पंजाब की सबसे चर्चित सीट रही खडूर साहिब पर सबसे अधिक मार्जिन से जीत के बाद खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह की पत्नी किरणदीप कौर असम की डिब्रूगढ़ जेल पहुंच गई हैं। आज बुधवार किरणदीप कौर ने अपने पति व चुने गए सांसद अमृतपाल सिंह के साथ मुलाकात की है। मिली जानकारी के अनुसार अमृतपाल सिंह के साथ किरणदीप कौर ने अगली रणनीति पर चर्चा की है। किरणदीप कौर और अमृतपाल सिंह के वकील एडवोकेट राजदेव सिंह खालसा बुधवार को डिब्रूगढ़ जेल पहुंचे और अमृतपाल के साथ-साथ सभी बंदी सिखों से मुलाकात की। मंलगवार को ही अमृतपाल सिंह ने खडूर साहिब सीट से पंजाब के सबसे अधिक वोट मार्जिन 1.97 लाख वोटों के अंतर से चुनाव जीता है। परिवार की कोशिश है कि नियमों अनुसार अमृतपाल सिंह को अब बाहर लाने का प्रयास किया जाए। जिसमें अब अमृतपाल सिंह के पास जनमत भी है। पंजाब आने के प्रयासों के बाद चुनाव लड़ने का किया था ऐलान गौरतलब है कि अमृतपाल सिंह को असम की डिब्रूगढ़ जेल में नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत बंद कर रखा। चुनावों से पहले अमृतपाल सिंह के परिवार ने उसे पंजाब लाने के कई प्रयास किए। जेल में अमृतपाल सिंह ने अपने 9 साथियों के साथ भूख हड़ताल भी रखी। लेकिन जब कोई हल ना निकला तो अचानक ही परिवार ने भारतीय संविधान के नीचे अमृतपाल के चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। जानें कौन है अमृतपाल सिंह अमृतपाल मूल रूप से अमृतसर के जल्लू खेड़ा गांव के रहने वाले हैं। अमृतपाल दुबई में रहते थे। वे लाल किला हिंसा से चर्चा में आए पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू की मौत के बाद 2022 में पंजाब लौटे। यहां आकर दीप सिद्धू के संगठन वारिस पंजाब दे के चीफ बन गए। इसके बाद अमृतपाल ने भड़काऊ और खालिस्तान समर्थित बयानबाजी शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस ने अमृतपाल के एक साथी को हिरासत में ले लिया। उसे छुड़ाने के लिए अमृतपाल ने साथियों के साथ अजनाला पुलिस थाने में धरना दिया। अमृतपाल पर आरोप लगे कि उन्होंने थाने पर हमला किया। पुलिस से टकराव हुआ। इसी दौरान अमृतपाल ने नशा छुड़ाओ मुहिम भी शुरू की। हालांकि इसके बाद पंजाब पुलिस ने अमृतपाल पर केस दर्ज कर घेराबंदी शुरू कर दी। कई दिनों की फरारी के बाद अमृतपाल को जनरैल सिंह भिंडरावाले के गांव रोडे से गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद अमृतपाल पर राष्ट्रीय सुरक्षा एक्ट (NSA) के तहत केस दर्ज कर असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया। पंजाब की सबसे चर्चित सीट रही खडूर साहिब पर सबसे अधिक मार्जिन से जीत के बाद खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह की पत्नी किरणदीप कौर असम की डिब्रूगढ़ जेल पहुंच गई हैं। आज बुधवार किरणदीप कौर ने अपने पति व चुने गए सांसद अमृतपाल सिंह के साथ मुलाकात की है। मिली जानकारी के अनुसार अमृतपाल सिंह के साथ किरणदीप कौर ने अगली रणनीति पर चर्चा की है। किरणदीप कौर और अमृतपाल सिंह के वकील एडवोकेट राजदेव सिंह खालसा बुधवार को डिब्रूगढ़ जेल पहुंचे और अमृतपाल के साथ-साथ सभी बंदी सिखों से मुलाकात की। मंलगवार को ही अमृतपाल सिंह ने खडूर साहिब सीट से पंजाब के सबसे अधिक वोट मार्जिन 1.97 लाख वोटों के अंतर से चुनाव जीता है। परिवार की कोशिश है कि नियमों अनुसार अमृतपाल सिंह को अब बाहर लाने का प्रयास किया जाए। जिसमें अब अमृतपाल सिंह के पास जनमत भी है। पंजाब आने के प्रयासों के बाद चुनाव लड़ने का किया था ऐलान गौरतलब है कि अमृतपाल सिंह को असम की डिब्रूगढ़ जेल में नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत बंद कर रखा। चुनावों से पहले अमृतपाल