अमृतसर में गेट खजाना इलाके के पास स्थित मंदिर भद्रकाली के समीप दो पक्षों में विवाद हो गया। ये विवाद गली में बनी एक बगीची को लेकर हुआ। जिसमें अमृतसर पुलिस के एक एएसआई के परिवार और उनके पड़ोसी CRPF के जवान के परिवार के बीच झगड़ा हुआ। मामले को लेकर दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एएसआई दविंदर सिंह के परिवार का आरोप है कि उनके पड़ोसी और CRPF में तैनात भूषण कुमार ने पहले उनकी बगीची को नुकसान पहुंचाया और फिर उनके घर के गमले को लेकर विवाद किया। इसके अलावा, भूषण कुमार और उनके परिवार ने कथित तौर पर शिकायतें कर उनके परिवार को परेशान किया। CRPF जवान ने लगाए तोड़फोड़ के आरोप CRPF के जवान दविंदर सिंह के परिवार ने आरोप लगाया कि झगड़े के दौरान उनके घर के बाहर तोड़फोड़ की गई और भूषण कुमार की पत्नी ने उनके गहने छीन लिए। परिवार ने बताया कि पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो चुकी है, जिसके आधार पर उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कर न्याय की मांग की है। बयानों के आधार पर कार्रवाई शुरू पुलिस जांच अधिकारी ने बताया कि दोनों पक्षों की शिकायतें दर्ज कर ली गई हैं और एमएलआर भी कटवा दी गई है। उन्होंने कहा कि जल्द ही मामले की उचित कार्रवाई की जाएगी। यह मामला फिलहाल जांच के अधीन है, और पुलिस दोनों पक्षों के बयान लेकर आगे की कार्रवाई कर रही है। अमृतसर में गेट खजाना इलाके के पास स्थित मंदिर भद्रकाली के समीप दो पक्षों में विवाद हो गया। ये विवाद गली में बनी एक बगीची को लेकर हुआ। जिसमें अमृतसर पुलिस के एक एएसआई के परिवार और उनके पड़ोसी CRPF के जवान के परिवार के बीच झगड़ा हुआ। मामले को लेकर दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एएसआई दविंदर सिंह के परिवार का आरोप है कि उनके पड़ोसी और CRPF में तैनात भूषण कुमार ने पहले उनकी बगीची को नुकसान पहुंचाया और फिर उनके घर के गमले को लेकर विवाद किया। इसके अलावा, भूषण कुमार और उनके परिवार ने कथित तौर पर शिकायतें कर उनके परिवार को परेशान किया। CRPF जवान ने लगाए तोड़फोड़ के आरोप CRPF के जवान दविंदर सिंह के परिवार ने आरोप लगाया कि झगड़े के दौरान उनके घर के बाहर तोड़फोड़ की गई और भूषण कुमार की पत्नी ने उनके गहने छीन लिए। परिवार ने बताया कि पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो चुकी है, जिसके आधार पर उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कर न्याय की मांग की है। बयानों के आधार पर कार्रवाई शुरू पुलिस जांच अधिकारी ने बताया कि दोनों पक्षों की शिकायतें दर्ज कर ली गई हैं और एमएलआर भी कटवा दी गई है। उन्होंने कहा कि जल्द ही मामले की उचित कार्रवाई की जाएगी। यह मामला फिलहाल जांच के अधीन है, और पुलिस दोनों पक्षों के बयान लेकर आगे की कार्रवाई कर रही है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अमृतसर में जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने बुलाई बैठक:अकाली दल अध्यक्ष समेत 2007-17 के मंत्रियों को किया तलब; सजा का हो सकता ऐलान
