अफजाल अंसारी गाजीपुर से चुनाव लड़ रहे हैं। वह मुख्तार अंसारी के बड़े भाई हैं। जेल में मुख्तार की मौत होने के बाद गाजीपुर के सियासी माहौल पर सहानुभूति फैक्टर हावी है। इस पर अफजाल कहते हैं- ब्रजेश को बचाने के लिए मुख्तार की हत्या करवा दी। ब्रजेश और धनंजय भाजपा वालों के शंकराचार्य हैं। मुख्तार फैक्टर फिर चुनाव में हावी होने पर कहते हैं- ये उसकी लोकप्रियता थी कि जेल से भी वह चुनाव जीतता था, फिर विपक्ष हार को छिपाने के लिए कहता था कि चुनाव मुख्तार के कब्जे में था। जानिए क्यों अफजाल ने कहा- जुमला उछालने वालों को जनता खारिज कर देगी। पढ़िए पूरा इंटरव्यू… सवाल : पीएम गाजीपुर आए, उन्होंने कहा- विकास होगा, मगर माफिया की धौंस नहीं चलेगी?
जवाब : मैं भी कहता हूं कि जुमला उछालने वाले, झूठ बोलने वाले, जनता को ठगने वाले और संविधान को दरकिनार करके सरकार बनाने का प्रयास करने वालों को जनता खारिज कर देगी। सवाल : योगीजी के भाषण के केंद्र में बुलडोजर रहता है, क्या इसका पब्लिक पर असर है?
जवाब : गाजीपुर से ज्यादा बुलडोजर कहीं नहीं चला। पूरे पूर्वांचल को उन्होंने बुलडोजर से रौंदा। अपनी जनसभाओं में बुलडोजर लेकर गए। बेशर्म लोग हैं। जनता के सपोर्ट को आप ऐसे समझिए, पूर्वांचल के गेट अंबेडकरनगर की एक भी विधानसभा सीट भाजपा को नहीं मिली। जौनपुर में 1 सीट जीती, 1 मऊ में मिली, आजमगढ़ की 1 भी सीट नहीं मिली। आप समझिए कि बुलडोजर नीति को जनता का सपोर्ट नहीं है। ये उनका अंहकार है। कंस जैसी मानसिकता रखने वाले लोग हैं, उनका उसी की तरह जनता के हाथ विनाश होगा। सवाल : योगीजी बोल रहे हैं कि हमने माफियाओं की गर्मी शांत कर दी? ब्रिगेडियर उस्मान आपके रिश्तेदार नहीं हैं?
जवाब : दूसरे के इतिहास से जलने की जरूरत नहीं है। हमारे खानदान में कभी उंगली काटने वालों ने जन्म नहीं लिया, सिर कटाने वालों ने जन्म लिया है। हमें उनसे सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं। वो अपना सर्टिफिकेट दिखाएं वो कहां से आए हैं। सवाल : योगीजी अतीक-मुख्तार पर बोलते हैं, मगर राजा भैया-धनंजय पर नहीं बोलते हैं, क्या कारण है?
जवाब : राजा भैया को अलग करिए। उनको धनंजय से नहीं जोड़ सकते। उन्हें जनता ने चुनकर जनप्रतिनिधि बनाया। जहां तक धनंजय की बात है, उनको गोद में बैठा रखा है। ब्रजेश को बचाने के लिए मुख्तार की हत्या करवा दी। सुभाष ठाकुर को फांसी की सजा हुई, उसको बदलकर उम्रकैद करवाया। अब BHU में एयर कंडीशन में इलाज चल रहा है। दोनों दाऊद केस में को-एक्यूस्ड हैं। इन लोगों ने इन दोनों को शंकराचार्य बना रखा है। सवाल : मुख्तार अंसारी इस चुनाव में नहीं हैं। क्या लोगों में उनकी मौत का गुस्सा है?
जवाब : वो साढ़े 28 साल से जेल में थे। चुनाव में वो लोकप्रिय थे, वो खुद कभी मौजूद नहीं रहे। विपक्ष हार को छिपाने के लिए कहता था कि मुख्तार साहब ने चुनाव को कब्जे में कर रखा है। जहां तक सवाल है कि मुख्तार माफिया था। आज वो नहीं है, जिन लोगों ने उसको इस दुनिया से विदा करने में भूमिका अदा की। इन लोगों के दिमाग में घुसा हुआ था कि उसका आतंक था, अब इन्हें लग रहा है कि ये दांव उल्टा हो गया। सरकार के खिलाफ लोगों में गुस्सा है। पूर्वांचल की हर सीट पर मुख्तार का असर दिखाई देगा। कम से कम 50 हजार वोट का… सरकार को सजा के तौर पर नुकसान होगा। सवाल : क्या ये चुनाव बेटी नुसरत की पॉलिटिकल एंट्री की तरह है?
