साइबर अपराध की घटनाएं अब ट्रेंडिंग है। जो भी स्मार्टफोन यूजर है वह साइबर अपराधियों की जद में है। आपके मोबाइल पर कोई भी एपीके फाइल के जरिए एक्सिस पाकर आपका खाता खाली कर सकता है। सम्भव है कि आपकी ही आईडी पर कहीं कोई और फोन चल रहा हो जिसकी जानकारी आपको न हो। यह भी सम्भव है कि आपकी फोटो को मार्फ करके। उसे अश्लील फोटो या एआई (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) की मदद से अश्लील वीडियो में तबदील करके वायरल कर दे। ऐसी न जाने कितने ही अपराध आपके साथ न हो इसके लिए आप खुद भी सजग रह सकते हैं। सरकार की तरफ से इसकी व्यवस्था की गई है। मगर ठीक से प्रचार प्रसार न होने के कारण ज्यादातर आबादी को इसके बारे में जानकारी नहीं है। दैनिक भास्कर आपको सतर्क रखने के लिए ऐसी ही कुछ वेबसाइट के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहा है। इन एप और वेबसाइट के जरिए खुद कर सकते हैं सुरक्षा टैफकॉप.संचार सारथी.जीओवी.इन- दूरसंचार विभाग की संचार सारथी पोर्टल के अंतर्गत टैफकप की व्यवस्था की गई है। इसमें आप अपना मोबाइल नम्बर दर्ज करेंगे। ओटीपी के बटन पर क्लिक करेंगे यह ओटीपी आपके आधार कार्ड से लिंक नम्बर पर आएगा। ओटीपी भरने के बाद आपको जब सर्च पर क्लिक करेंगे तो जितने मोबाइल नम्बर आपके आधार कार्ड पर जारी हुए होंगे उन सभी के बारे में जानकारी मिल जाएगी। चक्षु पोर्टल- संचार सारथी.जीओवी.इन के अंतर्गत चक्षु पोर्टल आता है। इस पोर्टल की मदद से कोई फ्रॉड या स्कैम करने वाले मोबाइल नम्बर को ब्लॉक कराया जा सकता है। जैसे की बैंक खाता में प्रयोग होने वाले नम्बर, भुगतान वॉलेट के नम्बर सिम कार्ड, गैस कनेक्शन में प्रयोग होने वाले नम्बर, बिजली कनेक्शन के नम्बर, केवाईसी अपडेट करने वाले नम्बर की शिकायत इस पोर्टल के जरिए दर्ज करा उसे ब्लॉक कराया जा सकता है। यूआईडीएआई.जीओवी.इन- आधार कार्ड की वेबसाइट के जरिए आप अपनी आइडेंटिटी को मास्क आधार कार्ड के जरिए छुपा सकते हैं। मास्क आधार कार्ड जारी कराने के लिए वेबसाइट पर ही अप्लाई करना पड़ता है। जिससे आधार नम्बर के चार डिजिट छोड़कर बाकी के डिजिट छुप जाते हैं। इसी तरह इसी वेबसाइट में लॉक बायोमेट्रिक और लॉक आधार कार्ड की सर्विस भी उपलब्ध है। लॉक करने के बाद कोई दूसरा आपके आधार कार्ड का कही भी प्रयोग नहीं कर सकता। स्टॉप एनसीआईआई.ओआरजी- यह वेबसाइट यूनाइटेड किंगडम से संचालित होती है। जो कि दुनियां भर के टॉप सर्वर से कनेक्टेड हैं । इस वेबसाइट को रिवेंज पॉर्न हेल्पलाइन संचालित करती है। अगर आपकी फोटो मर्फ करके, अश्लील बनाकर या आपका अश्लील वीडियो सोशल मीडिया में वायरल किया गया है तो इस वेबसाइट में शिकायत दर्ज कराने और यूआरएल की जानकारी देने के साथ ही उस यूआरएल को 48 घंटे में ब्लॉक कर दिया जाएगा। साइबर अपराध से जुड़े आंकड़े एडीसीपी क्राइम मनीष सोनकर कहते कि साइबर अपराध की संख्या बढ़ रही है इसकी रोकथाम के लिए साइबर पुलिस अपना काम कर रही है। साथ ही लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है। कुछ एप और वेबसाइट है जिनके प्रयोग से लोग खुद के साथ साइबर ठगी होने से बचा सकते हैं। साइबर अपराध की घटनाएं अब ट्रेंडिंग है। जो भी स्मार्टफोन यूजर है वह साइबर अपराधियों की जद में है। आपके मोबाइल पर कोई भी एपीके फाइल के जरिए एक्सिस पाकर आपका खाता खाली कर सकता है। सम्भव है कि आपकी ही आईडी पर कहीं कोई और फोन चल रहा हो जिसकी जानकारी आपको न हो। यह भी सम्भव है कि आपकी फोटो को मार्फ करके। उसे अश्लील फोटो या एआई (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) की मदद से अश्लील वीडियो में तबदील करके वायरल कर दे। ऐसी न जाने कितने ही अपराध आपके साथ न हो इसके लिए आप खुद भी सजग रह सकते हैं। सरकार की तरफ से इसकी व्यवस्था की गई है। मगर ठीक से प्रचार प्रसार न होने के कारण ज्यादातर आबादी को इसके बारे में जानकारी नहीं है। दैनिक भास्कर आपको सतर्क रखने के लिए ऐसी ही कुछ वेबसाइट के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहा है। इन एप और वेबसाइट के जरिए खुद कर सकते हैं सुरक्षा टैफकॉप.संचार सारथी.जीओवी.