कानपुर में डेंटिस्ट डॉ. अनुष्का तिवारी से हेयर ट्रांसप्लांट कराने वाले 2 पेशेंट की मौत हो गई। पहली- पनकी पावर प्लांट के सहायक अभियंता विनीत दुबे की। दूसरी- फर्रुखाबाद के इंजीनियर मयंक कटियार की। पुलिस के एक्टिव होने के बाद महिला डॉक्टर ‘लापता’ हैं। शुरुआती छानबीन में हेयर ट्रांसप्लांट डेथ केस में 3 कॉमन पॉइंट मिले। पहला- ऑपरेशन के 24 घंटे के अंदर दोनों इंजीनियर की मौत हो गई। उनकी परिस्थितियां भी एक जैसी थीं। मतलब सिर में तेज दर्द, चेहरे पर सूजन, फिर तड़प-तड़पकर मौत। दूसरा- दोनों ऑपरेशन डॉक्टर ने अपने OT टेक्नीशियन से करवाए थे। दवाओं के नाम सादे पर्चे पर लिखकर दिए गए। तीसरा- केस बिगड़ने पर उन्हें दूसरे प्राइवेट डॉक्टरों को दिखाने की सलाह दी। विनीत को अनुराग हॉस्पिटल में खुद अनुष्का ने ही एडमिट कराया। डॉक्टर के खिलाफ दर्ज इस केस में पुलिस के सामने सबसे बड़ा चैलेंज कॉज ऑफ डेथ को साबित करने का है। क्योंकि, इंजीनियर विनीत दुबे की मौत के 54 दिन बाद मामला पुलिस तक पहुंचा, FIR दर्ज की गई। इसके बाद मयंक कटियार का केस पुलिस तक पहुंचा। अब दोनों मामलों में जांच चल रही है। डॉक्टर के खिलाफ CCTV, CDR और गवाहों के बयान अब पुलिस को सबसे पहले साबित करना होगा कि दोनों की मौत की बड़ी वजह हेयर ट्रांसप्लांट में लापरवाही है। इसमें पुलिस के पास विनीत दुबे की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तो है, जिसमें बिसरा सुरक्षित किया गया है। जबकि मयंक कटियार के मामले में ऐसी गुंजाइश नहीं बची है, क्योंकि उनकी बॉडी का बिना पोस्टमॉर्टम कराए ही अंतिम संस्कार कर दिया गया। ऐसे में डॉक्टर के खिलाफ चार्जशीट तैयार करने में पुलिस को मुश्किल आ सकती है। जो सबूत डॉ. अनुष्का के खिलाफ जाते हैं, उनमें दोनों इंजीनियर के परिवारों के बयान हैं। बैंक डिटेल हैं, जिसमें डॉक्टर को रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। CCTV और मोबाइल की कॉल डिटेल भी अहम सबूत माने जाएंगे। दोनों इंजीनियर के परिवारों ने पुलिस को लिखित बयान दिया है कि डॉ. अनुष्का से हेयर ट्रांसप्लांट कराने के 24 घंटे बाद मौत हो गई। दैनिक भास्कर ने डॉ. अनुष्का से हेयर ट्रांसप्लांट कराने वाले एक ऐसे पेशेंट को ढूंढ निकाला, जो सुरक्षित हैं। कानपुर के बर्रा-2 के रहने वाले रामजी सचान से मुलाकात की। पढ़िए वो क्या कहते हैं… सवाल : आपने डॉ. अनुष्का तिवारी की क्लीनिक से हेयर ट्रांसप्लांट कराया है? रामजी : जी, मैंने उनकी ही क्लीनिक से ट्रीटमेंट लिया था। सवाल : क्या उनके पास एक्सपर्ट पैनल और टेक्निकल स्टाफ है? रामजी : जी नहीं, हेयर ट्रांसप्लांट करने वाले लड़के बहुत प्रोफेशनल नहीं हैं। मुझे ऐसा लगा कि उनके पास कोई डिग्री नहीं है। किसी डॉक्टर के साथ रहकर बस काम सीख