जवाब : हमारा खानदान पॉलिटिकल है। गजेटियर पढ़िए, उसमें लिख रहे हैं कि अंसारी परिवार की महिलाएं क्रांतिकारियों के साथ सूचना लेने-देने के लिए जेल गईं। हम सोच सकते हैं कि बेटा-बेटी अच्छे हैं, मगर फील्ड में जनता से मुहर लगवानी होती है। जनता भौकाल पर मुहर नहीं लगाती है। सवाल : I.N.D.I संविधान को बचाने का चुनाव बता रहा है, ऐसा क्यों?
जवाब : फैजाबाद से लल्लू सिंह भाजपा सांसद हैं। वो कहते हैं- 2/3 बहुमत मिल जाएगा, हम संविधान खत्म कर देंगे। नया संविधान बना देंगे। पब्लिक ने ठान लिया है कि जो लोग संविधान को खत्म कर सकते हैं, उन्हें सत्ता में नहीं रखना है। संविधान लोगों को जीने का रास्ता भी देता है। उसका अधिकार भी सुरक्षित करता है। लोकतंत्र का पूरा सिस्टम उस संविधान पर आधारित है। इनको अंदाजा नहीं है, साइलेंट वेव है, जो इनके खिलाफ है। सवाल : विपक्ष अग्निवीर को मुद्दा बना रहा है, क्या लगता है यह पब्लिक का मुद्दा है?
जवाब : आज लड़कों के पास डिग्री होते हुए भी नौकरी नहीं है। लड़के ओवरएज हो रहे हैं। अग्निवीर भर्ती से लोगों में इतना गुस्सा है। यहां से कुछ दूर गहमर गांव में 4 पीढ़ियों से लोग सेना में जा रहे हैं। अब उनके बेटे 4 साल में रिटायरमेंट लेकर घर आ जा रहे हैं, बाप सेना में सर्विस दे रहा है। सोचिए क्या स्थिति बन रही है। सवाल : क्या सरकारी योजनाओं से होने वाला फायदा वोट में कन्वर्ट होता है?
जवाब : भाजपा वाले सोच रहे हैं कि लाभार्थी वाले वोट करेंगे। कांग्रेस की सरकार से 2 रुपए किलो गेहूं और 3 रुपए किलो चावल मिल रहा था। भाजपा वालों ने रुपए वाला रेट छूट कर दिया। मगर क्या गरीब का घर 5 किलो गेहूं से चल जाएगा? सवाल : गाजीपुर सीट पर I.N.D.I गठबंधन को कितना मजबूत मान रहे हैं?
जवाब : जनता के बीच हम जा रहे हैं। आम लोगों में सरकार के रवैया से गुस्सा है। भाजपा के खिलाफ मन बनाए बैठे हैं। सरकार की जनविरोधी पॉलिसी से लोग परेशान हैं। लोगों को जो आश्वासन मिला, पीएम अब उस पर बात नहीं करते। महंगाई से लोग परेशान हैं। व्यापारी अपनी पूंजी खा रहा है, व्यापार नहीं है। ग्राहक की जेब में पैसा नहीं है। हर तरफ लूट-खसोट का माहौल बना हुआ है। कोई बाइक से जल्दबाजी में दवा लेने जा रहा हो, कागज घर छूट गया हो तो पकड़कर उसका 5-6 हजार के चालान काट दे रहे हैं। प्राइवेट हाथ में देने के बाद बिजली वालों के दिन-रात छापेमारी, वो भी गरीबों के घरों पर। बड़ी फैक्ट्रियों में ये लोग नहीं जाते। सवाल : अखिलेश गाजीपुर आए, उन्होंने तमाम दावे किए। अगर सांसद बनते हैं, तो क्या प्राथमिकता रहेगी?
जवाब : इंडी के घोषणापत्र में ऐलान कर चुके है। गाजीपुर में 350 स्कूल, 1 विश्वविद्यालय और 1 स्पोर्ट्स कॉलेज खोलेंगे। प्रधानमंत्री से मिलकर हम लिखित दे चुके हैं। सवाल : चुनाव में सबसे बड़ा चैलेंज क्या है?
