अमृतसर में दोपहर के समय एक युवक की ट्रक से कुचलने पर मौत हौ गई। युवक अपने पिता के साथ बाइक पर सवार होकर जा रहा था। बाइक सवार पिता को गंभीर चोटें आयी हैं। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार की दोपहर को ढपई स्थित भूतनवाला निवासी 32 वर्षीय युवक रंजीत सिंह अपने पिता रमेश कुमार के साथ बाइक पर सवार होकर लोहारका रोड जा रहा था। वह जमीन में पंप के लिए बोर करने की जगह को देखने जा रहा था। जैसे ही वो लोहारका रोड पर पहुंचा तो साथ- साथ चल रहे एक ट्रक के टायर के साथ उसकी बाइक का हैंडल फंस गया। जिससे रंजीत सिंह और उसके पिता रमेश कुमार सड़क पर ही गिर गए। ट्रक ड्राइवर मौके से फरार सड़क पर गिरते ही ट्रक उसके रंजीत के ऊपर से निकल गया, जिससे कि रंजीत सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पिता रमेश कुमार गंभीर रुप से घायल हो गए। मौके पर पहुंचे गुमटाला चौकी के एसएचओ परगट सिंह के मुताबिक फिलहाल पिता को श्री गुरु नानक देव अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मामले की जांच की जा रही है। ट्रक का ड्राइवर मौके से फरार हो गया है, जबकि उसके ट्रक को जब्त कर लिया गया है। अमृतसर में दोपहर के समय एक युवक की ट्रक से कुचलने पर मौत हौ गई। युवक अपने पिता के साथ बाइक पर सवार होकर जा रहा था। बाइक सवार पिता को गंभीर चोटें आयी हैं। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार की दोपहर को ढपई स्थित भूतनवाला निवासी 32 वर्षीय युवक रंजीत सिंह अपने पिता रमेश कुमार के साथ बाइक पर सवार होकर लोहारका रोड जा रहा था। वह जमीन में पंप के लिए बोर करने की जगह को देखने जा रहा था। जैसे ही वो लोहारका रोड पर पहुंचा तो साथ- साथ चल रहे एक ट्रक के टायर के साथ उसकी बाइक का हैंडल फंस गया। जिससे रंजीत सिंह और उसके पिता रमेश कुमार सड़क पर ही गिर गए। ट्रक ड्राइवर मौके से फरार सड़क पर गिरते ही ट्रक उसके रंजीत के ऊपर से निकल गया, जिससे कि रंजीत सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पिता रमेश कुमार गंभीर रुप से घायल हो गए। मौके पर पहुंचे गुमटाला चौकी के एसएचओ परगट सिंह के मुताबिक फिलहाल पिता को श्री गुरु नानक देव अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मामले की जांच की जा रही है। ट्रक का ड्राइवर मौके से फरार हो गया है, जबकि उसके ट्रक को जब्त कर लिया गया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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गैंगस्टर लॉरेंस के इंटरव्यू पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी:कहा-इंटरव्यू के लिए वाईफाई, स्टूडियो जैसे इंतजाम किए गए, नई SIT गठित करने के आदेश पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस अधिकारियों पर कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा- पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने लॉरेंस बिश्नोई को जेल के अंदर से टीवी इंटरव्यू और उसके लिए वाईफाई अरेंज करवाने की अनुमति दी है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पुलिस और लॉरेंस बिश्नोई के बीच सांठगांठ और साजिश की आगे की जांच करने के लिए एक नई विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित करने का निर्देश दिया है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि पंजाब पुलिस अधिकारियों ने लॉरेंस बिश्नोई को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग करने की अनुमति दी और टीवी इंटरव्यू आयोजित करने के लिए स्टूडियो जैसी सुविधा प्रदान किए गए। जो अपराध का महिमामंडन करता है कोर्ट बोली- मामले में आगे भी जांच की अवश्यकता पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी