<p style=”text-align: justify;”>अमरवाड़ा-एसटी उपचुनाव के लिए धीरेंशा इनवती कांग्रेस उम्मीदवार घोषित, खरगे ने दी मंजूरी</p>
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<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”>The Congress President, Shri Mallikarjun Kharge, has approved the candidature of Shri Dheeransha Invati as Congress candidate for the ensuing bye-election to the Legislative Assembly of Madhya Pradesh from 123 Amarwara – ST Constituency. <a href=”https://t.co/tBDksrB8TK”>pic.twitter.com/tBDksrB8TK</a></p>
— INC Sandesh (@INCSandesh) <a href=”https://twitter.com/INCSandesh/status/1803413426976211139?ref_src=twsrc%5Etfw”>June 19, 2024</a></blockquote>
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</p> <p style=”text-align: justify;”>अमरवाड़ा-एसटी उपचुनाव के लिए धीरेंशा इनवती कांग्रेस उम्मीदवार घोषित, खरगे ने दी मंजूरी</p>
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<p dir=”ltr” lang=”en”>The Congress President, Shri Mallikarjun Kharge, has approved the candidature of Shri Dheeransha Invati as Congress candidate for the ensuing bye-election to the Legislative Assembly of Madhya Pradesh from 123 Amarwara – ST Constituency. <a href=”https://t.co/tBDksrB8TK”>pic.twitter.com/tBDksrB8TK</a></p>
— INC Sandesh (@INCSandesh) <a href=”https://twitter.com/INCSandesh/status/1803413426976211139?ref_src=twsrc%5Etfw”>June 19, 2024</a></blockquote>
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</p> मध्य प्रदेश आगरा में सराफा व्यापारी से हुई चांदी की लूट का पुलिस ने किया खुलासा, 7 आरोपी गिरफ्तार
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कांग्रेस MLA इरफान अंसारी के फिर बिगड़े बोल, ‘BJP की लड़कियां आज रात कपड़ा फाड़ेंगीं और…’
कांग्रेस MLA इरफान अंसारी के फिर बिगड़े बोल, ‘BJP की लड़कियां आज रात कपड़ा फाड़ेंगीं और…’ <p style=”text-align: justify;”>झारखंड के जामताड़ा से कांग्रेस प्रत्याशी और मंत्री इरफान अंसारी ने फिर विवादित बयान दिया है. उन्होंने फेसबुक लाइव आकर कहा कि बीजेपी की कुछ लड़कियां रात में कपड़ें फाड़ेंगी, हंगामा करेंगी और हमारे कार्यकर्ताओं को बदनाम करेगी. उन्होंने दावा किया कि कार्यकर्ताओं पर फर्जी केस होगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इरफान अंसारी ने कहा कि उन्होंने विभाग को इसके बार में सूचित कर दिया है. कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा, “कुछ प्रत्याशी आप लोगों के बीच लड़कियां भेज रही हैं ताकि आप लोग उन लड़कियों के साथ मिस बिहेव करें. वैसे लड़कियां ही आप लोगों के साथ मिस बिहेव करेंगी और झूठा मुकदमा करेंगी. इसलिये साथियों सतर्क रहिये. एक बीजेपी के कार्यकर्ता ने ही मुझे इसकी जानकारी दी है.”</p>
<p><iframe style=”border: none; overflow: hidden;” src=”https://www.facebook.com/plugins/video.php?height=476&href=https%3A%2F%2Fwww.facebook.com%2Firfanjamtaraa%2Fvideos%2F3977990245753502%2F&show_text=false&width=267&t=0″ width=”267″ height=”476″ frameborder=”0″ scrolling=”no” allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”>कांग्रेस नेता ने कहा, “मैंने प्रशासन को सूचना दिया है कि इस पर नजर रखें. पुलिस से कहना चाहता हूं कि हमारी सरकार फिर से बनने जा रही है इसलिए फर्जी केस रजिस्टर मत करिएगा. पुलिस यह पता करे कि कौन लड़कियां इस तरह की साजिश को अंजाम देने की कोशिश कर रही हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>जामताड़ा से मौजूदा विधायक ने आगे कहा कि पिछले पांच साल में जामताड़ा में हमने काफी काम किया है. जनता का आशीर्वाद हमे मिलेगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें इरफान अंसारी के खिलाफ बीजेपी से सीता सोरेन चुनाव लड़ रही है जो हेमंत सोरेन की भाभी हैं. इसी साल वह जेएमएम छोड़कर BJP में शामिल हुई हैं. इरफान अंसारी ने कुछ दिन पहले ही सीता सोरेन पर अमर्यादित टिप्पणी की थी जिसको लेकर बवाल हुआ था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि झारखंड में बुधवार (20 नवंबर) को दूसरे चरण की वोटिंग होनी है. जामताड़ा सीट पर भी मतदान होने हैं. दूसरे चरण में कुल 38 सीटों पर लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. सभी मतदान केंद्रों पर 20 नवंबर की सुबह मॉक पोल कराया जाएगा और इसके बाद 7 बजे से मतदान शुरू हो जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस चरण में 31 अतिसंवेदनशील मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां सुबह सात से शाम चार बजे तक ही मतदान होगा. इन्हें छोड़ अन्य 13 हजार 187 केंद्रों पर शाम पांच बजे तक वोट डाले जा सकेंगे. 2414 मतदान केंद्र शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के बूथों की संख्या 11 हजार 804 है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>48 बूथों को यूनिक बूथ के रूप में विकसित किया गया है. 239 बूथ ऐसे हैं, जिनका संचालन पूरी तरह महिला कर्मियों के हाथ में होगा. 22 मतदान केंद्रों की व्यवस्था दिव्यांग कर्मी संभालेंगे, जबकि 26 मतदान केंद्रों की व्यवस्था युवाओं के हाथों में सौंपी गई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”झारखंड के देवघर में ट्रक की टक्कर से ट्रेन का डिब्बा पटरी से उतरा, कोई हताहत नहीं” href=”https://www.abplive.com/states/jharkhand/jharkhand-train-derailed-after-hit-by-truck-in-deoghar-no-casualties-2826600″ target=”_blank” rel=”noopener”>झारखंड के देवघर में ट्रक की टक्कर से ट्रेन का डिब्बा पटरी से उतरा, कोई हताहत नहीं</a></strong></p>
RSS के मुरीद हुए शरद पवार, NCP के विलय को लेकर भी पार्टी की बैठक में साफ की तस्वीर
RSS के मुरीद हुए शरद पवार, NCP के विलय को लेकर भी पार्टी की बैठक में साफ की तस्वीर <p style=”text-align: justify;”><strong>Sharad Pawar on RSS:</strong> महाराष्ट्र में सियासी उठापटक का दौर लगातार जारी है. एक ओर उद्धव ठाकरे और उनके नेता मुख्यमंत्री देवेंद फडणवीस की तारीफ कर रहे हैं तो दूसरी ओर शरद पवार RSS को लेकर मीठे बोल बोल रहे हैं. दरअसल, मुंबई में शरद पवार की NCP-SP की दो दिनों की बैठक थी. इस बैठक में शरद पवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तारीफ की. उन्होंने अपने भाषण के माध्यम से संघ परिवार द्वारा किए जा रहे कार्यों की सूक्ष्म समीक्षा की है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>शरद पवार का कहना है कि आरएसएस का काम करने का तरीखा अनोखा है. इसमें उल्लेख किया गया है कि अगर संघ परिवार किसी कार्यकर्ता के जीवन के महत्वपूर्ण 20 वर्ष छीन भी लेता है, तो उसे संयोग पर नहीं छोड़ा जाता, बल्कि शेष जीवन के लिए उसे सही स्थान पर समायोजित किया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’अपने लोगों का ख्याल रखता है संघ'</strong><br />शरद पवार की समीक्षा में पुणे जैसे शहर को शिक्षा का घर बताया गया है, लेकिन यह भी कहा गया है कि इस शहर के हर महत्वपूर्ण शैक्षणिक संस्थान में आरएसएस के लोग काम कर रहे हैं. फर्गुसन कॉलेज, एस.