इन- दूरसंचार विभाग की संचार सारथी पोर्टल के अंतर्गत टैफकप की व्यवस्था की गई है। इसमें आप अपना मोबाइल नम्बर दर्ज करेंगे। ओटीपी के बटन पर क्लिक करेंगे यह ओटीपी आपके आधार कार्ड से लिंक नम्बर पर आएगा। ओटीपी भरने के बाद आपको जब सर्च पर क्लिक करेंगे तो जितने मोबाइल नम्बर आपके आधार कार्ड पर जारी हुए होंगे उन सभी के बारे में जानकारी मिल जाएगी। चक्षु पोर्टल- संचार सारथी.जीओवी.इन के अंतर्गत चक्षु पोर्टल आता है। इस पोर्टल की मदद से कोई फ्रॉड या स्कैम करने वाले मोबाइल नम्बर को ब्लॉक कराया जा सकता है। जैसे की बैंक खाता में प्रयोग होने वाले नम्बर, भुगतान वॉलेट के नम्बर सिम कार्ड, गैस कनेक्शन में प्रयोग होने वाले नम्बर, बिजली कनेक्शन के नम्बर, केवाईसी अपडेट करने वाले नम्बर की शिकायत इस पोर्टल के जरिए दर्ज करा उसे ब्लॉक कराया जा सकता है। यूआईडीएआई.जीओवी.इन- आधार कार्ड की वेबसाइट के जरिए आप अपनी आइडेंटिटी को मास्क आधार कार्ड के जरिए छुपा सकते हैं। मास्क आधार कार्ड जारी कराने के लिए वेबसाइट पर ही अप्लाई करना पड़ता है। जिससे आधार नम्बर के चार डिजिट छोड़कर बाकी के डिजिट छुप जाते हैं। इसी तरह इसी वेबसाइट में लॉक बायोमेट्रिक और लॉक आधार कार्ड की सर्विस भी उपलब्ध है। लॉक करने के बाद कोई दूसरा आपके आधार कार्ड का कही भी प्रयोग नहीं कर सकता। स्टॉप एनसीआईआई.ओआरजी- यह वेबसाइट यूनाइटेड किंगडम से संचालित होती है। जो कि दुनियां भर के टॉप सर्वर से कनेक्टेड हैं । इस वेबसाइट को रिवेंज पॉर्न हेल्पलाइन संचालित करती है। अगर आपकी फोटो मर्फ करके, अश्लील बनाकर या आपका अश्लील वीडियो सोशल मीडिया में वायरल किया गया है तो इस वेबसाइट में शिकायत दर्ज कराने और यूआरएल की जानकारी देने के साथ ही उस यूआरएल को 48 घंटे में ब्लॉक कर दिया जाएगा। साइबर अपराध से जुड़े आंकड़े एडीसीपी क्राइम मनीष सोनकर कहते कि साइबर अपराध की संख्या बढ़ रही है इसकी रोकथाम के लिए साइबर पुलिस अपना काम कर रही है। साथ ही लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है। कुछ एप और वेबसाइट है जिनके प्रयोग से लोग खुद के साथ साइबर ठगी होने से बचा सकते हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Uttarakhand: साइबर हमलों के बीच ITDA की कार्यक्षमता पर संकट, केंद्र से मदद की गुहार <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (ITDA) को हाल ही में साइबर हमलों का सामना करना पड़ा, जिससे इसकी कार्यक्षमता पर गंभीर प्रभाव पड़ा. आईटीडीए का ढांचा पिछले साल संशोधित किया गया था, जिसमें 45 नए पद सृजित किए गए थे. इसके बाद एजेंसी ने 11 विशेषज्ञों की भर्ती और प्रतिनियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था, लेकिन अपेक्षित आवेदक न मिलने के कारण यह भर्ती प्रक्रिया अधूरी रह गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस समय आईटीडीए केवल तीन अधिकारियों के भरोसे चल रहा है, जिनमें से सिर्फ एक अधिकारी तकनीकी विशेषज्ञ है. बाकी के दो अधिकारी एक आईएएस निदेशक और वित्त नियंत्रक हैं, जिनका तकनीकी विशेषज्ञता से कोई सीधा संबंध नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुनर्गठन के बाद सृजित पदों के बावजूद विशेषज्ञों की कमी ने आईटीडीए की कार्यप्रणाली को प्रभावित किया है. हाल ही में हुए साइबर हमले के दौरान केंद्रीय एजेंसियों को भी इस कमी का सामना करना पड़ा. एक साधारण कार्य जिसे 24 घंटे में पूरा किया जा सकता था, विशेषज्ञों की अनुपलब्धता के कारण तीन दिन में पूरा हो पाया. इस समस्या को देखते हुए अब आईटीडीए का ढांचा फिर से संशोधित करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>आईटी सचिव नितेश झा ने बताया कि आईटी की बढ़ती जरूरतों के आधार पर नया प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही कैबिनेट के सामने रखा जाएगा. इस नए ढांचे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए साइबर हमलों से बचाव के लिए जरूरी उपाय भी शामिल किए जाएंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आईटीडीए के ढांचे की कमी का एक अन्य बड़ा उदाहरण यह है कि बेंगलुरु की आईटीआई लिमिटेड, जिसे दो साल पहले डिजास्टर रिकवरी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, अब