हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के अंब के कोहाड़छन्न में सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी ने जमीनी विवाद के चलते मामूली कहासुनी के बाद बाप-बेटे पर गोली चला दी। जिससे दोनों घायल हो गए हैं। घायलों को उपचार के लिए क्षेत्रीय अस्पताल ऊना ले जाया गया। पिता की हालत गंभीर होने के चलते उसे पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया है। जहां उसकी मौत हो गई। मृतक कर पहचान राजीव कुमार के नाम से हुई। जबकि पुलिस ने मौके की चश्मदीद प्रियंका देवी के बयानों के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्रियंका ने बताया कि मंगलवार रात करीब 8.45 बजे राजीव सिंह उसकी पत्नी रेखा रानी व बेटा आदित्य मनकोटिया खाना खाने के बाद अपने कुत्तों को लेकर सड़क पर टहल रहे थे। गाली-गलौच का विरोध करने पर चलाई गोली इसी दौरान उनके पड़ोस में रहने वाला रिटायर पुलिसकर्मी हरदेव सिंह मौके पर आ गया और उसने गाली-गलौच शुरू कर दिया। देखे ही देखे उसने बंदूक तान दी। राजीव कुमार ने जब उसे ऐसा करने से रोका तब तक उसने गोली चला दी। जो राजीव की छाती में लगी। जिसके चलते राजीव जमीन पर गिर गया। प्रियंका ने कहा कि पिता को गोली लगी देखकर तुरंत उनके 18 वर्षीय बेटा आदित्य मनकोटिया बचाव के लिए आया। लेकिन आरोपी हरदेव सिंह ने दूसरा फायर आदित्य पर करते हुए उसे भी गंभीर रूप से घायल कर दिया। गोलियां चलने की आवाज सुनकर तुरंत स्थानीय लोग घर से बाहर आए। आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार घायल पिता-पुत्र को तुरंत सिविल अस्पताल अंब ले जाया गया। जहां दोनों की गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार देने के बाद रीजनल अस्पताल ऊना रेफर कर दिया। लेकिन ऊना में राजीव सिंह की लगातार नाजुक होने के चलते उन्हें पीजीआई रेफर किया गया है। वहीं पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी हरदेव को गिरफ्तार कर कर लिया। दोनों परिवारों में है जमीनी विवाद प्रियंका ने अपनी तहरीर में बताया कि इन दोनों परिवारों में जमीन व रास्ते लेकर विवाद है। इसको लेकर हरदेव सिंह आए दिन उनके साथ गाली गलौज करता रहता था, कुछ दिन पहले इसने इन लोगों ऊपर पत्थरों से भी हमला किया था। जमीन विवाद के चलते मारी गोली शुरुआती पूछताछ में हरदेव सिंह ने पुलिस को बताया है कि उसका राजीव सिंह के साथ जमीन व रास्ते का विवाद चल रहा है, जिसको लेकर उसने उन्हें कई बार उसके घर के आगे से ना गुजरने की हिदायत दे चुका था। बीती रात भी जब उसके घर के आगे आए तब उनकी इसी बात को लेकर कहा सुनी हुई और उसने उन दोनों पर गोलियां दाग दी। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के अंब के कोहाड़छन्न में सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी ने जमीनी विवाद के चलते मामूली कहासुनी के बाद बाप-बेटे पर गोली चला दी। जिससे दोनों घायल हो गए हैं। घायलों को उपचार के लिए क्षेत्रीय अस्पताल ऊना ले जाया गया। पिता की हालत गंभीर होने के चलते उसे पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया है। जहां उसकी मौत हो गई। मृतक कर पहचान राजीव कुमार के नाम से हुई। जबकि पुलिस ने मौके की चश्मदीद प्रियंका देवी के बयानों के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्रियंका ने बताया कि मंगलवार रात करीब 8.45 बजे राजीव सिंह उसकी पत्नी रेखा रानी व बेटा आदित्य मनकोटिया खाना खाने के बाद अपने कुत्तों को लेकर सड़क पर टहल रहे थे। गाली-गलौच का विरोध करने पर चलाई गोली इसी दौरान उनके पड़ोस में रहने वाला रिटायर पुलिसकर्मी हरदेव सिंह मौके पर आ गया और उसने गाली-गलौच शुरू कर दिया। देखे ही देखे उसने बंदूक तान दी। राजीव कुमार ने जब उसे ऐसा करने से रोका तब तक उसने गोली चला दी। जो राजीव की छाती में लगी। जिसके चलते राजीव जमीन पर गिर गया। प्रियंका ने कहा कि पिता को गोली लगी देखकर तुरंत उनके 18 वर्षीय बेटा आदित्य मनकोटिया बचाव के लिए आया। लेकिन आरोपी हरदेव सिंह ने दूसरा फायर आदित्य पर करते हुए उसे भी गंभीर रूप से घायल कर दिया। गोलियां चलने की आवाज सुनकर