अमृतसर में जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने बुलाई बैठक:अकाली दल अध्यक्ष समेत 2007-17 के मंत्रियों को किया तलब; सजा का हो सकता ऐलान जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने 2 दिसंबर को दोपहर एक बजे श्री अकाल तख्त साहिब पर पांच सिख साहिबानों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर बादल के साथ 2007-2017 के दौरान पद पर रहे मंत्रियों, 2015 की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की कार्यकारिणी के सदस्यों और मौजूदा अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी को बुलाया गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में सुखबीर बादल और 2007-17 के दौरान अकाली दल के मंत्रियों को सजा सुनाई जा सकती है। कुछ दिन पहले सुखबीर बादल श्री अकाल तख्त साहिब में पेश हुए थे और उन्होंने मांग की थी कि उन्हें तनखैया घोषित किए हुए तीन महीने से अधिक का समय बीत चुका है और उन्हें अब सजा सुनाई जानी चाहिए। वहीं, दो दिन पहले श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने भी संकेत दिए थे कि मुद्दों को लेकर कुछ दिनों में बैठक बुलाई जा सकती है। सुखबीर ने लिखा-सारे वर्कर चाहते थे मैं चुनाव लड़ूं श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचे सुखबीर बादल ने अपने लिखित आवेदन में कहा था कि पार्टी के सारे वर्कर चाहते थे कि विशेष हालात के चलते मुझे अभी हो रहे उपचुनाव लड़ने और प्रचार की इजाजत दी जाए। उपचुनाव न लड़ पाने के कारण पंथ और पंजाब को बहुत नुकसान हुआ है, लेकिन अकाल पुरख की रजा में उन्होंने यह नुकसान झेला है। इसीलिए उनकी सजा पर जल्द से जल्द फैसला लिया जाए और उन्हें इजाजत दी जाए कि वह पंथ विरोधी ताकतों से डटकर मुकाबला कर सकें। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुनाई थी सजा सुखबीर बादल को जुलाई महीने में धार्मिक सजा सुना दी गई है। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर को तनखैया करार दिया था। सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने के अलावा सुमेध सैनी को DGP नियुक्त करने और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। फैसला सुनाते हुए अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा था- ”अकाली दल प्रधान और डिप्टी CM रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप के अक्स को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ।” बागी गुट की शिकायत के बाद शुरू हुआ था विवाद दूसरी तरफ बागी गुट के प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बीबी जगीर कौर, परमिंदर सिंह ढींढसा 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे थे। इस दौरान जत्थेदार को माफीनामा सौंपा गया था। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों में सहयोग देने पर माफी मांगी गई- 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरुमीत राम रहीम ने दसवें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में अकाली सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने डेरा मुखी को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। 4 जुलाई को स्पष्टीकरण मांगा, 24 को बंद लिफाफे में जवाब दिया इसके बाद 14 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पर पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक हुई। जिसमें 15 दिन के अंदर सुखबीर बादल से स्पष्टीकरण मांगा गया था। जिसके बाद 24 जुलाई को सुखबीर बादल ने बंद लिफाफे में श्री अकाल तख्त साहिब को स्पष्टीकरण दिया था। सुखबीर बादल के स्पष्टीकरण को सार्वजनिक करने की मांग उठने लगी। जिसके बाद 5 जुलाई को स्पष्टीकरण सार्वजनिक