पंजाब के अमृतसर में गोल्डन टेंपल में आज शुक्रवार सभी निशान साहिबों को बदल दिया गया। बीते दिनों श्री अकाल तख्त साहिब ने निशान साहिब का रंग बसंती (पीला) व सुरमई (नीला) करने के आदेश दिए थे। आदेशों के बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के अंतर्गत आते सभी गुरुद्वारों के निशान साहिबों के केसरी रंग (भगवा) उतार बसंती या सुरमई किया गया है। गोल्डन टेंपल में आज सुबह अरदास के बाद श्री अकाल तख्त साहिब के पास मीरी-पीरी को समर्पित निशान साहिब से केसरी कपड़ा उतार बसंती चढ़ाया गया। इसके बाद गोल्डन टेंपल के अंतर्गत आते सभी निशान साहिबों को एक-एक कर उतार उस पर बसंती निशान साहिब किया जा रहा है। दरअसल, 15 जुलाई को अमृतसर में हुई पांच तख्तों के जत्थेदारों की बैठक में इसे लेकर फैसला किया गया था। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के तहत आते हर गुरुद्वारा साहिब में अब केसरी रंग की जगह सुरमई (नेवी ब्लू) या बसंती (पीले) रंग का निशान साहिब ही फहराया जाएगा। SGPC ने जारी किया था सर्कुलर श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से दिए गए आदेशों के बाद अब SGPC ने 26 जुलाई को एक सर्कुलर जारी किया गया था। धर्म प्रचार समिति की ओर से जारी परिपत्र में सिख प्रचारकों को सिख राहत मर्यादा के बारे में संगत और गुरुद्वारा प्रबंधनों के बीच जागरूकता पैदा करने के आदेश भी हैं। भगवा रंग का भी होता था निशान साहिब वर्तमान में, निशान साहिब ज्यादातर केसरी (भगवा) रंग में देखा जाता है। अधिकांश गुरुद्वारों में भी केसरी रंग का निशान साहिब होता है वहीं निहंग समूहों और उनकी छावनियों द्वारा प्रबंधित गुरुद्वारों में यह सुरमई रंग में होता है। जुड़वां निशान साहिब झंडे, जो मिरी पीरी के प्रतीक हैं वहां भी केसरी रंग के निशान साहिब फहराए जाते रहे हैं। पंजाब के अमृतसर में गोल्डन टेंपल में आज शुक्रवार सभी निशान साहिबों को बदल दिया गया। बीते दिनों श्री अकाल तख्त साहिब ने निशान साहिब का रंग बसंती (पीला) व सुरमई (नीला) करने के आदेश दिए थे। आदेशों के बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के अंतर्गत आते सभी गुरुद्वारों के निशान साहिबों के केसरी रंग (भगवा) उतार बसंती या सुरमई किया गया है। गोल्डन टेंपल में आज सुबह अरदास के बाद श्री अकाल तख्त साहिब के पास मीरी-पीरी को समर्पित निशान साहिब से केसरी कपड़ा उतार बसंती चढ़ाया गया। इसके बाद गोल्डन टेंपल के अंतर्गत आते सभी निशान साहिबों को एक-एक कर उतार उस पर बसंती निशान साहिब किया जा रहा है। दरअसल, 15 जुलाई को अमृतसर में हुई पांच तख्तों के जत्थेदारों की बैठक में इसे लेकर फैसला किया गया था। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के तहत आते हर गुरुद्वारा साहिब में अब केसरी रंग की जगह सुरमई (नेवी ब्लू) या बसंती (पीले) रंग का निशान साहिब ही फहराया जाएगा। SGPC ने जारी किया था सर्कुलर श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से दिए गए आदेशों के बाद अब SGPC ने 26 जुलाई को एक सर्कुलर जारी किया गया था। धर्म प्रचार समिति की ओर से जारी परिपत्र में सिख प्रचारकों को सिख राहत मर्यादा के बारे में संगत और गुरुद्वारा प्रबंधनों के बीच जागरूकता पैदा करने के आदेश भी हैं। भगवा रंग का भी होता था निशान साहिब वर्तमान में, निशान साहिब ज्यादातर केसरी (भगवा) रंग में देखा जाता है। अधिकांश