पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट से सांसद बने अमृतपाल सिंह के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में आज सुनवाई होने जा रही है। अमृतपाल सिंह पर चुनाव प्रचार के दौरान धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल करने और नामांकन पत्र में कई अहम जानकारियां छिपाने का आरोप है, जिस पर हाईकोर्ट आज सुनवाई करेगा। अमृतपाल सिंह के खिलाफ विक्रमजीत सिंह ने हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने खडूर साहिब सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था। अमृतपाल सिंह का घोषणापत्र गुरुद्वारे से जारी किया गया था। इसे गलत करार दिया गया है। अमृतपाल सिंह के खिलाफ कोर्ट पहुंचे विक्रमजीत सिंह ने याचिका में आरोप लगाया है कि अमृतपाल सिंह ने नामांकन पत्र में कई अहम जानकारियां छिपाई हैं। अपने चुनाव खर्च की कोई जानकारी नहीं दी है, जिसमें उनके समर्थन में रोजाना कई सभाएं की गईं और पैसा कहां खर्च किया गया, इसकी भी जानकारी नहीं दी गई है। उन्होंने अमृतपाल सिंह पर धार्मिक पहचान का इस्तेमाल कर धर्म के नाम पर वोट मांगने का आरोप लगाया है। सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था मामला अमृतपाल सिंह के निर्वाचन को चुनौती देने वाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंची थी। याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि संविधान का अनुच्छेद 84 संसद की सदस्यता के लिए योग्यता से संबंधित है, और इसमें कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति संसद की सीट भरने के लिए तब तक योग्य नहीं होगा जब तक वह भारत का नागरिक न हो। सुप्रीम कोर्ट ने ये कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी कि इसके लिए प्रक्रियाएं निर्धारित हैं और जन प्रतिनिधित्व कानून में प्रावधान हैं। असम की जेल में बंद है अमृतपाल असम की जेल में बंद है अमृतपाल सिंह खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह को अप्रैल 2023 में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया था। अमृतपाल को फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है। अमृतपाल सिंह अजनाला थाने पर हमला करने समेत कई एफआईआर में भी आरोपी हैं। जेल में रहते हुए अमृतपाल सिंह ने पंजाब के खडूर साहिब संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 2024 का लोकसभा चुनाव जीता है। अमृतपाल सिंह ने कांग्रेस के कुलबीर जिन्ह जीरा को करीब दो लाख वोटों के अंतर से हराया था। खडूर साहिब से जीत के बाद अमृतपाल को शपथ ग्रहण के लिए पैरोल मिली थी। पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट से सांसद बने अमृतपाल सिंह के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में आज सुनवाई होने जा रही है। अमृतपाल सिंह पर चुनाव प्रचार के दौरान धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल करने और नामांकन पत्र में कई अहम जानकारियां छिपाने का आरोप है, जिस पर हाईकोर्ट आज सुनवाई करेगा। अमृतपाल सिंह के खिलाफ विक्रमजीत सिंह ने हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने खडूर साहिब सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था। अमृतपाल सिंह का घोषणापत्र गुरुद्वारे से जारी किया गया था। इसे गलत करार दिया गया है। अमृतपाल सिंह के खिलाफ कोर्ट पहुंचे विक्रमजीत सिंह ने याचिका में आरोप लगाया है कि अमृतपाल सिंह ने नामांकन पत्र में कई अहम जानकारियां छिपाई हैं। अपने चुनाव खर्च की कोई जानकारी नहीं दी है, जिसमें उनके समर्थन में रोजाना कई सभाएं की गईं और पैसा कहां खर्च किया गया, इसकी भी जानकारी नहीं दी गई है। उन्होंने अमृतपाल सिंह पर धार्मिक पहचान का इस्तेमाल कर धर्म के नाम पर वोट