सिंह के परिवार ने उसे पंजाब लाने के कई प्रयास किए। जेल में अमृतपाल सिंह ने अपने 9 साथियों के साथ भूख हड़ताल भी रखी। लेकिन जब कोई हल ना निकला तो अचानक ही परिवार ने भारतीय संविधान के नीचे अमृतपाल के चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। जानें कौन है अमृतपाल सिंह अमृतपाल मूल रूप से अमृतसर के जल्लू खेड़ा गांव के रहने वाले हैं। अमृतपाल दुबई में रहते थे। वे लाल किला हिंसा से चर्चा में आए पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू की मौत के बाद 2022 में पंजाब लौटे। यहां आकर दीप सिद्धू के संगठन वारिस पंजाब दे के चीफ बन गए। इसके बाद अमृतपाल ने भड़काऊ और खालिस्तान समर्थित बयानबाजी शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस ने अमृतपाल के एक साथी को हिरासत में ले लिया। उसे छुड़ाने के लिए अमृतपाल ने साथियों के साथ अजनाला पुलिस थाने में धरना दिया। अमृतपाल पर आरोप लगे कि उन्होंने थाने पर हमला किया। पुलिस से टकराव हुआ। इसी दौरान अमृतपाल ने नशा छुड़ाओ मुहिम भी शुरू की। हालांकि इसके बाद पंजाब पुलिस ने अमृतपाल पर केस दर्ज कर घेराबंदी शुरू कर दी। कई दिनों की फरारी के बाद अमृतपाल को जनरैल सिंह भिंडरावाले के गांव रोडे से गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद अमृतपाल पर राष्ट्रीय सुरक्षा एक्ट (NSA) के तहत केस दर्ज कर असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया। पंजाब | दैनिक भास्कर
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कपूरथला के एसआई को मिला CM रक्षक पदक:विभिन्न थानों में बतौर SHO दी सेवाएं, दो अन्यों को भी सीएम ने किया सम्मानित कपूरथला जिले के विभिन्न थानों में बतौर SHO रहते हुए बेहतर सेवाएं निभाने तथा अपराधिक तत्वों पर शिकंजा कसने वाले कपूरथला से संबंधित सब इंस्पेक्टर अमनदीप नाहर को आज राज्य स्तरीय आजादी दिवस समारोह में CM भगवत मान ने मुख्यमंत्री रक्षक पदक से सम्मानित किया है। इसके साथ-साथ फगवाड़ा सब डिवीज़न के एक ASI जसबीर सिंह तथा कांस्टेबल रणजीत सिंह को भी बेहतर सेवाएं देने के लिए यह पदक दिया गया है। बता दें कि कपूरथला के सब इंस्पेक्टर अमनदीप नाहर कपूरथला सिटी थाना, सुभानपुर थाना, फगवाड़ा सिटी थाना के सहित जिले के विभिन्न थानों में बतौर SHO के तौर पर सेवाएं निभा चुके हैं। हालांकि बीते चुनावों में उनका तबदला होशियारपुर हो गया था और मौजूदा समय में वह होशियारपुर में SHO की सेवाएं निभा रहे हैं। इस दौरान अमनदीप नाहर ने निडरता से ड्यूटी निभाते हुए आपराधिक तत्वों पर शिकंजा कसा है। सब इंस्पेक्टर अमनदीप नाहर ने बताया कि उन्होंने देश की सेवाएं करने के जज्बे के साथ 7 मार्च 2017 को सब इंस्पेक्टर पद पर पंजाब पुलिस ज्वाइन की थी। हालांकि इससे पहले वह BSF में सब इंस्पेक्टर के पद पर सेवा निभा रहे थे। बेहतर सेवा देने वालों मिले पदक पंजाब के जालंधर में आज आजादी दिवस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब सरकार की सिफारिश तथा पंजाब के राज्यपाल ने आजादी दिवस के मौके पर बेहतर सेवाएं निभाने वाले पुलिस अधिकारियों को मुख्यमंत्री रक्षक पदक प्रदान कर सम्मानित किया गया। इसी क्रम में कपूरथला सिटी थाना के पूर्व SHO सब इंस्पेक्टर अमनदीप नहर को भी पदक देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान फगवाड़ा डिवीज़न की इंडस्ट्रियल एरिया चौकी के ASI जसवीर सिंह तथा थाना सिटी फगवाड़ा के कांस्टेबल रणजीत सिंह को भी बेहतर सेवाओं के लिए मुख्यमंत्री रक्षक पदक पुरस्कार दिया गया।
अटक सकती है कंगना की इमरजेंसी फिल्म:सेंसर बोर्ड ने हाईकोर्ट में दिया जवाब, कहा- सर्टिफिकेट नहीं हुआ जारी; 6 सितंबर है रिलीज डेट