लिया है। वहां कारीगर की तरह लड़के हेयर ट्रांसप्लांट कर रहे हैं। सवाल : आपका हेयर ट्रांसप्लांट कैसे हुआ? रामजी : मेरा तो हेयर ट्रांसप्लांट ठीक नहीं हुआ। ट्रीटमेंट फेल हो गया, सिर्फ 30% बाल आए हैं। मेरी दोबारा जाने की हिम्मत नहीं पड़ रही है। वो छह घंटे इतने खौफनाक थे। सवाल : खौफनाक जैसा क्या था? रामजी : मेरा 5 से 6 घंटे तक हेयर ट्रांसप्लांट चला था। उसमें काफी दर्द होता है। क्योंकि सिर में बहुत सारे इंजेक्शन लगते हैं। इससे सिर एकदम भारी हो जाता है। मेरा सिर एकदम पत्थर की तरह हो गया था। मेरे चेहरे में भी सूजन आ गई थी। सवाल : वहां पेमेंट कैसे दिया जाता है? रामजी : मैंने ट्रीटमेंट से पहले पूरा पेमेंट एडवांस में दिया था। मुझे लगता है कि अनुष्का मैडम के पास कोई डिग्री या डिप्लोमा नहीं होना चाहिए। क्योंकि जिस पर्चे पर वह दवा लिखती हैं, उसमें उनका नाम या डिग्री का जिक्र नहीं होता है। मैडम सादे पर्चे पर दवाएं लिखती हैं, उसमें सिर्फ क्लीनिक का नाम है। ये तो साफ है कि अगर उनके पास डिग्री होती तो पर्चे में इसका जिक्र जरूर होता। दैनिक भास्कर ने ACP कल्याणपुर अभिषेक पांडेय से बात की। इंस्पेक्टर पुष्पराज इस मामले की जांच कर रहे हैं। पढ़िए वो क्या कहते हैं… ACP बोले- क्लीनिक से बोर्ड हटे, डॉक्टर फरार, डिग्री नहीं दिखा सके
ACP कल्याणपुर अभिषेक पांडेय ने बताया कि पनकी पावर हाउस के AE विनीत कुमार दुबे की मौत के बाद उनकी पत्नी ने रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए तहरीर दी थी। पहले जांच की गई। करीब 6 बार नोटिस भेजकर डॉ. अनुष्का को बुलाने का प्रयास किया गया, लेकिन वो लोग अपना पक्ष रखने के बजाय बचती रहीं। इस वजह से विनीत की पत्नी जया त्रिपाठी की तहरीर पर रावतपुर थाने में 9 मई को BNS की धारा-106 (1) के तहत एफआईआर दर्ज की गई। इसके बाद जांच शुरू की गई तो एक टीम डॉ. अनुष्का तिवारी के क्लीनिक पर भेजी गई। सामने आया कि वह और उनके पति सौरभ त्रिपाठी क्लीनिक और घर पर नहीं हैं। क्लीनिक बंद है, बोर्ड हटा दिए गए हैं। ACP ने डॉक्टर की मेडिकल डिग्री की जांच शुरू की। सामने आया कि डॉ. अनुष्का तिवारी ने मानव रचना डेंटल कॉलेज (फरीदाबाद) से BDS की पढ़ाई की है। इनके पति सौरभ त्रिपाठी भी खुद को डेंटिस्ट बताते हैं। दोनों एक साथ बैठते हैं और डेंटल के साथ हेयर ट्रांसप्लांट का क्लीनिक चलाते हैं। वे अभी तक हेयर ट्रांसप्लांट से संबंधित कोई भी डिग्री या डिप्लोमा नहीं दिखा सके हैं। क्लीनिक के बारे में जानिए… दो कमरों में चल रही थी डॉ. अनुष्का की क्लीनिक
