‘मैं रोज कोचिंग पढ़ने जाती थी। दोपहर 3 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक मेरी कोचिंग चलती थी। उसके बाद मैं घर आ जाती थी। कोचिंग सेंटर मेरे घर से ज्यादा दूर नहीं था। मैं पैदल ही आती-जाती थी। उस दिन भी मैं अकेले घर वापस आ रही थी। मेरे घर से कुछ ही दूरी पर एक गली है। मैं जैसे ही वहां पहुंची, एक लड़का मुझे सामने से आता दिखा। उस लड़के ने अपने मुंह पर रुमाल बांध रखा था। सफेद कलर की हुडी पहनी थी। कैप लगा रखी थी। मैं उसे पहचान नहीं पाई। साथ में एक और लड़का था जिसने पूरा फेस छुपा रखा था। वो दोनों जैसे ही पास आए तो एक युवक ने मेरे ऊपर काली पन्नी से एक शीशी निकालकर कुछ फेंक दिया। वो लिक्विड पड़ते ही मुझे बहुत तेज जलन हुई। मैं चिल्लाते-चिल्लाते बेहोश हो गई।’ ये बात 11वीं की छात्रा ने साल 2020 में पुलिस से कही थी, जब उसके ऊपर एसिड अटैक हुआ था। छात्रा ने अपने साथ पढ़ने वाले एक युवक का शादी का प्रपोजल ठुकरा दिया था। जिसके बाद युवक ने अपने दोस्त के साथ मिलकर छात्रा पर एसिड फेंक दिया। फैसले पर परिजन बोले- बेटी का चेहरा वापस नहीं आएगा मामले में कोर्ट ने 4 साल बाद मंगलवार को दोषी युवक को 20 साल की सजा सुनाई। साथ ही 1 लाख का जुर्माना भी लगाया है। हालांकि, फैसले के बाद भी परिवार के लोग खुश नहीं हैं। उनका कहना है, इस फैसले से मेरी बेटी का चेहरा तो वापस नहीं आ जाएगा। कोर्ट ने दोषी को सजा सुनाते हुए कहा- चेहरा लड़की का आइना होता है। तुमने इसे खराब किया, तुम माफी के लायक नहीं हो। मामले में छात्रा की गवाही सबसे बड़ा सबूत था दैनिक भास्कर ने इस पूरे मामले पर एडीजीसी क्रिमिनल प्रमोद कुमार सिंह से बात की। साथ ही कोर्ट की ऑर्डर कॉपी पर भी उनसे चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे पीड़िता के दोनों आरोपियों को 4 साल बाद सजा हो पाई। उन्होंने कहा- इस केस में छात्रा की गवाही सबसे बड़ी थी। इसके अलावा उस महिला की गवाही जो घटना के बाद सबसे पहले पीड़िता के पास पहुंची थी। दोनों दोषियों के पास से पुलिस ने जो सबूत जमा किए थे, उसकी वजह से भी केस में काफी मदद मिली। खबर में आगे बढ़ने से पहले पूरा मामला जानें- बहराइच जिला अदालत ने मंगलवार को छात्रा पर एसिड अटैक केस में दो युवकों को 20-20 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सजा के साथ ही दोनों पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। बता दें, दिसंबर 2022 को नगर कोतवाली इलाके में कोचिंग पढ़कर घर जा रही एक छात्रा पर दो युवकों ने एसिड फेंक दिया था। हमले में छात्रा बुरी तरह घायल हो गई थी। परिजनों ने दो युवकों के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी थी। पुलिस ने सलारगंज में रहने वाले एहतेशाम और सुहेल के खिलाफ 326A, 120B के तहत मुकदमा दर्ज किया था। कोर्ट में दोनों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। इस घटना के बाद छात्रा ने अपना गृह जनपद छोड़ दिया था। अब पढ़िए आरोपियों के पास से मिलने वाली वो चीजें जो कोर्ट में सबूत के तौर पर यूज की गईं- आरोपियों के कपड़े पर मिले थे तेजाब के निशान पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने घटना के समय पर जो शर्ट और हुडी पहन रखी थी, उस पर तेजाब के हल्के निशान पड़ गए थे। वो कैसे लगे ये तो वो आरोपी नहीं बता सके। लेकिन उनके कपड़ों पर छोटे-छोटे छेद थे। टीम जब आरोपियों को पकड़ने उनके घर गई, तो तलाशी के दौरान कपड़े हाथ लग गए। जब दोनों से इसका कारण पूछा गया, तो वो कोई सही कारण नहीं बता पाए थे। घटनास्थल