हरियाणा के अंबाला जिले में तेज रफ्तार कार ने एक्टिवा को टक्कर मार दी। हादसे में बुआ-भतीजी की दर्दनाक मौत हो गई। मृतक महिला की शिनाख्त कुरुक्षेत्र के गांव रतनगढ़ निवासी 45 वर्षीय सिमरनजीत कौर व उसकी भतीजी 15 वर्षीय रमित कौर के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपी कार ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार कुरुक्षेत्र के गांव रतनगढ़ निवासी हरबंश सिंह ने बताया कि वह इन दिनों अपने बड़े बेटे रमिंदर सिंह के साथ लुधियाना में रह रहा है। उसकी 45 वर्षीय बेटी सिमरजीत कौर गांव रतनगढ़ में रहती है। उसकी 15 वर्षीय पोती रमित कौर भी गांव रतनगढ़ में रहती है। उन्हें शनिवार शाम को फोन पर सूचना मिली कि उसकी बेटी सिमरजीत कौर व पोती रमित कौर उसके पड़ोसी की एक्टिवा पर सवार होकर बराड़ा जा रहा थी। सुभरी के पास हादसा इस बीच, शाहाबाद रोड पर गांव सुभरी के पास एक गाड़ी ने (HR 26 CE- 6134) ने एक्टिवा को टक्कर मार दी। हादसा इतना भयानक था कि उसकी बेटी सिमरजीत कौर व पोती रमित कौर सड़क पर जा गिरे। राहगीरों ने दोनों को खून से लथपथ हालत में MMU मेडिकल कॉलेज पहुंचाया। यहां डॉक्टरों ने प्राथमिक जांच के बाद उसकी बेटी व पोती को मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने के बाद अस्पताल पहुंची बराड़ा थाने की पुलिस ने शवों को कब्जे में लिया और परिजन पहुंचने के बाद शव का पोस्टमॉर्टम कराया। पुलिस ने आरोपी कार चालक के खिलाफ धारा 279 व 304-A के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा के अंबाला जिले में तेज रफ्तार कार ने एक्टिवा को टक्कर मार दी। हादसे में बुआ-भतीजी की दर्दनाक मौत हो गई। मृतक महिला की शिनाख्त कुरुक्षेत्र के गांव रतनगढ़ निवासी 45 वर्षीय सिमरनजीत कौर व उसकी भतीजी 15 वर्षीय रमित कौर के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपी कार ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार कुरुक्षेत्र के गांव रतनगढ़ निवासी हरबंश सिंह ने बताया कि वह इन दिनों अपने बड़े बेटे रमिंदर सिंह के साथ लुधियाना में रह रहा है। उसकी 45 वर्षीय बेटी सिमरजीत कौर गांव रतनगढ़ में रहती है। उसकी 15 वर्षीय पोती रमित कौर भी गांव रतनगढ़ में रहती है। उन्हें शनिवार शाम को फोन पर सूचना मिली कि उसकी बेटी सिमरजीत कौर व पोती रमित कौर उसके पड़ोसी की एक्टिवा पर सवार होकर बराड़ा जा रहा थी। सुभरी के पास हादसा इस बीच, शाहाबाद रोड पर गांव सुभरी के पास एक गाड़ी ने (HR 26 CE- 6134) ने एक्टिवा को टक्कर मार दी। हादसा इतना भयानक था कि उसकी बेटी सिमरजीत कौर व पोती रमित कौर सड़क पर जा गिरे। राहगीरों ने दोनों को खून से लथपथ हालत में MMU मेडिकल कॉलेज पहुंचाया। यहां डॉक्टरों ने प्राथमिक जांच के बाद उसकी बेटी व पोती को मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने के बाद अस्पताल पहुंची बराड़ा थाने की पुलिस ने शवों को कब्जे में लिया और परिजन पहुंचने के बाद शव का पोस्टमॉर्टम कराया। पुलिस ने आरोपी कार चालक के खिलाफ धारा 279 व 304-A के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में वोटिंग परसेंट से BJP-कांग्रेस टेंशन में:किसानों की नाराजगी से आस लगा रही कांग्रेस को झटका; सत्ता में बैठी भाजपा फायदा समझ रही
