अजित पवार ने छगन भुजबल को क्यों नहीं बनाया मंत्री? विधायकों ने दे दी थी ये धमकी, सामने आईं 4 बड़ी वजह

अजित पवार ने छगन भुजबल को क्यों नहीं बनाया मंत्री? विधायकों ने दे दी थी ये धमकी, सामने आईं 4 बड़ी वजह

<p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Devendra Fadnavis Cabinet:</strong> महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की कैबिनेट फाइनल होने के बाद से ही महायुति गठबंधन के हर सहयोगी दल में ऊहापोह की स्थिति बन गई थी और मंत्रिमण्डल में शामिल न किए जाने की वजह से कई नेता अपनी पार्टी आलाकमान से नाराज थे. इनमें से सबसे बड़ा नाम अजित पवार गुट के छगन भुजबल का रहा, जिन्हें एनसीपी की ओर से कैबिनेट में जगह नहीं मिली. इसको लेकर भुजबल और उनके समर्थकों की नाराजगी भी साफ जाहिर थी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>छगन भुजबल को कैबिनेट मंत्री न बनाए जाने की क्या वजह रही, इसको लेकर एनसीपी की ओर से बयान नहीं आया था. हालांकि, अब एबीपी न्यूज को इसकी पूरी जानकारी मिल गई है. दरअसल, अजित पवार ने अपने खास नेता छगन भुजबल को महाराष्ट्र का मंत्री क्यों नहीं बनने दिया, इसके पीछे चार बड़ी वजह सामने आ रही हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बेटे को चुनाव लड़ाने से एनसीपी नेता थे नाराज</strong><br />पहली वजह यह कि एनसीपी नेता छगन भुजबल से पार्टी के लोग नाराज थे, क्योंकि उन्होंने अपनी ही पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ काम किया था. वहीं, दूसरी बड़ी वजह यह बताई गई कि छगन भुजबल ने अपने बेटे पंकज भुजबल को विधान परिषद में विधायक पद के लिए जबरन उतारा था, जबकि एनसीपी के सीनियर नेता उन्हें पसंद नहीं करते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नाशिक जिले के सभी विधायकों ने एक साथ इस्तीफे की दी थी धमकी</strong><br />इसके अलावा, तीसरी वजह यह रही कि समीर भुजबल ने पार्टी के खिलाफ जाकर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा. यह महागठबंधन में मित्र दलों के लिए बहुत बड़ी बात थी. चौथी और आखिरी वजह जो सामने आई, वह यह थी कि नासिक जिले के सभी विधायकों ने अजित पवार से छगन भुजबल को मंत्री पद न देने का अनुरोध किया था. विधायकों की ओर से यह घोषणा की गई थी कि अगर भुजबल को मंत्री पद दिया गया तो नाशिक जिले के सभी एमएलए एक साथ इस्तीफा दे देंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>1999 से कई बार रहे मंत्री</strong><br />छगन भुजबल ने साल 1999 से 2024 तक कई बार मंत्री पद संभाले हैं. 1999 से 2003 और फिर साल 2009 से 2010 तक भुजबल महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम थे. 2010 से 2014 तक पृथ्वीराज चव्हाण की सरकार में भुजबल के पास पब्लिक वर्क्स और पर्यटन विभाग था. इसके बाद 2019-22 में उद्धव ठाकरे की तत्कालीन सरकार में छगन भुजबल खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति उपभोक्ता विभाग के मंत्री रहे. इसके बाद <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> की सरकार में भी छगन भुजबल को यही जिम्मेदारी दोबारा सौंपी गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/abu-azmi-on-uddhav-thackeray-cm-devendra-fadnavis-meeting-shiv-sena-ubt-bjp-hindutva-ideology-matches-2845225″>उद्धव ठाकरे-CM फडणवीस की मुलाकात पर सपा MLA अबू आजमी का बड़ा दावा, ‘शिवसेना UBT उस राह पर है जहां…'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Devendra Fadnavis Cabinet:</strong> महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की कैबिनेट फाइनल होने के बाद से ही महायुति गठबंधन के हर सहयोगी दल में ऊहापोह की स्थिति बन गई थी और मंत्रिमण्डल में शामिल न किए जाने की वजह से कई नेता अपनी पार्टी आलाकमान से नाराज थे. इनमें से सबसे बड़ा नाम अजित पवार गुट के छगन भुजबल का रहा, जिन्हें एनसीपी की ओर से कैबिनेट में जगह नहीं मिली. इसको लेकर भुजबल और उनके समर्थकों की नाराजगी भी साफ जाहिर थी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>छगन भुजबल को कैबिनेट मंत्री न बनाए जाने की क्या वजह रही, इसको लेकर एनसीपी की ओर से बयान नहीं आया था. हालांकि, अब एबीपी न्यूज को इसकी पूरी जानकारी मिल गई है. दरअसल, अजित पवार ने अपने खास नेता छगन भुजबल को महाराष्ट्र का मंत्री क्यों नहीं बनने दिया, इसके पीछे चार बड़ी वजह सामने आ रही हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बेटे को चुनाव लड़ाने से एनसीपी नेता थे नाराज</strong><br />पहली वजह यह कि एनसीपी नेता छगन भुजबल से पार्टी के लोग नाराज थे, क्योंकि उन्होंने अपनी ही पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ काम किया था. वहीं, दूसरी बड़ी वजह यह बताई गई कि छगन भुजबल ने अपने बेटे पंकज भुजबल को विधान परिषद में विधायक पद के लिए जबरन उतारा था, जबकि एनसीपी के सीनियर नेता उन्हें पसंद नहीं करते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नाशिक जिले के सभी विधायकों ने एक साथ इस्तीफे की दी थी धमकी</strong><br />इसके अलावा, तीसरी वजह यह रही कि समीर भुजबल ने पार्टी के खिलाफ जाकर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा. यह महागठबंधन में मित्र दलों के लिए बहुत बड़ी बात थी. चौथी और आखिरी वजह जो सामने आई, वह यह थी कि नासिक जिले के सभी विधायकों ने अजित पवार से छगन भुजबल को मंत्री पद न देने का अनुरोध किया था. विधायकों की ओर से यह घोषणा की गई थी कि अगर भुजबल को मंत्री पद दिया गया तो नाशिक जिले के सभी एमएलए एक साथ इस्तीफा दे देंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>1999 से कई बार रहे मंत्री</strong><br />छगन भुजबल ने साल 1999 से 2024 तक कई बार मंत्री पद संभाले हैं. 1999 से 2003 और फिर साल 2009 से 2010 तक भुजबल महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम थे. 2010 से 2014 तक पृथ्वीराज चव्हाण की सरकार में भुजबल के पास पब्लिक वर्क्स और पर्यटन विभाग था. इसके बाद 2019-22 में उद्धव ठाकरे की तत्कालीन सरकार में छगन भुजबल खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति उपभोक्ता विभाग के मंत्री रहे. इसके बाद <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> की सरकार में भी छगन भुजबल को यही जिम्मेदारी दोबारा सौंपी गई.</p>
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