हरियाणा के रेवाड़ी जिले में गांव पदेयावास में व्यक्ति ने अपने दामाद पर चाकू से हमला कर दिया। वह बेटी से मिलने के लिए उसकी ससुराल आया था। बेटी के पति व पिता में किसी बात को लेकर विवाद हो गया, इस पर व्यक्ति ने चाकू से दामाद पर हमला कर दिया। सीने में चाकू लगने से दामाद गंभीर रूप से घायल हो गया है। मॉडल टाउन थाना पुलिस ने ससुर के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। बेटी को ससुराल से लेने आया था पिता जानकारी अनुसार गांव पदेयावास निवासी कर्मपाल ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि उसकी पत्नी काफी दिनों से बीमार चल रही है। उसका ससुर उसकी पत्नी से मिलने के लिए घर पर आया था। इसी दौरान किसी बात पर कहा सुनी हो गई। उसके ससुर ने उसकी मां व उसके साथ मारपीट की। इतना ही नहीं उसकी छाती में चाकू से हमला कर दिया। कर्मपाल छाती में चाकू लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया। मामले की शिकायत मॉडल टाउन थाना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने कर्मपाल के बयान दर्ज करके आरोपी ससुर के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया है। हरियाणा के रेवाड़ी जिले में गांव पदेयावास में व्यक्ति ने अपने दामाद पर चाकू से हमला कर दिया। वह बेटी से मिलने के लिए उसकी ससुराल आया था। बेटी के पति व पिता में किसी बात को लेकर विवाद हो गया, इस पर व्यक्ति ने चाकू से दामाद पर हमला कर दिया। सीने में चाकू लगने से दामाद गंभीर रूप से घायल हो गया है। मॉडल टाउन थाना पुलिस ने ससुर के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। बेटी को ससुराल से लेने आया था पिता जानकारी अनुसार गांव पदेयावास निवासी कर्मपाल ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि उसकी पत्नी काफी दिनों से बीमार चल रही है। उसका ससुर उसकी पत्नी से मिलने के लिए घर पर आया था। इसी दौरान किसी बात पर कहा सुनी हो गई। उसके ससुर ने उसकी मां व उसके साथ मारपीट की। इतना ही नहीं उसकी छाती में चाकू से हमला कर दिया। कर्मपाल छाती में चाकू लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया। मामले की शिकायत मॉडल टाउन थाना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने कर्मपाल के बयान दर्ज करके आरोपी ससुर के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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अंबाला में भारी बारिश से बाढ़ के हालात:दोपहर ढ़ाई बजे तक 71MM पानी बरसा; कैंट-शहर दोनों में सड़कें तालाब बनी
अंबाला में भारी बारिश से बाढ़ के हालात:दोपहर ढ़ाई बजे तक 71MM पानी बरसा; कैंट-शहर दोनों में सड़कें तालाब बनी हरियाणा के अंबाला में जबरदस्त बारिश हुई है। मौसम विभाग की ओर से जानकारी दी गई है कि सुबह साढ़े 8 बजे से ढ़ाई बजे तक यहां 71 एमएम बारिश हो चुकी है। अंबाला शहर व कैंट दोनों ही क्षेत्रों में सड़कों पर अनेक जगह ढ़ाई से 3 फुट तक पानी भर गया है। नगर निगम का कार्यालय भी बारिश के पानी में डूबा हुआ है। अंबाला में अभी भी बारिश चल रही है और शहर