मांगने का आरोप लगाया है। सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था मामला अमृतपाल सिंह के निर्वाचन को चुनौती देने वाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंची थी। याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि संविधान का अनुच्छेद 84 संसद की सदस्यता के लिए योग्यता से संबंधित है, और इसमें कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति संसद की सीट भरने के लिए तब तक योग्य नहीं होगा जब तक वह भारत का नागरिक न हो। सुप्रीम कोर्ट ने ये कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी कि इसके लिए प्रक्रियाएं निर्धारित हैं और जन प्रतिनिधित्व कानून में प्रावधान हैं। असम की जेल में बंद है अमृतपाल असम की जेल में बंद है अमृतपाल सिंह खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह को अप्रैल 2023 में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया था। अमृतपाल को फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है। अमृतपाल सिंह अजनाला थाने पर हमला करने समेत कई एफआईआर में भी आरोपी हैं। जेल में रहते हुए अमृतपाल सिंह ने पंजाब के खडूर साहिब संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 2024 का लोकसभा चुनाव जीता है। अमृतपाल सिंह ने कांग्रेस के कुलबीर जिन्ह जीरा को करीब दो लाख वोटों के अंतर से हराया था। खडूर साहिब से जीत के बाद अमृतपाल को शपथ ग्रहण के लिए पैरोल मिली थी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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फतेहगढ़ साहिब में मर्डर की फेक VIDEO से हड़कंप:पेंटर को गोलियों मारने का बताकर किया वायरल, तलाश में जुटी पुलिस
फतेहगढ़ साहिब में मर्डर की फेक VIDEO से हड़कंप:पेंटर को गोलियों मारने का बताकर किया वायरल, तलाश में जुटी पुलिस फतेहगढ़ साहिब जिले के मंडी गोबिंदगढ़ में एक पेंटर को गोलियों से छलनी करने का वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो यहां की पुलिस की नींद उड़ गई। एक के बाद एक ग्रुप में यह वीडियो वायरल होती गई। जब मामला सीनियर अधिकारियों के ध्यान में आया तो तुरंत एसएचओ की ड्यूटी लगाई गई। जांच पड़ताल में यह वीडियो फेक निकली। 12 सेकेंड की वीडियो जांच का विषय सोशल मीडिया पर वायरल हुई 12 सेकेंड की यह वीडियो जांच का विषय बन गई है। इस वीडियो को वायरल करते हुए साथ लिखा गया कि मंडी गोबिंदगढ़ में घर में पेंट कर रहे पेंटर को मकान मालिक ने गोलियां मारकर कत्ल किया। इस मैसेज के साथ 16 जुलाई 2024 तारीख भी लिखी गई। ताकि किसी को यह शक न हो कि वीडियो पुराना है। वीडियो में एक पेंटर को गोलियां मारते हुए दिखाया गया है। एक के बाद एक कई गोलियों से पेंटर को छलनी कर दिया जाता है। सुबह से आ रहे थे फोन वहीं मंडी गोबिंदगढ़ थाना एसएचओ अर्शदीप शर्मा ने बताया कि उन्हें भी सुबह से फोन आ रहे थे, कि वीडियो में कितनी सच्चाई है। इसके बाद जांच शुरू की गई। पुलिस ने सरकारी अस्पताल समेत सभी निजी अस्पतालों से पता किया। शहर के गणमान्य लोगों से बात की गई। जांच पड़ताल के बाद मीडिया के माध्यम से सफाई दी कि यह वीडियो मंडी गोबिंदगढ़ का नहीं है। वीडियो कहां का है और कैसे बना है। किसने वायरल किया है। इसे लेकर जांच की जा रही है।
राम रहीम डेरा मैनेजर की हत्या के केस में बरी:हाईकोर्ट ने CBI कोर्ट का फैसला रद्द किया; पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में जेल में रहेगा
