अंसल API की 21 टाउनशिप..7000 लोगों का रुपया फंसा:CBI-ED जांच कर रही, लखनऊ में निवेशक बोले- यूपी का सबसे बड़ा फ्रॉड; CM योगी मदद करें

अंसल API की 21 टाउनशिप..7000 लोगों का रुपया फंसा:CBI-ED जांच कर रही, लखनऊ में निवेशक बोले- यूपी का सबसे बड़ा फ्रॉड; CM योगी मदद करें

अंसल API को महज 83 करोड़ रुपए न देने पर दिवालिया घोषित करना। ये सब एक साजिश का हिस्सा है। कंपनी को दिवालिया घोषित करवाने के लिए इसके मालिक NCLT चले गए। कंपनी ने छह महीने में 250 करोड़ की संपत्ति बेची है। इस फैक्ट से पूरे खेल को समझा जा सकता है। यूपी में रियल स्टेट में अंसल ने सबसे बड़ा घोटाला किया है। सरकार को प्रबंधकों का पासपोर्ट सबसे पहले जब्त करना चाहिए ताकि ये लोग देश से भाग ना सकें। हम निवेशकों का पैसा न डूबे, इसके लिए प्रदेश सरकार को आगे आना होगा। सरकार को चाहिए कि वह इस योजना को अपने अंडर में लें। यह कहना है निवेशक गगन टंडन का। इन्होंने 15 साल पहले अंसल से प्लाट लिया था। अब तक प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं हुई है। गगन ने बताया कि अंसल API ने फेज-1,2,3 और 4 में बिना जमीन खरीदे 2009 से लोगों को जमीन बेचना शुरू कर दिया था। हजारों ने अपनी मेहनत की कमाई लगा दी। कंपनी के दिवालिया घोषित होने के बाद निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। 7000 से ज्यादा निवेशकों का करोड़ों रुपया फंसा 1967 में अंसल एपीआई नाम से रियल स्टेट कंपनी रजिस्टर्ड हुई। 2025 तक 7000 से ज्यादा निवेशकों ने इसमें रुपया लगाया। राजधानी लखनऊ, दिल्ली एनसीआर समेत पांच राज्यों में अंसल एपीआई ने अपनी 21 से ज्यादा टाउनशिप बनाई हैं। कम दाम में फ्लैट, मकान और जमीन देने का वादा करने वाले अंसल के खिलाफ CBI और ED की जांच चल रही है। अलग-अलग जिलों में सैकड़ों मुकदमे भी दर्ज हैं। मौजूदा समय में लखनऊ के सुशांत गोल सिटी में निवेश करने वालों को कहना हैं- अंसल ने उत्तर प्रदेश के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला किया है। निवेशक बोले- CM दखल दें..बड़ा घोटाला हुआ है आवंटी कुमार राजेश सिंह ने बताया कि अंसल द्वारा हाईटेक सिटी के नाम पर शोषित किया जा रहा है। कहा गया था कि 24 घंटे लाइट रहेगी। अब तो बिजली कनेक्शन ही काट दिया है। प्रोजेक्ट बना था वो आज तक अधूरा आवंटी मनोहर राम यादव ने बताया- 2010 प्रोजेक्ट बना था वो आज तक अधूरा है। जबरदस्ती हम लोगों से अधूरे निर्माण और असुविधाओं का पैसा लिया जाता है। रेरा में 400 से ज्यादा शिकायत हुईं अंसल API के खिलाफ रेरा में 400 से ज़्यादा शिकायत दर्ज हैं। रेरा ने साल 2019 में प्रदेश भर में अंसल एपीआई के 91 प्रोजेक्टों का फारेंसिक ऑडिट करवाया था। इसमें सैकड़ों आवंटियों का पैसा जमा होने के बावजूद डेवलपर्स ने न तो उन्हें पैसा वापस किया, ना ही कब्जा दे रहा था। इसके अलावा भी कई गड़बड़ियों का खुलासा हुआ था। 