शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के इस्तीफे के बाद श्री अकाल तख्त साहिब और तख्त के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं। तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने प्रधान एडवोकेट धामी को नैतिक आधार पर इस्तीफा वापस लेने को कहा है। मीडिया से बातचीत में सवाल पूछे जाने पर जत्थेदार ने अपना इस्तीफा देने की अटकलों को नकारा नहीं, लेकिन, उनके शब्द थे, जो गुरु को मंजूर होगा, वही होगा। इस दौरान जत्थेदार ने श्री अकाल तख्त साहिब की शक्तियों पर भी सवाल उठाए हैं। जत्थेदार ने कहा- मैं पहले सोचता था कि श्री अकाल तख्त साहिब का आदेश सभी पर लागू होता है। कल मुझे पता चला कि श्री अकाल तख्त साहिब का आदेश सिर्फ अकाल तख्त साहिब की चार दीवारी तक ही खत्म होता है। उन्होंने श्री दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के पक्ष में डाली गई पोस्ट पर भी अपने विचार व्यक्त किए। मेरे पर्सनल पेज पर डाली थी पोस्ट जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि पदवी छोटी हो या बड़ी, सभी का सम्मान बहाल रखना चाहिए। शिरोमणि कमेटी चुनी गई संस्था है। हर किसी का अपना-अपना अधिकार क्षेत्र है। एसजीपीसी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी कहा कि पोस्ट नहीं डालनी चाहिए थी। लेकिन, बीते दिनों जो मैंने महसूस किया, मैंने पोस्ट में अपने दिल की बात को कहा था। मैंने पोस्ट पर्सनल अकाउंट में डाली थी। उसमें मैंने शिरोमणि कमेटी को कुछ नहीं कहा। दवाब में हो सकते हैं धामी जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा- ये सारा पहलू दुख-दाई पहलू है। ऐसा नहीं होना चाहिए था। हमें सहज संयम से इसे देखना चाहिए। प्रधान धामी का इस्तीफा दुख-दाई है। इस्तीफे में उन्होंने लिखा है, जो मेरे द्वारा पोस्ट डाली गई, नैतिकता के आधार पर उसे कबूलते हुए इस्तीफा देता हूं। अगर वे नैतिकता है कि ये भी नैतिकता है कि वे एसजीपीसी प्रधान पद से दिया इस्तीफा वापस लें। जो ड्यूटी 2 दिसंबर को श्री अकाल तख्त साहिब से लगाई गई है, उसे संभालें। बीते दिनों हुई घटनाओं के कारण काफी दबाव था। हो सकता है कि वे भी दबाव में हों। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के इस्तीफे के बाद श्री अकाल तख्त साहिब और तख्त के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं। तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने प्रधान एडवोकेट धामी को नैतिक आधार पर इस्तीफा वापस लेने को कहा है। मीडिया से बातचीत में सवाल पूछे जाने पर जत्थेदार ने अपना इस्तीफा देने की अटकलों को नकारा नहीं, लेकिन, उनके शब्द थे, जो गुरु को मंजूर होगा, वही होगा। इस दौरान जत्थेदार ने श्री अकाल तख्त साहिब की शक्तियों पर भी सवाल उठाए हैं। जत्थेदार ने कहा- मैं पहले सोचता था कि श्री अकाल तख्त साहिब का आदेश सभी पर लागू होता है। कल मुझे पता चला कि श्री अकाल तख्त साहिब का आदेश सिर्फ अकाल तख्त साहिब की चार दीवारी तक ही खत्म होता है। उन्होंने श्री दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के पक्ष में डाली गई पोस्ट पर भी अपने विचार व्यक्त किए। मेरे पर्सनल पेज पर डाली थी पोस्ट जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि पदवी छोटी हो या बड़ी, सभी का सम्मान बहाल रखना चाहिए। शिरोमणि कमेटी चुनी गई संस्था है। हर किसी का अपना-अपना अधिकार क्षेत्र है। एसजीपीसी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी कहा कि पोस्ट नहीं डालनी चाहिए थी। लेकिन, बीते दिनों जो मैंने महसूस किया, मैंने पोस्ट में अपने दिल की बात को कहा था। मैंने पोस्ट पर्सनल अकाउंट में डाली थी। उसमें मैंने शिरोमणि कमेटी को कुछ नहीं कहा। दवाब में हो सकते हैं धामी जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा- ये सारा पहलू दुख-दाई पहलू है। ऐसा नहीं होना चाहिए था। हमें सहज संयम से इसे देखना चाहिए। प्रधान धामी का इस्तीफा दुख-दाई है। इस्तीफे में उन्होंने लिखा है, जो मेरे द्वारा पोस्ट डाली गई, नैतिकता के आधार पर उसे कबूलते हुए इस्तीफा देता हूं। अगर वे नैतिकता है कि ये भी नैतिकता है कि वे एसजीपीसी प्रधान पद से दिया इस्तीफा वापस लें। जो ड्यूटी 2 दिसंबर को श्री अकाल तख्त साहिब से लगाई गई है, उसे संभालें। बीते दिनों हुई घटनाओं के कारण काफी दबाव था। हो सकता है कि वे भी दबाव में हों। पंजाब | दैनिक भास्कर
