अकाल तख्त पहुंचे अकाली दल सुधार लहर के सदस्य:जत्थेदार से अनुरोध किया, कहा- दिए गए फैसलों को लागू करवाएं; हरप्रीत के समर्थन में उतरे

अकाल तख्त पहुंचे अकाली दल सुधार लहर के सदस्य:जत्थेदार से अनुरोध किया, कहा- दिए गए फैसलों को लागू करवाएं; हरप्रीत के समर्थन में उतरे

शिरोमणि अकाली दल में शुरू हुआ विवाद अभी थमा नहीं है। श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों के बाद पिछले महीने अपनी संस्था को भंग करने वाले अकाली दल सुधार लहर के सदस्य एक बार फिर जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से मिलने पहुंचे हैं। उन्होंने 2 दिसंबर के फैसलों के अलावा तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के समर्थन में भी आवाज उठाई है। श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे सदस्यों ने अपने ज्ञापन में तीन मुद्दे उठाए। जिसमें श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा अकाली दल के लिए दिए गए तीन फैसलों के अलावा ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ चल रही कार्रवाई को लेकर भी मांग की गई है। अकाली दल सुधार लहर की तीन मांगें- – 2 दिसंबर को फैसला सुनाया गया था कि सुखबीर बादल सहित अकाली दल वर्किंग कमेटी को आए अन्य सभी इस्तीफों को मान कर रिपोर्ट श्री अकाल तख्त साहिब पर दी जाए। लेकिन अभी तक इन फैसलों पर अमल नहीं हुआ। इसलिए श्री अकाल तख्त साहिब के हुक्मों को दरकिनार करने के आरोपों के साथ आरोपियों, जिन्होंने तख्त के फैसले को नहीं माना, के खिलाफ कार्रवाई कर सजा लगाई जानी चाहिए। – 2 दिसंबर को श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी की अध्यक्षता में एक सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। जिसमें आदेश दिया गया था कि धामी अकाली दल में नई भर्ती को जारी करेंगे और 6 महीने में चुनाव करवाएंगे। लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ। वहीं इसके साथ अकाली दल वक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा गलत बयान दे रहे हैं कि अगर सुखबीर बादल का इस्तीफा स्वीकार किया गया या नई भर्ती की गई तो सभी पर संवैधानिक रोक लग जाएगी। सुधार लहर ने सवाल पूछा है कि जब तेजा सिंह समुद्री हाल में बैठक बुलाई जाती है या पार्टी धार्मिक चुनाव के दौरान अपने उम्मीदवार ऐलान करता है तो संवैधानिक रोक क्यों नहीं लगती। ये सभी बातें बहकाने के लिए हैं। – श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ जांच के लिए जिस कमेटी का गठन किया गया है, वे एसजीपीसी की तरफ से गलत बनाई गई है। इस कमेटी को तुरंत रद्द करना चाहिए और जांच श्री अकाल तख्त को अपने हाथ में लेनी चाहिए। दरअसल, जांच कमेटी का मुखी रघुजीत सिंह विर्क है, जिन्हें 2 दिसंबर को सभी अकाली नेताओं के साथ सजा दी गई थी। वहीं, जत्थेदारों की जांच का अधिकार क्षेत्र एसजीपीसी के पास नहीं है। अकाली दल वफद भी पहुंचा श्री अकाल तख्त श्री अकाल तख्त साहिब के 2 दिसंबर के फैसले को लागू करने के लिए शिरोमणि कमेटी के सदस्य जत्थेदार से मिले। शिरोमणि कमेटी के सदस्य भाई मंजीत सिंह ने कहा कि शिरोमणि कमेटी की आंतरिक कमेटी का प्रतिनिधिमंडल श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से मिलने के लिए सचिवालय पहुंचा है। यह बैठक 2 दिसंबर को श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा लिए गए फैसलों के आदेशों का पालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है। इस बैठक का उद्देश्य पिछले आदेशों