हरियाणा में वोटिंग परसेंट से BJP-कांग्रेस टेंशन में:किसानों की नाराजगी से आस लगा रही कांग्रेस को झटका; सत्ता में बैठी भाजपा फायदा समझ रही हरियाणा में लोकसभा चुनाव में हुई कम वोटिंग से BJP और कांग्रेस दोनों दलों के नेता टेंशन में आ गए हैं। मतदान से पहले कयास लगाए जा रहे थे कि राज्य के किसान भाजपा से भारी नाराज हैं। वे वोटिंग डे पर रिकॉर्ड तोड़ मतदान करेंगे। हालांकि, ऐसा हुआ नहीं। लोग मतदान के लिए घरों से कम ही निकले, जिससे मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल के मुताबिक सभी सीटों पर रात 8 बजे तक 65 प्रतिशत वोटिंग ही हो पाई। किसानों की नाराजगी से फायदा मिलने की आस लगाए बैठी कांग्रेस को इससे झटका लगा है, वहीं भाजपा इसे अपना फायदा समझ रही है। इस बार के आम चुनाव में जो ट्रेंड देश में था, वहीं हरियाणा में भी दिखा। देश के राज्यों राजस्थान में 64.56%, महाराष्ट्र में 54.33%, ओडिशा में 69.34% वोटिंग हुई, जो 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले कम वोटिंग प्रतिशत है। हरियाणा में 2019 में 70.34% वोट लोकसभा चुनाव में पड़े थे, लेकिन इस बार के चुनाव में वोटिंग प्रतिशत करीब 5% गिरा है। ऐसे में देश के बड़े राज्यों वाला ट्रेंड हरियाणा लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिला है। इन सीटों पर सबसे कम, सबसे ज्यादा वोटिंग हुई
हरियाणा की सिरसा लोकसभा सीट ऐसी रही, जहां सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत रहा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल के मुताबिक इस बार सबसे ज्यादा वोटिंग 69 फीसदी सिरसा में तो सबसे कम 60.6 फीसदी गुरुग्राम में हुई। कुरुक्षेत्र में कम वोटिंग पर चर्चा शुरू
कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर देश के जाने माने उद्योगपति नवीन जिंदल के भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने से इस सीट की काफी चर्चाएं हैं। हालांकि, इस सीट पर भी वोटिंग प्रतिशत ज्यादा नहीं बढ़ पाया। शाम तक यहां 66.2% के करीब वोट पड़े। सियासी जानकारों का कहना है कि इस सीट पर कम वोटिंग प्रतिशत का कारण किसानों का विरोध भी रहा है। इसकी वजह यह रही कि यहां से किसान नेता गुरुनाम चढ़ूनी ने INLD उम्मीदवार अभय सिंह चौटाला का समर्थन किया था और भाजपा के खिलाफ खुलकर प्रचार किया था। इंडी गठबंधन की ओर से यहां AAP के पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता को चुनावी मैदान में उतारा है। अलग-अलग सीटों पर मतदान करने पहुंचे स्टार और स्टार प्रचारकों के PHOTOS… कम वोटिंग परसेंटेज में गर्मी भी बड़ा फैक्टर
हरियाणा में कम वोटिंग परसेंटेज के लिए गर्मी भी बड़ा फैक्टर रहा। सूबे के 15 से अधिक जिलों में भीषण गर्मी का दौर चल रहा है। हालात इतने खराब हैं कि यहां का अधिकतम तापमान पिछले 10 दिनों से 46 के पार बना हुआ है। इसके साथ ही यहां लू भी चल रही है। गर्मी के कारण हरियाणा सरकार की ओर से 15 जिलों में स्कूल भी बंद किए जा चुके हैं। इस कारण से वोटिंग के लिए आने वाला बड़ा वर्ग घर ही बैठा रहा। किरण के जिले में कम वोटिंग क्यों?