केशवपुरम के चार मंजिला कॉम्प्लेक्स के ग्राउंड फ्लोर पर द इंपायर क्लीनिक है। यहीं बाहर क्लीनिक का बोर्ड लगा हुआ था। इस पर डेंटल, हेयर और एस्थेटिक्स लिखा था। पनकी निवासी सहायक अभियंता विनीत दुबे की मौत के बाद से यहां ताला लगा हुआ है। बोर्ड भी हटा दिया गया है। कॉम्प्लेक्स की सुरक्षा में तैनात गार्ड ने बताया कि कुछ दिन से डॉक्टर नहीं आ रही हैं। क्लीनिक पर ताला लटका हुआ है। इसी क्लीनिक पर डॉ. अनुष्का के पति भी बैठते थे। वह दांतों के डॉक्टर बताए जा रहे हैं। सीनियर एडवोकेट का व्यू जानिए
डॉक्टर के खिलाफ पुलिस ने पहले लापरवाही में मौत की धारा में केस दर्ज किया। मगर 13 मई को धारा बदल दी गई। अब गैर इरादतन हत्या की धारा बढ़ा दी गई है। क्या इन धाराओं में डॉक्टर के खिलाफ पुलिस मजबूत केस बना सकेगी। इसको लेकर दैनिक भास्कर ने सीनियर एडवोकेट नरेश मिश्रा से बात की। सवाल : डॉक्टर के खिलाफ दर्ज केस में क्या सजा हो सकती है? एडवोकेट : अगर गलत इलाज या सर्जरी के दौरान या बाद में किसी की मौत होती है, तब BNS की धारा-105 गैरइरादतन हत्या में एफआईआर दर्ज हो सकती है। इसमें 5 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। इस केस को पहले BNS-106 यानी लापरवाही में मौत में दर्ज किया गया था। बुधवार को पुलिस ने मामले में धारा-105 यानी गैर इरादतन हत्या की धारा में केस को तरमीम किया है। सवाल : अगर किसी मौत के मामले में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं है, तब केस कैसे स्टेब्लिश होगा?
एडवोकेट : अगर किसी के मौत के मामले में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं है, तब भी केस साक्ष्यों के आधार पर रजिस्टर्ड हो सकता है। इसके साथ ही विवेचना में परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर केस में चार्जशीट लगेगी और फिर आरोपी को सजा तक पहुंचाया जा सकता है। सवाल : क्या अब मौत का कारण स्पष्ट करना संभव है?
एडवोकेट : फर्रुखाबाद के इंजीनियर मयंक कटियार के मौत के मामले में शव का पोस्टमॉर्टम नहीं हुआ था। इस वजह से अब मौत का कारण तो स्पष्ट नहीं हो सकता है। क्या डेंटिस्ट कर सकता है हेयर ट्रांसप्लांट
हेयर ट्रांसप्लांट के लिए डर्मेटोलॉजिस्ट या फिर प्लास्टिक सर्जन एक्सपर्ट होना चाहिए। यदि डॉक्टर के पास ये डिग्री नहीं है, तब प्लांटेशन नहीं करना चाहिए। हेयर ट्रांसप्लांटेशन की स्पिल्ट्स बनाना, हेयर लाइन किस तरह बनेगी, किस डायरेक्शन में बाल लगेंगे और बालों निकालने की इस पूरी प्रोसेस एक्सपर्ट ही कर सकता है। यदि किसी ऐसे इंसान ने इस काम को नहीं किया जो इसके बारे में जानता नहीं है, तब स्किन पर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। कानपुर में इंजीनियर की मौत की वजह भी यही है। कानपुर के CMO डॉ. हरी दत्त नेगी ने जांच समिति बना दी है। इसमें 3 सदस्य हैं। जांच गोपनीय रखी जा रही है। कमेटी पता लगाएगी कि यह क्लिनिक कब से संचालित हो रहा था? कितने लोगों का यहां ट्रांसप्लांट किया गया? किस योग्यता के आधार पर यह सर्जरी की जा रही थी? अब विनीत दुबे और मयंक कटियार के हेयर ट्रीटमेंट और मौत की कहानियों को भी जानिए… मौत 1. ट्रांसप्लांट के बाद चेहरे पर सूजन, सीने में दर्द, 24 घंटे में मौत
