अमृतसर नगर निगम चुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा ने बड़ी संख्या में नए चेहरे मैदान में उतारे हैं। वहीं, सत्ता में आने के बाद आम आदमी पार्टी के लिए ये पहले नगर निगम चुनाव हैं और अमृतसर के सभी उम्मीदवार मैदान में हैं। साफ है कि 2022 पंजाब विधानसभा की तरह नगर निगम में 80 फीसदी से ज्यादा चेहरे नए होने वाले हैं। आम आदमी पार्टी इससे पहले भी नगर निगम चुनाव लड़ती रही है, लेकिन उनका कोई भी उम्मीदवार चुनावी मैदान में नहीं था। लेकिन 2022 में सरकार बनने के बाद अमृतसर के मेयर करमजीत सिंह रिंटू ने पार्टी बदलकर आप का दामन थाम लिया और कई कांग्रेस और भाजपा विधायकों को भी अपने साथ ले गए। इसके बाद से कांग्रेस और भाजपा में पैदा हुए खालीपन को नए चेहरों ने भर दिया है। भाजपा और कांग्रेस ने सभी 85 वार्डों में अपने उम्मीदवार उतारे। जिसमें भाजपा ने 64 यानी 75 फीसदी नए उम्मीदवारों को टिकट दिया है। कांग्रेस ने 51 यानी 60 फीसदी नए चेहरे मैदान में उतारे हैं। कांग्रेस में परिवारवाद हावी इस साल अमृतसर में हुए नगर निगम चुनाव में एक बार फिर परिवारवाद हावी रहा। पूर्व विधायकों ने विरोध के बावजूद अपने रिश्तेदारों को टिकट बांटे। पूर्व विधायक सुनील दत्ती के भाई समीर दत्ता को वार्ड 62 और भाभी ममता दत्ता को वार्ड 61 से टिकट दिया गया है। इतना ही नहीं पूर्व विपक्षी नेता राज कंवलप्रीत सिंह लकी खुद वार्ड 14 से चुनाव लड़ रहे हैं और उनकी बेटी डॉ. शोभित कौर वार्ड 9 से मैदान में हैं। भाजपा तैयार कर रही है नई लाइन नगर निगम चुनाव में भाजपा भी खुद को मजबूत करने में जुटी है। भाजपा ने इन चुनावों में करीब 75 फीसदी नए चेहरे उतारे हैं। जबकि कई पुराने चेहरे और परिवार इन चुनावों से दूर हैं। पूर्व पार्षद अनुज सिक्का और उनकी पत्नी, अमन ऐरी, संजय खन्ना, प्रीति तनेजा आदि इन चुनावों से दूर हैं। इससे साफ है कि भाजपा दूसरी लाइन तैयार करने की कोशिश में है। नए चेहरों के साथ भाजपा अपने कैडर वोट को वापस लाने और मजबूत करने की कोशिश में है। अमृतसर नगर निगम चुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा ने बड़ी संख्या में नए चेहरे मैदान में उतारे हैं। वहीं, सत्ता में आने के बाद आम आदमी पार्टी के लिए ये पहले नगर निगम चुनाव हैं और अमृतसर के सभी उम्मीदवार मैदान में हैं। साफ है कि 2022 पंजाब विधानसभा की तरह नगर निगम में 80 फीसदी से ज्यादा चेहरे नए होने वाले हैं। आम आदमी पार्टी इससे पहले भी नगर निगम चुनाव लड़ती रही है, लेकिन उनका कोई भी उम्मीदवार चुनावी मैदान में नहीं था। लेकिन 2022 में सरकार बनने के बाद अमृतसर के मेयर करमजीत सिंह रिंटू ने पार्टी बदलकर आप का दामन थाम लिया और कई कांग्रेस और भाजपा विधायकों को भी अपने साथ ले गए। इसके बाद से कांग्रेस और भाजपा में पैदा हुए खालीपन को नए चेहरों ने भर दिया है। भाजपा और कांग्रेस ने सभी 85 वार्डों में अपने उम्मीदवार उतारे। जिसमें भाजपा ने 64 यानी 75 फीसदी नए उम्मीदवारों को टिकट दिया है। कांग्रेस ने 51 यानी 60 फीसदी नए चेहरे मैदान में उतारे हैं। कांग्रेस में परिवारवाद हावी इस साल अमृतसर में हुए नगर निगम चुनाव में एक बार फिर परिवारवाद हावी रहा। पूर्व विधायकों ने विरोध के बावजूद अपने रिश्तेदारों को टिकट बांटे। पूर्व विधायक सुनील दत्ती के भाई समीर दत्ता को वार्ड 62 और भाभी ममता दत्ता को वार्ड 61 से टिकट दिया गया है। इतना ही नहीं पूर्व विपक्षी नेता राज कंवलप्रीत सिंह लकी खुद वार्ड 14 से चुनाव लड़ रहे हैं और उनकी बेटी डॉ. शोभित कौर वार्ड 9 से मैदान में हैं। भाजपा तैयार कर रही है नई लाइन नगर निगम चुनाव में भाजपा भी खुद को मजबूत करने में जुटी है। भाजपा ने इन चुनावों में करीब 75 फीसदी नए चेहरे उतारे हैं। जबकि कई पुराने चेहरे और परिवार इन चुनावों से दूर हैं। पूर्व पार्षद अनुज सिक्का और उनकी पत्नी, अमन ऐरी, संजय खन्ना, प्रीति तनेजा आदि इन चुनावों से दूर हैं। इससे साफ है कि भाजपा दूसरी लाइन तैयार करने की कोशिश में है। नए चेहरों के साथ भाजपा अपने कैडर वोट को वापस लाने और मजबूत करने की कोशिश में है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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