कांग्रेस की तोशाम से विधायक किरण चौधरी की भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट पर कम वोटिंग भी कई सवाल खड़ कर रही है। यहां 57 प्रतिशत के करीब वोट पड़े हैं। सियासी जानकार इसकी वजह किरण की नाराजगी को बता रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक अजय दीप लाठर का कहना है कि इस बार इस सीट से किरण की बेटी पूर्व सांसद श्रुति चौधरी प्रबल दावेदार थीं, लेकिन पार्टी ने उनकी टिकट काटकर कांग्रेस विधायक राव दान सिंह को दे दी। इसे लेकर वह काफी नाराज चल रही थीं। उन्होंने महेंद्रगढ़ दौरे के दौरान हुई पार्टी की चुनावी रैली में राहुल गांधी के सामने ही अपना विरोध प्रकट किया था। वोटिंग में नहीं दिखा विरोध
केंद्र के साथ ही हरियाणा में भी 10 सालों से भाजपा सत्तासीन है। इस कारण इस आम चुनाव में सरकार के विरोध में जबरदस्त एंटी इनकंबेंसी थी। प्रचार के दौरान भाजपा प्रत्याशियों के विरोध से यह दिख रहा था कि सूबे में लोग अपना विरोध वोटिंग में भी दिखाएंगे, लेकिन वोटिंग में यह विरोध दिख नहीं पाया। जानकारों का कहना है कि हरियाणा का सबसे बड़ा वर्ग जाट इस चुनाव में विकल्प नहीं तलाश पाया। इस कारण से चुनाव में वोटिंग से वह दूर रहा।
रेवाड़ी में कैप्टन ने बगैर दहेज के शादी की:शगुन के तौर पर एक रुपए लिया; दुल्हन जूलॉजी विषय में एमएससी पास, चर्चा का विषय बनी शादी
रेवाड़ी में कैप्टन ने बगैर दहेज के शादी की:शगुन के तौर पर एक रुपए लिया; दुल्हन जूलॉजी विषय में एमएससी पास, चर्चा का विषय बनी शादी अक्सर ऊंचे पद पर नौकरी करने वाले लोगों की शादियां दान-दहेज के चलते चर्चा में रहती हैं। लेकिन हरियाणा में रेवाड़ी जिले के खालेटा गांव निवासी सेना में कैप्टन ललित यादव की शादी बगैर दान-दहेज के होने पर चर्चा बटोर रही हैं। ललित के पिता महेंद्र सिंह भी सेना में कप्तान के पद से रिटायर्ड हैं। महेंद्र सिंह के मुताबिक, वह वर्तमान में सेक्टर-3 में रहते हैं। कैप्टन ललित यादव का विवाह रेवाड़ी शहर के ही मोहल्ला आदर्श नगर निवासी पंकज यादव की पुत्री अनीषा राव के साथ हुआ है। दोनों ने रिश्ता तय होते ही ठान ली थी अनीषा राव जूलॉजी विषय में एमएससी है। इसके अतिरिक्त B.Ed M.Ed भी उन्होंने किया हुआ है। सीटेट, एचटेट, नेट, गेट जैसी तमाम प्रतियोगी परीक्षाएं भी उन्होंने उत्तीर्ण की हुई है। कैप्टन ललित यादव व अनीषा राव दोनों ने ही रिश्ता तय होने के समय यह तय कर लिया था कि उनका विवाह बिना किसी दहेज के होगा। दूल्हा बोला-दहेज एक कुरीति है कैप्टन ललित यादव कुमाऊं रेजीमेंट में वर्तमान में बरेली पोस्टेड है। कैप्टन ललित यादव का कहना है कि दहेज एक कुरीति है जिसे हर शिक्षित वर्ग के युवा को मिलकर समाप्त करना होगा। कैप्टन ललित यादव के पिता सेवानिवृत्त कैप्टन महेंद्र सिंह यादव व माता सरिता यादव का कहना है कि उनके लिए बेटी ही दहेज है। अनीषा का घर में आगमन खुशहाली लेकर आया है। कैप्टन ललित यादव की एक बड़ी बहन भी हैं, जिनकी शादी हो चुकी हैं। ललित 2019 में पासिंग आउट के बाद सेना में लेफ्टिनेंट बने थे। वर्तमान में उनका प्रमोशन हो चुका है और कैप्टन के पद पर तैनात है। चार पीढ़ियां दे चुकी सेना में सेवाएं
