कहा कि उन्होंने किसानों की जमीन बिल्डर माफिया को बेची, जिसे किसान आज तक भूले नहीं हैं। शंभू बॉर्डर पर विज ने कहा कि किसान पंजाब की तरफ बैठे हैं, पंजाब सरकार को सोचना चाहिए। वे भी इस पक्ष में नहीं हैं कि किसान हरियाणा में आकर बैठ जाएं। हरियाणा विधानसभा के लिए 90 सीटों पर चुनाव के प्रचार के बीच दैनिक भास्कर ने अनिल विज से विस्तृत बातचीत की। उसके प्रमुख अंश पढ़ें… सवाल: आप 6 बार विधायक रह चुके हैं, इस बार चुनाव प्रचार कैसे चल रहा है?
अनिल विज: मैंने 6 हारे चुनाव जीते हैं। अभी तक के चुनावों में सबसे अधिक माहौल इस चुनाव में लग रहा है। सवाल: विपक्षी कह रहे हैं कि आपकी सीट फंसी हुई है। कांग्रेस की बागी चित्रा सरवारा से कितनी टफ फाइट मानते हैं?
अनिल विज: वे तो आपस में ही लड़ रहे हैं। असली कांग्रेस और नकली कांग्रेस का मुकाबला मीडिया में चल रहा है। इन दोनों (चित्रा औैर परविंदर परी) से मैं अपना मुकाबला नहीं मानता। सवाल: क्या आपको लगता है कि BJP के सामने एंटी इनकंबेंसी की चुनौती है।
अनिल विज: देखिए, 10 साल पहले जब कांग्रेस के भूपेंद्र हुड्डा का यहां राज रहा है, उसकी एंटी इनकंबेंसी अधिक है। जिस प्रकार से उन्होंने नौकरियां बेची, तबादले बेचे। आज भी उनके प्रत्याशी सरेआम मंचों से कह रहे है। कांग्रेस ने कानून का दुरुपयोग कर किसानों की जमीनें बिल्डर माफिया के हाथों बेच दीं। किसान आज भी भूपेंद्र हुड्डा का नाम सुनकर छिप जाता है। किसान को कांग्रेस ने इतना डराया हुआ है। वह केस भी अभी चल रहे हैं। एक केस में अभी 384 करोड़ रुपए की जायदाद भी अटैच हुई है। भाजपा ने अपने कार्यकाल में ऑनलाइन तबादले किए हैं। मेरिट के बेस पर नौकरियां दी गई हैं। सवाल: खट्टर और नायब सैनी जब CM बने तो आपने कुछ नहीं कहा। अब अचानक CM पद का दावा ठोक दिया। ऐसी स्थिति क्यों आई?
अनिल विज: खुद को सीएम चेहरा बताने की एक वजह है। वैसे तो मैने आज तक पार्टी से कुछ नहीं मांगा। सारे विश्व में एक भी आदमी ये साबित भी नहीं कर सकता। जब ये मुख्यमंत्री बदले गए तो प्रदेश में एक आवाज उठी कि अनिल विज सीनियर है तो अनिल विज क्यों नहीं। तो उनको लोगों ने जवाब दिया कि अनिल विज तो मानता नहीं। वह बनना नहीं चाहता। मैंने केवल उस बात का जवाब दिया। वहम था लोगों को वो दूर किया। मैंने मांगा नहीं, यदि पार्टी बनाएगी तो मैं स्वीकार करूंगा। वहम था लोगों को वो दूर किया। सवाल: संगठन ने तो आपकी सीएम दावेदारी को नकार दिया। अब दावे को मजबूत करने के लिए रणनीति बनाएंगे या पीछे हट जाएंगे?
अनिल विज: कोई रणनीति नहीं बनाऊंगा। किसी को जाकर नहीं कहूंगा। किसी तरह की लॉबिंग नहीं करुंगा। लॉबिंग तो मैंने आज तक की भी नहीं। मैंने तो एक बात का जवाब देना था, दे दिया। सवाल: क्या आपको लगता है कि नायब सैनी के बजाय पीएम मोदी के चेहरे या फिर पार्टी के नाम पर चुनाव लड़ना ज्यादा अच्छा होता।
अनिल विज: हम चुनाव पार्टी की विचारधारा को नाम पर लड़ रहे है। हम व्यक्तिनिष्ठ पार्टी न होकर विचारनिष्ठ पार्टी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो काम कराए, उसका लाभ लोगों को मिल रहा है। भारतीयों की पूरे विश्व में सम्मान मिल रहा है। जम्मू कश्मीर में धारा 370 समाप्त की। श्रीराम मंदिर बनाया और तीन तलाक खत्म किए। हरियाणा में पारदर्शी सरकार चलाई गई। उन मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे है। सवाल: जो प्रचार में आपका विरोध कर रहे हैं, वे कौन लोग हैं, उनको क्या कहना चाहेंगे।
अनिल विज: विपक्ष का काम है विरोध करना, उस पर मैं ध्यान नहीं देता। सवाल: शंभू बॉर्डर खोलने पर आपकी व्यक्तिगत राय क्या है?
