‘मैं रोज कोचिंग पढ़ने जाती थी। दोपहर 3 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक मेरी कोचिंग चलती थी। उसके बाद मैं घर आ जाती थी। कोचिंग सेंटर मेरे घर से ज्यादा दूर नहीं था। मैं पैदल ही आती-जाती थी। उस दिन भी मैं अकेले घर वापस आ रही थी। मेरे घर से कुछ ही दूरी पर एक गली है। मैं जैसे ही वहां पहुंची, एक लड़का मुझे सामने से आता दिखा। उस लड़के ने अपने मुंह पर रुमाल बांध रखा था। सफेद कलर की हुडी पहनी थी। कैप लगा रखी थी। मैं उसे पहचान नहीं पाई। साथ में एक और लड़का था जिसने पूरा फेस छुपा रखा था। वो दोनों जैसे ही पास आए तो एक युवक ने मेरे ऊपर काली पन्नी से एक शीशी निकालकर कुछ फेंक दिया। वो लिक्विड पड़ते ही मुझे बहुत तेज जलन हुई। मैं चिल्लाते-चिल्लाते बेहोश हो गई।’ ये बात 11वीं की छात्रा ने साल 2020 में पुलिस से कही थी, जब उसके ऊपर एसिड अटैक हुआ था। छात्रा ने अपने साथ पढ़ने वाले एक युवक का शादी का प्रपोजल ठुकरा दिया था। जिसके बाद युवक ने अपने दोस्त के साथ मिलकर छात्रा पर एसिड फेंक दिया। फैसले पर परिजन बोले- बेटी का चेहरा वापस नहीं आएगा मामले में कोर्ट ने 4 साल बाद मंगलवार को दोषी युवक को 20 साल की सजा सुनाई। साथ ही 1 लाख का जुर्माना भी लगाया है। हालांकि, फैसले के बाद भी परिवार के लोग खुश नहीं हैं। उनका कहना है, इस फैसले से मेरी बेटी का चेहरा तो वापस नहीं आ जाएगा। कोर्ट ने दोषी को सजा सुनाते हुए कहा- चेहरा लड़की का आइना होता है। तुमने इसे खराब किया, तुम माफी के लायक नहीं हो। मामले में छात्रा की गवाही सबसे बड़ा सबूत था दैनिक भास्कर ने इस पूरे मामले पर एडीजीसी क्रिमिनल प्रमोद कुमार सिंह से बात की। साथ ही कोर्ट की ऑर्डर कॉपी पर भी उनसे चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे पीड़िता के दोनों आरोपियों को 4 साल बाद सजा हो पाई। उन्होंने कहा- इस केस में छात्रा की गवाही सबसे बड़ी थी। इसके अलावा उस महिला की गवाही जो घटना के बाद सबसे पहले पीड़िता के पास पहुंची थी। दोनों दोषियों के पास से पुलिस ने जो सबूत जमा किए थे, उसकी वजह से भी केस में काफी मदद मिली। खबर में आगे बढ़ने से पहले पूरा मामला जानें- बहराइच जिला अदालत ने मंगलवार को छात्रा पर एसिड अटैक केस में दो युवकों को 20-20 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सजा के साथ ही दोनों पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। बता दें, दिसंबर 2022 को नगर कोतवाली इलाके में कोचिंग पढ़कर घर जा रही एक छात्रा पर दो युवकों ने एसिड फेंक दिया था। हमले में छात्रा बुरी तरह घायल हो गई थी। परिजनों ने दो युवकों के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी थी। पुलिस ने सलारगंज में रहने वाले एहतेशाम और सुहेल के खिलाफ 326A, 120B के तहत मुकदमा दर्ज किया था। कोर्ट में दोनों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। इस घटना के बाद छात्रा ने अपना गृह जनपद छोड़ दिया था। अब पढ़िए आरोपियों के पास से मिलने वाली वो चीजें जो कोर्ट में सबूत के तौर पर यूज की गईं- आरोपियों के कपड़े पर मिले थे तेजाब के निशान पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने घटना के समय पर जो शर्ट और हुडी पहन रखी थी, उस पर तेजाब के हल्के