जवाब : सत्ता का दुरुपयोग हमारे लिए चैलेंज है। पीएम कहते हैं कि मां-बहनों का मंगलसूत्र नहीं बचेगा। इंडी वालों की सरकार बनी तो दो मकानों में एक ले लेगी। ये सरकार घबरा चुकी है। भगवान उनको हार स्वीकार करने की शक्ति दें। सवाल : मनोज सिन्हा 2 बार आपके खिलाफ प्रत्याशी रहे, इस बार वो चुनाव में नहीं हैं, क्या ये आपके लिए फायदेमंद है?
जवाब : बता दूं कि दोनों चुनाव में वो बड़े अंतर से हारे। इस बार वो नहीं हैं, मगर चुनाव उनकी छाया में हो रहा है। बहुत थोड़े वोट पर उनका असर है। वो संचार मंत्री थे, 4 लाख करोड़ की कंपनी BSNL को डूबा दिया, आज नीलाम हो रही है। इन्होंने क्या किया? 4 लाख करोड़ का नुकसान करवा दिया। मनोज सिन्हा के खिलाफ कोई मुकदमा नहीं हुआ। सवाल : क्या सांसद बनने के बाद BSNL जैसे मुद्दे संसद में उठाएंगे?
जवाब : बिल्कुल उठा सकता हूं। इलाहाबाद में BSNL की 5 मंजिला इमारत ईडी ने खरीदी है। पूरे देश में संपत्ति बेची जा रही है। आप कहिए हम बहुत बड़े देशभक्त हैं। सवाल : चुनाव में आपके मददगार समीकरण क्या हैं?
जवाब : पब्लिक में हमारी मौजूदगी, मेरे परिवार का बैकग्राउंड। हमने अपने 50 साल के जीवन में कमेरा वर्ग को ऑर्गनाइज करने की आवाज उठाई। वो लोग एक वक्त पर बूथ पर जाकर वोट नहीं दे सकते थे। हमने उनके लिए काम किए। सवाल : गाजीपुर की जनता के लिए कोई संदेश देंगे?
जवाब : सामंतशाही सोच रखने वाले लोगों के खिलाफ गरीबों को हमने जोड़ा है। ये आगे भी जारी रहेगी। अफजाल अंसारी गाजीपुर से चुनाव लड़ रहे हैं। वह मुख्तार अंसारी के बड़े भाई हैं। जेल में मुख्तार की मौत होने के बाद गाजीपुर के सियासी माहौल पर सहानुभूति फैक्टर हावी है। इस पर अफजाल कहते हैं- ब्रजेश को बचाने के लिए मुख्तार की हत्या करवा दी। ब्रजेश और धनंजय भाजपा वालों के शंकराचार्य हैं। मुख्तार फैक्टर फिर चुनाव में हावी होने पर कहते हैं- ये उसकी लोकप्रियता थी कि जेल से भी वह चुनाव जीतता था, फिर विपक्ष हार को छिपाने के लिए कहता था कि चुनाव मुख्तार के कब्जे में था। जानिए क्यों अफजाल ने कहा- जुमला उछालने वालों को जनता खारिज कर देगी। पढ़िए पूरा इंटरव्यू… सवाल : पीएम गाजीपुर आए, उन्होंने कहा- विकास होगा, मगर माफिया की धौंस नहीं चलेगी?
जवाब : मैं भी कहता हूं कि जुमला उछालने वाले, झूठ बोलने वाले, जनता को ठगने वाले और संविधान को दरकिनार करके सरकार बनाने का प्रयास करने वालों को जनता खारिज कर देगी। सवाल : योगीजी के भाषण के केंद्र में बुलडोजर रहता है, क्या इसका पब्लिक पर असर है?
जवाब : गाजीपुर से ज्यादा बुलडोजर कहीं नहीं चला। पूरे पूर्वांचल को उन्होंने बुलडोजर से रौंदा। अपनी जनसभाओं में बुलडोजर लेकर गए। बेशर्म लोग हैं। जनता के सपोर्ट को आप ऐसे समझिए, पूर्वांचल के गेट अंबेडकरनगर की एक भी विधानसभा सीट भाजपा को नहीं मिली। जौनपुर में 1 सीट जीती, 1 मऊ में मिली, आजमगढ़ की 1 भी सीट नहीं मिली। आप समझिए कि बुलडोजर नीति को जनता का सपोर्ट नहीं है। ये उनका अंहकार है। कंस जैसी मानसिकता रखने वाले लोग हैं, उनका उसी की तरह जनता के हाथ विनाश होगा। सवाल : योगीजी बोल रहे हैं कि हमने माफियाओं की गर्मी शांत कर दी? ब्रिगेडियर उस्मान आपके रिश्तेदार नहीं हैं?