किया गया। जानें क्या लिखा था स्पष्टीकरण में सुखबीर बादल द्वारा श्री अकाल तख्त पर बंद लिफाफे में दिए गए स्पष्टीकरण के साथ दिवंगत मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का भी एक पुराना पत्र वायरल किया, जो बेअदबी की घटनाओं के बाद लिखा गया था। इसमें प्रकाश सिंह बादल ने अपने दिल का दर्द बयां किया था। प्रकाश सिंह बादल द्वारा अक्टूबर 2015 में श्री अकाल तख्त के जत्थेदार को दिए गए पत्र में बेअदबी की घटनाओं पर अपना दुख व्यक्त किया था। सितंबर 2015 में बेअदबी की बड़ी घटनाएं हुईं। उस वक्त आरोपियों को पकड़ न पाने के प्रदर्शन के लिए तत्कालीन अकाली सरकार की आलोचना हुई थी। 17 अक्टूबर 2015 को तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेका और श्री अकाल तख्त के जत्थेदार को एक पत्र सौंपा था। इसमें उन्होंने लिखा था कि पंजाब का प्रशासनिक मुखिया होने के नाते मुझे इस तरह की अप्रत्याशित घटनाओं के बारे में पूरी जानकारी है। मैंने सौंपे गए कर्तव्यों का पूरी लगन और परिश्रम से पालन करने की कोशिश की है, लेकिन अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करते समय कभी-कभी कुछ ऐसा हो जाता है, जो अचानक घटित होता है। इससे आपका मन गहरी पीड़ा से गुजरता है और आप आत्मिक रूप से परेशान हो जाते हैं। इस मामले में हमारी पश्चाताप की भावना प्रबल है। ऐसे समय में वे आंतरिक पीड़ा से भी गुजर रहे हैं, ऐसी भावना के साथ, वे गुरु को नमन कर रहे हैं और प्रार्थना कर रहे हैं कि गुरु साहिब शक्ति और दया प्रदान करें।
कपूरथला में नहीं चलेगी पंजाब रोडवेज की बसें:3 दिन के लिए 70 बसें हड़ताल पर, कांट्रैक्ट कर्मियों ने की सरकार से मांग
कपूरथला में नहीं चलेगी पंजाब रोडवेज की बसें:3 दिन के लिए 70 बसें हड़ताल पर, कांट्रैक्ट कर्मियों ने की सरकार से मांग पंजाब रोडवेज पनबस, पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन की मांगे पूरी न होने चलते आज से 3 दिन के लिए हड़ताल शुरू हो गई है। जिस कारण कपूरथला बस स्टैंड डिपो से निकलने वाली 70 बसों के पहिये थम गए हैं। जिससे बस स्टैंड पर पहुंचे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस हड़ताल के दौरान कुछ लंबे रूट की बसे ही चलेंगी। पनबस कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के नेता गुरप्रीत सिंह पन्नू ने कहा कि CM भगवत मान ने सत्ता में आने से पहले वादा किया था कि पंजाब में कोई भी कच्चा कर्मी नहीं रहेगा। साथ ही विधानसभा में भी ठेकेदारी सिस्टम खत्म करने की बात कही थी। लेकिन पंजाब ट्रांसपोर्ट विभाग में एक भी कर्मचारी को पक्का नहीं किया गया। कांट्रैक्ट कर्मियों से किया गया एक भी वादा पूरा नहीं हुआ। इसीलिए पंजाब सरकार को जगाने के लिए आज सोमवार से 3 दिन के लिए उन्होंने सांकेतिक हड़ताल करने का फैसला किया है। वहीं यूनियन नेता ने यह भी कहा कि हड़ताल में कपूरथला डिपो से 70 बसें 3 दिन के लिए अंदर ही खड़ी रहेगी। गुरप्रीत सिंह पन्नू ने बताया कि उनकी मांगे हैं कि कच्चे मुलाजिमों को जल्द पक्का किया जाए। 10 हज़ार नई बसें डाली जाये, माननीय सुप्रीम कोर्ट का फैसला बराबर काम बराबर वेतन लागू किया जाए, ठेकेदारी सिस्टम बंद किया जाए। इसके अलावा EPF, ESI न जमा करवाने, वेलफेयर फंड, बीमा, सिक्योरिटी की अवधि कटौती सहित अन्य कई मांगे शामिल हैं।
नीट पीजी-2024: ऑनलाइन काउंसलिंग के लिए आज जारी होगी सीट की जानकारी