ललित के परिवार की चार पीढ़ियां सेना में सेवाएं दे चुकी हैं। उनके परदादा भी सेना में ही थे। दादा उमराव सिंह सूबेदार के पद से रिटायर्ड हुए है और उनकी अभी 99 साल उम्र हैं। उमराव सिंह ऐसे सैनिक है, जिन्होंने सेकेंड वर्ल्ड वॉर से लेकर 1971 तक पांच लड़ाईयों में हिस्सा लिया। इसके अलावा ललित के बड़े ताऊ चंदन सिंह कैप्टन के पद से रिटायर्ड हुए। दूसरे ताऊ विरेंद्र सिंह इंस्पेक्टर के पद से रिटायर्ड हैं। जबकि पिता महेंद्र सिंह सेना में ही कप्तान के पद से रिटायर्ड है।
कुरूक्षेत्र में हत्या के दोषी बाप-बेटे को आजीवन कारावास:फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने सुनाया फैसला, 1.51 लाख का जुर्माना
कुरूक्षेत्र में हत्या के दोषी बाप-बेटे को आजीवन कारावास:फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने सुनाया फैसला, 1.51 लाख का जुर्माना हरियाणा के कुरूक्षेत्र जिले की अतिरिक्त जिला एवं सैशन न्यायाधीश फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने हत्या करने के दोषी महाबीर व फूल सिंह वासी तिगरी खालसा जिला कुरूक्षेत्र को आजीवन कठोर कारावास व क्रमशः 1 लाख 3 हजार व 48 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। लाठी-डंडों से किया था परिवार पर हमला उप जिला न्यायवादी प्रदीप मालिक ने बताया कि 25 मार्च 2021 को बिट्टू वासी तिगरी खालसा जिला कुरूक्षेत्र ने थाना केयूके पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि 24 मार्च 2021 को वह अपने परिवार के साथ अपने घर पर था। उसी समय गली में फूल सिंह व उसके लड़के गाली गलौज करते हुए उनके घर में आए। घर में आते ही उन्होंने उसके परिवार पर लाठी डंडों से हमला कर दिया। पीजीआई चंडीगढ़ रेफर जब उसकी माता बिमला देवी बीच-बचाव करने के लिए आई तो आरोपियों ने उनके ऊपर भी लाठी डंडों से हमला किया। हमले की वजह से उसकी माता बेहोश हो गई। उनको इलाज के लिए एलएनजेपी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उनको पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया, जहां पर इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। शिकायत के आधार पर थाना केयूके में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करके जांच शुरू की गई। तफ्तीश के दौरान आरोपी महाबीर व उसका पिता फूल सिंह वासी तिगरी खालसा जिला कुरूक्षेत्र को गिरफ्तार किया गया था। आरोपियों को गिरफ्तार करके अदालत के आदेश से कारागार भेज दिया गया था। ये सजा सुनाई 18 अक्टूबर 2024 को मामले की नियमित सुनवाई फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट में करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सैशन न्यायाधीश की अदालत ने गवाहों व सबूतों के आधार पर आरोपी पिता-पुत्र महाबीर व फूल सिंह को दोषी करार दिया। आईपीसी की धारा 302 के तहत दोनों को आजीवन कठोर कारावास व 20 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 12 माह के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा सुनाई। आईपीसी की धारा 323 के तहत आजीवन कठोर कारावास व 1 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 15 दिन के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा, आईपीसी की धारा 460 के तहत 10 साल कठोर कारावास व 10 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 9 माह के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा, आईपीसी की धारा 506 के तहत 1 साल कठोर कारावास व 2 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 1 माह के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा सुनाई।