गुरुद्वारों में भी केसरी रंग का निशान साहिब होता है वहीं निहंग समूहों और उनकी छावनियों द्वारा प्रबंधित गुरुद्वारों में यह सुरमई रंग में होता है। जुड़वां निशान साहिब झंडे, जो मिरी पीरी के प्रतीक हैं वहां भी केसरी रंग के निशान साहिब फहराए जाते रहे हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे परमजीत सिंह सरना:राहुल गांधी के बयान का किया समर्थन, बोले- अगर प्रधान बचेगा तो अकाली दल होगा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान व शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) इकाई के प्रधान परमजीत सिंह सरना आज श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से मिलने पहुंचे। उन्होंने कहा कि वह अपना फर्ज समझ कर आए हैं और राय दी है कि सिख समुदाय के साथ गद्दारी करने वालों को एक साथ बुलाकर सजा दी जाए। इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी के बयान का समर्थन किया। कहा कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। परमजीत सरना ने कहा कि जत्थेदार से मिलना और अपनी बात रखना वह अपना कर्तव्य समझते हैं। उन्होंने अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं। सरना ने कहा कि सिख समुदाय के साथ जिन लोगों ने गद्दारी की है उन्हें सजा मिलनी चाहिए। जिन गुरुद्वारों में नुकसान हुआ है उसकी भरपाई वहां के प्रबंधकों से होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बादल साहब के मंत्रालय में कई कैबिनेट मंत्री रहे, जिन्हें आज तक चिट्ठी नहीं भेजी गई और ना ही बुलाया। अकाली दल के हर जिम्मेदार व्यक्ति को फिर वो चाहे कैबिनेट मंत्री हो या ना हो, उसे श्री अकाल तख्त साहिब पर बुलाया जाना चाहिए और सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अकाली दल के कई जिम्मेदार व्यक्ति थे उन्होंने उस समय अपनी राय क्यों नहीं दी। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा दोषी वो लोग हैं, जिन्होंने अपनी जीत के लिए राम रहीम के तलवे चाटे। इसलिए इन सबको इक्कठे बुलाकर एक जैसी सजा देनी चाहिए। राहुल गांधी के बयान का किया समर्थन परमजीत सिंह सरना ने राहुल गांधी के बयान जिसमें सिखों को पगड़ी नहीं पहने दी, कड़े नहीं पहनने दिए वो बयान गलत नहीं है। राहुल गांधी ने खबरों में पढ़ा कि सिख बच्चों के रूमाले उतार दिए, कड़े उतार दिए, इनके बिना जाओ। इस मसले में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को एक्शन लेना चाहिए था। उनहोंने कहा कि सिख कौम बहुत बड़े संकट से गुजर रहा है। इस मसले का हल श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने निकालना है। उन्हें पूरी उम्मीद है कि श्री अकाल तख्त साहिब ऐसा फैसला देगा जो सिख कौम को मंजूर होगा। प्रधान बचेगा तो ही होगा अकाली दल सुखबीर सिंह बादल के प्रधानगी पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि एक तरफ अकाली दल दूसरी तरफ सुखबीर सिंह बादल है। पार्टी प्रधान बचेगा तो अकाली दल बचेगा। पार्टी में ऐसा कौन सा चेहरा है जिसे प्रधान बना सकते हो। ढींडसा प्रधान नहीं बनेंगे, मैं प्रधान नहीं बन सकता क्योंकि मैं जाट फैमिली से नहीं हू। मैं जियोग्राफिकल कंडीशन से भी फिट नहीं बैठता हूं और ना ही शहरी सिख होने के नाते काम कर पाउंगा। उन्होंने कहा कि मजाक में कहा कि वह भापा है इसीलिए प्रधान नहीं बन सकते। जिसकी बिरादरी ज्यादा होती है वही प्रधान बनते हैं।