शिरोमणि अकाली दल में आंतरिक विवाद बढ़ता जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के करीबी और पूर्व मंत्री रणधीर सिंह चीमा ने पार्टी की आंतरिक कमेटी के फैसले का विरोध किया है। रणधीर सिंह चीमा और उनके बेटे जगदीप सिंह चीमा ने जत्थेदारों को हटाने के फैसले को वापस लेने की मांग की है। एसजीपीसी के पूर्व जूनियर उपाध्यक्ष अवतार सिंह रिया ने भी इस मांग का समर्थन किया है। रणधीर सिंह चीमा और अवतार रिया दोनों एसजीपीसी के सदस्य हैं। जत्थेदारों को हटाने का तरीका गलत फतेहगढ़ साहिब में शिअद जिला महासचिव जगदीप सिंह चीमा ने कहा कि जत्थेदारों को हटाने का तरीका गलत था। उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब एक पवित्र स्थान है। हर सिख यहां अरदास करने के बाद अपने काम की शुरुआत करता है। आंतरिक कमेटी के फैसले ने इस मर्यादा को भंग किया है। सिख पंथ और शिरोमणि अकाली दल दोनों को खतरा जगदीप सिंह ने चेतावनी दी कि इस फैसले से सिख पंथ और शिरोमणि अकाली दल दोनों को खतरा है। उन्होंने कहा कि कई ताकतें पहले से ही सिख पंथ को कमजोर करने में लगी हैं। आंतरिक कमेटी का यह फैसला उन्हें मौका दे रहा है। उन्होंने मांग की है कि कमेटी को अपना फैसला तुरंत वापस लेना चाहिए। शिरोमणि अकाली दल में आंतरिक विवाद बढ़ता जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के करीबी और पूर्व मंत्री रणधीर सिंह चीमा ने पार्टी की आंतरिक कमेटी के फैसले का विरोध किया है। रणधीर सिंह चीमा और उनके बेटे जगदीप सिंह चीमा ने जत्थेदारों को हटाने के फैसले को वापस लेने की मांग की है। एसजीपीसी के पूर्व जूनियर उपाध्यक्ष अवतार सिंह रिया ने भी इस मांग का समर्थन किया है। रणधीर सिंह चीमा और अवतार रिया दोनों एसजीपीसी के सदस्य हैं। जत्थेदारों को हटाने का तरीका गलत फतेहगढ़ साहिब में शिअद जिला महासचिव जगदीप सिंह चीमा ने कहा कि जत्थेदारों को हटाने का तरीका गलत था। उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब एक पवित्र स्थान है। हर सिख यहां अरदास करने के बाद अपने काम की शुरुआत करता है। आंतरिक कमेटी के फैसले ने इस मर्यादा को भंग किया है। सिख पंथ और शिरोमणि अकाली दल दोनों को खतरा जगदीप सिंह ने चेतावनी दी कि इस फैसले से सिख पंथ और शिरोमणि अकाली दल दोनों को खतरा है। उन्होंने कहा कि कई ताकतें पहले से ही सिख पंथ को कमजोर करने में लगी हैं। आंतरिक कमेटी का यह फैसला उन्हें मौका दे रहा है। उन्होंने मांग की है कि कमेटी को अपना फैसला तुरंत वापस लेना चाहिए। पंजाब | दैनिक भास्कर