तुरंत स्थानीय लोग घर से बाहर आए। आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार घायल पिता-पुत्र को तुरंत सिविल अस्पताल अंब ले जाया गया। जहां दोनों की गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार देने के बाद रीजनल अस्पताल ऊना रेफर कर दिया। लेकिन ऊना में राजीव सिंह की लगातार नाजुक होने के चलते उन्हें पीजीआई रेफर किया गया है। वहीं पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी हरदेव को गिरफ्तार कर कर लिया। दोनों परिवारों में है जमीनी विवाद प्रियंका ने अपनी तहरीर में बताया कि इन दोनों परिवारों में जमीन व रास्ते लेकर विवाद है। इसको लेकर हरदेव सिंह आए दिन उनके साथ गाली गलौज करता रहता था, कुछ दिन पहले इसने इन लोगों ऊपर पत्थरों से भी हमला किया था। जमीन विवाद के चलते मारी गोली शुरुआती पूछताछ में हरदेव सिंह ने पुलिस को बताया है कि उसका राजीव सिंह के साथ जमीन व रास्ते का विवाद चल रहा है, जिसको लेकर उसने उन्हें कई बार उसके घर के आगे से ना गुजरने की हिदायत दे चुका था। बीती रात भी जब उसके घर के आगे आए तब उनकी इसी बात को लेकर कहा सुनी हुई और उसने उन दोनों पर गोलियां दाग दी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में पूर्व विधायकों की पेंशन होगी बंद:विधानसभा में आज पेश होगा संशोधन विधेयक; देवेंद्र भुट्टो और चैतन्य को झटका हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के छठे दिन यानी आज विधानसभा के सदस्यों के भत्ते एवं पेंशन के लिए संशोधन विधेयक 2024 लाया जा रहा है। इसमें 2 पूर्व विधायक गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो की पेंशन बंद करने की तैयारी है। राज्यसभा चुनाव में बीते 27 फरवरी को कांग्रेस के 6 पूर्व विधायकों ने धर्मशाला से सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजेंद्र राणा, बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल, लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर, गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से देवेंद्र भुट्टो ने क्रॉस वोट किया था। इससे सत्तारूढ़ कांग्रेस के प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव हार गए और बीजेपी के हर्ष महाजन चुनाव जीत गए। क्रॉस वोट के बाद इन पर पार्टी व्हिप के उलंघन के आरोप लगे। इसकी सुनवाई के बाद स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें अयोग्य घोषित किया। चैतन्य-भुट्टो पहली बार चुने गए थे कांग्रेस के 6 बागियों में चैतन्य शर्मा और देवेंद्र भुट्टो पहली बार विधायक बने थे। अयोग्य घोषित होने के बाद सरकार इनकी पेंशन बंद करने की तैयारी में है। पूर्व में सभी 6 विधायकों की पेंशन बंद करने की योजना थी। मगर कानूनी राय के बाद 2 की पेंशन बंद करने का निर्णय लिया गया, क्योंकि 4 अन्य विधायक पहले भी विधानसभा में सदस्य रह चुके हैं और पेंशन के पात्र है। इनकी सीटों पर हो चुके उप चुनाव इन 6 विधायकों की सीटों पर उप चुनाव भी हो चुके हैं। क्रॉस वोट करने वाले सभी पूर्व विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा। इनमें 4 विधायक जो दिसंबर 2022 में 5 साल के लिए चुन कर आए थे, जनता ने उन्हें उप चुनाव में घर बैठा दिया है। सुधीर शर्मा और इंद्रदत्त लखनपाल ही चुनाव जीत पाए हैं। इस वजह से निर्दलीय विधायकों की पेंशन पर संकट नहीं चर्चा थी कि 3 निर्दलीय पूर्व विधायकों की भी इस टर्म की पेंशन बंद करनी थी। इनमें से नालागढ़ से केएल ठाकुर, देहरा से होशियार सिंह और हमीरपुर से आशीष शर्मा शामिल हैं। केएल ठाकुर और होशियार सिंह भी पहले भी विधायक रह चुके हैं। इस वजह से इनकी पेंशन बंद करना संभव नहीं है। वहीं आशीष शर्मा दिसंबर 2022 में पहली बार विधायक चुने गए थे। वह दोबारा चुनाव जीते हैं। एक बार जीते MLA को 93 हजार पेंशन प्रदेश में जो नेता एक बार विधायक बन जाता है, उसे 93,240 रुपए पेंशन मिलती है। इसी तरह जो नेता जितनी बार विधायक चुना जाता है, उसकी पेंशन में पांच-पांच हजार रुपए अतिरिक्त जुड़ता जाता है। यानी जो नेता 6 बार विधायक बन चुका है। उसकी पेंशन में 30 हजार अतिरिक्त यानी 1,23,240 रुपए हो जाती है। संशोधन विधेयक पास कराने में नहीं होगी कठिनाई विधानसभा में विधेयक पारित होने पर इन विधायकों का 14वीं विधानसभा का कार्यकाल अवैध घोषित हो जाएगा। कांग्रेस इसे आसानी से पास भी करवा देगी, क्योंकि 68 विधायकों वाली हिमाचल विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायक है। इससे संशोधन बिल पास कराने में दिक्कत नहीं होगी।