अटक सकती है कंगना की इमरजेंसी फिल्म:सेंसर बोर्ड ने हाईकोर्ट में दिया जवाब, कहा- सर्टिफिकेट नहीं हुआ जारी; 6 सितंबर है रिलीज डेट भाजपा सांसद व एक्ट्रेस कंगना रनोट की फिल्म इमरजेंसी की रिलीज अटक सकती है। दरअसल, पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान सेंसर बोर्ड ने साफ कर दिया है कि इस फिल्म को अभी तक सर्टिफिकेट ही जारी नहीं किया गया। जबकि फिल्म को रिलीज करने के लिए मात्र 6 दिन ही शेष बचे हैं। फिल्म इमरजेंसी के खिलाफ एडवोकेट ईमान सिंह खारा की तरफ से याचिका दायर की गई थी। जिसकी सुनवाई हाईकोर्ट में हुई। एडवोकेट ईमान सिंह खारा का कहना है कि कोर्ट में सेंसर बोर्ड ने अपना जवाब दाखिल किया है। जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि इस फिल्म को अभी तक रिलीज के लिए सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया। जवाब के अनुसार फिल्म के खिलाफ कई शिकायतें हैं। शिकायतों को सुने जाने के बाद ही फिल्म को सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। एसजीपीसी ने सीन डिलीट करने की मांग रखी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के सदस्य गुरचरण सिंह गरेवाल ने कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सूचना और प्रसारण मंत्री के साथ-साथ सेंसर बोर्ड को भी पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया कि हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं है। फिल्म का विरोध सिर्फ इसलिए नहीं कर रहे कि इसमें कंगना रनोट हैं। हमारा रुख हमारे तर्क पर आधारित है। गुरुद्वारा कमेटी ने भी एक कानूनी नोटिस जारी किया था और कुछ सदस्यों ने अपनी रिट याचिका दायर करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया था। कंगना की फिल्म का प्रमोशन रोक दिया गया है, ये तो 6 सितंबर को ही पता चलेगा। कंगना अपनी फिल्म को प्रमोट करने के लिए बहुत कुछ करती हैंद्ध उनका कहना है कि उन्हें रेप और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। ये सब फिल्म प्रमोशन के स्टंट हैं, लेकिन अगर सेंसर बोर्ड ने यह (फिल्म को पास न करने का) फैसला किया है, तो यह एक अच्छी बात है, क्योंकि यह मामला सिर्फ सिखों से जुड़ा नहीं है, यह देश में सद्भाव की चिंताओं से भी जुड़ा है। कंगना का दावा, सेंसर वालों को आ रहीं धमकियां फिल्म का सेंसर सर्टिफिकेट रोके जाने पर कंगना रनोट ने अपना एक वीडियो भी बीते दिन जारी किया था। जिस पर कंगना ने दावा किया है कि सेंसर वालों को धमकियां आ रही हैं, जिसके चलते फिल्म की रिलीज को रोका गया है। वीडियो में कंगना ने कहा- कई तरह की अफवाहें उड़ रही हैं कि हमारी फिल्म इमरजेंसी को सेंसर सर्टिफिकेट मिल गया है। इट इज नॉट ट्रू (ये सच नहीं है)। इनफैक्ट, हमारी फिल्म क्लीयर हो गई थी, लेकिन उसकी सर्टिफिकेशन रोक ली गई है। क्योंकि, बहुत ज्यादा धमकियां आ रही हैं, जान से मार देने की। सेंसर वालों को बहुत ज्यादा धमकियां आ रही हैं। तो हम पर ये प्रेशर है कि मिसेज गांधी की असेसिनेशन ना दिखाई जाए। भिंडरांवाला को ना दिखाएं। पंजाब रॉयट्स ना दिखाएं। आई डोंट नो (मुझे नहीं पता) फिर क्या दिखाएं। क्या हुआ कि फिल्म अचानक से ब्लैक-आउट हो जाती है। दिस इज अनब्लीवेबल टाइम फोर मी ( ये मेरे लिए अविश्वसनीय समय है)। आई एम वैरी सॉरी फॉर द स्टेट ऑफ थिंग्स इन दिस कंट्री (मुझे इस देश की स्थिति पर बहुत खेद है)। पंजाब सहित तेलंगाना भी बैन लगाने की तैयारी में पंजाब में विवाद के बाद आम आदमी पार्टी के सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने बीते दिन ही संकेत दिया था कि फिल्म को पंजाब में रिलीज के लिए रोका जा सकता है। पंजाब के अलावा तेलंगाना भी इस फिल्म की रिलीज पर बैन लगाने की तैयारी में