हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज ने दूसरे जिलों के लोगों की समस्याएं सुनने से इनकार कर दिया। अनिल विज का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह अंबाला कैंट के सदर बाजार चौक पर कुछ लोगों के साथ बैठे हुए हैं। तभी वहां कुरुक्षेत्र के शाहाबाद से एक व्यक्ति आया और अपनी समस्या अनिल विज के सामने रखी। तभी अनिल विज ने कहा कि मैंने बाहर की समस्याएं सुननी बंद कर दी हैं। आप मुख्यमंत्री के पास जाओ, वो सभी की समस्याएं सुन रहे हैं। उनको जाकर सुनाओ। मैंने बंद कर दी, मैं अब अपने हलके की समस्याएं सुनता हूं। मनोहर लाल खट्टर की सरकार में गृह मंत्री रहते हुए अनिल विज हर शनिवार को जनता दरबार लगाते थे। प्रदेशभर से फरियादी अपनी समस्याएं लेकर अनिल विज के पास पहुंचे थे। लोगों को भी उम्मीद थी कि अनिल विज के समक्ष समस्या जाने के बाद उनका समाधान हो जाएगा। फरियाद सुनकर अधिकारियों की लगाते थे क्लास अनिल विज अपने जनता दरबार में लोगों की समस्याएं सुनने के बाद तुरंत अधिकारियों को कॉल लगाते थे। अधिकारियों की कमी पाए जाने पर जमकर फटकार भी लगाते थे। साथ ही जल्द से जल्द उनकी समस्या का समाधान करने के निर्देश देते थे। परिवहन मंत्री बनने के बाद एक्शन में दिख थे विज परिवहन विभाग का कार्यभार संभालते ही अनिल विज एक्शन में दिखे थे। 7 दिन पहले वह अंबाला, करनाल और पानीपत बस अड्डे पर पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने अंबाला कैंट बस स्टैंड पर रेड की। यहां बस स्टैंड में दुकानों के बाहर रखा सामान देखकर विज भड़क गए। उन्होंने पहले दुकानदारों को लताड़ लगाई। इसके बाद अव्यवस्था पाए जाने पर अड्डा इंचार्ज अजीत सिंह को सस्पेंड करने के निर्देश दिए। विज ने कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सभी संबंधित अधिकारियों को बस स्टैंड की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए निर्देश दिए गए। मंत्री विज ने बस स्टैंड पर अनियमितताओं की जांच कराने के भी निर्देश दिए। बोले- यहां काम करने वाले रहेंगे मंत्री पद की शपथ के बाद अंबाला कैंट में अनिल विज ने कहा था कि काम किया है, काम करेंगे। ये मेरा नारा रहा है। यहां पर वही अफसर रह सकेगा, जो इस नारे पर चलेगा। हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज ने दूसरे जिलों के लोगों की समस्याएं सुनने से इनकार कर दिया। अनिल विज का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह अंबाला कैंट के सदर बाजार चौक पर कुछ लोगों के साथ बैठे हुए हैं। तभी वहां कुरुक्षेत्र के शाहाबाद से एक व्यक्ति आया और अपनी समस्या अनिल विज के सामने रखी। तभी अनिल विज ने कहा कि मैंने बाहर की समस्याएं सुननी बंद कर दी हैं। आप मुख्यमंत्री के पास जाओ, वो सभी की समस्याएं सुन रहे हैं। उनको जाकर सुनाओ। मैंने बंद कर दी, मैं अब अपने हलके की समस्याएं सुनता हूं। मनोहर लाल खट्टर की सरकार में गृह मंत्री रहते हुए अनिल विज हर शनिवार को जनता दरबार लगाते थे। प्रदेशभर से फरियादी अपनी समस्याएं लेकर अनिल विज के पास पहुंचे थे। लोगों को भी उम्मीद थी कि अनिल विज के समक्ष समस्या जाने के बाद उनका समाधान हो जाएगा। फरियाद सुनकर अधिकारियों की लगाते थे क्लास अनिल विज अपने जनता दरबार में लोगों की समस्याएं सुनने के बाद तुरंत अधिकारियों को कॉल लगाते थे। अधिकारियों की कमी पाए जाने पर जमकर फटकार भी लगाते थे। साथ ही जल्द से जल्द उनकी समस्या का समाधान करने के निर्देश देते थे। परिवहन मंत्री बनने के बाद एक्शन में दिख थे विज परिवहन विभाग का कार्यभार संभालते ही अनिल विज एक्शन में दिखे थे। 