<p style=”text-align: justify;”><strong>Aligarh News:</strong> अलीगढ़ नगर निगम के सदन में शनिवार 18 जनवरी को वित्तीय वर्ष 2024 का मूल बजट पेश करने के लिए कार्यवाही शुरू की गई. इस महत्वपूर्ण मौके पर जहां बजट पर चर्चा होनी चाहिए थी, वहीं नगर निगम के भीतर चल रहे भृष्टाचार का विवाद भी चर्चा का मुख्य केंद्र बन गए. सदन में शुरू हुई सत्र के दौरान, पोखर की मिट्टी लाखों रुपये में बेकने से संबंधित मामला अचानक गर्मा गया. इस विषय ने सदन में सबका ध्यान खींचा, और पार्षदों के बीच इसे लेकर तीखी बहस शुरू हो गई. पार्षदों ने इस मामले को विस्तार से उठाने और इसकी गहन जांच की मांग की. जैसे ही सदन की कार्यवाही आगे बढ़ी, पार्षदों ने नगर निगम में हो रहे कथित भ्रष्टाचार को उजागर करने की मांग की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पार्षदों ने यह आरोप लगाया कि, नगर निगम में पारदर्शिता का अभाव है और कई परियोजनाओं में अनियमितताएं हो रही हैं. पार्षदों ने मांग की है कि इन मुद्दों पर सदन में खुली चर्चा होनी चाहिए. जिसको लेकर नगर आयुक्त ने पार्षदों की चिंताओं को दूर करने का प्रयास करते हुए आश्वासन दिया कि पूरे मामले की जांच की जाएगी. पार्षदों ने इस पर नाराजगी जताई और कहा कि आश्वासन से अधिक, उन्हें ठोस कार्रवाई चाहिए. जब सदन में पार्षदों की मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो स्थिति और तनावपूर्ण हो गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बजट को जबरन पास किया गया- पार्षद</strong><br />इसी दौरान, नगर निगम ने बजट को सदन में प्रस्तुत किया और जल्दबाजी में इसे पारित कर दिया गया. पार्षदों ने आरोप लगाया कि बजट को जबरन पास किया गया और उनकी सहमति के बिना यह निर्णय लिया गया. वही बजट को पारित करने के लिए राष्ट्रीय गान का सहारा लिया गया. इस कदम ने पार्षदों को और अधिक नाराज कर दिया, और सदन में हंगामा शुरू हो गया. इस दौरान, सभी पार्षद, चाहे वह भारतीय जनता पार्टी के हों, समाजवादी पार्टी के, या अन्य दलों के एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन करते नजर आए. यह वह मौका था जब अलग-अलग राजनीतिक विचारधाराओं के पार्षद एक ही मुद्दे पर एकमत दिखे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महापौर और नगर आयुक्त पर आरोप</strong><br />पार्षदों का कहना था कि महापौर और नगर आयुक्त पार्षदों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेते. पार्षद मोहम्मद नईम ने कहा कि पार्षद अपनी छोटी-छोटी समस्याओं के समाधान के लिए नियमित रूप से महापौर और नगर आयुक्त से मिलते हैं, लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता. आज जबरन उनके द्वारा संविधान को कुचलते हुए राष्ट्रीय गान शुरू करने के बाद बजट पास कर दिया गया है, लेकिन किसी भी कीमत पर यह बजट मान्य नहीं होगा. एक बार फिर इसी बजट पर चर्चा होगी. गुस्साए पार्षदों के द्वारा नगर निगम कार्यालय में बजट के कागज जलाकर अपना गुस्सा जाहिर किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नगर आयुक्त विनोद कुमार ने कहा कि, सदन की कार्यवाही विधिवत रूप से पूरी हो चुकी है और बजट पास हो चुका है. उन्होंने यह भी दावा किया कि पार्षदों के विरोध के बावजूद, सदन में कामकाज सुचारू रूप से चला कुछ पार्षद बातचीत करने को तैयार ही नहीं है बजट पास हो चुका है</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है पार्षदों की मांग?</strong><br />पार्षदों ने कहा कि नगर निगम के कामकाज में पारदर्शिता की कमी है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बजट पारित करने की प्रक्रिया को लेकर पार्षदों की राय को नजरअंदाज किया गया. पार्षदों का यह भी कहना था कि नगर निगम के कई फैसलों में पक्षपात और अनियमितता की झलक मिलती है. पार्षदों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो वे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढे़ं: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/ghaziabad-40-devotees-a-group-reached-kartikeya-mahadev-temple-in-sambhal-performed-puja-2865533″><strong>गाजियाबाद