अमृतसर में एयरपोर्ट पर कृपाण पहने यात्री को रोका:सुरक्षा कारणों का हवाला देकर प्लेन में नहीं चढ़ने दिया, स्पेन जाना था

अमृतसर में एयरपोर्ट पर कृपाण पहने यात्री को रोका:सुरक्षा कारणों का हवाला देकर प्लेन में नहीं चढ़ने दिया, स्पेन जाना था

अमृतसर एयरपोर्ट पर एक यात्री को फ्लाइट में चढ़ने से रोकने का एक वीडियो वायरल है, जिसमें सिख यात्री ने कृपाण पहन रखी थी जिसके कारण उसे सिक्योरिटी चेकिंग के दौरान रोका गया। जब यात्री की फ्लाइट मिस हो गई तो उसके बाहर आकर जमकर हंगामा किया और सिस्टम पर गंभीर आरोप लगाए। अमृतसर स्थित श्री गुरु रामदास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक सिख यात्री को सिक्योरिटी चेकिंग के दौरान रोक दिया गया। यात्री ने सिखों के पांच ककारों में से कृपाण और कड़ा पहन रखा था, जिसके बाद उसे फ्लाइट में जाने नहीं दिया गया। यात्री को स्पेन जाना था, लेकिन उसे वहीं एयरपोर्ट पर ही रोक दिया गया। जिसके बाद एयरपोर्ट से बाहर आकर यात्री ने खूब हंगामा किया। सिस्टम को जमकर कोसा और कहा कि उनके गुरुओं ने ऐसे ही यह ककार नहीं दिए थे बल्कि इसके लिए कुर्बानियां दी थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने कोविड के दौरान फ्रांस और दुबई के लिए ट्रैवल किया था लेकिन तब भी वहां के एयरपोर्ट अधिकारियों ने उसके कड़े के प्रति भावनाओं को समझा था और उतरवाया नहीं था लेकिन अपने ही देश में ऐसा सलूक बेहद शर्मनाक है। उन्होंने सारे यात्रियों को इकठ्ठा किया और कहा कि पैसे जा फ्लाइट कैंसिल होने का दुख नहीं है क्योंकि उन्हें अपने ,महाराज और अपने ककारों पर पूरा भरोसा है। दिल्ली में भी मेट्रो चढ़ने को लेकर हुआ था हंगामा
इससे पहले दिल्ली में भी एक सिख की ओर से वीडियो बनाकर जानकारी दी गई थी कि उसे छह इंच की कृपाण के साथ मेट्रो में जाने से रोका जा रहा है। जिसके बाद एसजीपीसी की ओर से इसकी निंदा की गई थी। दिल्ली के झिलमिल मेट्रो स्टेशन में एक अमृतधारी सिख को कृपाण लेकर प्रवेश करने से रोकने की घटना का संज्ञान लेते हुए उन्होंने कहा था कि यह देश के संविधान का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि देश में सिखों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले बार-बार सामने आ रहे हैं और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ऐसा करने वालों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान के तहत देश के प्रत्येक नागरिक को अपनी धार्मिक मान्यताओं की रक्षा करने की स्वतंत्रता है। एक अमृतधारी सिख को पांच ककार (आस्था के प्रतीक) अवश्य धारण करने चाहिए और भारत का संविधान भी इसकी इजाजत देता है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान बोले- अमृतधारी सिखों के साथ ककार पहनने को लेकर भेदभाव न हो
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट धामी ने कहा था कि हाल ही में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो ने भी एक अधिसूचना जारी कर भारतीय हवाई अड्डों पर अमृतधारी सिख कर्मचारियों को कृपाण धारण करने पर रोक लगाई थी, जिस पर एसजीपीसी ने भी कड़ी आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा कि इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसका संज्ञान लेते हुए सरकार को आरोपी सीआईएसएफ कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देश में अमृतधारी सिखों के साथ ककार पहनने को लेकर भेदभाव न हो। एडवोकेट धामी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और दिल्ली