यूपी में एंटी पेपर लीक कानून विधानसभा और विधान परिषद से हो गया है। योगी सरकार यूपी सार्वजनिक परीक्षा कानून (अनुचित साधनों का निवारण) नाम से अध्यादेश 15 जुलाई, 2024 को लेकर आई थी। नए कानून के तहत पेपर लीक से लेकर आंसर शीट के साथ छेड़छाड़ करने पर सजा होगी। सबसे कम सजा 2 साल की जेल और जुर्माना है, जबकि अधिकतम सजा आजीवन कारावास और एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना है। सरकार संपत्ति कुर्क भी कर करवा सकती है। ये कानून पेपर लीक माफिया पर शिकंजा कसने में किस हद तक कामयाब होगा, क्या इससे पेपर लीक रुक जाएगा? ये जानने के लिए हमने एक्सपर्ट्स से बात की। भास्कर एक्सप्लेनर में इन 7 सवालों से जानिए सबकुछ…. सवाल-1: पहले पेपर लीक कराने या दूसरे की जगह परीक्षा देने जैसे मामलों में किन धाराओं में केस दर्ज होता था? इनमें कितनी सजा हो सकती थी? जवाब: नए कानून के पहले तक IPC की धारा 420, 468 और 120B के तहत पुलिस मामला दर्ज करती थी। 420 और 468 के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी के अपराध आते हैं। 120B के तहत आपराधिक साजिश के मामले दर्ज होते हैं। इनमें 7 साल तक की अधिकतम सजा और जुर्माने का प्रावधान है। ये सभी अपराध गैर जमानती हैं। सवाल -2: नए कानून से क्या फायदा होगा? जवाब : नए कानून में अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय है। संगठित अपराध का भी जिक्र है। परीक्षा करने वाली संस्था, सर्विस प्रोवाइडर और नकल माफिया, सभी के लिए अलग-अलग तरह के अपराध और दंड का प्रावधान किया गया है। पहली बार पकड़े जाने पर 14 साल तक की सजा और 25 लाख तक का जुर्माना है। दोबारा पकड़े जाने पर आजीवन कारावास और एक करोड़ तक का जुर्माना है। परीक्षा कराने वाली संस्था के चेयरपर्सन, मेंबर और स्टाफ अगर गड़बड़ी में शामिल मिलता है तो उसके खिलाफ सजा का प्रावधान है। यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम और शिक्षाविद् दिनेश शर्मा कहते हैं- कानून का बड़ा फायदा मिलेगा। सरकार ने नकल रोकने के लिए पहले से ही काफी उपाय किए हैं। सवाल-3: यूपी सार्वजनिक परीक्षा कानून 2024 के तहत सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे। इसका क्या मतलब है? जवाब: नए कानून की धारा 9 के अनुसार, इसके तहत दर्ज सभी मामले संज्ञेय, गैर जमानती और नॉन कंपाउंडेबल रहेंगे। संज्ञेय अपराध का मतलब है- ऐसे मामलों में पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तारी कर सकते हैं। संज्ञेय अपराधों में CrPC की धारा 154 के तहत मजिस्ट्रेट की अनुमति के बगैर पुलिस अधिकारी को FIR दर्ज करने और जांच शुरू करने का अधिकार है। जबकि असंज्ञेय अपराधों में अपराध की गंभीरता कम होती है, इसलिए FIR दर्ज करने के लिए मजिस्ट्रेट की अनुमति और आदेश जरूरी है। सीधे FIR दर्ज नहीं होती। सवाल -4: इस कानून से पेपर लीक माफिया पर शिकंजा कस पाएगा? जवाब: इन कानूनों का मकसद परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाना है। अभी तक राज्य में जो कार्रवाई होती है, उनमें नकल और चीटिंग जैसे छोटे अपराधों पर ज्यादा जोर है, जिसकी वजह से छात्रों को ही सजा देकर मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है। लेकिन, नए कानून का उद्देश्य नौकरियों से जुड़ी परीक्षाओं की साख को बहाल करना है। नए कानून से पेपर लीक जैसी गड़बड़ी में हर स्टेप पर काम कर रहे अपराधियों पर कार्रवाई की जा सकेगी। कानून के तहत, अगर किसी गड़बड़ी में एग्जाम सेंटर की भूमिका पाई जाती है, तो उस सेंटर को हमेशा के लिए सस्पेंड किया जा सकता है। उससे परीक्षा की लागत भी वसूली जाएगी। यूपी के