में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। अंबाला में रविवार को सुबह से ही भारी बारिश हो रही है। सुबह के तीन घंटों में हर तरफ जलभराव नजर आ रहा था। इससे पहले कि सड़कों पर खड़ा पानी उतरे यहां अंबाला में दोबारा फिर से बारिश शुरू हो गई। बारिश का पानी लोगों के घरों में भर गया। लोगों में नाराजगी है कि नगर निगम ने कोई सुध नहीं ली। हालांकि बाद में नगर निगम के दफ्तर में भी पानी भर गया। यहां कई घंटों से शहर के हालात बारिश में खराब हैं। प्रशासन भी हाथ खड़े कर चुका है। देखें अंबाला में बारिश से बिगड़े हालात के कुछ PHOTOS… अंबाला शहर कपड़ा मार्किट सेक्टर 9 व 10 में पानी लोगों के घरों में घुस गया है। लोगों का काफी सामान इस बारिश व सीवरेज के पानी से खराब हो गया है। पानी मोटर, फर्नीचर व अन्य कीमती सामान पानी में डूबा हुआ है। लोगों ने प्रशासन व नगर निगम पर गुस्सा उतारा है। लोगों का कहना है कि नगर निगम का अपना आफिस खुद पानी में डूबा हुआ है। अधिकारी व मेयर अपने घरों पर हैं, जनता की चिंता किसी को नहीं है। अंबाला में आज सुबह हुई बारिश से शहर के साथ कैंट के ज्यादातर हिस्से स्विमिंग पूल बने नजर आए। अंबाला शहर स्थित एशिया की सबसे बड़ी कहे जाने वाली अंबाला की कपड़ा मार्केट, जगाधरी गेट और आस पास के इलाके के साथ शहर का सबसे पॉश इलाका सेक्टर 9 और 10 भी पानी में डूब गया। वहीं अंबाला छावनी के महेश नगर, सदर एरिया, गोविंद नगर, राम नगर, बीडी फ्लोर मिल के पीछे के निचले इलाकों में जलभराव हो गया। दुकानदारों और राहगीरों की माने तो शहर के हालात बहुत बुरे हो गए हैं।
हरियाणा में VIP सीटों पर मतगणना के हाल:पहले राउंड में नायब सैनी, भूपेंद्र हुड्डा, विनेश फोगाट आगे; अनिल विज, गोपाल कांडा, दुष्यंत पीछे
हरियाणा में VIP सीटों पर मतगणना के हाल:पहले राउंड में नायब सैनी, भूपेंद्र हुड्डा, विनेश फोगाट आगे; अनिल विज, गोपाल कांडा, दुष्यंत पीछे हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर काउंटिंग शुरू हो गई है। रुझान में कांग्रेस बढ़त बनाए हुए है। इस चुनाव में 10 ऐसी सीटें हैं, जिन पर सबकी नजर लगी हुई हैं। कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सैनी लाडवा से चुनाव लड़ रहे हैं। वह भाजपा की तरफ से CM फेस हैं। इसी तरह, भूपेंद्र सिंह हुड्डा की गढ़ी सांपला किलोई सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस में वह मुख्यमंत्री की कुर्सी के प्रबल दावेदार हैं। जुलाना से पहलवान विनेश फोगाट चुनाव लड़ रही हैं। 5 अक्टूबर को राज्य में 67.90% वोटिंग हुई। इस चुनाव में 10 ऐसी सीटें हैं, जिन पर सबकी नजर लगी हुई हैं। लाइव अपडेट्स… सिलसिलेवार ढंग से राज्य की 10 VIP सीटों पर वोटिंग % के मायने जानिए… लाडवा: वोटिंग % का ट्रेंड CM नायब सैनी के हक में
BJP सरकार में CM नायब सैनी करनाल से बदलकर कुरूक्षेत्र की लाडवा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर 74.96% मतदान हुआ। 2019 में यहां 75.4% वोटिंग हुई थी। सीएम सैनी की सीट पर 0.44% वोटिंग कम हुई है। 2014 की बात करें तो इस सीट पर 83.1% वोटिंग हुई थी। पिछले 2 चुनाव का ट्रेंड देखें तो यहां जब भी मतदान घटा तो नई पार्टी का उम्मीदवार चुनाव जीता है। इस लिहाज से सीएम सैनी के जीतने के अच्छे आसार नजर आ रहे हैं क्योंकि 2019 में यहां कांग्रेस के मेवा सिंह विधायक थे। गढ़ी सांपला किलोई : हुड्डा की जीत संभव, लेकिन अंतर घट सकता है
पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा की गढ़ी सांपला किलोई में 67.02% वोटिंग हुई। 2019 में यहां 73.3% और 2014 में यहां 74.8% वोटिंग हुई थी। हालांकि दोनों ही बार भूपेंद्र हुड्डा की जीत हुई। 2019 में हुड्डा की जीत का अंतर 58312 और 2014 में 47,185 रहा था। यह सीट हुड्डा का गढ़ है। इस बार पिछले 2 चुनाव के मुकाबले कम वोटिंग हुई है। ऐसे में हुड्डा की जीत तय मानी जा रही है, लेकिन उनकी जीत का अंतर घट सकता है। जुलाना : कम वोटिंग % विनेश के लिए टेंशन
विनेश फोगाट की जुलाना सीट पर 74.66% वोटिंग हुई। 2019 में जुलाना में 73% और 2014 में 78.1% वोटिंग हुई थी। दोनों ही बार यहां वोटिंग बढ़ी तो जीतने वाली पार्टी बदल गई। 2014 में इनेलो के परमिंदर ढुल तो 2019 में जजपा के अमरजीत ढांडा जीते। वोटिंग बढ़ी तो यह नई पार्टी और खास तौर पर विनेश के लिए अच्छा संकेत है। हालांकि कांग्रेस के सामने इस सीट पर करीब 15 साल का सूखा है। आखिरी बार 2005 में कांग्रेस के शेर सिंह ने जीत दर्ज की थी। उचाना कलां : वोटिंग % घटने से दुष्यंत की राह आसान नहीं
दुष्यंत चौटाला की उचाना कलां सीट पर 75.44% वोटिंग हुई है। 2019 में यहां 76.9% और 2014 में 85.4% वोटिंग हुई थी। वोटिंग बढ़ने के बाद 2014 में जीती भाजपा की प्रेमलता की जगह 2019 में दुष्यंत चौटाला जीत गए। हालांकि इस बार वोटिंग % पिछले दोनों चुनावों से कम है। ऐसे में यहां पासा किसी भी तरफ जा सकता है। ऐसे में दुष्यंत चौटाला के लिए यहां जीत आसान नहीं लग रही। हिसार: सावित्री जिंदल की राह मुश्किल
देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल वाली हिसार सीट पर रात 12 बजे तक 61.44% वोटिंग हुई। 2019 में यहां 59.9% और 2014 में 70.1% वोटिंग हुई थी। दोनों ही बार BJP के डॉ. कमल गुप्ता जीते थे। कमल गुप्ता इस बार भी भाजपा के उम्मीदवार हैं। पिछले 2 चुनावों में उनके लिए कम और ज्यादा वोटिंग, दोनों ही फायदेमंद रही। ऐसी सूरत में सावित्री जिंदल की राह मुश्किल नजर आती है। अटेली : वोटिंग % और नया चेहरा आरती राव के हक में
केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव वाली अटेली सीट पर 70.58% वोटिंग हुई। 2019 में इस सीट पर 67.8% और 2014 में 77.7% वोटिंग हुई थी। दोनों ही बार भाजपा जीती लेकिन उम्मीदवार अलग-अलग थे। इस बार भी वोटिंग % दोनों चुनावों के बीच का है लेकिन आरती नई उम्मीदवार हैं। ऐसे में इस सीट पर पॉलिटिकल डेब्यू में ही उनकी जीत की उम्मीद जताई जा रही है। अंबाला कैंट : वोटिंग% विज के लिए चिंता, जीते भी तो अंतर मामूली होगा
प्रदेश के दिग्गज पंजाबी नेता अनिल विज की अंबाला कैंट सीट पर 64.45% वोटिंग हुई। 2019 में यहां 62.7% और 2014 में 72.8% वोटिंग हुई थी। दोनों ही बार अनिल विज यहां से चुनाव जीते। 2014 में उनकी जीत का अंतर 15,462 और 2019 में 20,165 रहा था। इन आंकड़ों को देखें तो विज कड़े मुकाबले में फंसे नजर आते हैं। अगर वे जीते तो फिर अंतर कम हो सकता है। तोशाम : बंसीलाल की विरासत का साथ मिला तो वोटिंग % श्रुति के हक में