पी. कॉलेज, मॉडर्न कॉलेज, एमईएस कॉलेज में आरएसएस कार्यकर्ता काम करते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसमें उल्लेख किया गया है कि जो लोग कई वर्षों तक विदेश, दूसरे राज्य में संघ के लिए काम करते हैं और फिर लौट आते हैं, उन्हें ऐसी संस्थाओं में रखा जाता है और रहने की उचित सुविधाएं प्रदान की जाती हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>श्रमिकों की आजीविका सुनिश्चित</strong><br />शरद पवार ने कहा कि एक ओर श्रमिकों की आजीविका सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है, दूसरी ओर शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से नए श्रमिकों का एक समूह तैयार करने की कोशिश की जा रही है. इस साल के चुनावों में संघ परिवार ने घर-घर जाकर हिंदुत्व का प्रचार किया, जबकि दूसरी ओर सरकार ने सरकारी खजाने से पैसा बांटकर वोट बटोरे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एनसीपी के विलय पर शरद गुट का बयान</strong><br />वहीं, शरद पवार की एनसीपी-एसपी, आरएसएस और इंडिया गठबंधन के विलय की बात पर शरद गुट के नेता जीतेंद्र आव्हाड का भी बयान आया है. उन्होंने कहा कि बैठक में यह चर्चा हुई है कि आगे बढ़ेंगे, लड़ेंगे और जीतेंगे. हमारी पार्टी शरद पवार की पार्टी है. हम लोग लड़ना जानते हैं. बैठक में आरएसएस की मेहनत पर चर्चा हुई है. कोई विलय नहीं होने जा रहा. हमारे सांसदों को ऑफर आ रहा है, लेकिन वे कहीं नहीं जाएंगे. आरएसएस से हमारा विरोध जारी रहेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/shiv-sena-ubt-praises-cm-devendra-fadnavis-in-saamana-sanjay-raut-uddhav-thackeray-aaditya-thackeray-meeting-2859638″>पहले उद्धव ठाकरे की CM फडणवीस से मुलाकात, फिर सामना में तारीफ, किस राह पर शिवसेना UBT?</a></strong></p>
यूपी उपचुनाव तय करेगा आकाश का कद:जीत दिला पाए तो 2027 में लीड करेंगे; बसपा ने बदली रणनीति, दलित-युवाओं पर फोकस
यूपी उपचुनाव तय करेगा आकाश का कद:जीत दिला पाए तो 2027 में लीड करेंगे; बसपा ने बदली रणनीति, दलित-युवाओं पर फोकस बसपा सुप्रीमो मायावती ने उपचुनाव में पूरी ताकत झोंक रखी है। रोज नए फैसले ले रही हैं। बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भतीजे आकाश आनंद का कद बढ़ा दिया। यूपी में होने वाले उपचुनाव में उन्होंने आकाश को सभी 10 सीटों की जिम्मेदारी दी। साथ ही आकाश को हरियाणा, जम्मू कश्मीर, झारखंड, महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव का प्रभारी भी बनाया। आकाश की अब उन सभी पदों पर वापसी हो गई, जिनसे उन्हें लोकसभा चुनाव के दौरान हटाया गया था। बैठक में मायावती ने पदाधिकारियों के सामने ऐलान किया, उपचुनाव आकाश का कद और भविष्य दोनों तय करेंगे। मायावती ने साफ संकेत दिया कि उपचुनाव में पार्टी खाता खोलने में कामयाब हुई, तो आकाश को 2027 के विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके बाद से आकाश अपनी पुरानी फॉर्म में लौट आए हैं। वह पार्टी की मशीनरी को दुरुस्त करने में लगे हैं। लोकसभा चुनाव में पार्टी के नंबर दो फेस आकाश आनंद को मायावती ने सभी दायित्व से हटा दिया था। चुनाव प्रचार के दौरान केंद्र और राज्य सरकार पर टिप्पणी के बाद बसपा सुप्रीमो ने यह कड़ा कदम उठाया था। उस समय उन्होंने कहा था- आकाश अभी मैच्योर नहीं हैं। अब आपको बताते हैं आकाश आनंद को क्यों मेन स्ट्रीम में वापस लाया गया… दलितों के साथ युवाओं को भी पार्टी से जोड़ने की कवायद