पूर्व डीजीपी ओमप्रकाश सिंह कहते हैं- नए कानून में सजा बेहद सख्त है। इससे नकल और पेपर लीक कराने वाले माफिया में खौफ पैदा होगा। अभी जो पेपर लीक हो रहे हैं, वो डिजिटली ज्यादा हो रहे हैं। अभी तक स्पष्ट कानून का प्रावधान नहीं होने के कारण कठोर कार्रवाई नहीं हो पाती थी, लेकिन अब कानून बन जाने से सजा दिलाने में आसानी हो जाएगी। सवाल-5: कौन-कौन सी परीक्षाएं कानून के दायरे में आएंगी? जवाब: इस कानून में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPSC), यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC), पुलिस भर्ती की परीक्षाएं शामिल होंगी। राज्य के सभी मंत्रालयों, विभागों की भर्ती परीक्षाएं भी इस कानून के दायरे में आएंगी। इसके अलावा यूपी बोर्ड, यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं भी शामिल हैं। यानी बोर्ड परीक्षा का पेपर लीक होने पर भी इसी कानून के तहत कार्रवाई होगी। सवाल- 6: देश के दूसरे राज्यों में क्या है कानून? जवाब: देश के 6 अन्य राज्यों में अभी यूपी की तरह ही कानून है। छत्तीसगढ़ में 2008 में, झारखंड में 2001 में, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 1997 में, ओडिशा में 1998 में और महाराष्ट्र 1982 में लागू किए गए ऐसे ही पुराने नकल रोधी कानून हैं। एक साल पहले राजस्थान में सार्वजनिक परीक्षा संशोधन अधिनियम 2023 लागू किया गया था। इस नए कानून के तहत आरोपियों को उम्रकैद की सजा और 10 करोड़ रुपए जुर्माने का प्रावधान है। आरोपी की संपत्ति कुर्क करने का भी नियम बनाया गया है। पेपर लीक मामले में दोषियों को जल्दी सजा मिले, इसके लिए हर आरोपी का कोर्ट में अलग ट्रायल कराया जा रहा है। गुजरात और उत्तराखंड में भी कानून में संशोधन करके सख्त बनाया गया है। सवाल- 7: पेपर लीक रोकने के लिए केंद्र सरकार ने क्या कानून बनाया? जवाब: पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, इसी साल 6 फरवरी को लोकसभा और 9 फरवरी को राज्यसभा से पारित हुआ था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 12 फरवरी को बिल को मंजूरी देकर इसे कानून में बदल दिया। इसमें 3 से 5 साल की सजा का प्रावधान है। यूपी में एंटी पेपर लीक कानून विधानसभा और विधान परिषद से हो गया है। योगी सरकार यूपी सार्वजनिक परीक्षा कानून (अनुचित साधनों का निवारण) नाम से अध्यादेश 15 जुलाई, 2024 को लेकर आई थी। नए कानून के तहत पेपर लीक से लेकर आंसर शीट के साथ छेड़छाड़ करने पर सजा होगी। सबसे कम सजा 2 साल की जेल और जुर्माना है, जबकि अधिकतम सजा आजीवन कारावास और एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना है। सरकार संपत्ति कुर्क भी कर करवा सकती है। ये कानून पेपर लीक माफिया पर शिकंजा कसने में किस हद तक कामयाब होगा, क्या इससे पेपर लीक रुक जाएगा? ये जानने के लिए हमने एक्सपर्ट्स से बात की। भास्कर एक्सप्लेनर में इन 7 सवालों से जानिए सबकुछ…. सवाल-1: पहले पेपर लीक कराने या दूसरे की जगह परीक्षा देने जैसे मामलों में किन धाराओं में केस दर्ज होता था? इनमें कितनी सजा हो सकती थी? जवाब: नए कानून के पहले तक IPC की धारा 420, 468 और 120B के तहत पुलिस मामला दर्ज करती थी। 420 और 468 के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी के अपराध आते हैं। 