निशान पड़ गए थे। वो कैसे लगे ये तो वो आरोपी नहीं बता सके। लेकिन उनके कपड़ों पर छोटे-छोटे छेद थे। टीम जब आरोपियों को पकड़ने उनके घर गई, तो तलाशी के दौरान कपड़े हाथ लग गए। जब दोनों से इसका कारण पूछा गया, तो वो कोई सही कारण नहीं बता पाए थे। घटनास्थल से मिली तेजाब की बोतल जांच के दौरान पुलिस को घटनास्थल के पास से एक काली बोतल मिली थी। इसको पुलिस ने जांच के लिए रख लिया था। मामले में जांच के दौरान उस बोतल पर एक आरोपी के फिंगर प्रिंट मैच हो गए थे। दोनों आरोपियों की चैट और कॉल डिटेल की जांच पुलिस ने दोनों आरोपियों के फोन बरामद किए थे। जिसमें दोनों की चैट मिली थी। घटना को कैसे अंजाम देना है, इसका प्लान बनाया गया था। साथ ही दोषी एहतेशाम की छात्रा से भी बात होती थी। उसने छात्रा को शादी के लिए भी बोला था। वो छात्रा से बात करने के लिए बोलता था, लेकिन वो मना करती रहती थी। पढ़िए उस महिला का बयान जो घटना के बाद सबसे पहले पीड़िता के पास पहुंची थी- महिला ने बताया, मैं अपने घर के बाहर खड़ी थी। तभी मुझे किसी लड़की की चीखने की आवाज सुनाई दी। मैं आगे बढ़ी तो दो लड़के मेरे सामने से भागते हुए निकले। उनका चेहरा कपड़े से बंधा हुआ था। मैं आगे बढ़ी तो देखा एक लड़की अपना चेहरा पकड़कर रो रही है। पास जाकर देखा तो उसका चेहरा पूरा फूल गया था। कंधे और गर्दन के पास के कपड़े जल गए थे। कंधे-गर्दन पर जख्म भी थे। सड़क पर कुछ गीला पदार्थ पड़ा था, जहां से फेना जैसा उठ रहा था। मैं जल्दी से घर दौड़कर गई और पानी-बर्फ लेकर आई। मैंने उस लड़की के चेहरे पर पानी डाला। फिर हल्के हाथ से बर्फ लगाई। वहां भीड़ लग चुकी थी। किसी ने छात्रा के बैग से फोन निकालकर उसके पिता को बुलाया। उनके आने के बाद सब लोग छात्रा को अस्पताल लेकर गए। कुछ देर बाद पुलिस भी मौके पर आई, जो जांच के बाद चली गई थी। अब पढ़िए छात्रा की गवाही इस घटना के बाद छात्रा बहुत सहमी सी रहने लगी। लेकिन कोर्ट में अपने आरोपियों को सजा दिलाने के लिए उसने गवाही दी। छात्रा ने बताया, पहले मुझे ये नहीं पता था कि जो लड़के सामने से आ रहे हैं वो एहतेशाम और सुहेल हैं। उन्होंने खुद को पूरा कवर कर रखा था। साथ ही वो दोनों अब मेरे स्कूल से भी निकल चुके थे। बस फोन पर एहतेशाम मुझसे बात करता था। हमेशा बात करने के दौरान शादी करने की ही बात करता था। लेकिन मैं हमेशा मना करती रहती थी। घटना के बाद पुलिस ने होश में आने के बाद मेरे बयान लिए थे। तब पुलिस को मैंने शक के आधार पर एहतेशाम का नाम बताया था। क्योंकि वो मुझे पहले भी धमका चुका था। वो मुझसे शादी करना चाहता था लेकिन मैं नहीं। मैंने उसको साफ मना कर दिया था। लेकिन वो मेरी ना बर्दाश्त नहीं कर पाया और उसने मेरे ऊपर एसिड फेंक दिया। पुलिस दोनों आरोपियों के पास कैसे पहुंची? पुलिस के अनुसार, छात्रा के बताए नाम पर जब वो जांच करने पहुंची, तो दोषी घर पर ही मिला। पूछताछ करने पर वो सही से कुछ बता नहीं पा रहा था। जब उससे घटना के समय कहां मौजूद होने की बात पूछी, तो दोस्त के पास होने का जवाब दिया। हमने दोस्त का नाम पूछा तो वो चुप हो गया। उसके बाद हमने उसके कमरे की तलाशी ली। हमें वो कपड़े भी मिल गए जो उसने घटना के समय पहन रखे थे। उसने ही अपने दूसरे साथी का भी नाम बताया था। पढ़िए केस