तक आईटीडीए के डेटा का बैकअप नहीं ले पाई है. नतीजतन, हाल के साइबर हमले के दौरान डिजास्टर रिकवरी प्रक्रिया को भी प्रभावी रूप से लागू नहीं किया जा सका. अब आईटी विभाग ने केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है और डिजास्टर रिकवरी के लिए एक नई एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपने का अनुरोध किया है. केंद्र सरकार की सूचीबद्ध 18 एजेंसियों में से किसी एक को यह जिम्मेदारी मिलने की संभावना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>विशेषज्ञों और स्टाफ की कमी ने आईटीडीए की प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. एजेंसी की साइबर सुरक्षा, तकनीकी विशेषज्ञता और डिजास्टर रिकवरी में सुधार के लिए नए ढांचे की सख्त जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसे हमलों से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके.</p>
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दिवाली से पहले ‘बहुत खराब’ स्तर पर पहुंची दिल्ली की हवा, अभी और बिगड़ेंगे हालात!
दिवाली से पहले ‘बहुत खराब’ स्तर पर पहुंची दिल्ली की हवा, अभी और बिगड़ेंगे हालात! <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Pollution:</strong> दिवाली की पूर्व संध्या पर दिल्ली की हवा और भी ज्यादा जहरीली हो गई. बुधवार (30 अक्टूबर) को एक्यूआई बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया. यही नहीं गुरुवार (31 अक्टूबर) को प्रदूषण का स्तर बढ़ने की आशंका है. हालांकि अधिकारियों ने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शहर का 24 घंटे का एक्यूआई बुधवार (30 अक्टूबर) को शाम चार बजे 307 दर्ज किया गया. मंगलवार को दिल्ली का एक्यूआई 268 था. मौसम विज्ञान संस्थान के मुताबिक गुरुवार और शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी (एक्यूआई 300 से 400) में रहने की संभावना है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गंभीर श्रेणी में पहुंच सकती है हवा</strong><br />संस्थान की मानें तो पटाखों और पराली या कचरे में आग लगाने से अतिरिक्त उत्सर्जन होने की स्थिति में इन दो दिनों में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में भी पहुंच सकती है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए अगर पिछले पांच वर्षों के समान स्तर पर पराली जलाई जाती है, तो इन तारीखों पर दिल्ली के प्रदूषण में इसका योगदान 15-18 प्रतिशत हो सकता है. उत्तर पश्चिम से आने वाली हवाओं के कारण यह और बढ़ जाता है, जो शहर में हवा को और जहरीला बनाती हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>AQI को 4 भागों में बांटा</strong><br />ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तहत, सर्दियों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए वायु गुणवत्ता को चार चरणों में बांटा किया गया है: खराब (AQI 201-300), बहुत खराब (AQI 301-400), गंभीर (AQI 401-450) और ज्यादा गंभीर (AQI 450 से ऊपर).</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>377 टीमों का किया गठन</strong><br />दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों पर प्रतिबंध को लागू करने के लिए 377 टीमों का गठन किया गया है. उन्होंने कहा कि अधिकारी जागरूकता फैलाने के लिए निवासी कल्याण संघों (आरडब्ल्यूए), बाजार संघों और सामाजिक संगठनों के संपर्क में हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उल्लंघन करने पर दर्ज होगा मामला </strong><br />वहीं दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सभी पुलिस उपायुक्तों (डीसीपी) को यह सुनिश्चित करने के लिए समर्पित टीमें बनाने को कहा गया है कि उनके संबंधित जिलों में पटाखे नहीं फोड़े जाएं. उन्होंने कहा कि सरकारी आदेशों का उल्लंघन करने के लिए उन पर बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की संबंधित धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया जा सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें</strong></p>
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