जवाब : दूसरे के इतिहास से जलने की जरूरत नहीं है। हमारे खानदान में कभी उंगली काटने वालों ने जन्म नहीं लिया, सिर कटाने वालों ने जन्म लिया है। हमें उनसे सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं। वो अपना सर्टिफिकेट दिखाएं वो कहां से आए हैं। सवाल : योगीजी अतीक-मुख्तार पर बोलते हैं, मगर राजा भैया-धनंजय पर नहीं बोलते हैं, क्या कारण है?
जवाब : राजा भैया को अलग करिए। उनको धनंजय से नहीं जोड़ सकते। उन्हें जनता ने चुनकर जनप्रतिनिधि बनाया। जहां तक धनंजय की बात है, उनको गोद में बैठा रखा है। ब्रजेश को बचाने के लिए मुख्तार की हत्या करवा दी। सुभाष ठाकुर को फांसी की सजा हुई, उसको बदलकर उम्रकैद करवाया। अब BHU में एयर कंडीशन में इलाज चल रहा है। दोनों दाऊद केस में को-एक्यूस्ड हैं। इन लोगों ने इन दोनों को शंकराचार्य बना रखा है। सवाल : मुख्तार अंसारी इस चुनाव में नहीं हैं। क्या लोगों में उनकी मौत का गुस्सा है?
जवाब : वो साढ़े 28 साल से जेल में थे। चुनाव में वो लोकप्रिय थे, वो खुद कभी मौजूद नहीं रहे। विपक्ष हार को छिपाने के लिए कहता था कि मुख्तार साहब ने चुनाव को कब्जे में कर रखा है। जहां तक सवाल है कि मुख्तार माफिया था। आज वो नहीं है, जिन लोगों ने उसको इस दुनिया से विदा करने में भूमिका अदा की। इन लोगों के दिमाग में घुसा हुआ था कि उसका आतंक था, अब इन्हें लग रहा है कि ये दांव उल्टा हो गया। सरकार के खिलाफ लोगों में गुस्सा है। पूर्वांचल की हर सीट पर मुख्तार का असर दिखाई देगा। कम से कम 50 हजार वोट का… सरकार को सजा के तौर पर नुकसान होगा। सवाल : क्या ये चुनाव बेटी नुसरत की पॉलिटिकल एंट्री की तरह है?
जवाब : हमारा खानदान पॉलिटिकल है। गजेटियर पढ़िए, उसमें लिख रहे हैं कि अंसारी परिवार की महिलाएं क्रांतिकारियों के साथ सूचना लेने-देने के लिए जेल गईं। हम सोच सकते हैं कि बेटा-बेटी अच्छे हैं, मगर फील्ड में जनता से मुहर लगवानी होती है। जनता भौकाल पर मुहर नहीं लगाती है। सवाल : I.N.D.I संविधान को बचाने का चुनाव बता रहा है, ऐसा क्यों?
जवाब : फैजाबाद से लल्लू सिंह भाजपा सांसद हैं। वो कहते हैं- 2/3 बहुमत मिल जाएगा, हम संविधान खत्म कर देंगे। नया संविधान बना देंगे। पब्लिक ने ठान लिया है कि जो लोग संविधान को खत्म कर सकते हैं, उन्हें सत्ता में नहीं रखना है। संविधान लोगों को जीने का रास्ता भी देता है। उसका अधिकार भी सुरक्षित करता है। लोकतंत्र का पूरा सिस्टम उस संविधान पर आधारित है। इनको अंदाजा नहीं है, साइलेंट वेव है, जो इनके खिलाफ है। सवाल : विपक्ष अग्निवीर को मुद्दा बना रहा है, क्या लगता है यह पब्लिक का मुद्दा है?
जवाब : आज लड़कों के पास डिग्री होते हुए भी नौकरी नहीं है। लड़के ओवरएज हो रहे हैं। अग्निवीर भर्ती से लोगों में इतना गुस्सा है। यहां से कुछ दूर गहमर गांव में 4 पीढ़ियों से लोग सेना में जा रहे हैं। अब उनके बेटे 4 साल में रिटायरमेंट लेकर घर आ जा रहे हैं, बाप सेना में सर्विस दे रहा है। सोचिए क्या स्थिति बन रही है। सवाल : क्या सरकारी योजनाओं से होने वाला फायदा वोट में कन्वर्ट होता है?