पर फैसला सुनाते समय जज ने क्या कहा? चेहरा हर किसी के लिए उसका दर्पण होता है। इन दोनों का अपराध माफी लायक नहीं है। जब छात्रा के साथ घटना हुई थी तब वो 17 साल की थी। उसके सामने अभी पूरी जिंदगी पड़ी हुई है। वो खुद को ही हीन भावना से देखती है। शीशा देखने से बचती है। एक ना कहने पर इन लोगों ने छात्रा की जिंदगी बर्बाद कर दी। अब पूरी जिंदगी उसको हीन भावना के साथ रहना पड़ेगा। इन दोनों को कठोर दंड दिया जाएगा। वहीं दोनों दोषियों के माफी मांगने पर जज ने उन्हें कोर्ट रूम में फटकार भी लगाई। ‘मैं रोज कोचिंग पढ़ने जाती थी। दोपहर 3 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक मेरी कोचिंग चलती थी। उसके बाद मैं घर आ जाती थी। कोचिंग सेंटर मेरे घर से ज्यादा दूर नहीं था। मैं पैदल ही आती-जाती थी। उस दिन भी मैं अकेले घर वापस आ रही थी। मेरे घर से कुछ ही दूरी पर एक गली है। मैं जैसे ही वहां पहुंची, एक लड़का मुझे सामने से आता दिखा। उस लड़के ने अपने मुंह पर रुमाल बांध रखा था। सफेद कलर की हुडी पहनी थी। कैप लगा रखी थी। मैं उसे पहचान नहीं पाई। साथ में एक और लड़का था जिसने पूरा फेस छुपा रखा था। वो दोनों जैसे ही पास आए तो एक युवक ने मेरे ऊपर काली पन्नी से एक शीशी निकालकर कुछ फेंक दिया। वो लिक्विड पड़ते ही मुझे बहुत तेज जलन हुई। मैं चिल्लाते-चिल्लाते बेहोश हो गई।’ ये बात 11वीं की छात्रा ने साल 2020 में पुलिस से कही थी, जब उसके ऊपर एसिड अटैक हुआ था। छात्रा ने अपने साथ पढ़ने वाले एक युवक का शादी का प्रपोजल ठुकरा दिया था। जिसके बाद युवक ने अपने दोस्त के साथ मिलकर छात्रा पर एसिड फेंक दिया। फैसले पर परिजन बोले- बेटी का चेहरा वापस नहीं आएगा मामले में कोर्ट ने 4 साल बाद मंगलवार को दोषी युवक को 20 साल की सजा सुनाई। साथ ही 1 लाख का जुर्माना भी लगाया है। हालांकि, फैसले के बाद भी परिवार के लोग खुश नहीं हैं। उनका कहना है, इस फैसले से मेरी बेटी का चेहरा तो वापस नहीं आ जाएगा। कोर्ट ने दोषी को सजा सुनाते हुए कहा- चेहरा लड़की का आइना होता है। तुमने इसे खराब किया, तुम माफी के लायक नहीं हो। मामले में छात्रा की गवाही सबसे बड़ा सबूत था दैनिक भास्कर ने इस पूरे मामले पर एडीजीसी क्रिमिनल प्रमोद कुमार सिंह से बात की। साथ ही कोर्ट की ऑर्डर कॉपी पर भी उनसे चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे पीड़िता के दोनों आरोपियों को 4 साल बाद सजा हो पाई। उन्होंने कहा- इस केस में छात्रा की गवाही सबसे बड़ी थी। इसके अलावा उस महिला की गवाही जो घटना के बाद सबसे पहले पीड़िता के पास पहुंची थी। दोनों दोषियों के पास से पुलिस ने जो सबूत जमा किए थे, उसकी वजह से भी केस में काफी मदद मिली। खबर में आगे बढ़ने से पहले पूरा मामला जानें- बहराइच जिला अदालत ने मंगलवार को छात्रा पर एसिड अटैक केस में दो युवकों को 20-20 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सजा के साथ ही दोनों पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। बता दें, दिसंबर 2022 को नगर कोतवाली इलाके में कोचिंग पढ़कर घर जा रही एक छात्रा पर दो युवकों ने एसिड फेंक दिया था। हमले में छात्रा बुरी तरह घायल हो गई थी। परिजनों ने दो युवकों के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी थी। पुलिस ने सलारगंज में रहने वाले एहतेशाम और सुहेल के खिलाफ 326A, 120B के तहत मुकदमा दर्ज किया था। कोर्ट में दोनों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। इस घटना के बाद छात्रा ने अपना गृह जनपद छोड़ दिया था। अब पढ़िए आरोपियों के पास से मिलने वाली वो चीजें जो कोर्ट में सबूत के तौर पर यूज की गईं- आरोपियों के कपड़े पर मिले थे तेजाब के निशान पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने घटना के समय पर जो शर्ट और हुडी पहन रखी थी, उस पर तेजाब के हल्के निशान पड़ गए थे। वो कैसे लगे ये तो वो आरोपी नहीं बता सके। लेकिन उनके कपड़ों पर छोटे-छोटे छेद थे। टीम जब आरोपियों को पकड़ने उनके घर गई, तो तलाशी के दौरान कपड़े हाथ लग गए। जब दोनों से इसका कारण पूछा गया, तो वो कोई सही कारण नहीं बता पाए थे। घटनास्थल से मिली तेजाब की बोतल जांच के दौरान पुलिस को घटनास्थल के पास से एक काली बोतल मिली थी। इसको पुलिस ने जांच के लिए रख लिया था। मामले में जांच के दौरान उस बोतल पर एक आरोपी के फिंगर प्रिंट मैच हो गए थे। दोनों आरोपियों की चैट और कॉल डिटेल की जांच पुलिस ने दोनों आरोपियों के फोन बरामद किए थे। जिसमें दोनों की चैट मिली थी। घटना को कैसे अंजाम देना है, इसका प्लान बनाया गया था। साथ ही दोषी एहतेशाम की छात्रा से भी बात होती थी। उसने छात्रा को शादी के लिए भी बोला था। वो छात्रा से बात करने के लिए बोलता था, लेकिन वो मना करती रहती थी। पढ़िए उस महिला का बयान जो घटना के बाद सबसे पहले पीड़िता के पास पहुंची थी- महिला ने बताया, मैं अपने घर के बाहर खड़ी थी। तभी मुझे किसी लड़की की चीखने की आवाज सुनाई दी। मैं आगे बढ़ी तो दो लड़के मेरे सामने से भागते हुए निकले। उनका चेहरा कपड़े से बंधा हुआ था। मैं आगे बढ़ी तो देखा एक लड़की अपना चेहरा पकड़कर रो रही है। पास जाकर देखा तो उसका चेहरा पूरा फूल गया था। कंधे और गर्दन के पास के कपड़े जल गए थे। कंधे-गर्दन पर जख्म भी थे। सड़क पर कुछ गीला पदार्थ पड़ा था, जहां से फेना जैसा उठ रहा था। मैं जल्दी से घर दौड़कर गई और पानी-बर्फ लेकर आई। मैंने उस लड़की के चेहरे पर पानी डाला। फिर हल्के हाथ से बर्फ लगाई। वहां भीड़ लग चुकी थी। किसी ने छात्रा के बैग से फोन निकालकर उसके पिता को बुलाया। उनके आने के बाद सब लोग छात्रा को अस्पताल लेकर गए। कुछ देर बाद पुलिस भी मौके पर आई, जो जांच के बाद चली गई थी। अब पढ़िए छात्रा की गवाही इस घटना के बाद छात्रा बहुत सहमी सी रहने लगी। लेकिन कोर्ट में अपने आरोपियों को सजा दिलाने के लिए उसने गवाही दी। छात्रा ने बताया, पहले मुझे ये नहीं पता था कि जो लड़के सामने से आ रहे हैं वो एहतेशाम और सुहेल हैं। उन्होंने खुद को पूरा कवर कर रखा था। साथ ही वो दोनों अब मेरे स्कूल से भी निकल चुके थे। बस फोन पर एहतेशाम मुझसे बात करता था। हमेशा बात करने के दौरान शादी करने की ही बात करता था। लेकिन मैं हमेशा मना करती रहती थी। घटना के बाद पुलिस ने होश में आने के बाद मेरे बयान लिए थे। तब पुलिस को मैंने शक के आधार पर एहतेशाम का नाम बताया था। क्योंकि वो मुझे पहले भी धमका चुका था। वो मुझसे शादी करना चाहता था लेकिन मैं नहीं। मैंने उसको साफ मना कर दिया था। लेकिन वो मेरी ना बर्दाश्त नहीं कर पाया और