के कार्यालय का उपयोग इंटरव्यू आयोजित करने के लिए स्टूडियो के रूप में किया गया। इंटरव्यू आयोजित करने के लिए CIA स्टाफ के परिसर में आधिकारिक वाई-फाई प्रदान किया गया। जो आपराधिक साजिश की ओर इशारा करता है। साथ ही कोर्ट ने कहा- मामले में आगे की जांच की आवश्यकता है कि ऐसा किस विचार से किया गया तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराधों के विभिन्न पहलुओं के अलावा अन्य अपराधों की भी जांच की जानी चाहिए। पुलिस हिरासत से टीवी इंटरव्यू देने से संबंधित मामले में लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ दायर की गई निरस्तीकरण रिपोर्ट पुलिस अधिकारियों और अपराधी के बीच सांठगांठ और साजिश का संदेह पैदा करती है। इंटरव्यू सीआईए स्टाफ खरड़, एसएएस नगर के परिसर में आयोजित किया गया था। कोर्ट ने पंजाब पुलिस के डीजीपी को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिए गए ऐसे बयान के आधार पर हलफनामे पर खुलासा करने का निर्देश देते हैं। मामले को आगे के विचार के लिए 19 नवंबर के लिए सूचीबद्ध किया गया। इन अधिकारियों पर पुलिस ने कार्रवाई की पंजाब पुलिस की तरफ से पहले इंटरव्यू के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की गई हैं। इसमें DSP से लेकर हेड कॉन्स्टेबल रैंक तक के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। इसमें DSP गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन), DSP समर वनीत, सब इंस्पेक्टर रीना (CIA खरड़ में तैनात), सब इंस्पेक्टर जगतपाल जंगू (AGTF में तैनात), सब इंस्पेक्टर शगनजीत सिंह (AGTF), ASI मुखत्यार सिंह और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश शामिल हैं। जबकि दूसरे इंटरव्यू की जांच राजस्थान पुलिस कर रही है। गैंगस्टर के 2 इंटरव्यू वायरल हुए थे। SIT की रिपोर्ट के मुताबिक पहला इंटरव्यू 3 और 4 सितंबर 2023 को हुआ है। लॉरेंस उस समय पंजाब में CIA खरड़ में रखा गया था। दूसरा इंटरव्यू राजस्थान की जयपुर स्थित सेंट्रल जेल में हुआ है। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च 2023 को ब्रॉडकास्ट हुआ था। इसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रैंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था, इसलिए उसे मरवाया। SIT रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने CIA की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू देने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर लेता है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है।
जालंधर में टिप्पर से 3 गाड़ियों का हुआ एक्सीडेंट:पुल से नीचे उतरते ही वाहनों से टकराया, बाल-बाल बचे चालक
जालंधर में टिप्पर से 3 गाड़ियों का हुआ एक्सीडेंट:पुल से नीचे उतरते ही वाहनों से टकराया, बाल-बाल बचे चालक पंजाब के जालंधर जिले में रामा मंडी के नजदीक एक टिप्पर के साथ तीन गाड़ियों का एक्सीडेंट हो गया। जानकारी अनुसार टिप्पर रामा मंडी पुल से होशियारपुर की तरफ आ रहा था, पुल से नीचे उतारते हुए टिप्पर एक ऑटो रिक्शा के साथ टकराया, उसके बाद ई रिक्शा से टकराया। वही टिप्पर मोटरसाइकिल सवार को कुछ दूर साथ ले गया। मगर गनीमत यह रही किसी के चोट नहीं आई। कोई जानी नुकसान नहीं हुआ लोगों ने बताया कि टिप्पर पर चालक ड्राइवर मौके से फरार हो गया है। कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। मगर माली नुकसान वाहनों का हो गया। जिसमें ई-रिक्शा चालक सुभाष ने बताया वह दो बच्चों को लेकर जा रहा था। टिप्पर से उसकी टक्कर के बाद उसकी ई-रिक्शा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। वहीं दूसरी ओर जागीर सिंह ने बताया कि उसका ऑटो रिक्शा भी साइड