पंजाब के होशियारपुर के 35 वर्षीय रेशम सिंह की अबोहर के गांव बल्लूआना स्थित टिब्बी साहिब गुरुद्वारा में मौत हो गई। गुरुद्वारा में तबला वादक के रूप में सेवा करने वाले रेशम सिंह लंबे समय से मिर्गी की बीमारी से पीड़ित थे। घटना बुधवार को उस समय हुई जब रेशम सिंह बाथरूम में स्नान कर रहे थे। नहाने के दौरान उन्हें अचानक मिर्गी का दौरा पड़ा और वे पानी से भरे टब में गिर गए। कुछ देर बाद जब लोगों की नजर उन पर पड़ी, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। गुरुद्वारा के सेवादारों ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सदर पुलिस ने गुरुद्वारा साहिब के सेवादार सतनाम सिंह का बयान दर्ज कर लिया है और शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवा दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पंजाब के होशियारपुर के 35 वर्षीय रेशम सिंह की अबोहर के गांव बल्लूआना स्थित टिब्बी साहिब गुरुद्वारा में मौत हो गई। गुरुद्वारा में तबला वादक के रूप में सेवा करने वाले रेशम सिंह लंबे समय से मिर्गी की बीमारी से पीड़ित थे। घटना बुधवार को उस समय हुई जब रेशम सिंह बाथरूम में स्नान कर रहे थे। नहाने के दौरान उन्हें अचानक मिर्गी का दौरा पड़ा और वे पानी से भरे टब में गिर गए। कुछ देर बाद जब लोगों की नजर उन पर पड़ी, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। गुरुद्वारा के सेवादारों ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सदर पुलिस ने गुरुद्वारा साहिब के सेवादार सतनाम सिंह का बयान दर्ज कर लिया है और शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवा दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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होशियारपुर में एक साथ जली मां-बेटे की चिता:सड़क हादसे में गई तीन की जान, 10 साल पहले पति की हो चुकी थी मौत
होशियारपुर में एक साथ जली मां-बेटे की चिता:सड़क हादसे में गई तीन की जान, 10 साल पहले पति की हो चुकी थी मौत होशियारपुर के हलका दसूहा के गांव पावे झिंगड़ा में एक साथ परिवार के तीन लोगों की चिताएं जली। मरने वालों में एक महिला और उसके दो बेटे शामिल हैं। जिन्हें बीते दिन तेज रफ्तार बस ने रौंद डाला था। तीनों लोगों को मुखाअग्नि परिवार में अकेले बचे सबसे बड़े बेटे ने दी। परिवार सदस्यों ने बताया की 8 दिन पहले हुए सड़क हादसे में सुखविंदर सिंह की मौके पर मौत हो गई। मां और छोटे बेटे का चल रहा था इलाज मां परमजीत और सुरिंदर गंभीर जख्मी हो गए, जिन्हें अमृतसर रेफर किया गया था। उन दोनों ने भी रविवार को दम तोड़ दिया। सुखविंदर सिंह के शव को पहले से दसूहा की मॉर्च्युरी में रखवाया गया था। उम्मीद थी की अमृतसर में दाखिल मां और बेटा जल्द ठीक होकर बड़े बेटे सुखविंदर सिंह का अंतिम बार मुंह देख सके। लेकिन उनके दम तोड़ने के बाद मंगलवार को उनके पैत्रिक गांव में तीनों का एक साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। दो बेटों के साथ गई थी सरपंच के घर 11 दिन पहले मां परमजीत कौर अपने दोनों बेटों के साथ सुबह 8.30 बजे हर महीने मिलने वाले गेहूं के कार्ड की केवाईसी करवाने गांव के सरपंच के घर गई। जहां से वह पैदल अपने दोनों बेटों के साथ गांव पावे झिंगड़ा के पास के नेशल हाईवे पर किनारे अपने घर की ओर चले आ रहे थे। जहां दसूहा की ओर से आ रही तेज रफ्तार बस ने तीनों को एक साथ टक्कर मार दी थी। हादसे में एक बेटे की मौके पर ही मौत हो गई और मां और छोटे भाई की रविवार को उपचार के दौरान मौत हो गई। । दिहाड़ी करके गुजारा करती थी परमजीत नेशनल हाईवे पर हुए इस दर्दनाक सड़क हादसे में एक तरह से परिवार में सबसे बड़ा बेटा ही रह गया। 