से मिली तेजाब की बोतल जांच के दौरान पुलिस को घटनास्थल के पास से एक काली बोतल मिली थी। इसको पुलिस ने जांच के लिए रख लिया था। मामले में जांच के दौरान उस बोतल पर एक आरोपी के फिंगर प्रिंट मैच हो गए थे। दोनों आरोपियों की चैट और कॉल डिटेल की जांच पुलिस ने दोनों आरोपियों के फोन बरामद किए थे। जिसमें दोनों की चैट मिली थी। घटना को कैसे अंजाम देना है, इसका प्लान बनाया गया था। साथ ही दोषी एहतेशाम की छात्रा से भी बात होती थी। उसने छात्रा को शादी के लिए भी बोला था। वो छात्रा से बात करने के लिए बोलता था, लेकिन वो मना करती रहती थी। पढ़िए उस महिला का बयान जो घटना के बाद सबसे पहले पीड़िता के पास पहुंची थी- महिला ने बताया, मैं अपने घर के बाहर खड़ी थी। तभी मुझे किसी लड़की की चीखने की आवाज सुनाई दी। मैं आगे बढ़ी तो दो लड़के मेरे सामने से भागते हुए निकले। उनका चेहरा कपड़े से बंधा हुआ था। मैं आगे बढ़ी तो देखा एक लड़की अपना चेहरा पकड़कर रो रही है। पास जाकर देखा तो उसका चेहरा पूरा फूल गया था। कंधे और गर्दन के पास के कपड़े जल गए थे। कंधे-गर्दन पर जख्म भी थे। सड़क पर कुछ गीला पदार्थ पड़ा था, जहां से फेना जैसा उठ रहा था। मैं जल्दी से घर दौड़कर गई और पानी-बर्फ लेकर आई। मैंने उस लड़की के चेहरे पर पानी डाला। फिर हल्के हाथ से बर्फ लगाई। वहां भीड़ लग चुकी थी। किसी ने छात्रा के बैग से फोन निकालकर उसके पिता को बुलाया। उनके आने के बाद सब लोग छात्रा को अस्पताल लेकर गए। कुछ देर बाद पुलिस भी मौके पर आई, जो जांच के बाद चली गई थी। अब पढ़िए छात्रा की गवाही इस घटना के बाद छात्रा बहुत सहमी सी रहने लगी। लेकिन कोर्ट में अपने आरोपियों को सजा दिलाने के लिए उसने गवाही दी। छात्रा ने बताया, पहले मुझे ये नहीं पता था कि जो लड़के सामने से आ रहे हैं वो एहतेशाम और सुहेल हैं। उन्होंने खुद को पूरा कवर कर रखा था। साथ ही वो दोनों अब मेरे स्कूल से भी निकल चुके थे। बस फोन पर एहतेशाम मुझसे बात करता था। हमेशा बात करने के दौरान शादी करने की ही बात करता था। लेकिन मैं हमेशा मना करती रहती थी। घटना के बाद पुलिस ने होश में आने के बाद मेरे बयान लिए थे। तब पुलिस को मैंने शक के आधार पर एहतेशाम का नाम बताया था। क्योंकि वो मुझे पहले भी धमका चुका था। वो मुझसे शादी करना चाहता था लेकिन मैं नहीं। मैंने उसको साफ मना कर दिया था। लेकिन वो मेरी ना बर्दाश्त नहीं कर पाया और उसने मेरे ऊपर एसिड फेंक दिया। पुलिस दोनों आरोपियों के पास कैसे पहुंची? पुलिस के अनुसार, छात्रा के बताए नाम पर जब वो जांच करने पहुंची, तो दोषी घर पर ही मिला। पूछताछ करने पर वो सही से कुछ बता नहीं पा रहा था। जब उससे घटना के समय कहां मौजूद होने की बात पूछी, तो दोस्त के पास होने का जवाब दिया। हमने दोस्त का नाम पूछा तो वो चुप हो गया। उसके बाद हमने उसके कमरे की तलाशी ली। हमें वो कपड़े भी मिल गए जो उसने घटना के समय पहन रखे थे। उसने ही अपने दूसरे साथी का भी नाम बताया था। पढ़िए केस पर फैसला सुनाते समय जज ने क्या कहा? चेहरा हर किसी के लिए उसका दर्पण होता है। इन दोनों का अपराध माफी लायक नहीं है। जब छात्रा के साथ घटना हुई थी तब वो 17 साल की थी। उसके सामने अभी पूरी जिंदगी पड़ी हुई है। वो खुद को ही हीन भावना से देखती है। शीशा देखने से बचती है। एक ना कहने पर इन लोगों ने छात्रा की जिंदगी बर्बाद कर दी। अब पूरी जिंदगी उसको हीन भावना के साथ रहना पड़ेगा। इन दोनों को कठोर दंड दिया जाएगा। वहीं दोनों दोषियों के माफी मांगने पर जज ने उन्हें कोर्ट रूम में फटकार भी लगाई। ‘मैं