फतेहगढ़ में रहने वाली प्रमोदनी कटियार कहती हैं- बेटा मयंक कटियार (32) प्राणवीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (PSIT) से बीटेक करने के बाद निजी कंपनी में नौकरी कर रहा था। वह अपना व्यवसाय कानपुर में ही सेटअप करने की तैयारी में था। 18 नवंबर, 2024 को मयंक हेयर ट्रांसप्लांट कराने के लिए केशवपुरम के द इंपायर क्लीनिक की डॉ. अनुष्का तिवारी के पास गया था। उसे सुबह 8 बजे बुलाया गया, डॉ. अनुष्का ने उसे 2 बजे अपनी क्लीनिक से छोड़ा। हेयर ट्रांसप्लांट के बाद छोटा बेटा कुशाग्र शाम 5 बजे मयंक को फतेहगढ़ स्थित पैतृक घर लेकर आया। रात करीब 12 बजे उसके सिर में तेज दर्द हुआ। डॉ. अनुष्का से बात की तो उन्होंने इंजेक्शन लगवाने के लिए कहा। इंजेक्शन लगवाने के बाद भी उसका दर्द ठीक नहीं हुआ। इस पर उन्होंने पट्टी ढीली करने को कहा। वह सारी रात दर्द से कराहता रहा। अगले दिन डॉ. अनुष्का से दोबारा संपर्क किया। बताया कि मयंक के चेहरे पर सूजन आ गई और सीने में तेज दर्द उठा। उन्होंने कहा कि उसे हृदयरोग विशेषज्ञ के पास लेकर जाओ। हम जिस डॉक्टर के पास पहुंचे, उन्होंने कहा कि दिल से संबंधित कोई दिक्कत नहीं है। जहां पर हेयर ट्रांसप्लांट कराया है, वहीं पर बात करिए। इस दौरान 19 नवंबर को मयंक की मौत हो गई। इसके बाद करीब 6 महीने से इंजीनियर के परिजन थाने से लेकर उच्चाधिकारियों के यहां चक्कर काटते रहे, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। मंगलवार को मयंक की मां ने कानपुर पुलिस कमिश्नर से मिलकर FIR दर्ज करने की मांग की। मौत 2. ट्रीटमेंट के बाद आंखें बाहर आईं, चेहरे पर सूजन, मौत
पनकी पावर प्लांट में इंजीनियर विनीत कुमार दुबे (37) ने 13 मार्च को इंपायर वाराही क्लिनिक में हेयर ट्रांसप्लांट कराया। ट्रांसप्लांट के बाद उनकी हालत बिगड़ गई। रिश्तेदारों ने उन्हें रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया। यहां इलाज के दौरान 14 मार्च को उनकी मौत हो गई। इसका पता चलते ही डॉ. अनुष्का तिवारी क्लिनिक बंद करके और फोन स्विच ऑफ कर फरार हो गईं। इंजीनियर की पत्नी जया मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थाना, चौकी, एसीपी और डीसीपी के दफ्तर से लेकर पुलिस कमिश्नर तक के चक्कर काटती रहीं, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार उन्होंने डॉक्टर के खिलाफ सभी ऑडियो-वीडियो और अन्य साक्ष्यों के साथ CM पोर्टल पर शिकायत की। तब जाकर पुलिस ने FIR दर्ज की। ……………… अब जरूरत की खबर पढ़िए..