10 साल पहले दोनों बच्चों के पिता ने अपनी पत्नी को इस दुनिया से अलविदा कह डाला था। इस सदमे के बाद अकेली परमजीत कौर दिहाड़ी करके अपने बच्चों का पालन पोषण कर रही थी। ओर अब जब दोनों बच्चों के बड़े होकर सहारा बनने की राह देख रही थी। तो सड़क हादसे में तीनों ने दम तोड़ डाला
होशियारपुर में पटवारी और गरदावर का विरोध:सरपंच पद के उम्मीदवार के घर पहुंचे निशानदेही करने, ग्रामीणों ने किया हंगामा
होशियारपुर में पटवारी और गरदावर का विरोध:सरपंच पद के उम्मीदवार के घर पहुंचे निशानदेही करने, ग्रामीणों ने किया हंगामा पंजाब में होशियारपुर के मुकेरियां के गांव कौलपुर में उस समय माहौल तनावपूर्ण बन गया, जब सरपंच पद के उम्मीदवार पक्ष के घर सरकारी जमीन पर कब्जे की निशानदेही करने सरकारी मुलाजिमपहुंच गए। इस दौरान लोगों ने एकत्रित होकर सरकारी अधिकारियों का विरोध किया। मामला गरमाता देख पटवारी और गरदावर बिना निशानदेही किए ही लौट गए। जानकारी देते हुए गांव कौलपुर के सरपंच उम्मीदवार मलकीत सिंह ने बताया कि उसका सरकारी जमीन पर कोई कब्जा नहीं है और ना ही कोई अन्य मामला, परंतु ना जाने किसके कहने पर आज दशहरे की छुट्टी वाले दिन उसके घर पर बीडीपीओ दफ्तर मुकेरियां से पटवारी और गरदावर उसके घर की निशानदेही करने पहुंच गए। कहने लगे की मैंने सरकारी जगह पर घर बनाया हुआ है। मलकीत सिंह का कहना है कि पूरा गांव मेरे साथ सहमत है, इसलिए विरोधी पक्ष की चाल के कारण मेरे साथ धक्केशाही की जा रही है। गांववासियों ने पंजाब सरकार से मांग की है कि इस तरह धक्केशाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
पंजाब के युवक की कनाडा में हत्या:पड़ोसी ने चाकू मारा, रसोई को लेकर दोनों के बीच विवाद; घटना जानकर मां बेहोश
पंजाब के युवक की कनाडा में हत्या:पड़ोसी ने चाकू मारा, रसोई को लेकर दोनों के बीच विवाद; घटना जानकर मां बेहोश पंजाब के लुधियाना के रहने वाले युवक की कनाडा में हत्या कर दी गई। मरने वाला 4 महीने पहले ही कनाडा गया था। हत्यारा कोई और नहीं बल्कि उसका पड़ोसी है। मृतक का नाम गुरसिस सिंह है। गुरसिस 22 साल का है। गुरसिस पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए विदेश गया था। 1 दिसंबर को ओंटारियो के सार्निया शहर में क्वीन स्ट्रीट पर उसके किराये के घर में उसे चाकू मार कर मौत के घाट उतारा गया। PCTE में की है गुरसिस ने पढ़ाई गुरसिस सिंह पंजाब कॉलेज ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (पीसीटीई), बद्दोवाल में पढ़ा है। उसने लुधियाना से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की जिसके बाद वह कनाडा के लैंबटन कॉलेज से बिजनेस में पोस्ट-ग्रेजुएशन कर रहा था। कनाडा में सारनिया पुलिस ने मीडिया से कहा कि आरोपी की पहचान 36 वर्षीय क्रॉसली हंटर के रूप में हुई