से संभल पहुंचा 40 श्रद्धालुओं का जत्था, कार्तिकेय महादेव मंदिर में की पूजा-अर्चना</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Aligarh News:</strong> अलीगढ़ नगर निगम के सदन में शनिवार 18 जनवरी को वित्तीय वर्ष 2024 का मूल बजट पेश करने के लिए कार्यवाही शुरू की गई. इस महत्वपूर्ण मौके पर जहां बजट पर चर्चा होनी चाहिए थी, वहीं नगर निगम के भीतर चल रहे भृष्टाचार का विवाद भी चर्चा का मुख्य केंद्र बन गए. सदन में शुरू हुई सत्र के दौरान, पोखर की मिट्टी लाखों रुपये में बेकने से संबंधित मामला अचानक गर्मा गया. इस विषय ने सदन में सबका ध्यान खींचा, और पार्षदों के बीच इसे लेकर तीखी बहस शुरू हो गई. पार्षदों ने इस मामले को विस्तार से उठाने और इसकी गहन जांच की मांग की. जैसे ही सदन की कार्यवाही आगे बढ़ी, पार्षदों ने नगर निगम में हो रहे कथित भ्रष्टाचार को उजागर करने की मांग की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पार्षदों ने यह आरोप लगाया कि, नगर निगम में पारदर्शिता का अभाव है और कई परियोजनाओं में अनियमितताएं हो रही हैं. पार्षदों ने मांग की है कि इन मुद्दों पर सदन में खुली चर्चा होनी चाहिए. जिसको लेकर नगर आयुक्त ने पार्षदों की चिंताओं को दूर करने का प्रयास करते हुए आश्वासन दिया कि पूरे मामले की जांच की जाएगी. पार्षदों ने इस पर नाराजगी जताई और कहा कि आश्वासन से अधिक, उन्हें ठोस कार्रवाई चाहिए. जब सदन में पार्षदों की मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो स्थिति और तनावपूर्ण हो गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बजट को जबरन पास किया गया- पार्षद</strong><br />इसी दौरान, नगर निगम ने बजट को सदन में प्रस्तुत किया और जल्दबाजी में इसे पारित कर दिया गया. पार्षदों ने आरोप लगाया कि बजट को जबरन पास किया गया और उनकी सहमति के बिना यह निर्णय लिया गया. वही बजट को पारित करने के लिए राष्ट्रीय गान का सहारा लिया गया. इस कदम ने पार्षदों को और अधिक नाराज कर दिया, और सदन में हंगामा शुरू हो गया. इस दौरान, सभी पार्षद, चाहे वह भारतीय जनता पार्टी के हों, समाजवादी पार्टी के, या अन्य दलों के एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन करते नजर आए. यह वह मौका था जब अलग-अलग राजनीतिक विचारधाराओं के पार्षद एक ही मुद्दे पर एकमत दिखे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महापौर और नगर आयुक्त पर आरोप</strong><br />पार्षदों का कहना था कि महापौर और नगर आयुक्त पार्षदों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेते. पार्षद मोहम्मद नईम ने कहा कि पार्षद अपनी छोटी-छोटी समस्याओं के समाधान के लिए नियमित रूप से महापौर और नगर आयुक्त से मिलते हैं, लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता. आज जबरन उनके द्वारा संविधान को कुचलते हुए राष्ट्रीय गान शुरू करने के बाद बजट पास कर दिया गया है, लेकिन किसी भी कीमत पर यह बजट मान्य नहीं होगा. एक बार फिर इसी बजट पर चर्चा होगी. गुस्साए पार्षदों के द्वारा नगर निगम कार्यालय में बजट के कागज जलाकर अपना गुस्सा जाहिर किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नगर आयुक्त विनोद कुमार ने कहा कि, सदन की कार्यवाही विधिवत रूप से पूरी हो चुकी है और बजट पास हो चुका है. उन्होंने यह भी दावा किया कि पार्षदों के विरोध के बावजूद, सदन में कामकाज सुचारू रूप से चला कुछ पार्षद बातचीत करने को तैयार ही नहीं है बजट पास हो चुका है</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है पार्षदों की मांग?</strong><br />पार्षदों ने कहा कि नगर निगम के कामकाज में पारदर्शिता की कमी है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बजट पारित करने की प्रक्रिया को लेकर पार्षदों की राय को नजरअंदाज किया गया. पार्षदों का यह भी कहना था कि नगर निगम के कई फैसलों में पक्षपात और अनियमितता की झलक मिलती है. पार्षदों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो वे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे.</p>
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