अबोहर के गांव सीतो गुन्नो में बहुचर्चित हत्याकांड के मामले की जांच करवाने के लिए गांववासियों का एक शिष्ट मंडल एसएसपी वरिंद्र सिंह बराड़ से मिला। शिष्ट मंडल की मांग पर एसएसपी द्वारा इस मामले की जांच एसपी ऑपरेशनल करणवीर सिंह को सौंप दी है। शिष्ट मंडल में संतरो देवी, मन्नी देवी, नेपाल, पप्पू राम, सतपाल, बोहड़ सिंह, महिंद्र, बिमला, कालू राम, सूरज रानी, बेबी, गीता, पप्पू राम आदि शामिल थे। एसएसपी वरिंद्र सिंह बराड़ ने कहा कि इस हत्याकांड मामले की जांच एसपी ऑपरेशनल करणवीर सिंह फाजिल्का बारीकी से करेंगे। लोगों का आरोप है कि इस मामले में पुलिस ने मुकदमा धारा 302, 307, 324, 323, 148, 149 के तहत 19 लोगों को बायनेम व 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। राजनीतिक दबाव मे दर्ज हुआ मुकदमा लोगों का आरोप है कि पुलिस ने राजनीतिक दबाव में मामला दर्ज किया था। अगर इस मामले की जांच करवाई जाए तो सच्चाई खुलकर सामने आएगी। इस मामले में थाना बहाववाला पुलिस 7 लोगों को गिरफ्तार कर अदालत में चालान पेश कर चुकी है। गांववासियों का आरोप है कि मामले की जांच बारीकी से की जाए तो गिरफ्तार लोग निर्दोष पाए जा सकते हैं। इस मामले में हत्या के साथ जो दूसरा साथी घायल हुआ था उसके पुलिस ने बयान नहीं लिए हैं। अगर पूछताछ की जाये तो हमलावरों की सच्चाई खुलकर सामने आ सकती है। अबोहर के गांव सीतो गुन्नो में बहुचर्चित हत्याकांड के मामले की जांच करवाने के लिए गांववासियों का एक शिष्ट मंडल एसएसपी वरिंद्र सिंह बराड़ से मिला। शिष्ट मंडल की मांग पर एसएसपी द्वारा इस मामले की जांच एसपी ऑपरेशनल करणवीर सिंह को सौंप दी है। शिष्ट मंडल में संतरो देवी, मन्नी देवी, नेपाल, पप्पू राम, सतपाल, बोहड़ सिंह, महिंद्र, बिमला, कालू राम, सूरज रानी, बेबी, गीता, पप्पू राम आदि शामिल थे। एसएसपी वरिंद्र सिंह बराड़ ने कहा कि इस हत्याकांड मामले की जांच एसपी ऑपरेशनल करणवीर सिंह फाजिल्का बारीकी से करेंगे। लोगों का आरोप है कि इस मामले में पुलिस ने मुकदमा धारा 302, 307, 324, 323, 148, 149 के तहत 19 लोगों को बायनेम व 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। राजनीतिक दबाव मे दर्ज हुआ मुकदमा लोगों का आरोप है कि पुलिस ने राजनीतिक दबाव में मामला दर्ज किया था। अगर इस मामले की जांच करवाई जाए तो सच्चाई खुलकर सामने आएगी। इस मामले में थाना बहाववाला पुलिस 7 लोगों को गिरफ्तार कर अदालत में चालान पेश कर चुकी है। गांववासियों का आरोप है कि मामले की जांच बारीकी से की जाए तो गिरफ्तार लोग निर्दोष पाए जा सकते हैं। इस मामले में हत्या के साथ जो दूसरा साथी घायल हुआ था उसके पुलिस ने बयान नहीं लिए हैं। अगर पूछताछ की जाये तो हमलावरों की सच्चाई खुलकर सामने आ सकती है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पीलीभीत एनकाउंटर केस में हाई लेवल जांच की मांग उठी:पंजाब के MLA ने स्पीकर को लिखा पत्र; 15 दिन के अंदर दर्ज होंगे परिजनों के बयान यूपी के पीलीभीत एनकाउंटर में मारे गए तीन पंजाबी युवकों की मौत का मामला गरमा गया है। इस मामले में पंजाब के आम आदमी पार्टी (आप) विधायक मनविंदर सिंह ग्यासपुरा ने पंजाब विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार से संपर्क कर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए, ताकि पूरी सच्चाई सामने आ सके। उधर, यूपी में इस मामले की जांच शुरू हो गई है। मामले की जांच कर रहे डीएम संजय कुमार ने मृतकों के परिजनों को बयान दर्ज कराने के लिए 15 दिन का समय दिया है। इसके अलावा अगर किसी अन्य व्यक्ति के पास कोई जानकारी है तो वह भी 3 जनवरी तक अपना बयान दर्ज करा सकेगा। हमले के बाद यूपी भाग गए थे मुठभेड़ में मारे गए तीनों युवक गुरदासपुर में पुलिस चौकी पर ग्रेनेड हमले में शामिल थे। हमले के बाद तीनों पंजाब से भागकर यूपी के पीलीभीत चले गए थे। पंजाब पुलिस ने पीलीभीत पुलिस को सूचना दी थी कि ये आरोपी जिले में छिपे हुए हैं। इस मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने जसप्रीत सिंह, गुरविंदर सिंह और वीरेंद्र सिंह को मार गिराया। पुलिस ने इनके पास से दो एके-47 राइफल और दो विदेशी पिस्तौल भी बरामद की हैं। आतंकी रिंदा समेत तीन के खिलाफ केस दर्ज यूपी पुलिस मुठभेड़ मामले की जांच कर रही है। यूपी पुलिस के मुताबिक, मुठभेड़ में मारे गए तीनों युवक बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े थे। आतंकी उनकी मदद कर रहे थे। इनमें से एक आतंकी कुलबीर सिंह उर्फ सिद्दू बब्बर ने उन्हें होटल में कमरा दिलाने में मदद की थी। पुलिस ने कुलबीर सिंह उर्फ सिद्धू, पाकिस्तान स्थित आतंकी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा और फतेह सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया है।
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