हेयर ट्रांसप्लांट के बाद 2 की मौत:क्या ये सर्जरी वाकई सेफ, कब हो सकती है खतरनाक, ये 7 सावधानियां जरूरी उत्तर प्रदेश के कानपुर में हेयर ट्रांसप्लांट कराने के बाद एक इंजीनियर की मौत हो गई। मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया है कि बिना उचित जांच और मेडिकल परामर्श के ट्रांसप्लांट किया गया था। इससे उसके पति के चेहरे पर सूजन आ गई थी। 19 नवंबर, 2024 को इसी क्लिनिक से हेयर ट्रांसप्लांट कराने के बाद एक और व्यक्ति की मौत हो गई थी। मृतक के परिवार ने अब 6 महीने बाद (13 मई) को मामले की पुलिस से शिकायत की है। पढ़िए पूरी खबर… कानपुर में डेंटिस्ट डॉ. अनुष्का तिवारी से हेयर ट्रांसप्लांट कराने वाले 2 पेशेंट की मौत हो गई। पहली- पनकी पावर प्लांट के सहायक अभियंता विनीत दुबे की। दूसरी- फर्रुखाबाद के इंजीनियर मयंक कटियार की। पुलिस के एक्टिव होने के बाद महिला डॉक्टर ‘लापता’ हैं। शुरुआती छानबीन में हेयर ट्रांसप्लांट डेथ केस में 3 कॉमन पॉइंट मिले। पहला- ऑपरेशन के 24 घंटे के अंदर दोनों इंजीनियर की मौत हो गई। उनकी परिस्थितियां भी एक जैसी थीं। मतलब सिर में तेज दर्द, चेहरे पर सूजन, फिर तड़प-तड़पकर मौत। दूसरा- दोनों ऑपरेशन डॉक्टर ने अपने OT टेक्नीशियन से करवाए थे। दवाओं के नाम सादे पर्चे पर लिखकर दिए गए। तीसरा- केस बिगड़ने पर उन्हें दूसरे प्राइवेट डॉक्टरों को दिखाने की सलाह दी। विनीत को अनुराग हॉस्पिटल में खुद अनुष्का ने ही एडमिट कराया। डॉक्टर के खिलाफ दर्ज इस केस में पुलिस के सामने सबसे बड़ा चैलेंज कॉज ऑफ डेथ को साबित करने का है। क्योंकि, इंजीनियर विनीत दुबे की मौत के 54 दिन बाद मामला पुलिस तक पहुंचा, FIR दर्ज की गई। इसके बाद मयंक कटियार का केस पुलिस तक पहुंचा। अब दोनों मामलों में जांच चल रही है। डॉक्टर के खिलाफ CCTV, CDR और गवाहों के बयान अब पुलिस को सबसे पहले साबित करना होगा कि दोनों की मौत की बड़ी वजह हेयर ट्रांसप्लांट में लापरवाही है। इसमें पुलिस के पास विनीत दुबे की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तो है, जिसमें बिसरा सुरक्षित किया गया है। जबकि मयंक कटियार के मामले में ऐसी गुंजाइश नहीं बची है, क्योंकि उनकी बॉडी का बिना पोस्टमॉर्टम कराए ही अंतिम संस्कार कर दिया गया। ऐसे में डॉक्टर के खिलाफ चार्जशीट तैयार करने में पुलिस को मुश्किल आ सकती है। जो सबूत डॉ. अनुष्का के खिलाफ जाते हैं, उनमें दोनों इंजीनियर के परिवारों के बयान हैं। बैंक डिटेल हैं, जिसमें डॉक्टर को रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। CCTV और मोबाइल की कॉल डिटेल भी अहम सबूत माने जाएंगे। दोनों इंजीनियर के परिवारों ने पुलिस को लिखित बयान दिया है कि डॉ. अनुष्का से हेयर ट्रांसप्लांट कराने के 24 घंटे बाद मौत हो गई। दैनिक भास्कर ने डॉ. अनुष्का से हेयर ट्रांसप्लांट कराने वाले एक ऐसे पेशेंट को ढूंढ निकाला, जो सुरक्षित हैं। कानपुर के बर्रा-2 के रहने वाले रामजी सचान से मुलाकात की। पढ़िए वो क्या कहते हैं… सवाल : आपने डॉ. अनुष्का तिवारी की क्लीनिक से हेयर ट्रांसप्लांट कराया है? रामजी : जी, मैंने उनकी ही क्लीनिक से ट्रीटमेंट