और फैसलों को लागू करने के लिए ठोस कदम उठाना है, ताकि श्री अकाल तख्त साहिब की गरिमा और पंथिक मर्यादा को बनाए रखा जा सके। शिरोमणि अकाली दल में शुरू हुआ विवाद अभी थमा नहीं है। श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों के बाद पिछले महीने अपनी संस्था को भंग करने वाले अकाली दल सुधार लहर के सदस्य एक बार फिर जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से मिलने पहुंचे हैं। उन्होंने 2 दिसंबर के फैसलों के अलावा तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के समर्थन में भी आवाज उठाई है। श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे सदस्यों ने अपने ज्ञापन में तीन मुद्दे उठाए। जिसमें श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा अकाली दल के लिए दिए गए तीन फैसलों के अलावा ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ चल रही कार्रवाई को लेकर भी मांग की गई है। अकाली दल सुधार लहर की तीन मांगें- – 2 दिसंबर को फैसला सुनाया गया था कि सुखबीर बादल सहित अकाली दल वर्किंग कमेटी को आए अन्य सभी इस्तीफों को मान कर रिपोर्ट श्री अकाल तख्त साहिब पर दी जाए। लेकिन अभी तक इन फैसलों पर अमल नहीं हुआ। इसलिए श्री अकाल तख्त साहिब के हुक्मों को दरकिनार करने के आरोपों के साथ आरोपियों, जिन्होंने तख्त के फैसले को नहीं माना, के खिलाफ कार्रवाई कर सजा लगाई जानी चाहिए। – 2 दिसंबर को श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी की अध्यक्षता में एक सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। जिसमें आदेश दिया गया था कि धामी अकाली दल में नई भर्ती को जारी करेंगे और 6 महीने में चुनाव करवाएंगे। लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ। वहीं इसके साथ अकाली दल वक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा गलत बयान दे रहे हैं कि अगर सुखबीर बादल का इस्तीफा स्वीकार किया गया या नई भर्ती की गई तो सभी पर संवैधानिक रोक लग जाएगी। सुधार लहर ने सवाल पूछा है कि जब तेजा सिंह समुद्री हाल में बैठक बुलाई जाती है या पार्टी धार्मिक चुनाव के दौरान अपने उम्मीदवार ऐलान करता है तो संवैधानिक रोक क्यों नहीं लगती। ये सभी बातें बहकाने के लिए हैं। – श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ जांच के लिए जिस कमेटी का गठन किया गया है, वे एसजीपीसी की तरफ से गलत बनाई गई है। इस कमेटी को तुरंत रद्द करना चाहिए और जांच श्री अकाल तख्त को अपने हाथ में लेनी चाहिए। दरअसल, जांच कमेटी का मुखी रघुजीत सिंह विर्क है, जिन्हें 2 दिसंबर को सभी अकाली नेताओं के साथ सजा दी गई थी। वहीं, जत्थेदारों की जांच का अधिकार क्षेत्र एसजीपीसी के पास नहीं है। अकाली दल वफद भी पहुंचा श्री अकाल तख्त श्री अकाल तख्त साहिब के 2 दिसंबर के फैसले को लागू करने के लिए शिरोमणि कमेटी के सदस्य जत्थेदार से मिले। शिरोमणि कमेटी के सदस्य भाई मंजीत सिंह ने कहा कि शिरोमणि कमेटी की आंतरिक कमेटी का प्रतिनिधिमंडल श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से मिलने के लिए सचिवालय पहुंचा है। यह बैठक 2 दिसंबर को श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा लिए गए फैसलों के आदेशों का पालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है। इस बैठक का उद्देश्य पिछले आदेशों और फैसलों को लागू करने के लिए ठोस कदम उठाना है, ताकि श्री अकाल तख्त साहिब की गरिमा और पंथिक मर्यादा को बनाए रखा जा सके।   पंजाब | दैनिक भास्कर