11 मार्च तक क्लेम फाइल करने का समय अंसल के दिवालिया होने के बाद उसकी देनदारी और निवेशकों की दिक्कतों का समाधान तलाशने के लिए NCLT की तरफ से तैनात इंट्रिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशन ने अपनी टीम गठित कर दी है। IRP की तरफ से क्लेम दाखिल करने का आवेदन फॉर्म जारी कर दिया है। निवेशकों को 11 मार्च तक क्लेम फाइल करने को कहा गया है। इसके बाद 24 अगस्त तक IRP इन सभी क्लेम के मुताबिक देनदारियां तय करते हुए फाइनल प्रस्ताव NCLT को देगा। इस प्रस्ताव के बाद ही आवंटी और निवेशकों की देनदारी का खाका फाइनल हो सकेगा। अंसल ने ऐसे बढ़ाया अपना दायरा… उत्तर प्रदेश में हाईटेक टाउनशिप पॉलिसी के तहत साल 2003 में अंसल को करीब 1335 एकड़ में टाउनशिप का लाइसेंस दिया गया था। पांच साल बीत जाने के बाद भी डेवलपर्स इसका विकास नहीं कर सके। इसके बावजूद 2008 में तत्कालीन सरकार ने टाउनशिप का दायरा बढ़ाकर 3530 एकड़ कर दिया। इतना ही नहीं डेवलपर्स को फायदा पहुंचाने के लिए अफसरों ने नियमों को ही बदल दिया। टाउनशिप पॉलिसी के तहत केवल एक बार ही एक्सटेंशन मिल सकता था, लेकिन अंसल API को दूसरा एक्सटेंशन देते हुए टाउनशिप का दायरा साल 2012 में बढ़ा कर 6500 एकड़ कर दिया था। सिंचाई विभाग की जमीन पर भी किया था कब्जा अंसल प्रबंधक ने सुशांत गोल्फ सिटी में नहर की जमीन पर कब्जा करके उसे एक निजी स्कूल को बेच दिया था। स्कूल ने उस जमीन पर बिल्डिंग खड़ी कर दी थी। सिंचाई विभाग के अफसरों के संज्ञान में आने के बाद बिल्डर और स्कूल प्रशासन को नोटिस जारी किया गया था। मामला हार्ई कोर्ट पहुंच गया था। जहां से आदेश के बाद कब्जे वाले हिस्से को तोड़ा गया था। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अवैध रूप से जमीन की बिक्री, गोल्फ कोर्स की जमीन को अवैध रूप से बेचे जाने सहित कई शिकायत आने के बाद अंसल कम्पनी की रजिस्ट्री पर रोक लगा थी। वीसी की ओर से निबंधन विभाग का पत्र भी लिखा गया था। लेकिन इसके बाद भी प्रबंधक रजिस्ट्री करता रहा। दिल्ली से गिरफ्तार हुए थे मालिक अंसल ग्रुप के मालिक सुशील अंसल के पुत्र प्रणव अंसल के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हुआ था। सितंबर 2019 में उसे लंदन जाने के दौरान दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। भुगतान नहीं करने पर बिजली कटी अंसल सुशांत गोल्फ सिटी ने 6.78 करोड़ रुपए का बकाया बिजली बिल नहीं जमा किया है। बिजली विभाग टाउनशिप प्रबंधन को कई बार नोटिस भेज चुका था। बिजली बिल नहीं जमा किया जा रहा था। बिल नहीं जमा होने पर बीते शुक्रवार को बिजली विभाग ने कनेक्शन काट दिया था। जिसके बाद प्रबंधक ने 50 लाख का भुगतान किया था। करीब 4 घंटे के बाद बिजली कनेक्शन जोड़ा गया था। यहां विकसित की टाउनशिप
अंसल API दिल्ली एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में 19 टाउनशिप विकसित कर रही हैं। इसमें मोहाली, अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, जयपुर, जोधपुर, अजमेर, सोनीपत, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, गुड़गांव, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, आगरा और लखनऊ शहर शामिल हैं। ……………………….. यह खबर भी पढ़े लखनऊ में अंसल ग्रुप वसूल रहा पांच गुना बिजली बिल: आवंटी बोले- बिल्डर ने किया घोटाला, 5 हजार से अधिक लोगों को ठगा लखनऊ में सबसे बड़ी टाउनशिप विकसित करने वाला अंसल ग्रुप आवंटियों से सरकारी रेट से ज्यादा बिजली के दाम वसूल रहा है। जोकि एडवांस में ले लेता है। सड़क पर स्ट्रीट लाइट नहीं जल रही