है, जो सारनिया में 194 क्वीन स्ट्रीट पर गुरसिस सिंह के साथ वाले कमरे में रहता था। आरोपी ने उस पर चाकू से कई बार वार किया। दोनों की रसोई में झड़प हुई थी। पुलिस ने कहा कि हंटर पर दूसरी डिग्री की हत्या का आरोप लगाया गया है। पुलिस के मुताबिक यह अपराध नस्लीय रूप से प्रेरित नहीं लगता है। गुरसिस के पिता बोले-नींद में मारा मेरा बेटा हालांकि गुरसिस सिंह के 52 वर्षीय पिता चरणजीत सिंह ने मीडिया को बताया कि उनके बेटे को “नींद में मार दिया गया” और संदेह जताया कि आरोपी ने ड्रग्स लिया हुआ था। लुधियाना में पैकेजिंग सामग्री निर्माण इकाई चलाने वाले चरणजीत सिंह ने कहा कि उन्होंने उसका मेडिकल परीक्षण करवाया है। उन्होंने कहा कि हमारे बेटे की बेरहमी से हत्या किए जाने से कुछ घंटे पहले, उसने हमसे बात की थी और बहुत खुश था। वह हमें भी जल्द ही कनाडा बुलाने की उम्मीद कर रहा था और उसने कहा था कि हम फिर से एक परिवार के रूप में साथ रहेंगे। वह रात में ही कॉलेज की तैयारी करता था और अपना खाना बनाता था। उन्होंने कहा कि ”नींद में मारे जाने से कुछ घंटे पहले उन्होंने अपनी मां से भी लंबी बातचीत की थी। गुरसिस सिंह के परिवार में माता-पिता और एक छोटा भाई मनराज सिंह है जो लुधियाना में पढ़ता है। परिवार लुधियाना में फेज-7, फोकल प्वाइंट, चंडीगढ़ रोड पर रहता है। परिवार के सदस्यों ने कहा कि आरोपी अपार्टमेंट में पड़ोस के कमरे में रहता था और दोनों लोग केवल एक साझा रसोईघर साझा करते थे। हत्यारे पर नशा करने का भी परिवार को शक पुलिस को दिए अपने शुरुआती बयान में आरोपी ने कहा कि उसने आत्मरक्षा में मेरे बेटे को चाकू मार दिया, लेकिन बाद में पुलिस को पता चला कि उसे नींद में मार दिया गया था। हमें संदेह है कि आरोपी कुछ दवाओं के प्रभाव में था, लेकिन इस बात को केवल पुलिस ही क्लियर कर सकती है। बेटे की मौत की खबर सुनकर मां को लगा सदमा,अस्पताल में भर्ती गुरसिस की मौत की खबर से सदमे में उनकी मां को अस्पताल में भर्ती कराया गया। चरणजीत ने कहा कि वह अभी भी बात नहीं कर रही है। परिवार ने केंद्र सरकार से अपने बेटे के शव को अंतिम संस्कार के लिए पंजाब लाने में मदद करने की अपील की है और वित्तीय मदद का आग्रह किया है क्योंकि उन्होंने अपने बेटे को कनाडा भेजने के लिए अपनी सारी बचत का इस्तेमाल किया था। छात्र और कालेज शव को स्वदेश भेजने की कर रहे कोशिश इस बीच, लैंबटन कॉलेज, जहां गुरसिस ने अध्ययन किया था, ने कहा कि वह छात्र के परिवार के संपर्क में है, और अंतिम संस्कार की व्यवस्था और स्वदेश वापसी पर काम कर रहा है। छात्रों और अन्य स्थानीय समुदाय के सदस्यों ने परिवार को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए एक ऑनलाइन पैसों की मदद भी शुरू कर दी है। भारत-कनाडा संबंधों में हाल के बदलावों का जिक्र करते हुए चरणजीत ने कहा कि मैं यह नहीं कह सकता कि मेरे बेटे को उसकी राष्ट्रीयता के कारण निशाना बनाया गया। क्योंकि पुलिस जांच जारी है। हमें कनाडा की पुलिस और न्यायिक व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। मुझे यकीन है कि मेरे बेटे को न्याय मिलेगा। सरनिया पुलिस ने कहा कि उन्हें अपने बयान में रविवार, 1 दिसंबर को सुबह 4.59 बजे चाकू मारने की घटना के बारे में बताया गया।