पूर्व CM बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी वाली तोशाम सीट पर रात 12 बजे तक 72% वोटिंग हुई थी। यह आंकड़ा रविवार को बढ़कर 72.24% वोटिंग हुई। 2019 में यहां 70.8% और 2014 में 82.3% वोटिंग हुई थी। हालांकि दोनों ही बार कांग्रेस की किरण चौधरी ने चुनाव जीता था। किरण श्रुति की मां हैं जो विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में आ चुकी हैं। वोटिंग % फिलहाल उन्हीं के हक में दिख रहा है लेकिन यहां से कांग्रेस ने बंसीलाल परिवार से ही अनिरुद्ध चौधरी को टिकट दी है। ऐसे में कम वोटिंग से किसी एक पक्ष में लहर की जगह यहां बंसीलाल की विरासत का फायदा जिसे मिलेगा, वही जीत सकता है। इस रेस में श्रुति चौधरी आगे दिख रही हैं। सिरसा : कम वोटिंग कांडा के पक्ष में लेकिन सेतिया की वजह से टेंशन हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) के सुप्रीमो गोपाल कांडा वाली सिरसा सीट पर शनिवार रात 12 बजे तक 64% वोटिंग थी। यह आंकड़ा रविवार को बढ़कर 67.76% हो गया। 2019 में यहां 69.5% और 2014 में 77.8% वोटिंग हुई थी। इस बार की वोटिंग पिछले 2 चुनावों के मुकाबले कम है। 2014 में ज्यादा वोटिंग हुई तो कांग्रेस के मक्खनलाल को फायदा हुआ था। 2019 में कम वोटिंग कांडा के पक्ष में गई थी। हालांकि इस बार अहम ये भी है कि कांडा ने पिछली बार जिस निर्दलीय गोकुल सेतिया को महज 602 वोटों से हराया, वही सेतिया इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। ऐसे में कांडा के लिए वोटिंग % टेंशन बढ़ाने वाले हैं। आदमपुर : बिश्नोई परिवार बड़ी पार्टी से उम्मीदवार को वोटिंग कम
पूर्व CM भजनलाल परिवार की विरासत वाली आदमपुर सीट पर भव्य बिश्नोई चुनाव लड़ रहे हैं। रात 12 बजे तक वोटर टर्नआउट एप पर यहां की वोटिंग 72.9% थी। अब यह आंकड़ा बढ़कर 75.47% हो गया है। 2019 में यहां 76.5% और 2014 में 78.4% वोटिंग हुई थी। हालांकि दोनों ही बार भव्य के पिता कुलदीप बिश्नोई जीते थे लेकिन 2014 में उन्होंने हजकां और 2019 में कांग्रेस से चुनाव जीता। इस बार उनके बेटे भव्य को भाजपा ने टिकट दी है। ऐसे में कम वोटिंग % उनकी थोड़ी चिंता बढ़ा सकता है क्योंकि 2014 में जब कुलदीप ने अपनी पार्टी से चुनाव लड़ा तो लोगों ने खूब वोट दिए। 2019 में वे कांग्रेस से लड़े तो वोटिंग % कम हो गया। इस बार भी वोटिंग % और कम हुआ है तो इसकी चिंता भजनलाल परिवार को ही हो सकती है। हालांकि उनके गढ़ की वजह से वह थोड़े आश्वस्त जरूर हो सकते हैं।
हरियाणा की सरकारी भर्तियों की SC में सुनवाई:HSSC ने दायर की 4 अपीलें; HC ने सामाजिक-आर्थिक आरक्षण के 5 नंबरों को कर दिया था खारिज