राम रहीम डेरा मैनेजर की हत्या के केस में बरी:हाईकोर्ट ने CBI कोर्ट का फैसला रद्द किया; पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में जेल में रहेगा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम समेत 5 लोगों को डेरा मैनेजर रणजीत सिंह हत्याकांड में बरी कर दिया है। राम रहीम समेत 5 आरोपियों को CBI कोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी थी। राम रहीम इस वक्त रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। उसे 3 मामलों में सजा हुई थी। इनमें रणजीत हत्याकांड के अलावा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या और साध्वियों के यौन शोषण का केस भी शामिल है। पत्रकार की हत्या में उसे उम्रकैद और यौन शोषण के 2 केसों में 10-10 साल की कैद हुई थी। इस केस में बरी होने के बावजूद राम रहीम को अभी जेल में ही रहना होगा। हाईकोर्ट के फैसले पर डेरा सच्चा सौदा ने कहा कि हमें न्यायपालिका पर हमेशा पूर्ण विश्वास रहा है और माननीय न्यायालय से हमें न्याय मिला है। 22 साल पहले हत्या, 19 साल बाद हुई थी सजा, 3 साल बाद बरी
कुरुक्षेत्र के रहने वाले डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह की 10 जुलाई 2002 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसकी पुलिस जांच हुई, लेकिन डेरे को क्लीन चिट दे दी गई। पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर CBI जांच की मांग की थी। हालांकि, शुरुआत में इस मामले में राम रहीम का नाम नहीं था, लेकिन साल 2003 में जांच CBI को सौंपी गई। फिर 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान पर डेरा प्रमुख को शामिल किया गया। इस मामले में 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर आरोप तय किए थे। 19 साल के बाद अक्टूबर 2021 में डेरा मुखी समेत 5 आरोपियों को दोषी करार दिया गया। जिसके बाद CBI ने इन्हें उम्रकैद की सजा दे दी। सजा मिलने के तीन साल बाद राम रहीम हाईकोर्ट से बरी हो गया। रणजीत का पूरा परिवार डेरे से जुड़ा था, चिट्ठी के बाद इस्तीफा दिया
साल 2002 में रणजीत सिंह डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर थे। रणजीत सिंह कुरुक्षेत्र के रहने वाले थे। उनका पूरा परिवार भी डेरे से जुड़ा हुआ था। सब कुछ ठीक चल रहा था कि अचानक एक गुमनाम चिठ्ठी की वजह से डेरा सच्चा सौदा में हंगामा खड़ा हो गया था। उस गुमनाम खत में एक साध्वी का यौन शोषण किए जाने का खुलासा था। चिठ्ठी सामने आते ही डेरा सच्चा सौदा पर सवाल उठने लगे। डेरे में यौन शोषण के आरोप सामने आने के बाद रणजीत सिंह आहत हो गए। इसी बात को लेकर उन्होंने डेरे के मैनेजर पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके साथ परिवार के लोग भी डेरे से अलग हो गए। गुमनाम चिट्ठी के शक में मारी गई थी गोली
रणजीत सिंह की हत्या का मामला गुमनाम चिट्ठी से जुड़ा हुआ है, जिसमें डेरे में साध्वियों के यौन शोषण के आरोप लगाए गए थे। ये वह चिट्ठी थी, जो तत्कालीन PM अटल बिहारी वाजपेयी को भेजी गई थी। CBI ने दावा किया था कि डेरे को शक था कि रणजीत ने ही अपनी बहन से साध्वियों के यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी लिखवाई है। CBI ने जांच के बाद कोर्ट में कहा था कि राम रहीम को शक था कि गुमनाम चिट्ठी के पीछे रणजीत का हाथ है। इस चिट्ठी में रणजीत की बहन का भी जिक्र था। इस चिट्ठी के सामने आने के बाद रणजीत को डेरे में बुलाया गया। जहां उसे गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी दी गई थी। हालांकि, रणजीत ने कहा कि इस चिट्ठी के पीछे उसकी कोई भूमिका नहीं है। जिसके बाद उसकी हत्या हो गई। यह चिट्ठी बाद में सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने अपने अखबार में छापी थी। इसके बाद पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को 24 अक्टूबर को गोली मारी गई थी। इसके बाद उसे दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 21 नवंबर को उनकी मौत हो गई थी। छत्रपति की हत्या के केस में भी राम रहीम उम्रकैद काट रहा है। ये खबरें भी पढ़ें… वह गुमनाम चिट्ठी, जिसके बाद रणजीत का मर्डर हुआ:इसी केस में राम रहीम बरी हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के चीफ राम रहीम के साम्राज्य को एक गुमनाम चिट्ठी ने तबाह किया था। यह चिट्ठी डेरे में साध्वियों के यौन शोषणा से जुड़ी हुई थी। यह चिट्ठी 13 मई 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को संबोधित कर लिखी गई थी।