दलितों को लेकर मायावती की सोच थी, वे बसपा छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। पार्टी सुप्रीमो को यह सोच 2022 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में भारी पड़ी। पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा। पार्टी के कई उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई। मायावती को अब यह बात समझ में आ गई है कि दलित और युवा दोनों का साथ जरूरी है। इसी को देखते हुए उन्होंने एक बार फिर भतीजे को आगे किया। वह आकाश आनंद के जरिए अपने वोट बैंक से युवाओं को भी जोड़ना चाहती हैं। अखिलेश VS आकाश आनंद का नरेटिव सेट कर रहीं मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती को अहसास हो चुका है कि पार्टी को फिर से मुख्य धारा में लाने के लिए युवाओं का साथ होना जरूरी है। यही वजह है, आकाश आनंद को एक बार फिर से मेन स्ट्रीम में वापस लाया गया। सपा मुखिया अखिलेश यादव से मुकाबले की बात की जाए, तो बसपा से आकाश आनंद सबसे युवा और पढ़े-लिखे लीडर के तौर पर जाने जाते हैं। मायावती अपने भतीजे को आगे कर अखिलेश VS आकाश का नरेटिव सेट करना चाहती हैं। वह जानती हैं, पार्टी को फिर से मजबूत करने के लिए दलित वर्ग के युवाओं का साथ जरूरी है। यही वजह है, मायावती ने आकाश आनंद को उनके सभी अधिकार वापस कर दिए। ताकि पार्टी एक बार फिर से बूथ लेवल तक युवाओं के बीच में अपनी पहुंच बना सके। स्ट्रैटजी और एनालिसिस पर फोकस करते हैं आकाश आनंद
राजनीति के जानकारों का कहना है, पार्टी ने अपनी चुनावी रणनीति में बहुत बदलाव किया है। आकाश उन युवा नेताओं में हैं, जिनकी सोशल मीडिया पर भी अपने समाज में अच्छी-खासी फैन फॉलोइंग है। आकाश स्ट्रैटजी और एनालिसिस पर फोकस करते हैं। बसपा में समाज के मूवमेंट को सोशल मीडिया के जरिए भी जन-जन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी आकाश आनंद के कंधों पर ही है। ऐसे में पार्टी का मानना है कि आकाश एक एनर्जेटिक लीडर के तौर पर सामने आ सकते हैं। युवाओं के बीच सोशल मीडिया के जरिए अच्छी पकड़ बना सकते हैं। चंद्रशेखर से मुकाबले के लिए मायावती के ट्रंप कार्ड हैं आकाश…
लोकसभा चुनाव में आजाद पार्टी के चंद्रशेखर भी बसपा के लिए बड़ी चुनौती साबित हुए थे। पहले बसपा को ही दलित हितैषी पार्टी माना जाता था। अब चंद्रशेखर दलितों की आवाज उठा रहे हैं। वह यह साबित करने में जुटे हैं कि यूपी में आजाद समाज पार्टी ही दलितों की सच्ची हितैषी है। वरिष्ठ पत्रकार नवल कांत सिन्हा कहते हैं- चंद्रशेखर को काउंटर करने के लिए मायावती ने लोकसभा चुनाव से पहले आकाश आनंद को जिम्मेदारी दी थी। हालांकि चंद्रशेखर ने नगीना लोकसभा सीट से जीत हासिल की। अब मायावती ने चंद्रशेखर से मुकाबले के लिए फिर आकाश आनंद को ट्रंप कार्ड बनाया है। वह आकाश के जरिए युवाओं के बीच पकड़ बनाना चाहती हैं। मैसेज देना चाहती हैं कि बसपा ही दलितों की सच्ची हितैषी है। तीन बड़ी वजह, क्यों बदलनी पड़ी मायावती को रणनीति… 1- बसपा संदेश देना चाहती है, उसने मैदान नहीं छोड़ा
बसपा में कार्यकर्ताओं से मिली रिपोर्ट के आधार पर संगठन के काम से जुड़े लोगों को हटाया-बैठाया जा रहा है। इससे पार्टी अपने कोर मतदाताओं को यह संदेश देना चाहती है कि उसने अभी मैदान नहीं छोड़ा है। आज भी उनके मुद्दों के लिए संघर्ष कर रही है। उन्हें उठा रही है। चाहे SC-ST के आरक्षण की बात हो या फिर महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा। बसपा को उम्मीद है, वोटर उसके पास लौट आएंगे जो सपा और कांग्रेस के पाले में चले गए हैं। 2- आरक्षण के मुद्दे के साथ दलितों का विश्वास जीतना