है। दोनों राज्यों में सिख संगठन की मांग के बाद ही इस पर बैन लगाने पर विचार किया जा रहा है। कंगना सहित जी-स्टूडियो को भेजा जा चुका नोटिस इससे पहले SGPC प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी फिल्म अदाकारा कंगना रनोट के खिलाफ FIR की मांग कर चुके हैं। एडवोकेट धामी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा था कि कंगना रनोट अक्सर जानबूझकर सिखों की भावनाओं को भड़काने वाली बातें करती रही हैं। सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचा रही है। सरकार को कंगना रनोट के खिलाफ फिल्म इमरजेंसी के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज करना चाहिए। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह भी फिल्म पर कड़े ऐतराज जता चुके हैं और फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग कर चुके हैं। इसके अलावा एसजीपीसी की तरफ से कंगना रनोट सहित फिल्म का ट्रेलर रिलीज करने वाले जी-स्टूडियो को भी नोटिस भेजा जा चुका है। सांसद सर्बजीत खालसा ने उठाया था मामला ये मामला सबसे पहले पंजाब के फरीदकोट से निर्वाचित सांसद सर्बजीत सिंह खालसा की तरफ से अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर उठाया गया था। सर्बजीत खालसा ने ब्रॉडकास्ट मंत्रालय से इस फिल्म की रिलीज को रोकने की मांग रखी थी। उनकी तरफ से ऐतराज उठाए जाने के बाद ही ये मामला श्री अकाल तख्त साहिब व एसजीपीसी के ध्यान में आया था। फिल्म में दिखाया आतंकवाद का दौर, भिंडरांवाले का कैरेक्टर भी रखा कंगना ने कुछ दिन पहले इस फिल्म का ट्रेलर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था। जिसमें पंजाब में 1980 के दशक में आतंकवाद के दौर को भी दिखाया गया है। इसमें एक कैरेक्टर को जरनैल सिंह भिंडरांवाला भी बनाया गया है, जिसे कट्टरपंथी सिख संत के तौर पर देखते हैं। सर्बजीत खालसा का मानना है कि फिल्म में ब्लू स्टार ऑपरेशन को लेकर भी फिल्माया गया है, जो जरनैल सिंह भिंडरांवाला को खत्म करने के लिए ही चलाया गया था।
आकाशवाणी ने किया एलपीयू में सूफी संगीत कार्यक्रम का आयोजन
आकाशवाणी ने किया एलपीयू में सूफी संगीत कार्यक्रम का आयोजन भास्कर न्यूज | जालंधर आकाशवाणी जालंधर की ओर से बुधवार को देश की आजादी की वर्षगांठ को समर्पित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में सूफी रंग संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रसिद्ध सूफी गायक रजा हीर और याकूब ने अपनी संगीत प्रतिभा से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। विभिन्न विभागों के प्रतिभागियों ने शानदार प्रस्तुतियां देकर दर्शकों से खूब तालियां भी बटोरी। आकाशवाणी जालंधर के कार्यक्रम प्रमुख अमरजीत सिंह ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य स्वतंत्रता समारोह में छात्रों को शामिल करना और उन्हें सूफी संगीत से अवगत कराना है। याकूब और उनकी पार्टी ने विभिन्न सूफी गीतों के साथ दर्शकों का मनोरंजन करवाया। रजा हीर ने अपने प्रदर्शन के दौरान सूफी शैली को आधुनिक संगीत का स्वाद भी दिया। आकाशवाणी जालंधर ने कलाकारों और विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक प्रमुख डॉ. बलप्रीत सिंह को सम्मानित किया। कार्यक्रम का समापन करते हुए आकाशवाणी जालंधर के उप निदेशक वर्णम सिंह ने दर्शकों को धन्यवाद दिया। इस मौके पर एलपीयू के डीन डॉ. सोरभ लखनपाल,आकाशवाणी के उप निदेशक शिशु शर्मा, उप निदेशक दिलबाग सिंह और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अनिल कुमार संधू, कार्यक्रम कार्यकारी सोहन कुमार, मोहम्मद इम्तियाज, गुरविंदर सिंह, अमन देव जोशी और सहायक पुस्तकालय और सूचना अधिकारी प्रभजोत कौर आदि मौजूद रहे।