शिमला के संजौली कॉलेज में हंगामा:SFI कार्यकर्ताओं और पुलिस बल में धक्का मुक्की, 6 छात्र नेताओं के निष्कासन का मामला
शिमला के संजौली कॉलेज में हंगामा:SFI कार्यकर्ताओं और पुलिस बल में धक्का मुक्की, 6 छात्र नेताओं के निष्कासन का मामला शिमला के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस कॉलेज संजौली के छात्र संगठन SFI और कॉलेज प्रशासन के बीच तनाव बढ़ गया है। संजौली कॉलेज में छात्र नेताओं निष्कासन पर SFI भड़क गई है। मंगलवार को शिमला शहर के सभी कॉलेज जिसमें RKMV, कोटशेरा, इवनिंग से SFI कार्यकर्ता संजौली गेट के बाहर धरना दे रहे है। बीते 3 घंटों से कॉलेज में प्रदर्शन जारी है। सुबह 10 बजे शुरू हुआ प्रदर्शन SFI कार्यकर्ताओं ने आज सुबह 10 बजे से ही संजौली कॉलेज के बाहर नारेबाजी शुरू कर दी है। प्रदर्शन बीते तीन घंटों से जारी है। SFI 6 छात्र नेताओं के निष्कासन को वापस लेने की मांग कर रही है। सुबह से प्रदर्शन कर रहे छात्र संगठन कार्यकर्ताओं के बीच करीब 11 बजे हल्की नोकझोंक हुई। इस दौरान छात्रों ने कॉलेज के अंदर घुसने का प्रयास किया। जिसके लिए पुलिस को आक्रोशित छात्रों को रोकने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। SFI ने दिया कॉलेज प्रशासन को अल्टीमेटम SFI राज्य सचिव दिनित ने कहा कि उन्होंने कॉलेज प्रशासन को अल्टीमेटम दे दिया है कि छात्र संगठन प्रशासन से निष्कासन को लेकर वार्ता करना चाहता है। लेकिन प्रशासन यदि छात्र संगठन को वार्ता के लिए नहीं बुलाता तो छात्र जबरदस्ती गेट और बैरिकेड को पार कर अंदर घुसेंगे। उन्होंने कहा कि कॉलेज प्रशासन यदि अपना अड़ियल रवैया नहीं बदलता तो यह आंदोलन पूरे प्रदेश भर में किया जाएगा और सचिवालय तक का घेराव करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें सूचना मिली है कि शिमला के SDM कॉलेज आ रहे है। दिनित ने कहा कि छात्र वार्ता के लिए तैयार है। लेकिन कॉलेज प्रशासन यदि वार्ता नहीं करता तो प्रशासन के खिलाफ पूरे प्रदेश में आंदोलन खड़ा करेगी। प्रिंसिपल बोले- निष्कासन नहीं होगा वापस कॉलेज प्रिंसिपल भारती भांगड़ा ने कहा कि कॉलेज प्रशासन ने छात्रों को कई बार शो कॉज नोटिस जारी किए है। लेकिन छात्र बाज नहीं आए, शिक्षकों के साथ गलत व्यवहार और धमकियां दें रहे है। जिसके बाद प्रशासन ने पूरे स्टाप और वूमेन सेल की सिफारिश पर 6 छात्रों को निष्कासित किया है। उन्होंने कहा कि छात्रों को कई बार नोटिस दिए गए, लेकिन यह छात्र नही गुंडे है, इनका निष्कासन वापस नहीं होगा। कॉलेज परिसर पुलिस छावनी में तब्दील कॉलेज में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कॉलेज में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है। गेट से लेकर पूरे परिसर में पुलिस व क्यू आरटी के जवान तैनात किए गए है। कॉलेज परिसर में चप्पे पर पुलिस जवान है। पुलिस जवान बच्चों को आई कार्ड चेक करने के बाद ही कॉलेज में एंट्री दे रहे है। कहां से शुरू हुआ विवाद..? बता दें कि वीरवार को कॉलेज की एक छात्रा ने कॉलेज के ही एक छात्र के खिलाफ़ छेड़छाड़ की शिकायत दी थी। जिसको लेकर एसएफआई कॉलेज प्रशासन से वूमेन सेल कमेटी गठित करके मामले की जांच की मांग की थी। दूसरे दिन शुक्रवार को एसएफआई कॉलेज प्रशासन से फिर मिलती है, और मामले में प्रशासन ने क्या कार्रवाई की उसके बारे में जानकारी लेती है। कॉलेज प्रशासन की कार्रवाई से ही असन्तुष्ट होकर छात्र संगठन परिसर में धरने का आवाहन कर देती है। जिसको कॉलेज प्रशासन रोकने का प्रयास किया, जिसके बाद प्रोफेसरों व छात्र कार्यकर्ताओं के बीच बहस हो गई और बात निष्कासन तक पहुंच गई। बाद में कॉलेज प्रशासन 6 एसएफआई कार्यकर्ताओं को निष्कासित कर दिया और गतिरोध बढ़ गया।