यूपी में बसपा को भाजपा से ज्यादा नुकसान कांग्रेस और सपा के गठबंधन ने पहुंचाया। बीते लोकसभा चुनाव में इंडी गठबंधन ने ‘आरक्षण’ और ‘संविधान पर खतरा’ को मुद्दा बनाया। दोनों दलों ने कहा, अगर भाजपा फिर सत्ता में आई तो आरक्षण और संविधान दोनों को खत्म कर देगी। ये दोनों मुद्दे दलितों के दिल के करीब हैं। कांग्रेस और सपा की इस कोशिश का उन्हें फायदा भी मिला। जब परिणाम आया, तो दोनों ने यूपी की 80 में 43 सीटों पर कब्जा जमा लिया। संविधान और आरक्षण को मुद्दा बनाने से दलितों के एक बड़े तबके का वोट सपा-कांग्रेस की ओर चला गया। यूपी में दलितों की आबादी 20 फीसदी से ज्यादा है। इसे बसपा का कोर वोट बैंक माना जाता है। लेकिन, यही वोट बैंक धीरे-धीरे उसके हाथ से खिसकता जा रहा है। उसी को वापस पाने में बसपा जुटी है। 3- टिकट बांटने की रणनीति में बदलाव
बसपा ने पिछले कुछ चुनावों में मुसलमानों को टिकट देने में काफी उदारता बरती, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। यही वजह है, बसपा ने अब टिकट बांटने की अपनी रणनीति में बदलाव किया है। यह उपचुनाव में दिख भी रहा है। उसने उपचुनाव के लिए अब तक 5 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं। सिर्फ एक मुस्लिम को उम्मीदवार बनाया है। इसके जरिए पार्टी ने मुसलमानों को कम टिकट देने के संकेत दिए हैं। उपचुनाव में मिल्कीपुर सबसे हॉट सीट मानी जा रही है। यह फैजाबाद लोकसभा सीट के तहत आती है। सपा के अवधेश प्रसाद ने लोकसभा चुनाव में फैजाबाद सीट से जीत दर्ज की। उनकी इस जीत की चर्चा देश और दुनिया में हुई। उपचुनाव में बसपा ने मिल्कीपुर में अपने पुराने कार्यकर्ता राजकुमार कोरी पर भरोसा जताया है। वहीं, मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट पर बसपा ने चंद्रशेखर आजाद की पार्टी के नेता शाह नजर को तोड़कर अपना उम्मीदवार बनाया। मझवां सीट से बसपा सुप्रीमो ने ब्राह्मण चेहरे दीपू तिवारी पर भरोसा जताया। अंबेडकर नगर की कटेहरी विधानसभा से कुर्मी चेहरे के तौर पर अमित वर्मा और फूलपुर से शिव बरन पासी को मैदान में उतारा है। क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक वरिष्ठ पत्रकार रतन मणिलाल कहते हैं- बसपा में सेकेंड लाइन ऑफ लीडरशिप कभी बन नहीं पाई। या यूं कहें राजनीतिक फैसले लेने का होल्ड मायावती अपने हाथ में रखना चाहती थीं। यही वजह रही कि कुछ सीनियर नेता पार्टी से निकलते गए। मायावती ने जब आकाश को उत्तराधिकारी बनाया तो यह बात और साफ हो गई कि वह दूसरे लोगों पर ज्यादा भरोसा नहीं करती हैं। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान आकाश के बयान पर हंगामा मचा था, जिसकी वजह से उन्हें हटाया गया। लेकिन, पार्टी देश और प्रदेश में हाशिए पर आ गई। ऐसे में पार्टी ने कोई बड़ा डिसीजन नहीं लिया, तो और भी मुश्किल हो जाएगी। आकाश का नाम फिर आगे कर मायावती ने सभी नेताओं के संशय को हमेशा के लिए दूर कर दिया। पार्टी के सीनियर नेताओं को भी साफ हो गया है कि उन्हें मायावती और आकाश आनंद के निर्देशों पर ही काम करना होगा। वरिष्ठ पत्रकार नवल कांत सिन्हा कहते हैं- आकाश आनंद को आगे करने के पीछे कई कारण हैं। बसपा लगातार असफलता झेल रही है। काफी समय से चर्चा चल रही थी कि फेस चेंज होना चाहिए। चंद्रशेखर दलितों का बड़ा नेता बनकर उभरे हैं। ऐसे में पार्टी को एक यूथ की जरूरत थी। बसपा के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया- आकाश आनंद ही बसपा के भविष्य हैं। फिर से यूथ के बीच में अपनी पकड़ बनाने के लिए मायावती ने उन्हें उत्तराधिकारी के तौर पर जिम्मेदारियां सौंपी हैं। यह खबर भी पढ़ें मायावती 5 साल और बसपा अध्यक्ष रहेंगी; भतीजे आकाश आनंद का कद बढ़ाया, 4 राज्यों का चुनाव प्रभारी बनाया मायावती एक बार फिर बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनी गई हैं। वह अगले 5 साल तक यानी 2029 तक पार्टी की मुखिया रहेंगी। भतीजे आकाश आनंद का भी पार्टी में कद बढ़ाया गया है। उनको 4 चुनावी राज्यों की जिम्मेदारी दी गई है। पढ़ें पूरी खबर