है। पॉवर बैकअप के नाम पर टाउनशिप में तीन जनरेटर लगाए हैं जोकि ज्यादा देर नहीं चल पाते हैं। यहां पढ़े पूरी खबर अंसल API को महज 83 करोड़ रुपए न देने पर दिवालिया घोषित करना। ये सब एक साजिश का हिस्सा है। कंपनी को दिवालिया घोषित करवाने के लिए इसके मालिक NCLT चले गए। कंपनी ने छह महीने में 250 करोड़ की संपत्ति बेची है। इस फैक्ट से पूरे खेल को समझा जा सकता है। यूपी में रियल स्टेट में अंसल ने सबसे बड़ा घोटाला किया है। सरकार को प्रबंधकों का पासपोर्ट सबसे पहले जब्त करना चाहिए ताकि ये लोग देश से भाग ना सकें। हम निवेशकों का पैसा न डूबे, इसके लिए प्रदेश सरकार को आगे आना होगा। सरकार को चाहिए कि वह इस योजना को अपने अंडर में लें। यह कहना है निवेशक गगन टंडन का। इन्होंने 15 साल पहले अंसल से प्लाट लिया था। अब तक प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं हुई है। गगन ने बताया कि अंसल API ने फेज-1,2,3 और 4 में बिना जमीन खरीदे 2009 से लोगों को जमीन बेचना शुरू कर दिया था। हजारों ने अपनी मेहनत की कमाई लगा दी। कंपनी के दिवालिया घोषित होने के बाद निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। 7000 से ज्यादा निवेशकों का करोड़ों रुपया फंसा 1967 में अंसल एपीआई नाम से रियल स्टेट कंपनी रजिस्टर्ड हुई। 2025 तक 7000 से ज्यादा निवेशकों ने इसमें रुपया लगाया। राजधानी लखनऊ, दिल्ली एनसीआर समेत पांच राज्यों में अंसल एपीआई ने अपनी 21 से ज्यादा टाउनशिप बनाई हैं। कम दाम में फ्लैट, मकान और जमीन देने का वादा करने वाले अंसल के खिलाफ CBI और ED की जांच चल रही है। अलग-अलग जिलों में सैकड़ों मुकदमे भी दर्ज हैं। मौजूदा समय में लखनऊ के सुशांत गोल सिटी में निवेश करने वालों को कहना हैं- अंसल ने उत्तर प्रदेश के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला किया है। निवेशक बोले- CM दखल दें..बड़ा घोटाला हुआ है आवंटी कुमार राजेश सिंह ने बताया कि अंसल द्वारा हाईटेक सिटी के नाम पर शोषित किया जा रहा है। कहा गया था कि 24 घंटे लाइट रहेगी। अब तो बिजली कनेक्शन ही काट दिया है। प्रोजेक्ट बना था वो आज तक अधूरा आवंटी मनोहर राम यादव ने बताया- 2010 प्रोजेक्ट बना था वो आज तक अधूरा है। जबरदस्ती हम लोगों से अधूरे निर्माण और असुविधाओं का पैसा लिया जाता है। रेरा में 400 से ज्यादा शिकायत हुईं अंसल API के खिलाफ रेरा में 400 से ज़्यादा शिकायत दर्ज हैं। रेरा ने साल 2019 में प्रदेश भर में अंसल एपीआई के 91 प्रोजेक्टों का फारेंसिक ऑडिट करवाया था। इसमें सैकड़ों आवंटियों का पैसा जमा होने के बावजूद डेवलपर्स ने न तो उन्हें पैसा वापस किया, ना ही कब्जा दे रहा था। इसके अलावा भी कई गड़बड़ियों का खुलासा हुआ था। 11 मार्च तक क्लेम फाइल करने का समय अंसल के दिवालिया होने के बाद उसकी देनदारी और निवेशकों की दिक्कतों का समाधान तलाशने के लिए NCLT की तरफ से तैनात इंट्रिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशन ने अपनी टीम गठित कर दी है। IRP की तरफ से क्लेम दाखिल करने का आवेदन फॉर्म जारी कर दिया है। निवेशकों को 11 मार्च तक क्लेम फाइल करने को कहा गया है। इसके बाद 24 अगस्त तक IRP इन सभी क्लेम के मुताबिक देनदारियां तय करते हुए फाइनल प्रस्ताव