रोज कोचिंग पढ़ने जाती थी। दोपहर 3 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक मेरी कोचिंग चलती थी। उसके बाद मैं घर आ जाती थी। कोचिंग सेंटर मेरे घर से ज्यादा दूर नहीं था। मैं पैदल ही आती-जाती थी। उस दिन भी मैं अकेले घर वापस आ रही थी। मेरे घर से कुछ ही दूरी पर एक गली है। मैं जैसे ही वहां पहुंची, एक लड़का मुझे सामने से आता दिखा। उस लड़के ने अपने मुंह पर रुमाल बांध रखा था। सफेद कलर की हुडी पहनी थी। कैप लगा रखी थी। मैं उसे पहचान नहीं पाई। साथ में एक और लड़का था जिसने पूरा फेस छुपा रखा था। वो दोनों जैसे ही पास आए तो एक युवक ने मेरे ऊपर काली पन्नी से एक शीशी निकालकर कुछ फेंक दिया। वो लिक्विड पड़ते ही मुझे बहुत तेज जलन हुई। मैं चिल्लाते-चिल्लाते बेहोश हो गई।’ ये बात 11वीं की छात्रा ने साल 2020 में पुलिस से कही थी, जब उसके ऊपर एसिड अटैक हुआ था। छात्रा ने अपने साथ पढ़ने वाले एक युवक का शादी का प्रपोजल ठुकरा दिया था। जिसके बाद युवक ने अपने दोस्त के साथ मिलकर छात्रा पर एसिड फेंक दिया। फैसले पर परिजन बोले- बेटी का चेहरा वापस नहीं आएगा मामले में कोर्ट ने 4 साल बाद मंगलवार को दोषी युवक को 20 साल की सजा सुनाई। साथ ही 1 लाख का जुर्माना भी लगाया है। हालांकि, फैसले के बाद भी परिवार के लोग खुश नहीं हैं। उनका कहना है, इस फैसले से मेरी बेटी का चेहरा तो वापस नहीं आ जाएगा। कोर्ट ने दोषी को सजा सुनाते हुए कहा- चेहरा लड़की का आइना होता है। तुमने इसे खराब किया, तुम माफी के लायक नहीं हो। मामले में छात्रा की गवाही सबसे बड़ा सबूत था दैनिक भास्कर ने इस पूरे मामले पर एडीजीसी क्रिमिनल प्रमोद कुमार सिंह से बात की। साथ ही कोर्ट की ऑर्डर कॉपी पर भी उनसे चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे पीड़िता के दोनों आरोपियों को 4 साल बाद सजा हो पाई। उन्होंने कहा- इस केस में छात्रा की गवाही सबसे बड़ी थी। इसके अलावा उस महिला की गवाही जो घटना के बाद सबसे पहले पीड़िता के पास पहुंची थी। दोनों दोषियों के पास से पुलिस ने जो सबूत जमा किए थे, उसकी वजह से भी केस में काफी मदद मिली। खबर में आगे बढ़ने से पहले पूरा मामला जानें- बहराइच जिला अदालत ने मंगलवार को छात्रा पर एसिड अटैक केस में दो युवकों को 20-20 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सजा के साथ ही दोनों पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। बता दें, दिसंबर 2022 को नगर कोतवाली इलाके में कोचिंग पढ़कर घर जा रही एक छात्रा पर दो युवकों ने एसिड फेंक दिया था। हमले में छात्रा बुरी तरह घायल हो गई थी। परिजनों ने दो युवकों के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी थी। पुलिस ने सलारगंज में रहने वाले एहतेशाम और सुहेल के खिलाफ 326A, 120B के तहत मुकदमा दर्ज किया था। कोर्ट में दोनों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। इस घटना के बाद छात्रा ने अपना गृह जनपद छोड़ दिया था। अब पढ़िए आरोपियों के पास से मिलने वाली वो चीजें जो कोर्ट में सबूत के तौर पर यूज की गईं- आरोपियों के कपड़े पर मिले थे तेजाब के निशान पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने घटना के समय पर जो शर्ट और हुडी पहन रखी थी, उस पर तेजाब के हल्के निशान पड़ गए थे। वो कैसे लगे ये तो वो आरोपी नहीं बता सके। लेकिन उनके कपड़ों पर छोटे-छोटे छेद थे। टीम जब आरोपियों को पकड़ने उनके घर गई, तो तलाशी के दौरान कपड़े हाथ लग गए। जब दोनों से इसका कारण पूछा गया, तो वो कोई सही कारण नहीं बता पाए थे। घटनास्थल से