इस चिट्ठी के सामने आने के बाद पहले डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह का मर्डर हुआ (पूरी खबर पढ़ें) गुरमीत के राम रहीम बनने की पूरी कहानी:17 की उम्र में शादी, 23 में संन्यासी बना; एक पोशाक से हिंसा फैली, रेप-मर्डर में सजा डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 22 साल पुराने रणजीत सिंह मर्डर केस में हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। राम रहीम अभी रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। वह जेल से बाहर नहीं आएगा। एक सामान्य इंसान से डेरा सच्चा का प्रमुख बनने तक राम रहीम की कहानी दिलचस्प है। राम रहीम का जन्म 15 अगस्त 1967 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले की गुरुसर मोडिया गांव में जट सिख परिवार में हुआ। वह माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसके पिता मघर सिंह गांव के जमींदार थे। माता का नाम नसीब कौर है। (पूरी खबर पढ़ें) रणजीत का परिवार जाएगा सुप्रीम कोर्ट:राम रहीम को बरी किए जाने से परिवार मायूस, बेटा और जीजा बोले-मरते दम तक लड़ेंगे लड़ाई हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर रणजीत सिंह के मर्डर केस में हाईकोर्ट ने डेरा प्रमुख को बरी कर दिया है। इस फैसले से रणजीत सिंह का परिवार मायूस है। परिवार का कहना है कि वह कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। इसके लिए वकीलों से राय ली जा रही है। जल्द ही इसके लिए कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई शुरू करेंगे। (पूरी खबर पढ़ें)
पटियाला के युवक को अमेरिका में मारी गोलियां:इलाज के दौरान दम तोड़ा, डेढ़ साल पहले गया था विदेश
पटियाला के युवक को अमेरिका में मारी गोलियां:इलाज के दौरान दम तोड़ा, डेढ़ साल पहले गया था विदेश पंजाब के पटियाला के कस्बा समाना के रहने वाले एक युवक की अमेरिका में गोली मार कर हत्या कर दी गई। युवक की मौत के बाद परिवार का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। युवक पंजाब के पटियाला में 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद परिवार से अमेरिका जाने को कह रहा था। जिसके बाद परिवार ने उसे अमेरिका भेज दिया था। जहां बीती रात उसकी गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। मां बोली- 12वीं के बाद बेटा विदेश जाने की करता था जिद मृतक की पहचान अरमान सिंह के तौर पर हुई है, जो समाना के गांव कुतबनपुर का रहने वाला था। अरमान की मां ने विलाप करते हुए कहा कि बेटी की बीते दिन उनकी अपने बेटे के साथ बातचीत हुई थी। तब तक वह बिल्कुल ठीक था। मगर देर रात अमेरिका से किसी रिश्तेदार ने फोन कर बताया कि बेटे को गोली लगी है। बेटा जिद करता था कि वह विदेश जाना चाहता था। परिवार ने सरकार से मदद की गुहार लगाई जानकारी के अनुसार अरमान सिंह अमेरिका में ट्रक चलाने का काम करता था। सुबह उसने काम पर जाना था। उसके घर के पास ही गोलियां मारकर उसकी हत्या कर दी गई। हत्या क्यों की गई, इस पर फिलहाल कोई कारण नहीं पता चल पाया है। अमेरिका में पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं, परिवार ने सरकार से गुहार लगाई है कि उनके बेटे के शव को गांव लेकर आने में मदद की जाए। परिवार ने कहा कि करीब डेढ़ साल पहले वह अमेरिका गया था। वहां पर वह अपने रिश्तेदार के साथ रहता था।