NCLT को देगा। इस प्रस्ताव के बाद ही आवंटी और निवेशकों की देनदारी का खाका फाइनल हो सकेगा। अंसल ने ऐसे बढ़ाया अपना दायरा… उत्तर प्रदेश में हाईटेक टाउनशिप पॉलिसी के तहत साल 2003 में अंसल को करीब 1335 एकड़ में टाउनशिप का लाइसेंस दिया गया था। पांच साल बीत जाने के बाद भी डेवलपर्स इसका विकास नहीं कर सके। इसके बावजूद 2008 में तत्कालीन सरकार ने टाउनशिप का दायरा बढ़ाकर 3530 एकड़ कर दिया। इतना ही नहीं डेवलपर्स को फायदा पहुंचाने के लिए अफसरों ने नियमों को ही बदल दिया। टाउनशिप पॉलिसी के तहत केवल एक बार ही एक्सटेंशन मिल सकता था, लेकिन अंसल API को दूसरा एक्सटेंशन देते हुए टाउनशिप का दायरा साल 2012 में बढ़ा कर 6500 एकड़ कर दिया था। सिंचाई विभाग की जमीन पर भी किया था कब्जा अंसल प्रबंधक ने सुशांत गोल्फ सिटी में नहर की जमीन पर कब्जा करके उसे एक निजी स्कूल को बेच दिया था। स्कूल ने उस जमीन पर बिल्डिंग खड़ी कर दी थी। सिंचाई विभाग के अफसरों के संज्ञान में आने के बाद बिल्डर और स्कूल प्रशासन को नोटिस जारी किया गया था। मामला हार्ई कोर्ट पहुंच गया था। जहां से आदेश के बाद कब्जे वाले हिस्से को तोड़ा गया था। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अवैध रूप से जमीन की बिक्री, गोल्फ कोर्स की जमीन को अवैध रूप से बेचे जाने सहित कई शिकायत आने के बाद अंसल कम्पनी की रजिस्ट्री पर रोक लगा थी। वीसी की ओर से निबंधन विभाग का पत्र भी लिखा गया था। लेकिन इसके बाद भी प्रबंधक रजिस्ट्री करता रहा। दिल्ली से गिरफ्तार हुए थे मालिक अंसल ग्रुप के मालिक सुशील अंसल के पुत्र प्रणव अंसल के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हुआ था। सितंबर 2019 में उसे लंदन जाने के दौरान दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। भुगतान नहीं करने पर बिजली कटी अंसल सुशांत गोल्फ सिटी ने 6.78 करोड़ रुपए का बकाया बिजली बिल नहीं जमा किया है। बिजली विभाग टाउनशिप प्रबंधन को कई बार नोटिस भेज चुका था। बिजली बिल नहीं जमा किया जा रहा था। बिल नहीं जमा होने पर बीते शुक्रवार को बिजली विभाग ने कनेक्शन काट दिया था। जिसके बाद प्रबंधक ने 50 लाख का भुगतान किया था। करीब 4 घंटे के बाद बिजली कनेक्शन जोड़ा गया था। यहां विकसित की टाउनशिप
अंसल API दिल्ली एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में 19 टाउनशिप विकसित कर रही हैं। इसमें मोहाली, अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, जयपुर, जोधपुर, अजमेर, सोनीपत, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, गुड़गांव, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, आगरा और लखनऊ शहर शामिल हैं। ……………………….. यह खबर भी पढ़े लखनऊ में अंसल ग्रुप वसूल रहा पांच गुना बिजली बिल: आवंटी बोले- बिल्डर ने किया घोटाला, 5 हजार से अधिक लोगों को ठगा लखनऊ में सबसे बड़ी टाउनशिप विकसित करने वाला अंसल ग्रुप आवंटियों से सरकारी रेट से ज्यादा बिजली के दाम वसूल रहा है। जोकि एडवांस में ले लेता है। सड़क पर स्ट्रीट लाइट नहीं जल रही है। पॉवर बैकअप के नाम पर टाउनशिप में तीन जनरेटर लगाए हैं जोकि ज्यादा देर नहीं चल पाते हैं। यहां पढ़े पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर