अमृतपाल सिंह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका खारिज:सांसद चुने जाने को चुनौती, पीठ ने कहा- आप चुनाव याचिका दायर करें

अमृतपाल सिंह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका खारिज:सांसद चुने जाने को चुनौती, पीठ ने कहा- आप चुनाव याचिका दायर करें

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी सिख अमृतपाल सिंह के पंजाब के खडूर साहिब से सांसद चुने जाने के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी। यह याचिका जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष दायर की गई थी। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि संविधान का अनुच्छेद 84 संसद की सदस्यता के लिए योग्यता से संबंधित है और इसमें कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति संसद की सीट भरने के लिए तब तक योग्य नहीं होगा जब तक वह भारत का नागरिक न हो। कोर्ट रूम से लाइव – याचिकाकर्ता- इस मामले में अमृतपाल सिंह ने कहा था कि वह भारत के संविधान के प्रति निष्ठा नहीं रखते हैं। पीठ- आप चुनाव याचिका दायर करें। याचिकाकर्ता- वह खडूर साहिब निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता नहीं है, लेकिन अमृतपाल सिंह द्वारा पहले दिए गए बयानों से मैं गहरा आहत हुआ हूं। पीठ- यह एविडेंस का मामला है। इसके लिए प्रक्रियाएं निर्धारित हैं। जन प्रतिनिधित्व कानून में प्रावधान हैं। पीठ ने याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा- “धन्यवाद, खारिज।” आजाद उम्मीदवार के तौर पर जीता अमृतपाल अमृतसर के खडूर साहिब का अमृतपाल सिंह 2022 में ही विदेश से वापस लौटा था। आते ही उसने वारिस पंजाब दे के मुखी के रूप में गद्दी संभाली। इसके साथ ही देश विरोधी बयान के कारण लाइम-लाइट में आ गया। अपने साथी को थाने से छुड़ाने के लिए फरवरी 2023 को अमृतपाल सिंह अपने 400 से अधिक समर्थकों व गुरु ग्रंथ साहिब को लेकर अमृतसर के थाना अजनाला पहुंच गया और थाने पर कब्जा कर लिया। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उसके खिलाफ नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत मामला दर्ज किया। 23 अप्रेल को अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया। जेल में रहते ही उसने खडूर साहिब से आजाद चुनाव लड़ा और तकरीबन 1.97 लाख वोटों से जीत हासिल की। 5 जुलाई को ली शपथ आपको बता दें कि बीते 5 जुलाई को अमृतपाल सिंह को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए पैरोल दी गई थी। अमृतपाल सिंह‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का मुखी है। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कथित अपराधों के लिए असम के डिब्रूगढ़ जिले की जेल में बंद है। पंजाब में अमृतपाल सिंह के खिलाफ 11 और एक मामला असम में दर्ज किया गया है। अमृतपाल सिंह ने जेल में रहते हुए खडूर साहिब से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव जीता है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी सिख अमृतपाल सिंह के पंजाब के खडूर साहिब से सांसद चुने जाने के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी। यह याचिका जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष दायर की गई थी। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि संविधान का अनुच्छेद 84 संसद की सदस्यता के लिए योग्यता से संबंधित है और इसमें कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति संसद की सीट भरने के लिए तब तक योग्य नहीं होगा जब तक वह भारत का नागरिक न हो। कोर्ट रूम से लाइव – याचिकाकर्ता- इस मामले में अमृतपाल सिंह ने कहा था कि वह भारत के संविधान के प्रति निष्ठा नहीं रखते हैं। पीठ- आप चुनाव याचिका दायर करें। याचिकाकर्ता- वह खडूर साहिब निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता नहीं है, लेकिन अमृतपाल सिंह द्वारा पहले दिए गए बयानों से मैं गहरा आहत हुआ हूं। पीठ- यह एविडेंस का मामला है। इसके लिए प्रक्रियाएं निर्धारित हैं। जन प्रतिनिधित्व कानून में प्रावधान हैं। पीठ ने याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा- “धन्यवाद, खारिज।” आजाद उम्मीदवार के तौर पर जीता अमृतपाल अमृतसर के खडूर साहिब का अमृतपाल सिंह 2022 में ही विदेश से वापस लौटा था। आते ही उसने वारिस पंजाब दे के मुखी के रूप में गद्दी संभाली। इसके साथ ही देश विरोधी बयान के कारण लाइम-लाइट में आ गया। अपने साथी को थाने से छुड़ाने के लिए फरवरी 2023 को अमृतपाल सिंह अपने 400 से अधिक समर्थकों व गुरु ग्रंथ साहिब को लेकर अमृतसर के थाना अजनाला पहुंच गया और थाने पर कब्जा कर लिया। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उसके खिलाफ नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत मामला दर्ज किया। 23 अप्रेल को अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया। जेल में रहते ही उसने खडूर साहिब से आजाद चुनाव लड़ा और तकरीबन 1.97 लाख वोटों से जीत हासिल की। 5 जुलाई को ली शपथ आपको बता दें कि बीते 5 जुलाई को अमृतपाल सिंह को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए पैरोल दी गई थी। अमृतपाल सिंह‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का मुखी है। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कथित अपराधों के लिए असम के डिब्रूगढ़ जिले की जेल में बंद है। पंजाब में अमृतपाल सिंह के खिलाफ 11 और एक मामला असम में दर्ज किया गया है। अमृतपाल सिंह ने जेल में रहते हुए खडूर साहिब से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव जीता है।   पंजाब | दैनिक भास्कर