अनिल विज: जो किसान बैठे हुए है वह पंजाब की सीमा पर बैठे हुए है। पंजाब में आज आम आदमी पार्टी की सरकार है। वहां के मुख्यमंत्री को उनके बारे सोचना चाहिए। रास्ता खुलने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन हम ये नहीं चाहते कि वह हरियाणा में आकर बैठे। वैसे मैं इस मुद्दे पर ज्यादा नहीं कुछ कहना चाहता क्योंकि ये मुद्दा अदालत में विचाराधीन है। सवाल: मंत्री होने के बावजूद भी शहर के प्रोजेक्ट अधूरे रह गए, क्या अफसरों ने अड़ंगे लगाए?
अनिल विज: कोई अफसरों का अड़ंगा नहीं लगा। कुतुबमीनार एक दिन में नहीं बनी। विकास कार्यों को पूरा होने में समय लगता है। सवाल: कांग्रेस में CM चेहरे की लड़ाई चल रही है। सैलजा को अपशब्द कहे जाने के भी आरोप हैं। आप इस पर क्या कहेंगे।
अनिल विज: मैंने कांग्रेस के एक पूर्व प्रधानमंत्री की लिखी हुई पुस्तक पढ़ी है। पढ़कर आंखें झुक गई। वहां महिलाओं और दलितों का कोई सम्मान नहीं। इतनी बड़ी नेत्री को इन्होंने जातिसूचक शब्द कहे। आज हरियाणा का एक-एक आदमी कांग्रेस से नाराज है। लोग कांग्रेस से बदला लेने के लिए तैयार है। हरियाणा के नेताओं के ये VIP इंटरव्यू भी पढ़ें…
1.कुलदीप बिश्नोई बोले-रणजीत चौटाला की बात में वजन नहीं:मैं लोकसभा चुनाव लड़ता तो सबसे बड़ी जीत होती; हुड्डा परिवार से फर्क नहीं पड़ता
2. सैलजा बोलीं- CM का फैसला कांग्रेस हाईकमान करेगा:पार्टी में हुड्डा की चलने जैसी कोई बात नहीं; BJP में तो मुख्यमंत्री-अध्यक्ष के ही सुर अलग-अलग 3. दुष्यंत चौटाला बोले-BJP का प्रोपेगैंडा सफल नहीं होगा:हमारा विरोध वो लोग कर रहे, जिनके लिए हम चैलेंज हैं; हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा होगी 4. किरण चौधरी बोलीं- भूपेंद्र-दीपेंद्र हुड्डा सेटिंग करने वाले नेता:बापू-बेटे पर लटक रही तलवार; सैलजा के अपमान से दुख हो रहा, BJP में सुकून मिला
हरियाणा का पहला एयरपोर्ट लाइसेंस की वजह से अटका:ट्रैवल व्हीकल न मिलने से उड़ानें शुरू नहीं हो पाईं; 6 बार उद्घाटन-शिलान्यास हो चुके
हरियाणा का पहला एयरपोर्ट लाइसेंस की वजह से अटका:ट्रैवल व्हीकल न मिलने से उड़ानें शुरू नहीं हो पाईं; 6 बार उद्घाटन-शिलान्यास हो चुके हरियाणा के पहले महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान शुरू होने का इंतजार हो रहा है। हिसार में बन रहे एयरपोर्ट का कई दफा उद्घाटन और शिलान्यास हो चुके हैं। मगर, आज तक यहां से फ्लाइट शुरू नहीं हो पाई। इसको लेकर विपक्ष भी लगातार सरकार पर हमलावर है। मौजूदा स्थिति की बात करें तो हिसार एयरपोर्ट के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) में लाइसेंस के लिए अप्लाई किया हुआ है, लेकिन अभी तक लाइसेंस नहीं मिला है। इसका मुख्य कारण यह है कि एयरपोर्ट के संचालन के लिए 2 फायर ट्रैवल व्हीकल की जरूरत होती है, लेकिन हिसार एयरपोर्ट के पास एक ही ट्रैवल व्हीकल है। दूसरे ट्रैवल व्हीकल की खरीद हो पाती, इससे पहले ही विधानसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लग गई। हिसार एयरपोर्ट के उद्घाटन पर 20 जून को मुख्यमंत्री नायब सैनी ने यह वादा किया था कि जल्द उड़ाने शुरू होंगी। पूर्व एविएशन मंत्री बोले- आचार संहिता से मामला अटका