हरियाणा की सरकारी भर्तियों की SC में सुनवाई:HSSC ने दायर की 4 अपीलें; HC ने सामाजिक-आर्थिक आरक्षण के 5 नंबरों को कर दिया था खारिज हरियाणा सरकार की भर्तियों के लिए हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर दी है। एचएसएससी की ओर से इस मामले में 4 अपीलें दायर की गई हैं। इनकी आज मेशनिंग होगी। मेशनिंग पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए डेट तय करेगा। इसके बाद तय होगा कि पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लग सकती है या नहीं? सामाजिक व आर्थिक आधार पर आरक्षण को लेकर जारी विस्तृत आदेश में हाईकोर्ट ने कहा था कि यह एक प्रकार से आरक्षण देने जैसा है। जब आर्थिक पिछड़ा वर्ग के तहत राज्य सरकार ने आरक्षण का लाभ दिया है तो क्यों यह आर्टिफिशियल श्रेणी बनाई जा रही है। HC ने फैसले को असंवैधानिक कहा था हाईकोर्ट ने कहा था कि यह लाभ देने से पहले न तो कोई डाटा एकत्रित किया गया और न ही कोई आयोग बनाया गया। इस प्रकार, पहले सीईटी में 5 अंकों का और फिर भर्ती परीक्षा में 2.5 अंकों का लाभ तो भर्ती का परिणाम पूरी तरह से बदल देगा। इन अंकों का लाभ देते हुए केवल पीपीपी धारकों को ही योग्य माना गया है जो संविधान के अनुसार सही नहीं है। नियुक्ति में किसी लाभ को राज्य के लोगों तक सीमित नहीं रखा जा सकता है। एक बार अनुच्छेद 15 और 16 तथा नीति निर्देशक सिद्धांत पूरे भारत में लागू होते हैं। जहां सभी नागरिक रोजगार पाने के हकदार हों वहां राज्य सरकार को सार्वजनिक रोजगार में नागरिकता के आधार पर विशेष आरक्षण लागू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। ये दिए थे सरकार को आदेश हाईकोर्ट ने सभी पदों के लिए नए सिरे से आवेदन मांगने और 6 माह के भीतर भर्ती पूरी करने का हाईकोर्ट ने आदेश दिया था। हाईकोर्ट के आदेश से नियुक्ति पा चुके 23000 कर्मचारियों को नए सिरे आयोजित होने वाली भर्ती पूरी होने तक सेवा में बनाए रखने का आदेश दिया था यदि वे दोबारा आयोजित परीक्षा में पास होकर अपना स्थान नहीं बना पाते हैं तो उन्हें बर्खास्त करने का हाईकोर्ट ने आदेश दिया था। इन्हें दी जा चुकी है नियुक्ति हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से ग्रुप सी और ग्रुप डी भर्ती के लिए कुल 401 श्रेणियों की भर्ती निकाली गई थी। समान प्रकार की भर्तियों को क्लब करते हुए आयोग ने इन श्रेणियों के कुल 63 ग्रुप बनाए थे। ग्रुप सी के 32 हजार पद, इसी श्रेणी में टीजीटी के 7471 पद शामिल हैं। इनके अलावा, ग्रुप डी के 13 हजार से अधिक पद हैं। इनमें से ग्रुप सी के 10 हजार और ग्रुप डी के 13 पदों पर अंतिम परिणाम जारी करने के बाद इनको नियुक्ति भी दी जा चुकी है। आदेश के इस हिस्से को भी चुनौती हाईकोर्ट ने नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए अब हरियाणा के मुख्य सचिव को परीक्षा आयोजित करने में अनुभवी व्यक्ति को कर्मचारी चयन आयोग का सचिव नियुक्त करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने सुझाव देते हुए कहा कि किसी यूनिवर्सिटी के कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। पारदर्शिता और एकरूपता बनाए रखने के लिए हाईकोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया है कि वह अपने अधिकारियों व सदस्यों को अपनी मर्जी से निर्णय लेने का कोई अधिकार न देते हुए अपनी परीक्षाओं के संचालन के लिए नियम बनाए।