लिया था। सवाल : क्या उनके पास एक्सपर्ट पैनल और टेक्निकल स्टाफ है? रामजी : जी नहीं, हेयर ट्रांसप्लांट करने वाले लड़के बहुत प्रोफेशनल नहीं हैं। मुझे ऐसा लगा कि उनके पास कोई डिग्री नहीं है। किसी डॉक्टर के साथ रहकर बस काम सीख लिया है। वहां कारीगर की तरह लड़के हेयर ट्रांसप्लांट कर रहे हैं। सवाल : आपका हेयर ट्रांसप्लांट कैसे हुआ? रामजी : मेरा तो हेयर ट्रांसप्लांट ठीक नहीं हुआ। ट्रीटमेंट फेल हो गया, सिर्फ 30% बाल आए हैं। मेरी दोबारा जाने की हिम्मत नहीं पड़ रही है। वो छह घंटे इतने खौफनाक थे। सवाल : खौफनाक जैसा क्या था? रामजी : मेरा 5 से 6 घंटे तक हेयर ट्रांसप्लांट चला था। उसमें काफी दर्द होता है। क्योंकि सिर में बहुत सारे इंजेक्शन लगते हैं। इससे सिर एकदम भारी हो जाता है। मेरा सिर एकदम पत्थर की तरह हो गया था। मेरे चेहरे में भी सूजन आ गई थी। सवाल : वहां पेमेंट कैसे दिया जाता है? रामजी : मैंने ट्रीटमेंट से पहले पूरा पेमेंट एडवांस में दिया था। मुझे लगता है कि अनुष्का मैडम के पास कोई डिग्री या डिप्लोमा नहीं होना चाहिए। क्योंकि जिस पर्चे पर वह दवा लिखती हैं, उसमें उनका नाम या डिग्री का जिक्र नहीं होता है। मैडम सादे पर्चे पर दवाएं लिखती हैं, उसमें सिर्फ क्लीनिक का नाम है। ये तो साफ है कि अगर उनके पास डिग्री होती तो पर्चे में इसका जिक्र जरूर होता। दैनिक भास्कर ने ACP कल्याणपुर अभिषेक पांडेय से बात की। इंस्पेक्टर पुष्पराज इस मामले की जांच कर रहे हैं। पढ़िए वो क्या कहते हैं… ACP बोले- क्लीनिक से बोर्ड हटे, डॉक्टर फरार, डिग्री नहीं दिखा सके
ACP कल्याणपुर अभिषेक पांडेय ने बताया कि पनकी पावर हाउस के AE विनीत कुमार दुबे की मौत के बाद उनकी पत्नी ने रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए तहरीर दी थी। पहले जांच की गई। करीब 6 बार नोटिस भेजकर डॉ. अनुष्का को बुलाने का प्रयास किया गया, लेकिन वो लोग अपना पक्ष रखने के बजाय बचती रहीं। इस वजह से विनीत की पत्नी जया त्रिपाठी की तहरीर पर रावतपुर थाने में 9 मई को BNS की धारा-106 (1) के तहत एफआईआर दर्ज की गई। इसके बाद जांच शुरू की गई तो एक टीम डॉ. अनुष्का तिवारी के क्लीनिक पर भेजी गई। सामने आया कि वह और उनके पति सौरभ त्रिपाठी क्लीनिक और घर पर नहीं हैं। क्लीनिक बंद है, बोर्ड हटा दिए गए हैं। ACP ने डॉक्टर की मेडिकल डिग्री की जांच शुरू की। सामने आया कि डॉ. अनुष्का तिवारी ने मानव रचना डेंटल कॉलेज (फरीदाबाद) से BDS की पढ़ाई की है। इनके पति सौरभ त्रिपाठी भी खुद को डेंटिस्ट बताते हैं। दोनों एक साथ बैठते हैं और डेंटल के साथ हेयर ट्रांसप्लांट का क्लीनिक चलाते हैं। वे अभी तक हेयर ट्रांसप्लांट से संबंधित कोई भी डिग्री या डिप्लोमा नहीं दिखा सके हैं। क्लीनिक के बारे में जानिए… दो कमरों में चल रही थी डॉ. अनुष्का की क्लीनिक
केशवपुरम के चार मंजिला कॉम्प्लेक्स के ग्राउंड फ्लोर पर द इंपायर क्लीनिक है। यहीं बाहर क्लीनिक का बोर्ड लगा हुआ था। इस पर डेंटल, हेयर और एस्थेटिक्स लिखा था। पनकी निवासी सहायक अभियंता विनीत दुबे की मौत के बाद से यहां ताला लगा हुआ है। बोर्ड भी हटा दिया गया है। कॉम्प्लेक्स की सुरक्षा में तैनात गार्ड ने बताया कि कुछ दिन से डॉक्टर नहीं आ रही हैं। क्लीनिक पर ताला लटका हुआ है। इसी क्लीनिक पर डॉ. अनुष्का के पति भी बैठते थे। वह दांतों के डॉक्टर बताए जा रहे हैं। सीनियर एडवोकेट का व्यू जानिए