उसने मेरे ऊपर एसिड फेंक दिया। पुलिस दोनों आरोपियों के पास कैसे पहुंची? पुलिस के अनुसार, छात्रा के बताए नाम पर जब वो जांच करने पहुंची, तो दोषी घर पर ही मिला। पूछताछ करने पर वो सही से कुछ बता नहीं पा रहा था। जब उससे घटना के समय कहां मौजूद होने की बात पूछी, तो दोस्त के पास होने का जवाब दिया। हमने दोस्त का नाम पूछा तो वो चुप हो गया। उसके बाद हमने उसके कमरे की तलाशी ली। हमें वो कपड़े भी मिल गए जो उसने घटना के समय पहन रखे थे। उसने ही अपने दूसरे साथी का भी नाम बताया था। पढ़िए केस पर फैसला सुनाते समय जज ने क्या कहा? चेहरा हर किसी के लिए उसका दर्पण होता है। इन दोनों का अपराध माफी लायक नहीं है। जब छात्रा के साथ घटना हुई थी तब वो 17 साल की थी। उसके सामने अभी पूरी जिंदगी पड़ी हुई है। वो खुद को ही हीन भावना से देखती है। शीशा देखने से बचती है। एक ना कहने पर इन लोगों ने छात्रा की जिंदगी बर्बाद कर दी। अब पूरी जिंदगी उसको हीन भावना के साथ रहना पड़ेगा। इन दोनों को कठोर दंड दिया जाएगा। वहीं दोनों दोषियों के माफी मांगने पर जज ने उन्हें कोर्ट रूम में फटकार भी लगाई। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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बरनाला में कार चढ़ाकर युवक की हत्या:ट्रैक्टर पर लगे डैक चलाने को लेकर हुआ विवाद, माता-पिता का इकलौता बेटा था मृतक बरनाला में ट्रैक्टर पर डैक बंद को लेकर हुई लड़ाई में एक युवक का कत्ल कर दिया गया। ये घटना जिले के गांव पखोके की दाना मंडी की है। जहां देर रात मृतक जसलीन सिंह जस्सू ने गांव के रमनदीप सिंह को ट्रैक्टर पर डैक चलाने से रोका था। जिसके बाद दोनों पक्षों में झगड़ा हो गया और जसलीन सिंह पर कार चढ़ाकर और बुरी तरह पीटकर उसकी हत्या कर दी गई। मृतक जसलीन सिंह के दोस्त काबल सिंह, लवप्रीत सिंह और जगदीप सिंह ने बताया कि मृतक जसलीन सिंह जस्सू का कत्ल गांव के ही रमनदीप सिंह, उसके बेटे और उसके साथियों ने भयानक तरीके से किया है। पहले उसके ऊपर गाड़ी चढा दी और बाद में उसे रॉड व अन्य धारदार हथियारों से पीटा। जिससे उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि मृतक माता-पिता का इकलौता बेटा था। उनके पिता एक पूर्व सैनिक हैं और उनकी बहन कनाडा में रहती हैं। उसकी मौत से पूरा घर बिखर गया है। उन्होंने कहा कि घटना के 24 घंटे बाद भी अभी तक आरोपी पकड़े नहीं जा सके हैं। 18 के खिलाफ हत्या का केस दर्ज थाना सदर बरनाला के SHO शेरविंदर सिंह ने बताया कि बीती रात करीब 10 बजे गांव पखोके में दो पक्षों के बीच झगड़ा हो गया था। गांव के रमनदीप सिंह के ट्रैक्टर का डैक (स्पीकर) जसलीन सिंह जस्सू ने बंद कर दिया। जिसके बाद दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए। इसके बाद रमनदीप सिंह ने अपने साथी को बुलाकर जसलीन जस्सू की पिटाई कर दी, जिससे उक्त युवक गंभीर रूप से घायल हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस ने मृतक के पिता गुरचरण सिंह के बयान के आधार पर रमनदीप सिंह और उसके 18 अन्य साथियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
हरियाणा के पूर्व मंत्री का निधन, अंतिम संस्कार आज:राव वीरेंद्र, बंसीलाल और चौटाला सरकार में मंत्री रहे, निजीकरण के विरोध में मंत्रीपद छोड़ा