मिली तेजाब की बोतल जांच के दौरान पुलिस को घटनास्थल के पास से एक काली बोतल मिली थी। इसको पुलिस ने जांच के लिए रख लिया था। मामले में जांच के दौरान उस बोतल पर एक आरोपी के फिंगर प्रिंट मैच हो गए थे। दोनों आरोपियों की चैट और कॉल डिटेल की जांच पुलिस ने दोनों आरोपियों के फोन बरामद किए थे। जिसमें दोनों की चैट मिली थी। घटना को कैसे अंजाम देना है, इसका प्लान बनाया गया था। साथ ही दोषी एहतेशाम की छात्रा से भी बात होती थी। उसने छात्रा को शादी के लिए भी बोला था। वो छात्रा से बात करने के लिए बोलता था, लेकिन वो मना करती रहती थी। पढ़िए उस महिला का बयान जो घटना के बाद सबसे पहले पीड़िता के पास पहुंची थी- महिला ने बताया, मैं अपने घर के बाहर खड़ी थी। तभी मुझे किसी लड़की की चीखने की आवाज सुनाई दी। मैं आगे बढ़ी तो दो लड़के मेरे सामने से भागते हुए निकले। उनका चेहरा कपड़े से बंधा हुआ था। मैं आगे बढ़ी तो देखा एक लड़की अपना चेहरा पकड़कर रो रही है। पास जाकर देखा तो उसका चेहरा पूरा फूल गया था। कंधे और गर्दन के पास के कपड़े जल गए थे। कंधे-गर्दन पर जख्म भी थे। सड़क पर कुछ गीला पदार्थ पड़ा था, जहां से फेना जैसा उठ रहा था। मैं जल्दी से घर दौड़कर गई और पानी-बर्फ लेकर आई। मैंने उस लड़की के चेहरे पर पानी डाला। फिर हल्के हाथ से बर्फ लगाई। वहां भीड़ लग चुकी थी। किसी ने छात्रा के बैग से फोन निकालकर उसके पिता को बुलाया। उनके आने के बाद सब लोग छात्रा को अस्पताल लेकर गए। कुछ देर बाद पुलिस भी मौके पर आई, जो जांच के बाद चली गई थी। अब पढ़िए छात्रा की गवाही इस घटना के बाद छात्रा बहुत सहमी सी रहने लगी। लेकिन कोर्ट में अपने आरोपियों को सजा दिलाने के लिए उसने गवाही दी। छात्रा ने बताया, पहले मुझे ये नहीं पता था कि जो लड़के सामने से आ रहे हैं वो एहतेशाम और सुहेल हैं। उन्होंने खुद को पूरा कवर कर रखा था। साथ ही वो दोनों अब मेरे स्कूल से भी निकल चुके थे। बस फोन पर एहतेशाम मुझसे बात करता था। हमेशा बात करने के दौरान शादी करने की ही बात करता था। लेकिन मैं हमेशा मना करती रहती थी। घटना के बाद पुलिस ने होश में आने के बाद मेरे बयान लिए थे। तब पुलिस को मैंने शक के आधार पर एहतेशाम का नाम बताया था। क्योंकि वो मुझे पहले भी धमका चुका था। वो मुझसे शादी करना चाहता था लेकिन मैं नहीं। मैंने उसको साफ मना कर दिया था। लेकिन वो मेरी ना बर्दाश्त नहीं कर पाया और उसने मेरे ऊपर एसिड फेंक दिया। पुलिस दोनों आरोपियों के पास कैसे पहुंची? पुलिस के अनुसार, छात्रा के बताए नाम पर जब वो जांच करने पहुंची, तो दोषी घर पर ही मिला। पूछताछ करने पर वो सही से कुछ बता नहीं पा रहा था। जब उससे घटना के समय कहां मौजूद होने की बात पूछी, तो दोस्त के पास होने का जवाब दिया। हमने दोस्त का नाम पूछा तो वो चुप हो गया। उसके बाद हमने उसके कमरे की तलाशी ली। हमें वो कपड़े भी मिल गए जो उसने घटना के समय पहन रखे थे। उसने ही अपने दूसरे साथी का भी नाम बताया था। पढ़िए केस पर फैसला सुनाते समय जज ने क्या कहा? चेहरा हर किसी के लिए उसका दर्पण होता है। इन दोनों का अपराध माफी लायक नहीं है। जब छात्रा के साथ घटना हुई थी तब वो 17 साल की थी। उसके सामने अभी पूरी जिंदगी पड़ी हुई है। वो खुद को ही हीन भावना से देखती है। शीशा देखने से बचती है। एक ना कहने पर इन लोगों ने छात्रा की जिंदगी बर्बाद कर दी। अब पूरी जिंदगी उसको हीन भावना के साथ रहना पड़ेगा। इन दोनों को कठोर दंड दिया जाएगा। वहीं दोनों दोषियों के माफी मांगने पर जज ने उन्हें कोर्ट रूम में फटकार भी लगाई। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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‘मस्जिद की हिफाजत’ के नाम पर भड़काया! संभल हिंसा पर बोले SP केके विश्नोई, 7 मुकदमे दर्ज
