पंजाब के अमृतसर में एयरपोर्ट रोड पर जुझार सिंह एवेन्यू में एक घर में तेज धमाका हुआ। धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई और जांच शुरू कर दी गई है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, धमाका एक घर के अंदर हुआ, लेकिन अभी तक इसकी वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है। पुलिस ने घर को अंदर से लॉक कर जांच शुरू कर दी है। किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। जांच के दौरान मीडियाकर्मियों को भी घटनास्थल के करीब जाने से रोका जा रहा है। जानकारी के अनुसार ये घर रघबीर कौर नामक महिला का है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल मामले की गहराई से जांच की जा रही है। किसी तरह की असामान्य गतिविधि या आतंकी पहलू को लेकर भी जांच की जा रही है। स्थानीय लोगों में डर का माहौल है, और वे इस घटना की वजह जानने के लिए बेचैन हैं। पंजाब के अमृतसर में एयरपोर्ट रोड पर जुझार सिंह एवेन्यू में एक घर में तेज धमाका हुआ। धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई और जांच शुरू कर दी गई है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, धमाका एक घर के अंदर हुआ, लेकिन अभी तक इसकी वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है। पुलिस ने घर को अंदर से लॉक कर जांच शुरू कर दी है। किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। जांच के दौरान मीडियाकर्मियों को भी घटनास्थल के करीब जाने से रोका जा रहा है। जानकारी के अनुसार ये घर रघबीर कौर नामक महिला का है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल मामले की गहराई से जांच की जा रही है। किसी तरह की असामान्य गतिविधि या आतंकी पहलू को लेकर भी जांच की जा रही है। स्थानीय लोगों में डर का माहौल है, और वे इस घटना की वजह जानने के लिए बेचैन हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
पठानकोट का मर्चेंट नेवी ऑफिसर 8 दिन बाद भी लापता:ओमान के पास समुद्र में 16 लोग डूबे, 10 को बचाया, 1 मृत मिला
पठानकोट का मर्चेंट नेवी ऑफिसर 8 दिन बाद भी लापता:ओमान के पास समुद्र में 16 लोग डूबे, 10 को बचाया, 1 मृत मिला अफ्रीकी देश कोमोरोस का झंडा लगा एक तेल टैंकर 14 जुलाई को ओमान के तट पर डूबने के बाद लापता हो गया। लापता 16 चालक दल के सदस्यों में से 13 भारतीय थे। टैंकर दुकम शहर के रस मदरका से 25 समुद्री मील दक्षिण पूर्व में डूब गया। लापता चालक दल के 10 सदस्यों को ढूंढ लिया गया है। उनमें से एक मृत पाया गया। इस जहाज के चालक दल में पंजाब के पठानकोट निवासी चीफ ऑफिसर राजिंदर सिंह भी शामिल थे। उनका अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। इस बात से उनका परिवार सदमे में है और उन्होंने भारत सरकार से उन्हें जल्द खोजने की अपील की है। चीफ ऑफिसर राजिंदर सिंह की पत्नी निर्मल मन्हास का रो-रोकर बुरा हाल है। हादसे की खबर 14 जुलाई की रात को मिली नम आंखों से पत्नी ने बताया कि उनके पति राजिंदर सिंह करीब 15-20 साल से मर्चेंट नेवी में काम कर रहे हैं। 11 जुलाई को वे पूरी तरह स्वस्थ होकर जहाज पर गए थे। 14 जुलाई की रात को खबर आई कि उनका जहाज दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। फिर 15, 16, 17 जुलाई को 9 क्रू मेंबर मिले और एक सदस्य का शव मिला। कंपनी मैनेजर ने हादसे की जानकारी दी पत्नी ने कहा कि मैं भारत सरकार से अपील करती हूं कि उनके पति को जल्द से जल्द ढूंढा जाए। बेटे डॉ. निशांत ने बताया कि पापा अभी जहाज से जुड़े ही थे। 14 जुलाई की रात को ओमान में दुकम एयरपोर्ट के पास जहाज पलटने की डिस्ट्रेस कॉल की गई। फिर मंगलवार रात को कंपनी मैनेजर ने हादसे की जानकारी दी। छह लोग अभी भी लापता हैं। उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। नौसेना को उन्हें खोजने की कोशिश जारी रखनी चाहिए। मैं भारत सरकार और विदेश मंत्री एस जयशंकर से अपील करती हूं कि सर्च ऑपरेशन जारी रखा जाए। कंपनी, मीडिया और सरकार किसी को जानकारी नहीं दामाद डॉ. दीपक ने बताया कि उनके ससुर पहले भारतीय नौसेना में थे। रिटायरमेंट के बाद वे मर्चेंट नेवी में चले गए। वे साल में छह महीने घर पर और