7 दिन पहले वह अंबाला, करनाल और पानीपत बस अड्डे पर पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने अंबाला कैंट बस स्टैंड पर रेड की। यहां बस स्टैंड में दुकानों के बाहर रखा सामान देखकर विज भड़क गए। उन्होंने पहले दुकानदारों को लताड़ लगाई। इसके बाद अव्यवस्था पाए जाने पर अड्डा इंचार्ज अजीत सिंह को सस्पेंड करने के निर्देश दिए। विज ने कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सभी संबंधित अधिकारियों को बस स्टैंड की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए निर्देश दिए गए। मंत्री विज ने बस स्टैंड पर अनियमितताओं की जांच कराने के भी निर्देश दिए। बोले- यहां काम करने वाले रहेंगे मंत्री पद की शपथ के बाद अंबाला कैंट में अनिल विज ने कहा था कि काम किया है, काम करेंगे। ये मेरा नारा रहा है। यहां पर वही अफसर रह सकेगा, जो इस नारे पर चलेगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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मोदी को बाइक पर घुमाने वाले खट्टर बने मंत्री:दिल्ली का दुकानदार पहले CM और अब केंद्रीय मंत्री बना, गरीबी के कारण डॉक्टर नहीं बन पाए
मोदी को बाइक पर घुमाने वाले खट्टर बने मंत्री:दिल्ली का दुकानदार पहले CM और अब केंद्रीय मंत्री बना, गरीबी के कारण डॉक्टर नहीं बन पाए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र में अपनी अगुवाई वाली तीसरी सरकार में अपने पुराने दोस्त, मनोहर लाल खट्टर को कैबिनेट मिनिस्टर बनाया है। मोदी और खट्टर पुराने दोस्त हैं, ये बात जगजाहिर है। दोनों उस समय से साथ हैं जब नरेंद्र मोदी गुजरात का सीएम बनने से पहले, भाजपा में संगठन का काम देखा करते थे। खुद मोदी सार्वजनिक मंचों से कह चुके हैं कि वह मनोहर लाल के साथ उनकी बाइक पर घूमते रहे हैं। PM मोदी से दोस्ती का खट्टर को समय-समय पर फायदा भी मिला। हरियाणा की सियासत में कई उतार-चढ़ाव देखने वाली भाजपा ने वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में पहली बार अपने बूते पूर्ण बहुमत मिलने के बाद, अपने पहले ही फैसले से सबको चौंका दिया था। चुनाव रिजल्ट आने के बाद लाइमलाइट से दूर चल रहे मनोहर लाल खट्टर को अचानक CM बनाने का ऐलान कर दिया गया। उस समय BJP के कई बड़े नेता सीएम पद की दौड़ में शामिल थे लेकिन खट्टर अचानक सबको पीछे छोड़ते हुए आगे निकल गए। BJP ने 2014 में जिस तरह मनोहर लाल खट्टर को हरियाणा का CM बनाकर सबको चौंकाया था, ठीक उसी तरह 12 मार्च 2024 को अचानक उनका इस्तीफा दिलाकर भी सबको चौंका दिया। इसके बाद पार्टी ने उन्हें करनाल लोकसभा सीट से टिकट दिया और जीतने के बाद अब वह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री बन गए हैं। मनोहर लाल को पहले ही दे दिया था संकेत
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही मनोहर लाल को दिल्ली में बड़ा पद देने के संकेत दे दिए थे। दरअसल मनोहर लाल के पास संगठन में काम करने का लंबा अनुभव हैं। RSS में संघ प्रचारक के तौर पर लंबे समय तक काम कर चुके मनोहर लाल 1994 में BJP में शिफ्ट हुए। उस समय नरेंद्र मोदी भाजपा के हरियाणा मामलों के प्रभारी थे। दोनों ने उस समय संगठन में साथ मिलकर काम किया। प्रधानमंत्री मोदी खुद खट्टर से अपनी दोस्ती का जिक्र कई बार कर चुके हैं। लोकसभा चुनाव की घोषणा से 5 दिन पहले, 11 मार्च 2024 को PM मोदी गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करने पहुंचे थे। यहां मोदी ने मंच से कहा- मैं और मनोहर लाल खट्टर हरियाणा में बाइक पर एक साथ घूमते थे। हमें हरियाणा का लंबा अनुभव है। इसके अगले ही दिन, 12 मार्च को मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। तभी चर्चा शुरू हो गई थी कि खट्टर को जल्दी ही दिल्ली में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलने जा रही है। 5 भाइयों में सबसे बड़े, डॉक्टर बनना चाहते थे