‘मस्जिद की हिफाजत’ के नाम पर भड़काया! संभल हिंसा पर बोले SP केके विश्नोई, 7 मुकदमे दर्ज <p style=”text-align: justify;”><strong>Sambhal Violence:</strong> यूपी के संभल में मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा के बाद आज हालात सामान्य है. इलाके में तनाव को देखते हुए भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है. पुलिस हिंसा के आरोपियों की तलाश में जुटी है. इस हिंसा को लेकर पुलिस प्रशासन का बड़ा बयान सामने हैं. पुलिस का कहना है कि हिंसा के सभी आरोपियों की पहचान की जा रही है. एक-एक को कार्रवाई कर जेल भेजा जाएगा. <br /> <br />डीएम राजेंद्र पेंसिया ने संभल के हालात पर जानकारी देते हुए कहा कि इलाके में कल दोपहर के बाद स्थितियां सामान्य हैं. कुछ ड्रोन और कैमरों में फोटोग्राफी सामने आई है, जिसमें सैकड़ों की संख्या में दंगाई और बलवाई दिखे हैं. उनकी पहचान की जा रही है. सौ फीसद इन लोगों को जेल भेजा जाएगा उन पर कार्रवाई की जाएगी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सर्वे के बाद अचानक हुई पत्थरबाजी</strong><br />डीएम ने कहा कि जब संभल की मस्जिद का 19 नवंबर को शांति से सर्वे किया गया. जुमे की नमाज वाले दिन भी कुछ नही हुआ. रविवार को भी सब ठीक से शुरू हुआ था लेकिन, जैसे ही ये अनाउंस हुआ कि सर्वे पूरा हो चुका है, तभी अचानक पत्थरबाजी शुरू हो गई. घटना को लेकर अभी प्रारंभिक तौर पर ये ही कहा जा सकता है कि इसकी प्लानिंग रातों-रात की गई थी. इन्होंने अपने ही लोगों पर गोली चलाई, पत्थरबाजी भी की. कुछ घरों से भी हथियार मिले हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>संभल के एसपी केके विश्नोई ने कहा कि संभल में जो घटना हुई इसके लिए कुछ लोगों ने भीड़ को उकसाया था. इस मामले में कुल सात मुकदमे दर्ज किए गए हैं. जिनमें से दो नकासा थाना क्षेत्र और पांच मुकदमे कोतवाली थाने में दर्ज किए गए हैं. एक पुलिस की गाड़ी को जला दिया गया. उसमें छह नामज़द और 200 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. सब इंस्पेक्टर दीपक राठी ने जियाउर्रहमान बर्क और सोहेल इक़बाल नामज़द अभियुक्त बनाया गया है. दोनों पर लोगों को उकसाने का मामला है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सपा सांसद पर मुकदमा दर्ज</strong><br />एसपी ने कहा कि सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर पूर्व में भी भड़काऊ भाषण दिए गए थे और ‘जामा मस्जिद की हिफाजत’ के नाम पर जैसी बात कही गई. हमारे ऊपर महिलाओं ने पत्थरबाजी की. उनके घर के बगल से फायर आया. मेरे पीआरओ के पैर में भी गोली लगी है. कुछ जगहों बेहद अजीब हथियार मिले हैं जो हमने भी पहली बार देखे है. जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनका मकसद क्या था. पुलिस ने सूझबूझ से पत्थबाजों की मंशा को पूरा नहीं होने दिया. सपा सांसद के पूर्व में दिए गए बयान की वजह से लोगों को समय-समय पर भड़काया जा रहा था. </p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/chandrashekhar-azad-statement-on-sambhal-violence-said-it-is-failure-of-police-administration-and-government-2830095″><strong>’सर्वें के दौरान धार्मिक नारे क्यों, देश की छवि हो रही खराब..’, संभल हिंसा पर बोले चंद्रशेखर आजाद</strong></a></p>