डॉक्टर के खिलाफ पुलिस ने पहले लापरवाही में मौत की धारा में केस दर्ज किया। मगर 13 मई को धारा बदल दी गई। अब गैर इरादतन हत्या की धारा बढ़ा दी गई है। क्या इन धाराओं में डॉक्टर के खिलाफ पुलिस मजबूत केस बना सकेगी। इसको लेकर दैनिक भास्कर ने सीनियर एडवोकेट नरेश मिश्रा से बात की। सवाल : डॉक्टर के खिलाफ दर्ज केस में क्या सजा हो सकती है? एडवोकेट : अगर गलत इलाज या सर्जरी के दौरान या बाद में किसी की मौत होती है, तब BNS की धारा-105 गैरइरादतन हत्या में एफआईआर दर्ज हो सकती है। इसमें 5 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। इस केस को पहले BNS-106 यानी लापरवाही में मौत में दर्ज किया गया था। बुधवार को पुलिस ने मामले में धारा-105 यानी गैर इरादतन हत्या की धारा में केस को तरमीम किया है। सवाल : अगर किसी मौत के मामले में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं है, तब केस कैसे स्टेब्लिश होगा?
एडवोकेट : अगर किसी के मौत के मामले में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं है, तब भी केस साक्ष्यों के आधार पर रजिस्टर्ड हो सकता है। इसके साथ ही विवेचना में परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर केस में चार्जशीट लगेगी और फिर आरोपी को सजा तक पहुंचाया जा सकता है। सवाल : क्या अब मौत का कारण स्पष्ट करना संभव है?
एडवोकेट : फर्रुखाबाद के इंजीनियर मयंक कटियार के मौत के मामले में शव का पोस्टमॉर्टम नहीं हुआ था। इस वजह से अब मौत का कारण तो स्पष्ट नहीं हो सकता है। क्या डेंटिस्ट कर सकता है हेयर ट्रांसप्लांट
हेयर ट्रांसप्लांट के लिए डर्मेटोलॉजिस्ट या फिर प्लास्टिक सर्जन एक्सपर्ट होना चाहिए। यदि डॉक्टर के पास ये डिग्री नहीं है, तब प्लांटेशन नहीं करना चाहिए। हेयर ट्रांसप्लांटेशन की स्पिल्ट्स बनाना, हेयर लाइन किस तरह बनेगी, किस डायरेक्शन में बाल लगेंगे और बालों निकालने की इस पूरी प्रोसेस एक्सपर्ट ही कर सकता है। यदि किसी ऐसे इंसान ने इस काम को नहीं किया जो इसके बारे में जानता नहीं है, तब स्किन पर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। कानपुर में इंजीनियर की मौत की वजह भी यही है। कानपुर के CMO डॉ. हरी दत्त नेगी ने जांच समिति बना दी है। इसमें 3 सदस्य हैं। जांच गोपनीय रखी जा रही है। कमेटी पता लगाएगी कि यह क्लिनिक कब से संचालित हो रहा था? कितने लोगों का यहां ट्रांसप्लांट किया गया? किस योग्यता के आधार पर यह सर्जरी की जा रही थी? अब विनीत दुबे और मयंक कटियार के हेयर ट्रीटमेंट और मौत की कहानियों को भी जानिए… मौत 1. ट्रांसप्लांट के बाद चेहरे पर सूजन, सीने में दर्द, 24 घंटे में मौत