70 साल के मनोहर लाल खट्टर मूलरूप से रोहतक जिले में निंदाना गांव के रहने वाले हैं। मनोहर लाल अपने 5 भाइयों में सबसे बड़े थे इसलिए परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ उन्हीं के ऊपर था।मनोहर लाल डॉक्टर बनना चाहते थे लेकिन घर की खराब माली हालत के चलते उनके पिता हरवंश लाल खट्टर चाहते थे कि वह पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ गुजर-बसर चलाने के लिए परिवार के बाकी सदस्यों की तरह खेती में उनका हाथ बटाएं। इसी वजह से स्कूलिंग के दौरान मनोहर लाल अपने पिता के साथ खेतों में काम करते थे। हालांकि बाद में रोहतक में स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद वह आगे की स्टडी के लिए दिल्ली चले गए। दिल्ली में पढ़ाई के दौरान ही खट्टर ने ठान लिया था कि वह ताउम्र शादी नहीं करेंगे। दिल्ली का दुकानदार, पहले CM बना और अब केंद्रीय मंत्री
दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद, खट्टर ने दिल्ली में ही सदर बाजार के पास एक दुकान खोल ली। उसी दौरान 1977 में वह RSS से जुड़ गए। लगभग 17-18 साल आरएसएस में प्रचारक के तौर पर काम करने के बाद वर्ष 1994 में खट्टर बीजेपी में शामिल हो गए। भाजपा संगठन में 20 साल काम करने के बाद, वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने पहली बार करनाल सीट से लड़ा और MLA बन गए। पहली बार का विधायक होने के बावजूद वह सीधे हरियाणा के मुख्यमंत्री बन गए। तब प्रदेश में 18 साल बाद, किसी गैरजाट नेता को CM की कुर्सी मिली थी। पांच साल सरकार चलाने के बाद, 2019 का विधानसभा चुनाव BJP ने मनोहर लाल की अगुवाई में ही लड़ा। पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला और उसने दुष्यंत चौटाला की अगुवाई वाली जननायक जनता पार्टी (JJP) से गठबंधन कर लगातार दूसरी बार राज्य में सरकार बनाई। भाजपा नेतृत्व ने 2024 में लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक 4 दिन पहले, उन्हें हटाकर नायब सैनी को राज्य का नया सीएम बना दिया। परिवार से ज्यादा संपर्क में, पैतृक प्रॉपर्टी दान कर दी
मनोहर लाल अपने घर-परिवार से ज्यादा संपर्क नहीं रखते। हालांकि उनके सीएम, सांसद और अब कैबिनेट मंत्री बनने पर उनके पैतृक गांव, निंदाना में जश्न मनाया गया।तकरीबन साढ़े 9 साल तक हरियाणा में CM की कुर्सी संभालने वाले मनोहर लाल खट्टर उस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा में आए जब उन्होंने सीएम रहते हुए, रोहतक में अपनी पैतृक प्रॉपर्टी सरकार को दान कर दी।साढ़े 9 साल मुख्यमंत्री रहने के बावजूद खट्टर का नाम किसी बड़े विवाद या करप्शन केस में नहीं आया। 3 चुनाव लड़े, तीनों जीते
मनोहर लाल खट्टर ने अपने राजनीतिक जीवन में तीन चुनाव लड़े हैं और तीनों में वह विजयी रहे। उन्होंने अपना पहला चुनाव वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में करनाल सीट से लड़ा और विजयी रहे। उसके बाद वह सीएम बन गए। 2019 के विधानसभा चुनाव में वह फिर करनाल सीट से मैदान में उतरे और जीते। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें करनाल सीट से मैदान में उतारा। खट्टर अपने सामने उतरे कांग्रेस के दिव्यांशु बुद्धिराजा को 2 लाख से ज्यादा वोटों से हराकर सांसद बने। अब वह कैबिनेट मंत्री बन गए हैं। ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा से 3 मंत्री बनाने के पीछे विधानसभा चुनाव:जीटी रोड बेल्ट समेत 2 इलाके साधे, 50 विस सीटों पर नजर; नॉन जाट पॉलिटिक्स पर अडिग शूटर रहे राव तीसरी बार मोदी कैबिनेट में:मोदी के PM फेस बनने के 10 दिन बाद छोड़ी कांग्रेस, पिता से मिलने चप्पल में पहुंची थीं इंदिरा हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:सियासत की शुरुआत कॉलेज से, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद छोड़ा हिमाचल, मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी
करनाल में करंट से रिटायर्ड सूबेदार की मौत:कूलर का तार जोड़ते समय आई बिजली, छत पर फैला करंट; अस्पताल में तोड़ा दम
करनाल में करंट से रिटायर्ड सूबेदार की मौत:कूलर का तार जोड़ते समय आई बिजली, छत पर फैला करंट; अस्पताल में तोड़ा दम हरियाणा के करनाल के कर्ण विहार में एक रिटायर्ड सूबेदार की करंट लगने से मौत हो गई। सूबेदार अपने मुंह से कूलर की मोटर का तार छील रहा था और जैसे ही उसने तार छीलकर हटाया तो अचानक लाइट आ गई, उस समय तार उसके हाथ में था। जिससे उसे करंट का जोरदार झटका लगा और उसकी मौत हो गई। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया। आज दोपहर पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। घर पर चल रहा था निर्माण कार्य कर्ण विहार निवासी 51 वर्षीय रिटायर्ड सूबेदार राजेश कुमार के घर पर निर्माण कार्य चल रहा है। मृतक के भाई ने बताया कि कल शाम बारिश के कारण छत पर पानी भर गया था। छत से पानी निकालने के लिए उसने कूलर में इस्तेमाल होने वाले मोटर पंप का इस्तेमाल करना चाहा। जब उसने मोटर पंप लगाकर उसका तार बिजली के सर्किट में लगाया। उसने स्विच भी ऑन किया, लेकिन उस समय लाइट नहीं थी। पानी के कारण पूरी छत को करंट लग गया जब राजेश पंप की तार को मुंह से छील रहा था, उस समय लाइट नहीं थी। उसे शायद पता नहीं था कि लाइट कभी भी आ सकती है और वही हुआ। जैसे ही उसने तार को छीलकर हाथ में पकड़ा, तार का अगला हिस्सा उसके हाथ को छू गया, तभी उसे करंट लग गया और वह बेहोश हो गया। तार नीचे गिर गई और नीचे छत पर पानी भर गया और पूरी छत पर करंट फैल गया। उसे तुरंत करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। राजेश कुमार मूल रूप से घरौंडा के गुढ़ा गांव का रहने वाला था। उसके दो बेटे हैं। उसका एक बेटा सेना में सेवारत है और दूसरा कनाडा गया हुआ है। सेना में तैनात बेटे को सूचना दे दी गई है और वह वहां से वापस आ रहा है। पूरा परिवार शोक में है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया सेक्टर 32,33 थाना पुलिस ने आज शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया। जांच अधिकारी ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पानीपत के सरकारी अस्पताल में लगी आग:एसी में हुआ शॉर्ट सर्किट; मरीजों को निकाला बाहर, ESI विंग में चिंगारी ने लिया विकराल रूप
पानीपत के सरकारी अस्पताल में लगी आग:एसी में हुआ शॉर्ट सर्किट; मरीजों को निकाला बाहर, ESI विंग में चिंगारी ने लिया विकराल रूप हरियाणा के पानीपत के सिविल अस्पताल में स्थित ESI अस्पताल में भीषण आग लग गई। आग लगने के वक्त अस्पताल में मरीज भी भर्ती थे। धीरे-धीरे अस्पताल में धुएँ का गुब्बार देख आग लगने का पता लगा। इसके बाद आग की सूचना तुरंत कंट्रोल रूम नंबर डायल 112 पर दी गई। मौके पर स्टॉफ कर्मियों ने सबसे पहले मरीजों को किसी तरह बाहर निकालने का कार्य शुरू किया। वहीं, सूचना मिलने के कुछ ही देर में मौके पर दमकल की गाड़ी भी पहुंच गई। जिन्होंने आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू किया। करीब 40 मिनट की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह काबू पाया गया। ग्राउंड फ्लोर पर लगी थी आग जानकारी के अनुसार ESI विंग में ग्राउंड फ्लोर पर कार्यालय में आग लगी थी। दरअसल, यहां एसी में चिंगारी उठी। इसके बाद एसी फट गया और भीषण आग लग गई। मरीज और स्टाफ पहली मंजिल पर होने के चलते नीचे आग लगने का पता नहीं लगा। काफी देर बाद आग का धुआं ऊपर तक पहुंचा। जिसके बाद लोगों को आग का पता लगा। स्टाफ ने सबसे पहले मरीजों को बाहर निकाला। दमकल ने आग बुझाई, तो आग लगने का कारण पता लगा। आगजनी में कार्यालय में रखा रिकॉर्ड समेत अन्य सामान जल गया है।