120B के तहत आपराधिक साजिश के मामले दर्ज होते हैं। इनमें 7 साल तक की अधिकतम सजा और जुर्माने का प्रावधान है। ये सभी अपराध गैर जमानती हैं। सवाल -2: नए कानून से क्या फायदा होगा? जवाब : नए कानून में अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय है। संगठित अपराध का भी जिक्र है। परीक्षा करने वाली संस्था, सर्विस प्रोवाइडर और नकल माफिया, सभी के लिए अलग-अलग तरह के अपराध और दंड का प्रावधान किया गया है। पहली बार पकड़े जाने पर 14 साल तक की सजा और 25 लाख तक का जुर्माना है। दोबारा पकड़े जाने पर आजीवन कारावास और एक करोड़ तक का जुर्माना है। परीक्षा कराने वाली संस्था के चेयरपर्सन, मेंबर और स्टाफ अगर गड़बड़ी में शामिल मिलता है तो उसके खिलाफ सजा का प्रावधान है। यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम और शिक्षाविद् दिनेश शर्मा कहते हैं- कानून का बड़ा फायदा मिलेगा। सरकार ने नकल रोकने के लिए पहले से ही काफी उपाय किए हैं। सवाल-3: यूपी सार्वजनिक परीक्षा कानून 2024 के तहत सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे। इसका क्या मतलब है? जवाब: नए कानून की धारा 9 के अनुसार, इसके तहत दर्ज सभी मामले संज्ञेय, गैर जमानती और नॉन कंपाउंडेबल रहेंगे। संज्ञेय अपराध का मतलब है- ऐसे मामलों में पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तारी कर सकते हैं। संज्ञेय अपराधों में CrPC की धारा 154 के तहत मजिस्ट्रेट की अनुमति के बगैर पुलिस अधिकारी को FIR दर्ज करने और जांच शुरू करने का अधिकार है। जबकि असंज्ञेय अपराधों में अपराध की गंभीरता कम होती है, इसलिए FIR दर्ज करने के लिए मजिस्ट्रेट की अनुमति और आदेश जरूरी है। सीधे FIR दर्ज नहीं होती। सवाल -4: इस कानून से पेपर लीक माफिया पर शिकंजा कस पाएगा? जवाब: इन कानूनों का मकसद परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाना है। अभी तक राज्य में जो कार्रवाई होती है, उनमें नकल और चीटिंग जैसे छोटे अपराधों पर ज्यादा जोर है, जिसकी वजह से छात्रों को ही सजा देकर मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है। लेकिन, नए कानून का उद्देश्य नौकरियों से जुड़ी परीक्षाओं की साख को बहाल करना है। नए कानून से पेपर लीक जैसी गड़बड़ी में हर स्टेप पर काम कर रहे अपराधियों पर कार्रवाई की जा सकेगी। कानून के तहत, अगर किसी गड़बड़ी में एग्जाम सेंटर की भूमिका पाई जाती है, तो उस सेंटर को हमेशा के लिए सस्पेंड किया जा सकता है। उससे परीक्षा की लागत भी वसूली जाएगी। यूपी के पूर्व डीजीपी ओमप्रकाश सिंह कहते हैं- नए कानून में सजा बेहद सख्त है। इससे नकल और पेपर लीक कराने वाले माफिया में खौफ पैदा होगा। अभी जो पेपर लीक हो रहे हैं, वो डिजिटली ज्यादा हो रहे हैं। अभी तक स्पष्ट कानून का प्रावधान नहीं होने के कारण कठोर कार्रवाई नहीं हो पाती थी, लेकिन अब कानून बन जाने से सजा दिलाने में आसानी हो जाएगी। सवाल-5: कौन-कौन सी परीक्षाएं कानून के दायरे में आएंगी? जवाब: इस कानून में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPSC), यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC), पुलिस भर्ती की परीक्षाएं शामिल होंगी। राज्य के सभी मंत्रालयों, विभागों की भर्ती परीक्षाएं भी इस कानून के दायरे में आएंगी। इसके अलावा यूपी बोर्ड, यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं भी शामिल हैं। यानी बोर्ड परीक्षा का पेपर लीक होने पर भी इसी कानून के तहत कार्रवाई होगी। सवाल- 6: देश के दूसरे राज्यों में क्या है कानून? जवाब: देश के 6 अन्य राज्यों में अभी यूपी की तरह ही कानून है। छत्तीसगढ़ में 2008 में, झारखंड में 2001 में, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 1997 में, ओडिशा में 1998 में और महाराष्ट्र 1982 में लागू किए गए ऐसे ही पुराने नकल रोधी कानून हैं। एक साल पहले राजस्थान में सार्वजनिक परीक्षा संशोधन अधिनियम 2023 लागू किया गया था। इस नए कानून के तहत आरोपियों को उम्रकैद की सजा और 10 करोड़ रुपए जुर्माने का प्रावधान है। आरोपी की संपत्ति कुर्क करने का भी नियम बनाया गया है। पेपर लीक मामले में दोषियों को जल्दी सजा मिले, इसके लिए हर आरोपी का कोर्ट में अलग ट्रायल कराया जा रहा है। गुजरात और उत्तराखंड में भी कानून में संशोधन करके सख्त बनाया गया है। सवाल- 7: पेपर लीक रोकने के लिए केंद्र सरकार ने क्या कानून बनाया? 