से क्षतिग्रस्त हो गया। मोटरसाइकिल चालक को घसीकर ले गया मोटरसाइकिल में टक्कर के बाद बलवीर सिंह ने बताया कि यह हादसा 7:50 पर हुआ। टिप्पर की साइड के कारण वह कुछ दूरी तक सड़क पर टिप्पर के साथ ही चले गए। उन्होंने कहा कि मोटरसाइकिल का अगला टायर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। मगर उन्हें भगवान की कृपा से कोई भी चोट नहीं आई। दो कोहा चौकी के एएसआई सोमनाथ असी ज्ञानचंद जेब्रा बीएसएस फोर्स की टीम और पीसीआर टीम मौके पर पहुंची। लोगों से पुलिस का रवैया नहीं रहा ठीक टिप्पर को पुलिस ने कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। सभी वाहनों ऑटो रिक्शा चालकों का कहना है कि उनके वाहनों की भरपाई करवाई जाए। टिप्पर चालक मौके से फरार हो गया। पुलिस टिप्पर के नंबर की जांच कर रही है। टिप्पर का नंबर भी कई जगह से पूरी तरह से लिखा नहीं गया। लोगों के साथ पुलिस का रवैया भी ठीक नहीं था।
जालंधर उप-चुनाव के नतीजों से SAD पर खतरा:जिस BSP को समर्थन दिया, उससे ज्यादा वोट बागी गुट के उम्मीदवार को मिले
जालंधर उप-चुनाव के नतीजों से SAD पर खतरा:जिस BSP को समर्थन दिया, उससे ज्यादा वोट बागी गुट के उम्मीदवार को मिले पंजाब की सबसे पुरानी क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल है। किसी समय पर राज्य में सबसे प्रमुख पार्टी रही अकाली दल पर आज खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसा हम नहीं बल्कि जालंधर उप-चुनाव के नतीजे कह रहे हैं। जालंधर वेस्ट विधानसभा उप-चुनाव में शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने अपनी ही पार्टी की उम्मीदवार रहीं सुरजीत कौर को समर्थन देने के बजाए बीएसपी के उम्मीदवार रहे बिंदर लाखा को समर्थन देने का ऐलान किया गया था। ऐसे में जिस बसपा को अकाली दल प्रधान द्वारा समर्थन दिया गया, उन्हें सिर्फ 734 वोट ही मिल पाए। वो भी तब, जब राज्य की क्षेत्रीय पार्टी ने अपना पूर्ण समर्थन बसपा को दिया था। वहीं, बिना अकाली दल प्रधान के समर्थन के शिअद के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ी सुरजीत कौर ने करीब 1242 वोट बटोर लिए। ऐसा तब हुआ, जब उनकी खुद की पार्टी के नेता उन्हें समर्थन नहीं दे रहे थे। ऐसे में अब अकाली दल पर खतरे की घंटी बज रही है। ऐसा क्यों हुआ, पढ़ें इसके प्रमुख कारण…. 1. अकाली दाल का जालंधर वेस्ट में हुए उप चुनाव में इतना बुरा प्रदर्शन कारण पार्टी की अंदरुनी कलह है। ऐसे में शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल द्वारा अपने उम्मीदवार को वोट देने का आग्रह न करके, बसपा को स्पोर्ट करना अकाली दल पर भारी पड़ गया। पंजाब की राजनीति के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था कि किसी पार्टी ने अपना उम्मीदवार उतारा हो और उसी पार्टी ने अपने उम्मीदवार के बजाए किसी अन्य पार्टी के उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान कर दिया हो। 2. दूसरा सबसे बड़ा कारण, वरिष्ठ नेताओं द्वारा उक्त एरिया में चुनाव प्रचार न करना है। अकाली दल की उम्मीदवार रही सुरजीत कौर के लिए बीबी जगीर कौर, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, गुरप्रताप सिंह वडाला, सरवण सिंह फिल्लौर, सुच्चा सिंह छोटेपुर को छोड़कर किसी भी वरिष्ठ नेता ने चुनाव प्रचार नहीं किया। जिससे लोगों के बीच तक सुरजीत कौर की आवाज नहीं पहुंच सकी। 3. तीसरा बड़ा कारण, अकाली दल पर लगे बेअदबी और अन्य गंभीर आरोपों का है। जालंधर वेस्ट एरिया में ज्यादातर वोट एससी हैं और उक्त सीट भी एससी है। ऐसे में अकाली दल पर लगे आरोपों की वजह से लोगों ने उक्त पार्टी से किनारा कर लिया। अकाली दल ने जिस बसपा को स्पोर्ट किया, उसका भी परफॉर्मेंस गिर गया।