छह महीने वर्क टूर पर रहते थे। यह एक तरह से उनका आखिरी टूर था। यहां भी जब भी उन्हें नेटवर्क मिलता था, वे वहां से कोई न कोई संदेश शेयर करते रहते थे। उन्होंने अपने परिवार के साथ एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया हुआ है। जिसमें वे रविवार तक क्रू के साथ सभी फोटो शेयर करते रहे। वे गुड मॉर्निंग मैसेज भी भेजते रहे। हादसे से एक दिन पहले उन्होंने ग्रुप में जहाज का वीडियो भी शेयर किया था। लेकिन एक हफ्ते से उनका कोई मैसेज नहीं आ रहा है। उनका फोन भी नहीं आ रहा है। पिछले सोमवार को हमने एक्स के जरिए कंपनी, मीडिया सूत्रों, सरकार से संपर्क किया। किसी को कुछ पता नहीं चला। सच्चाई को छिपाया नहीं जाना चाहिए दामाद डॉ. दीपक ने बताया कि मंगलवार देर रात 10 बजे उनकी कंपनी नेटको एफजेडई से सूचना मिली कि उनका एमटी प्रेस्टीज फाल्कन जहाज जो ओमान से निकलकर यमन की ओर जा रहा था, पलट गया है। 17 जुलाई को सूचना दी गई कि 9 सदस्य जीवित और एक मृत मिला है। हमें बताया गया कि राजिंदर सिंह जहाज पर नहीं मिले। लेकिन यह नहीं बताया जा रहा है कि वह लाइफ बोट पर गए या कहां। हमें उनकी स्थिति के बारे में जानकारी मिलनी चाहिए। सच्चाई को छिपाया नहीं जाना चाहिए। हम सकारात्मक और नकारात्मक दोनों बातें सुनने के लिए तैयार हैं। बस उनकी स्थिति का पता लगना चाहिए। 17 जुलाई के बाद परिवार के पास कोई जानकारी नहीं है। जिससे परिवार के लोग मानसिक आघात की स्थिति में हैं। स्थिति के बारे में स्पष्टता में देरी शर्मनाक बात है। हम दोषारोपण का खेल नहीं खेल रहे हैं। लेकिन जब तक नतीजा नहीं निकलता, तब तक ऐसी बातें होती रहेंगी।
रवनीत बिट्टू के खिलाफ स्पीकर से शिकायत:कांग्रेस सांसद ने लिखा लेटर; कहा- सोनिया गांधी के लिए असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया
रवनीत बिट्टू के खिलाफ स्पीकर से शिकायत:कांग्रेस सांसद ने लिखा लेटर; कहा- सोनिया गांधी के लिए असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू की तरफ से संसद में की गई टिप्पणी को लेकर लोकसभा स्पीकर को शिकायत भरा खत लिखा गया है। बिट्टू के अलावा इस लेटर में केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन संह और निशिकांत दुबे की भी शिकायत की गई है। यह शिकायत असम के जोरहाट से सांसद गौरव गोगोई की तरफ से की गई है। सांसद गोगाई ने शिकायत में लिखा है कि लोकसभा में संसदीय आचरण के गिरते मानकों के बारे में अपनी गहरी चिंता व्यक्त करने के लिए लिख रहा हूं। जैसा कि मौजूदा मानसून सत्र के कई उदाहरणों से पता चलता है। अक्सर सरकार के मंत्री ही विपक्षी दलों के सदस्यों के खिलाफ असंसदीय, आपत्तिजनक और धमकीभरी टिप्पणी करते हैं। मैं तीन उदाहरणों पर प्रकाश डालना चाहूंगा- 26 जुलाई: केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, जो सदन के सदस्य नहीं हैं, के खिलाफ धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल किया। 25 जुलाई: राज्य मंत्री श्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य सोनिया का जिक्र करते हुए असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया। 25 जुलाई: सदन में उनके हस्तक्षेप के दौरान सांसद निशिकांत दुबे ने घोर सांप्रदायिक भाषा का प्रयोग किया। संसद की प्रक्रियाओं, परंपराओं, मर्यादाओं की अनदेखी हुई गोगोई ने कहा कि, संसदीय कार्य मंत्री सदन में मौजूद होने के बावजूद इन घटनाओं के दौरान अपने सहयोगियों पर लगाम नहीं लगा सके, जिसे देख निराशा हुई। सदन का सुचारू संचालन सुनिश्चित करना एक सामूहिक जिम्मेदारी है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि सरकार सक्रिय और सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस सरकार ने संसद की प्रक्रियाओं, परंपराओं और मर्यादाओं की लगातार अनदेखी की है। जिससे विपक्ष की आवाज के लिए कोई जगह नहीं बची है। आचार संहिता का पालन करना आवश्यक सदन का प्रत्येक सदस्य अपने मतदाताओं की आवाज का प्रतिनिधित्व करने की समान जिम्मेदारी रखता है। मतभेद के कारण अनादर नहीं होना चाहिए। सदन के संरक्षक के रूप में, हम आपसे अपेक्षा करते हैं कि आप आचार संहिता का पालन करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी सदस्य, चाहे वह सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, को संसद के मानदंडों का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कार्रवाई की रखी मांग गोगोई ने अपनी शिकायत में उक्त मंत्रियों व सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में आपसे तत्काल हस्तक्षेप का आग्रह करते हैं। आशा करते हैं कि आप संसद सदस्यों के खिलाफ ऐसे निंदनीय बयान देने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करेंगे।