नीट पीजी-2024: ऑनलाइन काउंसलिंग के लिए आज जारी होगी सीट की जानकारी भास्कर न्यूज | लुधियाना बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेस द्वारा नीट-पीजी 2024 के तहत पीजी मेडिकल काउंसलिंग के लिए ऑनलाइन राउंड का आयोजन किया जाएगा। इसके तहत एमडी, एमएस, डिप्लोमा, डीएनबी, पीजीडीएसएम और अल्ट्रासोनोग्राफी में छह महीने की ट्रेनिंग के कोर्स के लिए दाखिला मिलेगा। इसके लिए सीटों की जानकारी आज जारी कर दी जाएगी। कॉलेज, हॉस्पिटल, स्पेशिएलिटी के लिए चॉइस फीलिंग की शुरुआत आज से हो जाएगी और उम्मीदवार 27 तक आवेदन कर सकते हैं। एनआरआई श्रेणी के उम्मीदवारों को भी इन्हीं तारीखों के तहत ही आवेदन करना होगा। सीट आबंटन का प्रोसेस 28 से 30 नवंबर तक किया जाएगा। रिजल्ट 1 दिसंबर को जारी कर दिया जाएगा। लिस्ट में किसी तरह की आपत्ति होने पर उम्मीदवारों को ऑनलाइन ई-मेल के जरिए ही आपत्ति दर्ज करवानी होगी। जोकि 2 दिसंबर 11 बजे तक की जा सकती है। अलॉटमेंट लिस्ट में बदलाव होने पर 2 को रिवाइज्ड लिस्ट जारी कर दी जाएगी। इस बार नीट-पीजी के लिए ऑनलाइन ही काउंसलिंग करवाने के आदेश दिए गए हैं। जिसे लागू करते हुए ऑनलाइन काउंसलिंग का शेड्यूल जारी हुआ है। कॉलेज फाइनल होने के बाद उम्मीदवारों को अलॉट हुए कॉलेज या हॉस्पिटल में रिपोर्ट करना होगा। इसके लिए उन्हें 3-4 दिसंबर का समय दिया गया है। 2023 में हुए एडमिशन प्रोसेस में पीजी मेडिकल और डेंटल कोर्सेस में 992 सीट्स भरी गई थी। इनमें से 218 सीट्स लुधियाना में उपलब्ध थी। इस बार फाइनल लिस्ट जारी की जाएगी। वहीं, यूनिवर्सिटी द्वारा स्टेट स्पेसिफिक मैरिट लिस्ट भी जारी की गई है। जिसमें 1834 उम्मीदवारों का नाम जारी किया गया है। इस लिस्ट में मैरिट की शुरुआत 100 पर्सेंटाइल अंकों से लेकर 40.36 पर्सेंटाइल तक दी गई है। आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को 5000 रुपये(एससी श्रेणी के लिए 2950 रुपये) की फीस अदा करनी होगी। एनआरआई कोटा के तहत आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के पास योग्यता सर्टिफिकेट के अलावा विदेश का पासपोर्ट, ग्रीन कार्ड, पीआर कार्ड या प्रूफ अॉफ रेसिडेंसी या भारत सरकार द्वारा जारी ओसीआई या पीआईओ कार्ड होना जरुरी है। एनआरआई श्रेणी के तहत उम्मीदवारों ने एमबीबीएस पास की हो, एनएमसी के तहत इंटर्नशिप पूरी की हो और नीट-पीजी 2024 क्लियर किया हो।एमसीआई या स्टेट मेडिकल कमिशन के तहत रजिस्टर्ड हो। प्रोविजनल मैरिट लिस्ट में 11 स्टूडेंट्स को कैटेगरी वन और टू के तहत शामिल किया गया है। बाबा फरीद यूनिवर्सिटी अॉफ हेल्थ साइंसेस द्वारा मास्टर्स अॉफ फार्मेसी फार्मास्यूटिक्स और फार्मास्यूटिकल कैमिस्ट्री के लिए वॉक इन राउंड का आयोजन 27 नवंबर को किया जाएगा। इसके लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को ओपन व बीसी श्रेणी के लिए 3540 रुपये की फीस, एससी कैटेगरी के लिए 1770 रुपये की फीस अदा करनी होगी। मौके पर मैरिट लिस्ट तैयार कर काउंसलिंग के लिए बुलाया जाएगा। पहली और दूसरी काउंसलिंग में आवेदन करने वाले लेकिन काउंसलिंग में न पहुंचने वाले उम्मीदवार भी इसके लिए आवेदन करने के योग्य होंगे। इन्हें फिर से एप्लिकेशन फीस अदा नहीं करनी होगी। उम्मीदवारों को 11 बजे तक फीस जमा करवानी होगी तभी उन्हें मैरिट लिस्ट के लिए योग्य माना जाएगा। इसके साथ ही अन्य राज्यों के स्टूडेंट्स भी काउंसलिंग का हिस्सा बनने के योग्य होंगे।