हरियाणा के पूर्व एविएशन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने बताया कि हम ट्रैवल व्हीकल के लिए प्रयास कर रहे थे। मैंने एविएशन मंत्री से रिक्वेस्ट की थी कि चेन्नई या केरल से एक ट्रैवल व्हीकल दे दिया जाए, ताकि हमें लाइसेंस समय पर मिल जाए। अचानक आचार संहिता लगने से मामला ठंडे बस्ते में चला गया। एक ट्रैवल व्हीकल पर करीब 10 से 12 करोड़ का खर्च आता है। इसका इस्तेमाल रनवे पर विमान में लगी आग को बुझाने के लिए किया जाता है। फ्लाइट शुरू हुई तो 5 राज्यों से जुड़ेगा हरियाणा
हिसार एयरपोर्ट को 5 राज्यों से जोड़ने की योजना है। हिसार से चंडीगढ़, अयोध्या, अहमदाबाद, जयपुर और जम्मू के लिए फ्लाइट शुरू की जाएंगी। इन फ्लाइट को अगस्त में शुरू करने का प्लान था, लेकिन आचार संहिता लगने के कारण ऐसा नहीं हो पाया। मगर 2 महीने से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी एयरपोर्ट का लाइसेंस मिल नहीं पाया है। उड़ानों के लिए एलायंस एयर एविएशन लिमिटेड के साथ समझौता हो चुका है। 1 सितंबर 2022 को नाम बदला 26 जुलाई 2021 को एयरपोर्ट का नाम महाराजा अग्रसेन के नाम पर रखने का ऐलान किया था। 1 सितंबर 2022 को हिसार एयरपोर्ट का नाम महाराजा अग्रसेन के नाम पर किया गया। 24 मार्च 2023 को दुष्यंत चौटाला ने घोषणा की कि नवंबर 2023 में उड़ान शुरू हो जाएंगी। इसमें 8 रूट तय कर लिए गए हैं, जिसमें हिसार से वाराणसी, आगरा, उदयपुर, जैसलमेर, देहरादून, अमृतसर, जम्मू और कुल्लू रूट शामिल थे। हिसार एयरपोर्ट का 6 बार उद्घाटन व शिलान्यास हो चुका
1. 15 अगस्त 2018 को स्वतंत्रता दिवस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हिसार एयरपोर्ट का उद्घाटन किया था। मनोहर लाल ने घोषणा की थी कि हिसार एयरपोर्ट से विमानों की उड़ान 2 माह में शुरू हो जाएगी। एयरपोर्ट को विकसित करने के लिए स्पाइस जेट एयरलाइंस कंपनी के साथ MOU भी साइन किया गया था। 2. सितंबर 2019 में भारत सरकार की क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना ‘उड़ान’ (उड़े देश का आम नागरिक) के तहत हिसार में एयर शटल सेवाओं का उद्घाटन मनोहर लाल खट्टर ने किया। खट्टर खुद हिसार एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली पहली फ्लाइट से ही चंडीगढ़ के लिए रवाना हुए। मगर, 7 महीने में ही उड़ान बंद हो गई। 3. 2019 में ही मनोहर लाल ने मुख्यमंत्री रहते हिसार एयरपोर्ट पर बनने वाले 33 केवी सब स्टेशन का शिलान्यास किया था। 4. 27 अक्तूबर 2020 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने हिसार एयरपोर्ट के रनवे विस्तार कार्य का शिलान्यास किया था। 5. हिसार में 11 सितंबर 2023 को तत्कालीन उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हवाई अड्डे के एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम व टर्मिनल बिल्डिंग की आधारशिला रखी। 6. 20 जून को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एयरपोर्ट पर 10 हजार फीट के रनवे सहित कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया और वादा किया था कि जल्द यहां से 5 राज्यों के लिए फ्लाइट शुरू हो जाएगी।