सरकार से इस मामले में तुरंत कार्रवाई करने और सिखों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की थी। अमृतसर एयरपोर्ट पर एक यात्री को फ्लाइट में चढ़ने से रोकने का एक वीडियो वायरल है, जिसमें सिख यात्री ने कृपाण पहन रखी थी जिसके कारण उसे सिक्योरिटी चेकिंग के दौरान रोका गया। जब यात्री की फ्लाइट मिस हो गई तो उसके बाहर आकर जमकर हंगामा किया और सिस्टम पर गंभीर आरोप लगाए। अमृतसर स्थित श्री गुरु रामदास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक सिख यात्री को सिक्योरिटी चेकिंग के दौरान रोक दिया गया। यात्री ने सिखों के पांच ककारों में से कृपाण और कड़ा पहन रखा था, जिसके बाद उसे फ्लाइट में जाने नहीं दिया गया। यात्री को स्पेन जाना था, लेकिन उसे वहीं एयरपोर्ट पर ही रोक दिया गया। जिसके बाद एयरपोर्ट से बाहर आकर यात्री ने खूब हंगामा किया। सिस्टम को जमकर कोसा और कहा कि उनके गुरुओं ने ऐसे ही यह ककार नहीं दिए थे बल्कि इसके लिए कुर्बानियां दी थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने कोविड के दौरान फ्रांस और दुबई के लिए ट्रैवल किया था लेकिन तब भी वहां के एयरपोर्ट अधिकारियों ने उसके कड़े के प्रति भावनाओं को समझा था और उतरवाया नहीं था लेकिन अपने ही देश में ऐसा सलूक बेहद शर्मनाक है। उन्होंने सारे यात्रियों को इकठ्ठा किया और कहा कि पैसे जा फ्लाइट कैंसिल होने का दुख नहीं है क्योंकि उन्हें अपने ,महाराज और अपने ककारों पर पूरा भरोसा है। दिल्ली में भी मेट्रो चढ़ने को लेकर हुआ था हंगामा
इससे पहले दिल्ली में भी एक सिख की ओर से वीडियो बनाकर जानकारी दी गई थी कि उसे छह इंच की कृपाण के साथ मेट्रो में जाने से रोका जा रहा है। जिसके बाद एसजीपीसी की ओर से इसकी निंदा की गई थी। दिल्ली के झिलमिल मेट्रो स्टेशन में एक अमृतधारी सिख को कृपाण लेकर प्रवेश करने से रोकने की घटना का संज्ञान लेते हुए उन्होंने कहा था कि यह देश के संविधान का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि देश में सिखों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले बार-बार सामने आ रहे हैं और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ऐसा करने वालों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान के तहत देश के प्रत्येक नागरिक को अपनी धार्मिक मान्यताओं की रक्षा करने की स्वतंत्रता है। एक अमृतधारी सिख को पांच ककार (आस्था के प्रतीक) अवश्य धारण करने चाहिए और भारत का संविधान भी इसकी इजाजत देता है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान बोले- अमृतधारी सिखों के साथ ककार पहनने को लेकर भेदभाव न हो
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट धामी ने कहा था कि हाल ही में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो ने भी एक अधिसूचना जारी कर भारतीय हवाई अड्डों पर अमृतधारी सिख कर्मचारियों को कृपाण धारण करने पर रोक लगाई थी, जिस पर एसजीपीसी ने भी कड़ी आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा कि इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसका संज्ञान लेते हुए सरकार को आरोपी सीआईएसएफ कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देश में अमृतधारी सिखों के साथ ककार पहनने को लेकर भेदभाव न हो। एडवोकेट धामी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और दिल्ली सरकार से इस मामले में तुरंत कार्रवाई करने और सिखों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की थी।   पंजाब | दैनिक भास्कर