हरियाणा के पूर्व मंत्री का निधन, अंतिम संस्कार आज:राव वीरेंद्र, बंसीलाल और चौटाला सरकार में मंत्री रहे, निजीकरण के विरोध में मंत्रीपद छोड़ा हरियाणा के पूर्व मंत्री चौधरी जसवंत सिंह का आज हिसार के सेक्टर 16-17 अंतिम संस्कार होगा। उनका कल शुक्रवार को 92 साल उम्र में निधन हुआ था। चौधरी जसवंत सिंह राव वीरेंद्र सिंह, बंसीलाल और ओमप्रकाश चौटाला की सरकार में 3 बार हरियाणा में मंत्री बने। वह संयुक्त पंजाब से हरियाणा बनने के बाद हुए पहले चुनाव में निर्दलीय विधायक बने थे। बिजली निगम के निजीकरण के विरोध में उन्होंने मंत्रीपद तक छोड़ दिया था। वह हिसार की नारनौंद विधानसभा के गांव खांडा खेड़ी के रहने वाले थे। इस गांव की संयुक्त पंजाब (पाकिस्तान समेत) में राजनीतिक तौर पर सक्रिय भूमिका रही। पूर्व मंत्री के बेटे डॉ. जसपाल सिंह ने बताया कि उनके पिता को राजनीति विरासत में मिली थी। उनके दादा सूरजमल संयुक्त पंजाब में 1937 में हुए चुनाव में हांसी ग्रामीण से पहली बार विधायक बने थे। उनके पिता का जन्म 17 सितंबर 1932 को हुआ था। जसपाल सिंह ने बताया कि उनके पिता करीब एक महीने से लीवर की दिक्कत से जूझ रहे थे। जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई। शुक्रवार शाम 6 बजे उन्होंने हिसार के लाजपत नगर स्थित अपने घर पर अंतिम सांस ली। 3 सरकारों में मंत्री बने जसवंत सिंह
पूर्व मंत्री जसवंत सिंह के चचेरे भाई सतीश कुमार ने बताया कि हरियाणा प्रदेश अलग होने के बाद चौधरी जसवंत सिंह 1967 में मुंढाल विधानसभा से निर्दलीय चुनाव जीतकर पहली बार विधायक चुने गए थे। उसके बाद राव वीरेंद्र सिंह की विशाल हरियाणा पार्टी की सरकार की कैबिनेट में स्वास्थ्य, कृषि एवं कानून मंत्री बने थे। उसके बाद दूसरी बार नारनौंद विधानसभा क्षेत्र से 1996 में हरियाणा विकास पार्टी से चुनाव जीतकर विधायक चुने गए और बंसीलाल सरकार की कैबिनेट में बिजली, पब्लिक हेल्थ और पशुपालन मंत्री बन गए। इस दौरान बिजली निगम के निजीकरण के विरोध में उन्होंने 25 जनवरी 1997 को बंसीलाल सरकार से मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद 1999 में बंसीलाल की सरकार टूट गई और जोड़तोड़ कर ओमप्रकाश चौटाला ने सरकार बनाई। उसमें चौधरी जसवंत सिंह को चौटाला सरकार में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के मंत्री बन गए। पिता भी मंत्री रहे, उन्होंने जिन्ना को हराया था
सतीश कुमार ने बताया कि जसवंत सिंह के पिता स्वर्गीय चौधरी सूरजमल ने 1936 चौधरी छोटू राम के साथ मिलकर यूनियनिस्ट पार्टी (जमीदारा पार्टी) की स्थापना की थी। चौधरी सूरजमल 1937 में हांसी ग्रामीण से पहली बार संयुक्त पंजाब से विधायक चुने गए और छोटूराम के साथ स्वास्थ्य, लोक निर्माण एवं भवन निर्माण विभाग के कैबिनेट मंत्री बने। वे 1927 से लेकर 1947 तक हरियाणा जिला बोर्ड के चेयरमैन भी रहे। उसके बाद वो लियाकत अली खां की सरकार में छोटू राम के साथ 1941 से 1946 संसदीय सचिव रहे। 1952 से 1957 तक विपक्ष के नेता बने। चौधरी सूरजमल जिन्ना को हराकर 20 जुलाई 1946 को विधानसभा के सदस्य भी चुने गए थे।
पंजाब यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन PUCSC चुनाव के लिए वोटिंग जारी, किस-किस के बीच मुकाबला?