फतेहगढ़ में रहने वाली प्रमोदनी कटियार कहती हैं- बेटा मयंक कटियार (32) प्राणवीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (PSIT) से बीटेक करने के बाद निजी कंपनी में नौकरी कर रहा था। वह अपना व्यवसाय कानपुर में ही सेटअप करने की तैयारी में था। 18 नवंबर, 2024 को मयंक हेयर ट्रांसप्लांट कराने के लिए केशवपुरम के द इंपायर क्लीनिक की डॉ. अनुष्का तिवारी के पास गया था। उसे सुबह 8 बजे बुलाया गया, डॉ. अनुष्का ने उसे 2 बजे अपनी क्लीनिक से छोड़ा। हेयर ट्रांसप्लांट के बाद छोटा बेटा कुशाग्र शाम 5 बजे मयंक को फतेहगढ़ स्थित पैतृक घर लेकर आया। रात करीब 12 बजे उसके सिर में तेज दर्द हुआ। डॉ. अनुष्का से बात की तो उन्होंने इंजेक्शन लगवाने के लिए कहा। इंजेक्शन लगवाने के बाद भी उसका दर्द ठीक नहीं हुआ। इस पर उन्होंने पट्टी ढीली करने को कहा। वह सारी रात दर्द से कराहता रहा। अगले दिन डॉ. अनुष्का से दोबारा संपर्क किया। बताया कि मयंक के चेहरे पर सूजन आ गई और सीने में तेज दर्द उठा। उन्होंने कहा कि उसे हृदयरोग विशेषज्ञ के पास लेकर जाओ। हम जिस डॉक्टर के पास पहुंचे, उन्होंने कहा कि दिल से संबंधित कोई दिक्कत नहीं है। जहां पर हेयर ट्रांसप्लांट कराया है, वहीं पर बात करिए। इस दौरान 19 नवंबर को मयंक की मौत हो गई। इसके बाद करीब 6 महीने से इंजीनियर के परिजन थाने से लेकर उच्चाधिकारियों के यहां चक्कर काटते रहे, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। मंगलवार को मयंक की मां ने कानपुर पुलिस कमिश्नर से मिलकर FIR दर्ज करने की मांग की। मौत 2. ट्रीटमेंट के बाद आंखें बाहर आईं, चेहरे पर सूजन, मौत
पनकी पावर प्लांट में इंजीनियर विनीत कुमार दुबे (37) ने 13 मार्च को इंपायर वाराही क्लिनिक में हेयर ट्रांसप्लांट कराया। ट्रांसप्लांट के बाद उनकी हालत बिगड़ गई। रिश्तेदारों ने उन्हें रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया। यहां इलाज के दौरान 14 मार्च को उनकी मौत हो गई। इसका पता चलते ही डॉ. अनुष्का तिवारी क्लिनिक बंद करके और फोन स्विच ऑफ कर फरार हो गईं। इंजीनियर की पत्नी जया मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थाना, चौकी, एसीपी और डीसीपी के दफ्तर से लेकर पुलिस कमिश्नर तक के चक्कर काटती रहीं, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार उन्होंने डॉक्टर के खिलाफ सभी ऑडियो-वीडियो और अन्य साक्ष्यों के साथ CM पोर्टल पर शिकायत की। तब जाकर पुलिस ने FIR दर्ज की। ……………… अब जरूरत की खबर पढ़िए..
हेयर ट्रांसप्लांट के बाद 2 की मौत:क्या ये सर्जरी वाकई सेफ, कब हो सकती है खतरनाक, ये 7 सावधानियां जरूरी उत्तर प्रदेश के कानपुर में हेयर ट्रांसप्लांट कराने के बाद एक इंजीनियर की मौत हो गई। मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया है कि बिना उचित जांच और मेडिकल परामर्श के ट्रांसप्लांट किया गया था। इससे उसके पति के चेहरे पर सूजन आ गई थी। 19 नवंबर, 2024 को इसी क्लिनिक से हेयर ट्रांसप्लांट कराने के बाद एक और व्यक्ति की मौत हो गई थी। मृतक के परिवार ने अब 6 महीने बाद (13 मई) को मामले की पुलिस से शिकायत की है। पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
अनट्रेंड लड़के ट्रांसप्लांट करते थे बाल, सिर पत्थर जैसा हुआ:पेशेंट बोला- खौफनाक थे 6 घंटे; कानपुर में डेंटिस्ट की हेयर ट्रांसप्लांट क्लीनिक