लॉरेंस इंटरव्यू केस में पत्रकारों पर कार्रवाई नहीं:HC के FIR दर्ज करने के आदेश पर SC से राहत; पंजाब-राजस्थान सरकार को नोटिस
लॉरेंस इंटरव्यू केस में पत्रकारों पर कार्रवाई नहीं:HC के FIR दर्ज करने के आदेश पर SC से राहत; पंजाब-राजस्थान सरकार को नोटिस जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू लेने वाले पत्रकारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने ये आदेश दिया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा इंटरव्यू से संबंधित मामले में FIR दर्ज करने के निर्देश के खिलाफ दायर चुनौती पर सुनवाई कर रही थी। पत्रकार पर कार्रवाई न करने के आदेश के साथ पीठ ने पंजाब-राजस्थान सरकारों को नोटिस भी जारी किया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ में जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा शामिल थे। इसमें फैसला लिया गया कि पत्रकार के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाएगा। दिसंबर 2024 में हाईकोर्ट ने बिश्नोई के इंटरव्यू के संबंध में FIR दर्ज करने और आईपीएस अधिकारी प्रबोध कुमार के नेतृत्व में विशेष जांच कमेटी से जांच कराने का आदेश दिया था। नोटिस जारी करने के साथ दिया आदेश लॉरेंस 2022 में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के आरोपियों में से एक है। पिछले साल मार्च में एक निजी समाचार चैनल ने लॉरेस बिश्नोई के दो इंटरव्यू प्रसारित किए थे। आज मुख्य न्यायाधीश ने निजी चैनल और सीनियर पत्रकार द्वारा दायर रिट पर नोटिस जारी किया। साथ ही मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि पत्रकार का उद्देश्य अपराधियों को बेनकाब करना था, लेकिन जेल परिसर के भीतर इंटरव्यू आयोजित करना जेल के नियमों का गंभीर उल्लंघन है। चीफ जस्टिस ने कहा कि एक हद तक, शायद मुवक्किल ने इंटरव्यू की मांग करके जेल के कुछ नियमों का उल्लंघन किया हो। लेकिन यह तथ्य कि यह जेल में भी हो सकता है, एक बहुत गंभीर मामला है। पत्रकार का तर्क, बताया- जेल से गैंगस्टर कैसे बना रहा संपर्क इस पर याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि पत्रकार ने खोजी पत्रकारिता के हिस्से के रूप में एक स्टिंग ऑपरेशन किया। जिसमें दिखाया गया कि कैसे लॉरेंस कनाडा में गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के संपर्क में था और काले हिरण केस के मद्देनजर सलमान खान के खिलाफ हमले की साजिश रच रहा था। चीफ जस्टिस ने सवाल उठाया कि क्या इससे जेल प्रतिबंधों के उल्लंघन को उचित ठहराया जा सकता है और क्या इससे उच्च न्यायालय द्वारा जेलों में सुरक्षा खतरों पर उठाई गई चिंताओं को नकारा जा सकता है। समस्या और तथ्य यह है कि आप जेल तक एक्सेस हासिल कर लेते हैं और जेल से इंटरव्यू करते हैं, क्या आप ऐसा कर सकते हैं? क्या हम कह सकते हैं कि उच्च न्यायालय गलत है? कारावास के अपने कुछ प्रतिबंध हैं। खोजी पत्रकारिता का जिक्र करते हुए रोहतगी ने जवाब दिया कि अगर आप मैसेंजर को ही मार देंगे तो गलतियों को कौन उजागर करेगा? फिलहाल न्यायालय ने मामले में नोटिस जारी किया है और पंजाब और राजस्थान राज्यों के साथ-साथ केंद्र से भी जवाब मांगा। जेल में मोबाइल प्रयोग पर सुओ-मोटो लिया था हाई-कोर्ट ने जेल परिसर में कैदियों द्वारा मोबाइल फोन के इस्तेमाल से संबंधित मामले पर सुओ-मोटो लिया था। जिसके बाद कोर्ट ने आदेश पारित कर लॉरेंस के साथ-साथ इंटरव्यू करने वाले पत्रकार पर भी कार्रवाई को कहा था। कोर्ट ने लॉरेंस बिश्नोई के टीवी इंटरव्यू की जांच करने के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था ताकि अधिकारियों की मिलीभगत का पता चल सके।