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भोपाल में हत्याकांड के इनामी बदमाश ने मारी गोली, फिल्मी स्टाइल में वारदात को दिया अंजाम
भोपाल में हत्याकांड के इनामी बदमाश ने मारी गोली, फिल्मी स्टाइल में वारदात को दिया अंजाम <p style=”text-align: justify;”><strong>MP Crime News:</strong> मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में फायरिंग से सनसनी मच गयी. हमलावर ने फिल्मी स्टाइल में गाड़ी ओवर टेक कर युवक को गोली मार दी. गोली युवक के कमर में लगी. घटना को अंजाम देकर हमलावर मौके से फरार हो गया. गोलीबारी की सूचना से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. घायल युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटनास्थल पर पुलिस के आलाधिकारी जांच पड़ताल कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सूत्रों के मुताबिक, हमलावर हत्याकांड में फरार चल रहा है. अस्पताल में भर्ती घायल युवक की स्थिति गंभीर बताई जा रही है. एडिशनल डीसीपी रश्मि अग्रवाल दुबे के अनुसार 24 वर्षीय रौनक सिंह पुत्र शिवचरण न्यू अशोका गार्डन में रहता है. शनिवार की रात एक बजे रौनक शुभम उर्फ बाबू तेंदुलकर के साथ एक्टिवा से सुंदर नगर की झांकी देखने निकला था. एक्टिवा रौनक का दोस्त शुभम चला रहा था. दोनों सेमरा दुर्गा मंदिर के पास पहुंचे. पीछे से ओवरटेक करते हुए यश अग्रवाल ने एक्टिवा के सामने गाड़ी लगा दी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/09/08/ceabe929141a4bace912004bb6f8b7211725802396224211_original.png” /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>फिल्मी स्टाइल में हत्याकांड के आरोपी ने मारी गोली</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हमलावर ने एक्टिवा के रुकते ही शुभम पर कट्टे से फायर कर दिया. गोली शुभम के कमर में लगी. एक्टिवा के पीछे बैठा रौनक सिंह खून से लथपथ दोस्त को लेकर अस्पताल पहुंचा. अस्पताल में शुभम की हालत गंभीर बताई जा रह है. पुलिस ने रौनक सिंह की शिकायत पर हमलावर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. घटना की वजह पुरानी रंजिश बताई जा रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बजरिया टीआई जितेंद्र सिंह गुर्जर के अनुसार आरोपी यश अग्रवाल ने 2023 में हत्या की वारदात को अंजाम दिया था. हत्याकांड के बाद से आरोपी फरार चल रहा है. आरोपी की गिरफ्तारी के लिए इनाम भी घोषित किया गया है. अब तक हत्याकांड का आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर है. अब उसने दूसरी जान लेने की कोशिश की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें-</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”सिंगरौली में सरकारी एंबुलेंस ड्राइवर ने मरीज से मांगे पैसे, नहीं देने पर गंभीर हालत में सड़क पर उतारा, Video Viral” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/singrauli-ambulance-driver-thrown-out-patients-on-road-after-refused-illegal-money-video-viral-ann-2778991″ target=”_self”>सिंगरौली में सरकारी एंबुलेंस ड्राइवर ने मरीज से मांगे पैसे, नहीं देने पर गंभीर हालत में सड़क पर उतारा, Video Viral</a></strong></p>