पंजाब यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन PUCSC चुनाव के लिए वोटिंग जारी, किस-किस के बीच मुकाबला? <p style=”text-align: justify;”><strong>Punjab University Student Union Election</strong>: पंजाब यूनिवर्सिटी कैम्पस स्टूडेंट काउंसिल (PUCSC) के सदस्यों के चुनाव के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी में आज (5 सितंबर) चुनाव कराया जा रहा है जिसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. यूनिवर्सिटी में चुनाव के लिए 182 पोलिंग बूथ बनाया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये पोलिंग बूथ यूनिवर्सिटी के विभिन्न विभागों के लिए बनाए गए हैं. चुनाव के लिए 306 बैलट बॉक्स का इस्तेमाल किया जाएगा. विभागों के 127 प्रतिनिधियों में 62 का चुनाव निर्विरोध हो गया और शेष 65 के लिए आज चुनाव कराया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यूनिवर्सिटी में कुल 15,854 वोटर्स हैं जो कि इन प्रतिनिधियों का चुनाव करेंगे. इन प्रतिनिधियों में स्टूडेंट यूनियन के प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट, सेक्रेटरी और ज्वाइंट सेक्रेटरी का भी चुनाव हो रहा है. प्रेसिडेंट पोस्ट के लिए 8 प्रत्याशी मैदान में हैं जबकि वाइस प्रेसिडेंट के लिए चार चुनाव लड़ रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सेक्रेटरी के पद के लिए चार और ज्वाइंट सेक्रेटरी के लिए छह उम्मीदवारों ने पर्चा भरा है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक यह पहली बार हो रहा है जब प्रेसिडेंट के लिए तीन महिला प्रत्याशी भी मैदान में हैं.</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”>VIDEO | <a href=”https://twitter.com/hashtag/Chandigarh?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#Chandigarh</a>: Tight security in place for Student Union Elections at Panjab University.<br /><br />(Full video available on PTI Videos – <a href=”https://t.co/n147TvqRQz”>https://t.co/n147TvqRQz</a>) <a href=”https://t.co/6AWSWlzofp”>pic.twitter.com/6AWSWlzofp</a></p>
— Press Trust of India (@PTI_News) <a href=”https://twitter.com/PTI_News/status/1831555331232547290?ref_src=twsrc%5Etfw”>September 5, 2024</a></blockquote>
<p style=”text-align: justify;”>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p><strong>पंजाब पुलिस के जवानों को किया गया है तैनात</strong><br />उधर, स्टूडेंट यूनियन के चुनाव को देखते हुए पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने सुबह के वक्त जवानों की ब्रीफिंग की और उन्हें जगह-जगह तैनात किया गया. पंजाब में छात्र युवा संघर्ष समिति (CYSS), नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया यानी (NSUI), स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया (SOI) और स्टूडेंट्स ऑफ सोसायटी (SFS) के प्रत्याशी मैदान में हैं. इनमें से सीवाईएसएस के प्रत्याशी ने 2022 में प्रेसिडेंट का पद जीता था.</p>
<p><strong>बीते पांच साल में निर्वाचित यूनियन के प्रेसिडेंट</strong><br />हालांकि 2023 में उन्हें एनएसयूआई से हार मिली थी. वहीं, सीवाईएसएस के आय़ुष खाटकर ने 2021 का चुनाव जीता था जबकि 2019 में एसओआई के चेतन चौधरी स्टूडेंट यूनियन के प्रेसिडेंट निर्वाचित हुए थे. यूनिवर्सिटी में पहली बार महिला प्रेसिडेंट 2018 में निर्वाचित हुई थी. एसएफएस की कनुप्रिया ने प्रेसिडेंट का चुनाव जीता था. </p>
<p><strong> ये भी पढ़ें- <a title=”‘इनसे जितनी दूरी रहे, उतनी ही…’, हरियाणा में AAP से गठबंधन पर बोले कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा” href=”https://www.abplive.com/states/punjab/partap-singh-bajwa-reacted-on-aap-congress-alliance-haryana-assembly-elections-2024-2776217″ target=”_self”>’इनसे जितनी दूरी रहे, उतनी ही…’, हरियाणा में AAP से गठबंधन पर बोले कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा</a></strong></p>