जवाब : भाजपा वाले सोच रहे हैं कि लाभार्थी वाले वोट करेंगे। कांग्रेस की सरकार से 2 रुपए किलो गेहूं और 3 रुपए किलो चावल मिल रहा था। भाजपा वालों ने रुपए वाला रेट छूट कर दिया। मगर क्या गरीब का घर 5 किलो गेहूं से चल जाएगा? सवाल : गाजीपुर सीट पर I.N.D.I गठबंधन को कितना मजबूत मान रहे हैं?
जवाब : जनता के बीच हम जा रहे हैं। आम लोगों में सरकार के रवैया से गुस्सा है। भाजपा के खिलाफ मन बनाए बैठे हैं। सरकार की जनविरोधी पॉलिसी से लोग परेशान हैं। लोगों को जो आश्वासन मिला, पीएम अब उस पर बात नहीं करते। महंगाई से लोग परेशान हैं। व्यापारी अपनी पूंजी खा रहा है, व्यापार नहीं है। ग्राहक की जेब में पैसा नहीं है। हर तरफ लूट-खसोट का माहौल बना हुआ है। कोई बाइक से जल्दबाजी में दवा लेने जा रहा हो, कागज घर छूट गया हो तो पकड़कर उसका 5-6 हजार के चालान काट दे रहे हैं। प्राइवेट हाथ में देने के बाद बिजली वालों के दिन-रात छापेमारी, वो भी गरीबों के घरों पर। बड़ी फैक्ट्रियों में ये लोग नहीं जाते। सवाल : अखिलेश गाजीपुर आए, उन्होंने तमाम दावे किए। अगर सांसद बनते हैं, तो क्या प्राथमिकता रहेगी?
जवाब : इंडी के घोषणापत्र में ऐलान कर चुके है। गाजीपुर में 350 स्कूल, 1 विश्वविद्यालय और 1 स्पोर्ट्स कॉलेज खोलेंगे। प्रधानमंत्री से मिलकर हम लिखित दे चुके हैं। सवाल : चुनाव में सबसे बड़ा चैलेंज क्या है?
जवाब : सत्ता का दुरुपयोग हमारे लिए चैलेंज है। पीएम कहते हैं कि मां-बहनों का मंगलसूत्र नहीं बचेगा। इंडी वालों की सरकार बनी तो दो मकानों में एक ले लेगी। ये सरकार घबरा चुकी है। भगवान उनको हार स्वीकार करने की शक्ति दें। सवाल : मनोज सिन्हा 2 बार आपके खिलाफ प्रत्याशी रहे, इस बार वो चुनाव में नहीं हैं, क्या ये आपके लिए फायदेमंद है?
जवाब : बता दूं कि दोनों चुनाव में वो बड़े अंतर से हारे। इस बार वो नहीं हैं, मगर चुनाव उनकी छाया में हो रहा है। बहुत थोड़े वोट पर उनका असर है। वो संचार मंत्री थे, 4 लाख करोड़ की कंपनी BSNL को डूबा दिया, आज नीलाम हो रही है। इन्होंने क्या किया? 4 लाख करोड़ का नुकसान करवा दिया। मनोज सिन्हा के खिलाफ कोई मुकदमा नहीं हुआ। सवाल : क्या सांसद बनने के बाद BSNL जैसे मुद्दे संसद में उठाएंगे?
जवाब : बिल्कुल उठा सकता हूं। इलाहाबाद में BSNL की 5 मंजिला इमारत ईडी ने खरीदी है। पूरे देश में संपत्ति बेची जा रही है। आप कहिए हम बहुत बड़े देशभक्त हैं। सवाल : चुनाव में आपके मददगार समीकरण क्या हैं?
जवाब : पब्लिक में हमारी मौजूदगी, मेरे परिवार का बैकग्राउंड। हमने अपने 50 साल के जीवन में कमेरा वर्ग को ऑर्गनाइज करने की आवाज उठाई। वो लोग एक वक्त पर बूथ पर जाकर वोट नहीं दे सकते थे। हमने उनके लिए काम किए। सवाल : गाजीपुर की जनता के लिए कोई संदेश देंगे?
जवाब : सामंतशाही सोच रखने वाले लोगों के खिलाफ गरीबों को हमने जोड़ा है। ये आगे भी जारी रहेगी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर