<p style=”text-align: justify;”><strong>Mau By Election:</strong> हेट स्पीच मामले में दो साल की सजा मिलने के बाद माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की विधायकी खत्म हो गई है. जिसके बाद अब यूपी की मऊ सदर विधानसभा सीट खाली हो गई है. इस सीट पर छह महीने के भीतर उपचुनाव होना है. इस सीट पर पिछले 27 सालों से अंसारी परिवार का ही दबदबा रहा है. ऐसे में इस तरह की चर्चाएं भी तेज है कि क्या ये अंसारी परिवार की सियासत का ‘द एंड’ है या फिर किसी नए सदस्य की एंट्री होगी? </p>
<p style=”text-align: justify;”>अब्बास अंसारी साल 2022 में पहली बार सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से चुनाव जीतकर विधायक बने थे. ये चुनाव उन्होंने सपा-सुभासपा गठबंधन में रहकर लड़ा और पहली बार विधायक बने थे. इस चुनाव के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने विवादित बयान दिया था, जिसके बाद उनके खिलाफ इस मामले में मुकदमा दर्ज हुआ और ढाई साल अंदर उन्हें अपनी विधायकी गंवानी पड़ी. इस सीट पर अंसारी परिवार का दबदबा रहा है. साल 1996 में पूर्वांचल के बड़े माफिया मुख्तार अंसारी पहली बार बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर इस सीट से विधायक बने थे, इसके बाद ये सिलसिला कभी नहीं टूटा. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन चेहरों पर दांव लगा सकता है अंसारी परिवार</strong><br />मऊ सीट खाली होने के बाद अब छह महीने के भीतर उपचुनाव कराए जाएंगे. ऐसे में ये उपचुनाव अंसारी परिवार के लिए भी अग्निपरीक्षा हो सकता है. मुख्तार अब्बास की पत्नी अफ्शां अंसारी पर कई गंभीर मामले चल रहे हैं, उनपर गैंगस्टर एक्ट लगा है. जिसके बाद से वो फरार चल रही है. अब्बास अंसारी सजा मिलने के बाद चुनाव नहीं लड़ सकते. अब्बास की पत्नी निकहत अंसारी पर केस दर्ज है. उन पर नियमों के विरुद्ध जाकर जेल में पति से मुलाकात करने समेत विदेशी मुद्रा रखने जैसे केस दर्ज है. ऐसे में अब्बास की पत्नी और मां चुनाव नहीं लड़ सकती. </p>
<p style=”text-align: justify;”>माना जा रहा है मऊ सीट पर या तो अंसारी परिवार का कोई चेहरा या उनका करीबी चुनाव लड़ सकता है. इनमें कई चेहरों को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. अब्बास के बाद मुख्तार के छोटे बेटे उमर अंसारी पर दांव लगाया जा सकता है. वो राजनीति में सक्रिय भी है और अब्बास के जेल जाने के बाद उसके काम का संभालता भी रहा है. लेकिन, इसमें एक पेच है. उमर के खिलाफ भी नफरती भाषण मामले में केस दर्ज है. इस रेस में एक नाम नुसरत अंसारी का भी है. नुसरत मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी की बेटी हैं. लोकसभा चुनाव में भी उनके नाम की काफी चर्चा रही थी. नुसरत ने अपने पिता के लिए जमकर चुनाव प्रचार किया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/noida-thar-case-police-arrest-all-four-accused-of-assault-and-hit-by-thar-case-ann-2956901″>नोएडा में ‘थार कांड’ में पुलिस की बड़ी कार्रवाई, मारपीट और टक्कर मारने वाले चारों आरोपी गिरफ्तार</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Mau By Election:</strong> हेट स्पीच मामले में दो साल की सजा मिलने के बाद माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की विधायकी खत्म हो गई है. जिसके बाद अब यूपी की मऊ सदर विधानसभा सीट खाली हो गई है. इस सीट पर छह महीने के भीतर उपचुनाव होना है. इस सीट पर पिछले 27 सालों से अंसारी परिवार का ही दबदबा रहा है. ऐसे में इस तरह की चर्चाएं भी तेज है कि क्या ये अंसारी परिवार की सियासत का ‘द एंड’ है या फिर किसी नए सदस्य की एंट्री होगी? </p>
<p style=”text-align: justify;”>अब्बास अंसारी साल 2022 में पहली बार सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से चुनाव जीतकर विधायक बने थे. ये चुनाव उन्होंने सपा-सुभासपा गठबंधन में रहकर लड़ा और पहली बार विधायक बने थे. इस चुनाव के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने विवादित बयान दिया था, जिसके बाद उनके खिलाफ इस मामले में मुकदमा दर्ज हुआ और ढाई साल अंदर उन्हें अपनी विधायकी गंवानी पड़ी. इस सीट पर अंसारी परिवार का दबदबा रहा है. साल 1996 में पूर्वांचल के बड़े माफिया मुख्तार अंसारी पहली बार बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर इस सीट से विधायक बने थे, इसके बाद ये सिलसिला कभी नहीं टूटा. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन चेहरों पर दांव लगा सकता है अंसारी परिवार</strong><br />मऊ सीट खाली होने के बाद अब छह महीने के भीतर उपचुनाव कराए जाएंगे. ऐसे में ये उपचुनाव अंसारी परिवार के लिए भी अग्निपरीक्षा हो सकता है. मुख्तार अब्बास की पत्नी अफ्शां अंसारी पर कई गंभीर मामले चल रहे हैं, उनपर गैंगस्टर एक्ट लगा है. जिसके बाद से वो फरार चल रही है. अब्बास अंसारी सजा मिलने के बाद चुनाव नहीं लड़ सकते. अब्बास की पत्नी निकहत अंसारी पर केस दर्ज है. उन पर नियमों के विरुद्ध जाकर जेल में पति से मुलाकात करने समेत विदेशी मुद्रा रखने जैसे केस दर्ज है. ऐसे में अब्बास की पत्नी और मां चुनाव नहीं लड़ सकती. </p>
<p style=”text-align: justify;”>माना जा रहा है मऊ सीट पर या तो अंसारी परिवार का कोई चेहरा या उनका करीबी चुनाव लड़ सकता है. इनमें कई चेहरों को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. अब्बास के बाद मुख्तार के छोटे बेटे उमर अंसारी पर दांव लगाया जा सकता है. वो राजनीति में सक्रिय भी है और अब्बास के जेल जाने के बाद उसके काम का संभालता भी रहा है. लेकिन, इसमें एक पेच है. उमर के खिलाफ भी नफरती भाषण मामले में केस दर्ज है. इस रेस में एक नाम नुसरत अंसारी का भी है. नुसरत मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी की बेटी हैं. लोकसभा चुनाव में भी उनके नाम की काफी चर्चा रही थी. नुसरत ने अपने पिता के लिए जमकर चुनाव प्रचार किया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/noida-thar-case-police-arrest-all-four-accused-of-assault-and-hit-by-thar-case-ann-2956901″>नोएडा में ‘थार कांड’ में पुलिस की बड़ी कार्रवाई, मारपीट और टक्कर मारने वाले चारों आरोपी गिरफ्तार</a></strong></p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जासूसी के आरोपी शकूर खान का भी निकला ज्योति मल्होत्रा कनेक्शन, गूगल सर्च हिस्ट्री ने खोला राज
अब्बास के बाद अंसारी परिवार से होगी किसी नए चेहरे की सियासत में एंट्री! इन नामों पर चर्चा तेज
